भारत में लाइटहाउस पर्यटन : समुद्री विरासत और आर्थिक विकास का प्रकाशपुंज
नई दिल्ली | भारत की 7,500 किलोमीटर से अधिक लंबी समुद्री तटरेखा में 204 लाइटहाउस स्थिति हैं जो शांतिपूर्वक समृद्ध समुद्री विरासत संरक्षण में लगे रहते हैं। पारंपरिक रूप से नाविकों के नौवहन सहायता के तौर पर क्रियाशील इन विशिष्ट प्रकाश स्तंभों को अब सरकार के विकास दृष्टिकोण के तहत पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लाइटहाउस के ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प को संरक्षित रखना और आर्थिक विकास तथा सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए उनका उपयोग करना है।
लाइटहाउस अर्थात प्रकाश स्तंभ पर्यटन में लाइटहाउस और उनके आस-पास के क्षेत्रों को आकर्षण पर्यटक स्थलों में बदलना शामिल है। ये संरचनाएं, अक्सर सुंदर तटीय इलाके या द्वीप पर स्थित होती हैं और सैलानियों को प्राकृतिक सुंदरता, समुद्री इतिहास और मनोरंजन का अनूठा अवसर प्रदान करती हैं।
केंद्र सरकार भारत की सांस्कृतिक और समुद्री विरासत को बढ़ाने के लिए अपने व्यापक समुद्री भारत विजन (एमआईवी) 2030 और अमृत काल विजन 2047 के अंतर्गत लाइटहाउस पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है ।
इन स्थलों को विकसित करके सरकार भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास में लगी है।
भारत के प्रकाश स्तंभ केवल क्रियाशील संरचनाएं ही नहीं हैं, बल्कि इतिहास और संस्कृति के भंडार भी हैं। पर्यटन स्थलों के रूप में उनकी क्षमता कई प्रमुख वजहों से है:
महत्वपूर्ण स्थल : कई प्रकाशस्तंभ भारत के समुद्र तट या दूरदराज के द्वीपों पर मनोरम स्थलों पर स्थित हैं, जहां से समुद्र का मनोहर दृश्य दिखाई देता है।
सांस्कृतिक महत्व : कुछ प्रकाशस्तंभ सदियों पुराने हैं और तमिलनाडु में महाबली पुरम जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों या अन्य प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों के पास स्थित हैं।
साहसिक पर्यटन और सैर-सपाटा: इन स्थलों पर ट्रैकिंग, नौकायन और जल क्रीड़ा जैसी गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं, जो साहसिक पर्यटन प्रेमियों को आकर्षित करती हैं।
आर्थिक लाभ : प्रकाश स्तम्भ स्थल के पास पर्यटन क्षेत्र के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी के साथ ही वहां आतिथ्य-सत्सार, परिवहन और हस्तशिल्प में रोजगार सृजित हो सकते हैं।
इस संभावना के दृष्टिगत सरकार ने लाइटहाउस पर्यटन को विकास की प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचान की है। यह पहल सतत पर्यटन प्रचलनों को बढ़ावा देते हुए पर्यटन स्थल के रूप में भारत की वैश्विक क्षमता उन्नत करने के व्यापक उद्देश्यों में शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2024 में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्यटक सुविधा युक्त 75 लाइटहाउस देश को समर्पित किए थे।
60 करोड़ रुपये के निवेश से इन 75 प्रसिद्ध लाइटहाउसों को विकसित किया गया है। प्रत्येक लाइटहाउस को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर उन्हें संग्रहालय, एम्फीथिएटर, बच्चों के पार्क इत्यादि के साथ उन्नत बनाया गया है। कुछ लाइटहाउस विरासत और मनोरंजन दोनों का प्रतीक बन गए हैं। केवल वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही इन 75 लाइटहाउसों में 16 लाख पर्यटक पहुंचे, जो 2014 में 4 लाख सैलानियों की अपेक्षा 400 प्रतिशत अधिक है। वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में सितंबर तक 10 लाख से अधिक पर्यटक ने इन स्थलों का भ्रमण किया है। अप्रैल और जून, 2024 के बीच 500,000 से अधिक पर्यटक लाइटहाउस स्थल पहुंचे, जो इन प्रसिद्ध समुद्री संरचनाओं को पर्यटक आकर्षण के महत्वपूर्ण केंद्र में बदलने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भविष्य दृष्टि की पुष्टि करता है।
लाइटहाउसों को विकसित करने से रोजगार सृजन बढा है। वहां आस-पास के होटलों, रेस्तरां, टूर ऑपरेटरों, परिवहन सेवाओं तथा स्थानीय दुकानों और कारीगरों के लिए 150 प्रत्यक्ष और 500 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।