क्रिकेट में दो टीमों के मुकाबले के दौरान एक निर्णायक की भूमिका बेहद अह्म होती है। इसलिए बॉलर छोर पर एक अंपायर रखा जाता है। देश में क्रिकेट की दिवानगी का अपना अलग आलम है। जिसे गांव और मोहल्ले में भी खेला जाता है, तो कई आयोजन समितियां टूर्नामेंट भी कराती हैं और कई टीमों के बीच मुकाबला कराए जाने के बाद विजेता और उपविजेता टीमों का भी फैसला लेती हैं।
ऐसा ही एक आयोजन ओड़िशा के कटक जिला अंतर्गत महिसलांदा गांव में कराया गया। यहां पर ब्रह्मपुर और शंकरपुर के बीच मैच चल रहा था। शंकरपुर की टीम बैटिंग कर रही थी और ब्रह्मपुर की टीम फिल्डिंग पर थी। ब्रह्मपुर के बॉलर की एक बॉल पर अंपायर ने ’नो बॉल’ का इशारा किया। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में अंपायर के फैसले को गलत बताते हुए विवाद शुरु हो गया।
विवाद बढ़ता चला गया ओर ब्रह्मपुर टीम के लोगों ने अंपायर पर चढ़ाई कर दी, इसी दौरन गांव के ही स्मृति रंजन राउत नाम के युवक ने अंपायर के साथ आपत्तिजनक बर्ताव शुरु कर दिया और अचानक चाकू निकालकर उसे हमला कर दिया। उसने देखते ही देखते कई बार हमला किया, जिससे बुरी तरह जख्मी होकर अंपायर गिर पड़ा।
गांव वालों ने किसी तरह से उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान अंपायर लकी राउत की मौत हो गई। इस वारदात के बाद गांव में तनातनी का माहौला निर्मित हो गया है। हालांकि आरोपी युवक स्मृति रंजन राउत को गांव वालों ने ही पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।