छत्तीसगढ़
नक्सलियों को सरकार का ऑफर, LMG लेकर आइए मिलेंगे 5 लाख, AK-47 पर 4 लाख
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें लाखों रूपए की प्रोत्साहन राशि देने जा रही है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार- व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। इस नई नीति के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में लाकर उन्हें सम्मानजनक जिंदगी जीने का अवसर देने जा रही है। नई नीति में सरेंडर करने वाले नक्सलियों और उनके परिवार के प्रति संवेदनशील पहल करते हुए छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने ऐसे ऑफर शुरू किए हैं।
छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत-पुनर्वास नीति 2025” को लागू करना छत्तीसगढ़ सरकार की राज्य में शांति बहाली, विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि जो हथियार छोड़ेंगे, उन्हें भय नहीं, बल्कि सम्मान मिलेगा। वर्षों से जंगल-जंगल भटक रहे युवा, जो किसी भ्रम या दबाववश नक्सली संगठन में शामिल हो गए हैं, उनके लिए यह नीति एक नया जीवन शुरू करने का द्वार है। आत्मसमर्पण कर वे न केवल खुद का, बल्कि अपने परिवार और समाज का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हिंसा किसी समाधान का रास्ता नहीं है। हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के सुरक्षित भविष्य और रोजगार देने हमारी सरकार हरसंभव मदद करेगी।
नई नीति में हथियारों के साथ सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार ने लाखों रूपए की मुआवजा राशि देने का प्रावधान किया है। एलएमजी के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 5 लाख रुपये मुआवजा के तौर मिलेगा। इसी तरह एके-47, त्रिची असॉल्ट रायफल पर 4 लाख रुपये, मोर्टार पर 2.50 लाख रुपये, एसएलआर- इंसास रायफल पर 2 लाख रुपये, एक्स 95 असाल्ट रायफल, एमपी-9 टेक्टिल पर 1.50 लाख रुपये, थ्री नाट थ्री रायफल पर 1 लाख रूपए, एक्स-कैलिबर पर 75 हजार रुपये और यूबीजीएल अटेचमेंट पर 40 हजार रुपये, 315/12 बोर बंदुक पर 30 हजार रुपये, ग्लॉक पिस्टल पर 30 हजार रुपये के साथ ही अन्य छोटे हथियारों जैसे कार्बाइन, रिवॉल्वर, वायरलेस, डेटोनेटर आदि पर भी मुआवजा राशि का प्रावधान है।
हर सरेंडर नक्सली को, भले ही उसके पास हथियार हों या न हों, उसे 50 हजार रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि कोई आत्मसमर्पित नक्सली, नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी या विस्फोटकों की सूचना देकर उन्हें बरामद कराता है, तो उसे 15,000 से 25,000 तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख तक का इनाम मिलेगा। आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने के इच्छुक हैं तो उसको एक लाख की विवाह अनुदान राशि भी दी जाएगी। यदि पति और पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली हैं, तो उन्हें एक इकाई मानते हुए यह लाभ दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित इनामी सूची में शामिल नक्सली के आत्मसमर्पण पर उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के अनुसार प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की इस नीति के साथ-साथ भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिलेगा। इस नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समाज में दोबारा स्थापित होने के लिए हरसंभव मदद मिले। आत्मसमर्पणकर्ता को सिर्फ प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, ईनाम ही न मिले बल्कि उसे इसके साथ शिक्षा, पसंद के अनुसार रोजगार-व्यवसाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान भी मिले।
नई टोल नीति: अब एक बार में सालभर की छुट्टी, FASTag पर मिलेंगे फायदे
