यक्षगान गायक बलिपा नारायण भागवत का 84 वर्ष की आयु में निधन, पीएम ने व्यक्त किया शोक
डेस्क। पटकथा लेखक और मशहूर यक्षगान गायक बलिपा नारायण भागवत का गुरुवार को कर्नाटक के उनके आवास पर 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने पीछे वह तीन पुत्र माधव, शशिधर और शिवशंकर छोड़ गए हैं। तीनों ही यक्षगान पार्श्व गायक हैं। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध यक्षगान गायक बलिपा नारायण भागवत के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः
“श्री बलिपा नारायण भागवत ने संस्कृति के संसार में महत्त्वपूर्ण स्थान बनाया है। उन्होंने अपना जीवन यक्षगान गायन के लिये समर्पित कर दिया था और वे अपनी अनूठी शैली के लिये जाने जाते थे। आने वाली पीढ़ियां उनके कार्यों का आदर करेंगी। उनके निधन से व्यथित हूं। उनके परिजनों को मेरी संवेदनायें। ओम् शांति!”
Shri Balipa Narayana Bhagawatha made a mark in the world of culture. He devoted his life towards Yakshagana playback singing and was admired for his exemplary style. His works will be admired by the coming generations. Pained by his demise. Condolences to his family. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 17, 2023
अपने गायन की एक अनूठी शैली में उन्होंने महारत हासिल की थी, जिसकी वजह से प्रशंसकों ने इसे 'बालिपा शैली' का नाम दिया था। यह अन्य गायकों की तुलना में काफी अलग थी। शानदार आवाज के धनी भागवत ने 30 से अधिक यक्षगान 'प्रसंग' (लिपियाँ) लिखी हैं।
भागवत का जन्म 19 मार्च, 1938 को केरल के कासरगोड के पद्रे गांव में हुआ था। बाद में उनका परिवार मारुरु में शिफ्ट हो गया। वह यक्षगान कलाकारों के परिवार से थे। उन्होंने कतील दुर्गापरमेश्वरी यक्षगान मेले में कई वर्षों तक एक कलाकार के रूप में काम किया था।
भागवत ने 60 से अधिक वर्षों तक यक्षगान कला की सेवा की। उन्होंने सबसे पहले पद्रे जटादारी मेला की शुरुआत की। वे यक्षगान के 50 से अधिक प्रसंगों को जानते थे, जिनमें से 30 प्रकाशित हो चुके थे। कला के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।