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आरबीआई का फरमान, अब दूल्हे को नहीं पहना सकेंगे नोटों की माला

नईदिल्ली। उत्तर भारत में, शादी समारोह के दौरान दूल्हे को नोटों की माला पहनाना आम बात है। मेहमान आमतौर पर 10, 20, 50, 100, 200 और 500 रुपये के नोटों सहित विभिन्न संप्रदायों से बने माला लाते हैं।
 
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरह की माला बनाने और पहनने पर सख्ती से रोक लगा दी है। यदि आप इस परंपरा का पालन करने की योजना बना रहे हैं, तो किसी भी कानूनी समस्या से बचने के लिए आरबीआई के दिशानिर्देशों की जानरारी होना आवश्यक है।

Banking Regulation Act, 1949 की धारा 35A के मुताबिक करेंसी नोटों का उपयोग सिर्फ लेन-देन के लिए किया जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक ने लेन-देन के अलावा अन्य किसी भी चीज के लिए करेंसी नोटों के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगा है। इसमें माला बनाना या पंडालों में नोट लगाना शामिल है।

इन कार्रवाइयों पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि इनसे नोटों की उम्र कम हो जाती है। आरबीआई की बार-बार अपील के बावजूद लोग शादियों और दूसरे मौकों पर नोटों की माला का इस्तेमाल करते रहते हैं। इस नियम को तोड़ने के लिए सजा या जुर्माने की कमी के कारण लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। क्योंकि लोग जानते हैं कि ऐसा करने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।

करेंसी नोटों की माला बनाने की प्रथा न केवल नोटों की टूट-फूट को तेज करती है, बल्कि व्यक्तियों को चोरी और झपटमारी के जोखिम में भी डालती है। शादियों के दौरान दूल्हे से नोट की माला छीने जाने या माला से नोट निकाले जाने की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं।
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