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विश्व का पहला इंट्रानेजल कोविड-19 टीका- इन्कोवैक जारी

नईदिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कोविड-19 टीका इन्कोवैक को जारी किया।  इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे। इन्कोवैक प्राथमिक रूप से तय दो खुराकों और एक बूस्टर खुराक के रूप में स्वीकृति प्राप्त करना वाला विश्व का पहला इंट्रानेजल कोविड-19 टीका है। इसे भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएलने बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस (बीआईआरएसीके सहयोग से विकसित किया है। बीआईआरएसीविज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) है।

डॉ. मांडविया ने इस कार्यक्रम में अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विश्व में आपूर्ति किए गए 65 फीसदी से अधिक टीके भारत से हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने विश्व का पहला नेजल टीका लाने के लिए बीबीआईएल की टीम और जैव प्रौद्योगिकी विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्व का पहला इंट्रानेजल कोविड- 19 टीका होने के कारण यह आत्मनिर्भऱ भारत के आह्वाहन के लिए एक शानदार उपलब्धि है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरे विश्व में टीका निर्माण और नवाचार क्षमता के संबंध में भारत की सराहना की जाती हैक्योंकि इसने गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाओं के उत्पादन में अपनी पहचान बनाई है। इसके अलावा उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि विश्व में पहला टीका लॉन्च होने के एक महीने के भीतर बीबीआईएल ने आईसीएमआर के सहयोग से कोवैक्सीन को भारत में जारी किया था।

वहींडॉ. जितेंद्र सिंह ने बीआईआरएसी के सहयोग से एक और वैक्सीन का निर्माण करने के लिए बीबीआईएल को बधाई दी। उन्होंने कहा "भारत ने विकासशील दुनिया में आम रोगों के लिए टीके और दवाएं विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।" उन्होंने "मिशन कोविड सुरक्षा" की शुरुआत को लेकर प्रेरित और सक्षम करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और नियमित निगरानी को श्रेय दिया। इसने न केवल आत्मनिर्भर भारत को मजबूत किया है बल्कि, विश्वव्यापी टीका विकास और विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को भी सुदृढ़ किया है। इस तरह भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमताओं की ताकत को प्रदर्शित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "अगला कदम गैर-संक्रमणकारी रोगों के लिए टीके विकसित करना होगा।"

 

 

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