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दिल्ली एयरपोर्ट पर तीन महीने बंद रहेगा रनवे..... नियमित 200 उड़ानें होंगी प्रभावित

नईदिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों को आगामी महीनों में असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, रनवे 10/28 को 15 जून से 15 सितंबर तक अपग्रेडेशन के लिए बंद किया जा रहा है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने यह स्पष्ट किया है. इस दौरान हर दिन लगभग 200 उड़ानें प्रभावित होंगी। इनमें से 114 को रद्द कर दिया गया है, जबकि शेष 86 उड़ानों को गैर-पीक ऑवर में पुन: निर्धारित किया गया है।

डीआईएएल के अधिकारियों के मुताबिक, रनवे को बंद रखकर कैट- आईआईआईबी तकनीक से लैस किया जाएगा, जिससे घने कोहरे के दौरान भी बिना बाधा के विमान संचालन किया जा सकेगा. सर्दियों में कोहरे के कारण जब दृश्यता बेहद कम होती है तो यह तकनीक अत्यंत सहायक साबित होती है।

पहले यह रनवे अप्रैल और मई में भी अस्थायी रूप से बंद किया गया था, लेकिन पूर्वी हवाओं के कारण लैंडिंग क्षमता में कमी आने पर इसे दोबारा खोला गया था. उस दौरान प्रति घंटे की लैंडिंग क्षमता 42 से घटकर 32 रह गई थी. इस बार एयरपोर्ट प्रबंधन ने सभी एयरलाइनों के साथ समन्वय कर उड़ानों के समय में बदलाव किया है, जिससे यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।

दिल्ली एयरपोर्ट पर फिलहाल 27/9, 10/28, 29आर/11एल और 29एल /11आर कुल चार रनवे काम करता है. रनवे 10/28 के बंद होने पर 29आर /11एल से उड़ानों का प्रस्थान होगा. 29एल /11आर पर आगमन व रनवे 27/9 से आगमन व प्रस्थान दोनों संभाले जाएंगे. जब पश्चिमी हवाएं चलती हैं तब तीन रनवे 42 आगमन और 42 प्रस्थान प्रति घंटे संभाल सकते हैं. पूर्वी हवाओं के दौरान आगमन की क्षमता घटकर 32 प्रति घंटे रह जाती है।

दिल्ली एयरपोर्ट प्रतिदिन औसतन 1450 उड़ानों को संभालता. इस अपग्रेडेशन अवधि में लगभग 7.5 प्रतिशत उड़ानें प्रभावित होंगी, जो सामान्य 3.5 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा अधिक है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बार उड़ानों का समय पहले ही समायोजित कर दिया गया है, जिससे पिछली बार जैसी देरी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि पीक फॉग सीजन में जहां पहले केवल 15 उड़ानें प्रति घंटे लैंड कर पाती थी, अपग्रेडेशन के बाद यह संख्या दोगुनी हो जाएगी।

प्रमुख शहरों जैसे मुंबई और बेंगलुरु से आने-जाने वाली उड़ानों पर बहुत कम असर पड़ेगा. मुंबई से आगमन की संख्या केवल 56 से घटकर 54 होगी और बेंगलुरु से 38 से 36 होगी. अपग्रेडेशन यात्रियों के लिए एक अस्थायी असुविधा जरूर है, लेकिन सर्दियों में इसे एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है. सुरक्षा व सुगमता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया यह कदम लंबे समय में दिल्ली हवाई अड्डे के संचालन को अधिक सक्षम और कुशल बनाएगा।

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