वर्तमान समय में पालकों को जहां अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिल करने की जल्दबाजी होती है, तो वहीं स्कूल प्रबंधन भी बच्चों के एडमिशन में उनकी उम्र का ख्याल नहीं रखते। ऐसा इसलिए, क्योंकि राज्यों की सरकारें इस पर गंभीरता नहीं बरतती हैं, लिहाजा अब केंद्र सरकार ने कक्षा पहली में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 6 साल किए जाने सभी राज्यों के लिए फरमान जारी कर दिया है। इस संबंध में बुधवार को शिक्षा मंत्रालय के अफसरों ने निर्देश भी जारी कर दिया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, शुरुआती पांच साल की उम्र सीखने का फंडामेंटल स्टेज है। जिसमें तीन साल का प्री स्कूल एजुकेशन और इसके बाद क्लास-1 और 2 शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्री स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा देती है। यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और एनजीओ में पढ़ने वाले बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण प्री स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है।
अफसरों ने बताया कि मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे प्रवेश के लिए अपनी आयु नीति में जरूरी बदलाव करें और छह साल या इससे अधिक आयु के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश दें। मार्च 2022 में लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, राज्यों में पहली कक्षा में दाखिले की उम्र सीमा में काफी भिन्नताएं हैं। देश के 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां छह साल उम्र से पहले बच्चों को पहली कक्षा में दाखिले की अनुमति है।