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गोधराकांड: गुजरात सरकार ने लगाई दोषियों की मृत्युदंड की गुहार

नईदिल्ली। वर्ष 2022 में हुए गोधरा रेल अग्निकांड को लेकर गुजरात सरकार ने 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा को मृत्युदंड में बदलने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई है।
 
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष गुजरात सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट ने 11 दोषियों की मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया, उन दोषियों मृत्युदंड दी जानी चाहिए।
 
पीठ के समक्ष दलील देते हुए मेहता ने कहा कि फरवरी 2002 में गोधरा में ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगने से 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि स ट्रेन की बोगी को बाहर से बंद कर दिया गया था। इस वजह से महिलाओं और बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी।

मेहता ने पहले भी कहा था कि कुछ लोग कह रहे हैं कि दोषियों की भूमिका सिर्फ पथराव की थी, लेकिन जब आप किसी बोगी को बाहर से बंद करते हैं। उसमें आग लगाते हैं और फिर पथराव करते हैं, तो यह सिर्फ पथराव नहीं है।

पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उनके अधिवक्ताओं को दोषियों को दी गई वास्तविक सजा और अब तक जेल में बिताई गई अवधि जैसे विवरण एक समेकित चार्ट के रूप में पेश करने का निर्देश दिया।
 
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