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Divya kala Mela: दिव्यांगजन सशक्तिकरण में सहयोग, मानवधर्म : राज्यपाल

भोपाल।  दिव्यांगजन सशक्तीकरण प्रयासों में सहयोग मानव धर्म है। दिव्यकला मेला दिव्यांगजन की दिव्यशक्तियों के प्रदर्शन का मंच है। उनकी आत्म-निर्भरता की प्रभावी पहल है। उक्त बातें मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने भोपाल हाट में आयोजित 10 दिवसीय दिव्य कला मेले के उद्घाटन समारोह में कहीं।

उन्होंने प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि दिव्यकला मेले की श्रृंखला में तीसरे भोपाल मेले में खरीददारी का रिकार्ड बनाएं। देश के विभिन्न स्थानों से उत्पाद लेकर आए दिव्यांग शिल्पकार, उद्यमियों को कोई भी सामान वापस नहीं ले जाना पड़े। इस अवसर पर 48 दिव्यांग उद्यमियों को स्वसहायता समूह के माध्यम से स्वीकृत 16 लाख रुपये के ऋण के स्वीकृति आदेश प्रतीक स्वरूप तीन दिव्यांगजन में वितरित किए गए।
 

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का व्यक्तित्व संवेदनशील है। महिलाओं, वंचितों और दिव्यांगजन के कल्याण और विकास की योजनाएं उनके दिल से निकली है। शारीरिक अंग की खामी को विकलांगता के रूप में नहीं, व्यक्ति की दिव्य शक्तियों को पहचानने के लिए ही उन्होंने दिव्यांगजन का नाम दिया है। उन्होंने समाज का आह्वान किया कि वह दिव्यांगजन की प्रतिभा को पहचाने और प्रोत्साहन में सहयोग करें।

केन्द्रीय मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता डा. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबके लिए विकास के समान अवसर उपलब्ध कराए हैं। समावेशी समाज निर्माण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वंचित और विकास की मुख्यधारा में पिछड़ों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए वर्ष 2014 में प्रारम्भ किए गए कार्यक्रमों, योजनाओं के परिणाम मिल रहे हैं।

केन्द्रीय राज्य मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सुश्री प्रतिभा भौमिक ने कहा कि दिव्यांगजन की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के कार्यों में विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में दिव्य कला मेले का आयोजन किया जा रहा है। भोपाल मेले में 19 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के दिव्यांग शिल्पकार, दस्तकार और उद्यमी शामिल हो रहे हैं। मेले में लगी 107 स्टॉलों की सभी व्यवस्थाएं दिव्यांगजन द्वारा की जा रही है।
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