डेस्क। देशभर में नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लाखों लोग रोजाना टोल टैक्स का भुगतान करते हैं। यह बार-बार टोल देने की प्रक्रिया कई बार यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस समस्या का समाधान लाने के लिए एक नई टोल नीति लाने की योजना बना रहा है, जिसके तहत टोल टैक्स देने की परेशानी को खत्म किया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जल्द ही नई टोल नीति लागू की जा सकती है, जिससे टोल से संबंधित तमाम समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन नई नीति में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है।
नई टोल नीति के तहत, सरकार की योजना है कि लोग अपने FASTag को केवल 3,000 रुपये में रिचार्ज करवा सकते हैं। इस रिचार्ज के बाद, अगले एक साल तक उन्हें किसी भी टोल प्ला3जा पर टोल टैक्स नहीं देना होगा। यानी एक बार रिचार्ज करने के बाद, यात्री असिमित संख्याक में टोल प्ला जा से गुजर सकते हैं और टोल टैक्स की बार-बार भुगतान की परेशानी से बच सकते हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने एक और विकल्प पर विचार किया था। इसके अनुसार, यदि कोई व्यक्ति नई कार खरीदता है, तो उसे 30,000 रुपये का भुगतान करने पर अगले 15 सालों तक किसी भी टोल प्ला जा पर भुगतान से राहत मिल सकती थी। हालांकि, इस लाइफटाइम पास पर सभी पक्षों में सहमति नहीं बन पाई, जिस कारण इसे स्थगित कर दिया गया।
नई टोल नीति का सबसे ज्या दा फायदा उन लोगों को होगा, जो नियमित रूप से एक शहर से दूसरे शहर यात्रा करते हैं और नेशनल हाइवे और एक्साप्रेस वे का उपयोग करते हैं। इस नीति से उनके लिए यात्रा करना और भी आसान और किफायती हो जाएगा।
नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण पर दोगुना इनाम
मौसम में आया बदलाव, आसमान पर छाए बादल, भीषण गर्मी से मिली राहत... अलर्ट जारी
छत्तीसगढ़ में नक्सली ले रहे अंतिम सांस, ये 3 जिले हुए नक्सल मुक्त
रायपुर। छत्तीसगढ़ के तीन जिले नक्सलमुक्त हो गए हैं। कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव जिलों को नक्सल मुक्त जिला घोषित किया गया है। इसके बाद अब केंद्रीय रिजर्व बल की पुलिस धीरे-धीरे जिले से मूव कर रही है। माना जा रहा है कि नक्सली मुक्त घोषित हुए तीनों जिलों अब विकास कार्यों में तेजी आएगी।
गौरतलब है साल 1992 में राजनांदगांव जिले में नक्सलवाद की शुरुआत हुई थी। यहां बकरकट्टा क्षेत्र में नक्सलियों ने नक्सली घटना को अंजाम दिया था, जिसके बाद नक्सली मूवमेंट का सिलसिला यहां लगातार जारी रहा, करीब 35 सालों में नक्सलियों ने यहां कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया,जिसमें एक बड़ी घटना 12 जुलाई 2009 की मानी जाती है।
साल 2009 में राजनंदगांव में नक्सली हमले में जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे कुल 29 जवान शहीद हुए थे। बीते वर्षो में नक्सलियों ने कई ग्रामीणों की भी हत्या की और अलग-अलग घटनाओं में आगजनी सहित कई बड़े मामलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
माना जा रहा है कि राजनंदगांव पुलिस रेंज के तीन जिलों को नक्सली मुक्त किए जाने के बाद अब तीनों जिलों में विकास कार्य तेज होंगे। नक्सल जिला होने के कारण नक्सल विरोधी अभियान के लिए सालाना लगभग 30 करोड़ रुपए मिलने वाले तीनों जिलों क्रमशः कवर्धा, खैरागढ़ छुईखदान गंड़ई और राजनांदगांव को अब उक्त राशि नहीं मिलेगी।
राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक कुमार झा ने कहा कि, हमारे रेंज की तीन जिले राजनांदगांव, खैरागढ़ और कबीरधाम, कवर्धा और बालाघाट के डिंडोरी के बॉर्डर जिले में नक्सलियों का एमएमसी जोन एक्टिव हुआ करता था, लेकिन अब इनकी संख्या में काफी कमी आई है। कई नक्सलियों ने सरेंडर किया हैं और कईयों की मौत हुई है।
आबकारी विभाग के 9 और अफसर EOW की रडार में, शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई जल्द
रायपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो आबकारी घोटाले की हर कड़ी को सुलझा चुकी है। जांच में उन्होंने 30 आबकारी अधिकारियों की संलिप्तता पाई है। ये अफसर जिलों में पदस्थ होकर अवैध तरीके से शराब बेचने के सिंडिकेट में सहयोग करते थे। इसमें से 21 अफसरों के नाम एफआईआर में भी दर्ज हैं। बाकी 9 अफसरों की जानकारी जांच के दौरान मिली है।
ईओडब्ल्यू ने डेढ़ महीने पहले इन अफसरों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी है। लेकिन, फाइल अभी तक नहीं लौटी। मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो अगर अभियोजन स्वीकृति सरकार दे देती है तो आधा विभाग खाली हो जाएगा। जिलों में आबकारी अधिकारी ही नहीं बचेंगे। यही वजह है कि मामले में कोई भी अफसर जवाब देने को तैयार नहीं हो रहा है।
ईओडब्ल्यू ने होलोग्राम बनाने वाली प्राइम कंपनी का लैपटॉप जब्त कर रखा है। इस लैपटॉप को रिकवर करने के बाद अब इस शराब घोटाले का सही आंकड़ा सामने आया है। करीब 60 लाख पेटी के लिए नकली होलोग्राम बनाए गए थे। एक पेटी में 48 बोतल आती हैं। यानी 28 करोड़ 80 लाख बोतलें दो नंबर में बेची गईं। एक बोतल को 80 से 100 रुपए के बीच में बेचा जाता था। इस तरह करीब 2800 करोड़ की दो नंबर की शराब सरकारी दुकानों के जरिए बेची गई।
छत्तीसगढ़ की इस महिला IPS अधिकारी ने बढ़ाया मान, एकल टेबल टेनिस में जीता ब्रॉन्ज मेडल
रायपुर। केरल के कोच्चि में 11 से 14 अप्रैल 2025 तक चलने वाले अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस टूर्नामेंट 2025 में छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही की पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता (IPS) ने महिला व्यक्तिगत एकल टेबल टेनिस प्रतियोगिता में मिजोरम पुलिस को फाइनल में पराजित करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है।
इस टूर्नामेंट में भावना गुप्ता और डीएसपी प्रोबेशनर आकर्षी कश्यप के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की महिला टेबल टेनिस टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक प्राप्त किया। यह छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद का पहला टीम इवेंट मेडल है, जो पुलिस खेलों में राज्य की बढ़ती हिस्सेदारी और प्रतिभा को दिखाता है।
भावना गुप्ता और आकर्षी कश्यप ने महिला युगल और मिश्रित युगल श्रेणियों में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए अगले दौर में प्रवेश किया है। इन मुकाबलों के परिणाम आना अभी बाकी हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ टीम को इस इवेंट्स में भी पदक की काफी उम्मीद है। 11 से 14 अप्रैल 2025 तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में देशभर की पुलिस इकाइयों ने हिस्सा लिया है। प्रतियोगिता का आयोजन कोचीन, केरल में किया जा रहा है, जहां महिला प्रतिभागियों ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है।
छत्तीसगढ़ पुलिस के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने न केवल राज्य का मान बढ़ाया है, बल्कि यह संकेत भी दिया है कि अब राज्य की महिला पुलिस अधिकारी भी राष्ट्रीय खेल मंचों पर अपनी चमक बिखेरने में सक्षम हैं। भावना गुप्ता और आकर्षी कश्यप जैसी अधिकारियों की सफलता आने खेल एवं विभागीय खेल को आने वाले दिनों में प्रोत्साहित करेगी।
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में आंधी-तूफान के साथ बर्फबारी... मौसम हुआ सुहाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले तीन चार दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। खासकर बस्तर और सरगुजा संभाग में मौसम बहुत ही सुहाना हो गया है। कई जिलों में बारिश हुई है, तो कई जिलों में आंधी तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई है। पिछले तीन दिन के भीतर चार से पांच जिलों में ओलावृष्टि हुई है।
