तलाक के लिए नहीं करना होगा... 6 माह तक इंतजार... सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अह्म फैसला
2023-05-01 05:41 PM
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भारत में तलाक एक ऐसा शब्द है, जिसका दर्द सिर्फ वही महसूस कर सकता है, जो उस दौर से गुजर रहा होता है। हिन्दू मैरिज एक्ट के प्रावधानों के तहत 'तलाक' लेना अब तक आसान नहीं था, लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी 'तलाक' पर अह्म फैसला सुना दिया है, जिसके बाद आपसी सहमति से तलाक लेने वालों को 6 महीने का इंतजार नहीं करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर शादी इस हद तक पहुंच जाए, जहां सुलह की गुंजाइश न हो तो इस आधार पर अदालत तलाक की मंजूरी दे सकती है।
इसका सीधा तात्पर्य है कि अब रिश्तों में खटास बढ़ जाए, पति और पत्नी को एक दूसरे का साथ रास ना आए, तो इसके लिए 'तलाक' की अर्जी लगाने के बाद बार—बार अदालत की देहरी नहीं चढ़नी होगी, बल्कि आसानी से वे एक—दूसरे की जिंदगी से दूर हो जाएंगे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि अगर पति-पत्नी के बीच रिश्ते इस कदर टूट चुके हैं कि ठीक होने की गुंजाइश न बची हो तो इस आधार पर वो तलाक की मंजूरी दे सकता है।
अभी तक ऐसा होता था कि तलाक के लिए पति-पत्नी को 6 महीने तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसे मामलों में फैमिली कोर्ट की बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट से तलाक लिया जा सकता है। जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की संवैधानिक इस पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले में बेंच ने पिछले साल 29 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।