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डॉ. विवेक जोशी ने डीएफएस के अंतर्गत 'बैंकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थिति' पर वर्कशॉप की अध्यक्षता की

इस वर्कशॉप का उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकियों से जुड़ी समझ और वित्तीय सेवा उद्योग पर उनके असर को बढ़ाना था और यहां बैंकिंग क्षेत्र में एआई को लागू करने के लिए विभिन्न मामलों और रणनीतियों पर चर्चा हुई | 

नई दिल्ली | वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने नई दिल्ली में अपनी व्याख्यान शृंखला के हिस्से के तौर पर 'बैंकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थिति' पर एक वर्कशॉप की अध्यक्षता की। नासकॉम ने इस वर्कशॉप के दौरान बैंकों और वित्तीय संस्थानों को एआई अपनाने और जोखिम कम करने के लिए सर्वोत्तम पद्धतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए एक प्रस्तुति दी।

इस कार्यक्रम में इंडस्ट्री के कई विशेषज्ञ शामिल हुए जिन्होंने एआई पर अपने अनुभव और विचार साझा किए। डीएफएस सचिव के अलावा यहां उपस्थित लोगों में डीएफएस के वरिष्ठ अधिकारी, 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के सीईओ, एमडी, सीटीओ और सीडीओ, साथ ही डीएफएस के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले विभिन्न वित्तीय संस्थानों के एमडी और सीईओ और नासकॉम के प्रतिनिधि शामिल थे।

इस वर्कशॉप ने प्रतिभागियों के लिए बैंकिंग क्षेत्र में एआई को लागू करने के लिए विभिन्न केस स्टडीज और रणनीतियों की जानकारी वाले मंच का काम किया। उद्योग जगत के लोगों की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए इस वर्कशॉप का उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकियों की समझ और वित्तीय सेवा उद्योग पर उनके संभावित असर को बढ़ाना है। उद्योग विशेषज्ञों ने इन बातों पर चर्चा की कि एआई का उपयोग ग्राहक सेवा को बढ़ाने, क्रेडिट के संबंध में बेहतर निर्णय लेने, धोखाधड़ी और चूक का पता लगाने, जोखिमों को शीघ्रता से प्रबंधित करने, कर्मचारी उत्पादकता और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए कैसे किया जा सकता है।

इस वर्कशॉप में डेटा प्रशासन, साइबर सुरक्षा, पारदर्शिता और अनुपालन के संदर्भ में एआई की उभरती चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। 

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