शनिवार को जगदलपुर में भी ओलावृष्टि हुई थी। आज रविवार को कोंडगांव में ओलावृष्टि हुई है। इस बीच मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश के अनेक हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवा चलने की संभावना जताई है।
13 अप्रैल को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। बस्तर संभाग, विशेष रूप से कोंडागांव में, तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि देखने को मिली, जिससे कई घरों के छप्पर उड़ गए और सड़कों पर पानी भर गया। वहीं, सरगुजा संभाग में भी गरज-चमक के साथ बारिश के संकेत मिल रहे हैं।
ट्रैक्टर शोरूम में लगी भीषण आग…..मचा हड़कंप, आग पर काबू पाने तक कई ट्रैक्टर जलकर हुए खाक
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक ट्रैक्टर शोरूम में शनिवार रात आग लगने के बाद हड़कंप मच गया। भीषण आग की चपेट में आकर कई ट्रैक्टर जलकर खाक हो गए। शोरूम में आग कैसे लगा, इसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं घटना से शोरूम पूरी तरह जलकर खाक हो गया।
जानकारी के मुताबिक ये पूरी घटना कोंडागांव जिला के रायपुर नाका के पास स्थित ट्रैक्टर शोरूम की है। शनिवार रात अचानक शोरूम में आग लग गई। शोरूम के अंदर से धुंआ निकलने की जानकारी के बाद आनन फानन में दमकल को घटना की जानकारी दी गई। जब तक दमकल की टीम मौके पर पहुंचती, इतनी देर में आग भीषण हो गयी और शोरूम में रखे कई ट्रैक्टर आग की चपेट में आकर जलने लगे।
उधर शोरूम में भीषण आग लगने के दौरान दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने में जुट गई। काफी मशक्कत के बाद आग पर देर रात काबू पाया जा सका। उधर इस घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंच गयी। फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है। शोरूम में आग कैसे लगी, इसका खुलासा नही हो सका है।
दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर एनकाउंटर, 500 से ज्यादा जवानों ने नक्सलियों को घेरा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा-बीजापुर जिले की सीमा पर पुलिस-नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। अति नक्सल प्रभावित भैरमगढ़ इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच सुबह 9 बजे से दोनों तरफ से फायरिंग जारी है। सुरक्षा बल के जवानों द्वारा 2 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराने की खबर है। दोनों के शव और हथियार भी बरामद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार मुठभेड़ में माओवादियों को भारी नुकसान की संभावना जताई जा रही है।
दंतेवाड़ा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिले के इंद्रावती नदी क्षेत्र से लगे जंगलों में बड़ी संख्या में माओवादियों के मौजूदगी की सूचना मिली थी। सूचना के बाद सीआरपीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम को एंटी नक्सल ऑपरेशन पर रवाना किया गया। फोर्स के जवानों को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए जवानों ने भी मोर्चा संभाला और 2 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 500 से ज्यादा जवानों की सयुंक्त टीम भैरमगढ़ इलाके में नक्सलियों को घेर रखा है। दो नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए गए हैं। सर्चिंग ऑपरेशन जारी है। दोनों ओर से फायरिंग भी हो रही है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बड़े कैडर के नक्सली मौजूद हैं और फोर्स को बड़ी सफलता मिलने की बातें सामने आ रही है। दंतेवाड़ा एसपी गौरव ने बताया कि मुठभेड़ में माओवादियों को भारी नुकसान की संभावना है। सर्चिंग ऑपरेशन जारी है। ऑपरेशन पूरा होने के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी।
भालू के साथ हैवानियत…. मुंह और पंजा तोड़कर तड़पाकर मार डाला.
