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बेंगलुरु में गरजे प्रधानमंत्री मोदी, कहा “प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्”... आखिर क्या है पीएम मोदी का संदेश... पढ़िए पूरी खबर


Aero India का ये आयोजनभारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का उदाहरण है। इसमें दुनिया के करीब 100 देशों की मौजूदगी होना दिखाता है कि भारत पर पूरे विश्व का विश्वास कितना बढ़ गया है। देश-विदेश के 700 से अधिक exhibitors इसमें अपनी भागीदारी कर रहे हैं। इसने अब तक के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसमें भारतीय MSMEs भी हैंस्वदेशी स्टार्टअप्स भी हैंऔर दुनिया की जानी-मानी कंपनियां भी हैं। यानीएरो-इंडिया की थीम ‘The Runway to a Billion Opportunities’ जमीन से लेकर आकाश तकहर तरफ नजर आ रही है। मेरी कामना है, ‘आत्मनिर्भर होते भारत’ की ये ताकत ऐसे ही बढ़ती रहे।

यहां Aero India के साथ ही ‘Defence Ministers’ Conclave’ और ‘CEO’s राउंड टेबल’ इसका आयोजन भी किया जा रहा है। दुनिया के विभिन्न देशों की सहभागिता, CEOs की ये सक्रिय भागीदारी, Aero India के ग्लोबल potential को ओर बढ़ाने में मदद करेगी। ये मित्र देशों के साथ भारत की विश्वसनीय भागीदारी को आगे ले जाने का भी एक माध्यम बनेगा। मैं इन सभी initiatives के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री और इंडस्ट्री के साथियों का अभिनंदन करता हूँ। 

 

 

Aero India एक औऱ वजह से बहुत खास है। ये कर्नाटका जैसे भारत के technology और technology की दुनिया में जिसकी महारथ है, advance हैऐसे राज्य कर्नाटका में हो रहा है। इससे Aerospace और डिफेंस सेक्टर में नए अवसर पैदा होंगे। इससे कर्नाटका के युवाओं के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी। मैं कर्नाटका के युवाओं से भी आवाहन करता हूँटेक्नोलॉजी की फ़ील्ड में आपको जो महारथ हासिल हैउसे रक्षा क्षेत्र में देश की ताकत बनाइये। आप इन अवसरों से ज्यादा से ज्यादा जुड़ेंगेतो डिफेंस में नए इनोवेशन्स का रास्ता खुलेगा।

जब कोई देशनई सोचनई अप्रोच के साथ आगे बढ़ता हैतो उसकी व्यवस्थाएं भी नई सोच के हिसाब से ढलने लगती हैं। Aero India का ये आयोजनआज नए भारत की नई अप्रोच को भी Reflect करता है। एक समय थाजब इसे केवल एक Show या एक प्रकार से ‘Sell to India’ की एक विंडो भर माना जाता था। बीते वर्षों में देश ने इस perception को भी बदला है। आज Aero India केवल एक Show नहीं हैये इंडिया की स्ट्रेन्थ भी है। आज ये इंडियन डिफेंस इंडस्ट्री के Scope को भी focus करता और Self-Confidence को भी focus करता है। ऐसा इसलिएक्योंकि आज दुनिया की डिफेंस कंपनियों के लिए भारत केवल एक मार्केट ही नहीं है। भारत आज एक पोटेंशियल डिफेंस पार्टनर भी है। ये पार्टनरशिप उन देशों के साथ भी है जो डिफेंस सेक्टर में काफी आगे हैं। जो देश अपनी रक्षा जरूरतों के लिए एक भरोसेमंद साथी तलाश रहे हैंभारत उनके लिए भी एक बेहतर पार्टनर बनकर आज उभर रहा है। हमारी टेक्नोलॉजी इन देशों के लिए cost effective भी हैऔर credible भी है। हमारे यहाँ ‘best innovation’ भी मिलेगाऔर ‘honest intent’ भी आपके सामने मौजूद है।

हमारे यहाँ कहा जाता है- प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्। अर्थात्प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। आज भारत की संभावनाओं काभारत के सामर्थ्य का प्रमाण हमारी सफलताएँ दे रही हैं। आज आकाश में गर्जना करते तेजस फाइटर प्लेन्स मेक इन इंडिया’ के सामर्थ्य का प्रमाण हैं। आज हिन्द महासागर में मुस्तैद एयरक्राफ़्ट कैरियर INS विक्रांत मेक इन इंडिया’ के विस्तार का प्रमाण है। गुजरात के वडोदरा में C-Two Ninety Five की manufacturing facility हो या तुमकुरू में HAL की helicopter यूनिट होये आत्मनिर्भर भारत का वो बढ़ता सामर्थ्य है जिसमें भारत के साथ-साथ विश्व के लिए नए विकल्प और बेहतर अवसर जुड़े हुए हैं।

21वीं सदी का नया भारतअब ना कोई मौका खोएगा और ना ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा। हम कमर कस चुके हैं। हम Reforms के रास्ते पर हर सेक्टर में Revolution ला रहे हैं। जो देश दशकों से सबसे बड़ा डिफेंस इंपोर्टर थावो अब दुनिया के 75 देशों को डिफेंस equipment एक्सपोर्ट कर रहा है। बीते 5 वर्षों में देश का रक्षा निर्यात 6 गुना बढ़ा है। 2021-22 में हमने अब तक के रिकॉर्ड 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा के एक्सपोर्ट कोउस आंकड़े को हमने पार कर लिया है।

 

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