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो सुकमा जिले के केरलापाल क्षेत्र का है, हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।
करीब 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में कुछ ग्रामीण एक भालू के साथ बेरहमी से मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि भालू के पंजों को तार से बाँध कर डंडे पर कसा गया है। उसका मुंह और पंजा तोड़ा गया है और सिर पर लगातार वार किए जा रहे हैं। दर्द से कराहते भालू को तड़पाकर अंत में मार डाला गया।
वीडियो में एक युवक भालू के कान खींचता नजर आ रहा है, वहीं दूसरा युवक उसके सिर पर बार-बार प्रहार कर रहा है। खून से लथपथ भालू जमीन पर पड़ा है, और उसके आसपास महिलाएं और बच्चे खड़े होकर हँसते नजर आ रहे हैं जो इस क्रूरता को और भी शर्मनाक बना देता है।
इस घटना को लेकर अब वन विभाग हरकत में आ गया है। मुख्य वन संरक्षक (CCF) आरसी दुग्गा ने कहा है कि वीडियो की जांच कर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में नजर आ रहे लोगों की पहचान कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। इस कानून में दो साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता बेहद ज़रूरी है, ताकि वन्य जीवों के प्रति इस तरह की क्रूरता दोहराई न जा सके।
देश में एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका अग्रणी : जी. किशन रेड्डी
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज मंत्रालय महानदी भवन में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, अन्वेषण कार्यों, तकनीकी नवाचारों और राजस्व उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और देश की प्रगति में राज्य की अग्रणी भूमिका की बात कही। उन्होंने देश में वर्ष 2024-2025 में कोयला उत्पादन में 1 बिलियन टन का लक्ष्य हासिल करने पर खुशी जाहिर की और इसे पाने में छत्तीसगढ़ के योगदान को सराहा। इस मौके पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज सफल बोलीदाता के प्रतिनिधि को सौंपे। साथ ही दंतेवाड़ा जिले के तीन और कांकेर जिले के एक लौह अयस्क ब्लॉक के प्रीफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की यह समीक्षा बैठक प्रदेश में कोयला एवं खनन के क्षेत्र के लिए लाभदायक होगी। हम केंद्र सरकार के साथ आवश्यक समन्वय करते हुए खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे। विकसित भारत के निर्माण में हमारा राज्य खनिज क्षेत्र के माध्यम से एक मजबूत स्तंभ बने, यही हमारा लक्ष्य है। साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है और संसाधनों का समुचित व सतत उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक नवाचारी पहल की गई हैं। हमारे राज्य में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, चूना पत्थर सहित कई क्रिटिकल खनिजों की उपलब्धता है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ ही देश की औद्योगिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती हैं। विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के परिप्रेक्ष्य में सामरिक महत्व के खनिजों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा अपनी अन्वेषण योजना में व्यापक बदलाव करते हुए क्रिटिकल खनिजों के अन्वेषण को प्राथमिकता दी जा रही है।
केंद्रीय खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के साथ-साथ देश का एकमात्र टिन उत्पादक राज्य होने का गौरव भी छत्तीसगढ़ को प्राप्त है।
रेड्डी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ और खनन क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में जो अग्रणी कदम उठाए हैं, वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खनिज संसाधनों के अन्वेषण, सतत उपयोग और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़, खनिज क्षेत्र में अपनी मजबूत भूमिका निभाते हुए देश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देता रहेगा।
मनियारी नदी तट पर बनेगा मां राजराजेश्वरी का भव्य मंदिर.. भूमिपूजन में शिरकत करेंगे पंडित अनिरूद्धाचार्य

केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने किया विश्व के दूसरे बड़े गेवरा कोयला खदान का निरीक्षण
ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों के परिवहन पर लगी रोक, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
रायपुर। बिलासपुर जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए ई-रिक्शा से छात्रों को स्कूल लाने-ले जाने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। एसएसपी रजनेश सिंह ने जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि किसी भी सूरत में यूकेजी से लेकर कक्षा 12वीं तक के बच्चों को ई-रिक्शा से स्कूल लाना-ले जाना प्रतिबंधित रहेगा।
उन्होंने बताया कि समाचार माध्यमों व अन्य स्रोतों से यह जानकारी मिली है कि कई स्कूलों में ई-रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें क्षमता से अधिक छात्र बैठाए जाते हैं और दोनों साइड खुले होने से गिरने की आशंका बनी रहती है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है। पुलिस ने साफ किया है कि यदि भविष्य में ऐसा कोई मामला सामने आता है तो न केवल ई-रिक्शा चालक, बल्कि संबंधित स्कूल प्रबंधन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी संस्था प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि केवल मान्यता प्राप्त और नियमों का पालन करने वाले वाहन ही बच्चों के परिवहन में लगाए जाएं।
भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा एमएसएमई विक्रेताओं के लिए जेडईडी एवं लीन प्रमाणन पर संवाद सत्र आयोजित
रायपुर। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग द्वारा 8 अप्रैल 2025 को संयंत्र के मानव संसाधन केन्द्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विक्रेताओं के लिए ‘ज़ीरो डिफेक्ट, ज़ीरो इफेक्ट’ (जेडईडी) और लीन प्रमाणन योजनाओं पर एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया।
यह सत्र भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत गुणवत्ता एवं उत्पादकता वृद्धि हेतु जागरूकता बढ़ाने और एमएसएमई क्षेत्र में इन योजनाओं के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस पहल का आयोजन क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के आधिकारिक प्रशिक्षण भागीदार, ज़ेन इंटरनेशनल सिस्टम्स, पुणे के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन), भिलाई इस्पात संयंत्र, एके चक्रवर्ती उपस्थित थे। विशेष अतिथियों में छत्तीसगढ़ शासन का प्रतिनिधित्व कर रहे सहायक निदेशक (एमएसएमई-डीएफओ, रायपुर), अरविंद तिवारी; प्रबंधक (जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, दुर्ग), तुषार त्रिपाठी एवं शैलेन्द्र सिंह शामिल थे।
संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों में प्रमुखतः मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) श्री के. सी. मिश्रा; मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) एके मिश्रा; कार्यपालक मुख्य महाप्रबंधक (अनुरक्षण एवं उपयोगिताएँ) श्री बी. के. बेहरा; मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत) टीके कृष्णकुमार; कार्यपालक महाप्रबंधक (यांत्रिकी) श्री एस. बालराज; कार्यपालक महाप्रबंधक (बीई) एबी श्रीनिवास प्रमुख रूप से उपस्थित थे। साथ ही क्यूसीएफआई भिलाई के सलाहकार सत्यवान नायक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
प्रशिक्षण सत्र में योगदान देने वाले विशेषज्ञों में ज़ेन इंटरनेशनल सिस्टम्स, पुणे की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. संजीवनी; वरिष्ठ सलाहकार सच्चिदानंद तथा सलाहकार संजय पिटुरी शामिल थे। 35 से अधिक एमएसएमई इकाइयों के प्रतिनिधियों, सहायक इकाइयों और स्थानीय उद्यमों की इस सत्र में सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर भिलाई सहायक उद्योग संघ (बीएआईए) के अध्यक्ष रतन दास गुप्ता एवं उनकी समिति के सदस्य भी उपस्थित थे।
नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 छत्तीसगढ़ में लागू
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। यह नीति, नक्सल हिंसा में पीड़ित हुए व्यक्तियों एवं परिवारों जैसे कि मृत्यु, गंभीर घायल या स्थायी अपंगता के शिकार लोगों के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है।
अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक जिले में गठित होने वाली समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अन्य अधिकारी तथा सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा।
प्रत्येक जिले एवं सब-डिविजनल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर व ई-मेल पता राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। यह अधिकारी समस्त पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि राज्य गठन के उपरांत से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए और आत्मसमर्पित नक्सलियों का चयन कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए।
इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पित व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित रूप से अवलोकन कर राहत एवं पुनर्वास के कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस नीति के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को समय सीमा में प्रभावी रूप से पूरा करेंगे।