छत्तीसगढ़
रायपुर : चिरायु योजना से सुरेखा को मिला नया जीवन: गंभीर हृदय रोग से उबरी बालिका, विशेषज्ञों ने की पूर्ण स्वस्थ होने की पुष्टि
शासन की महत्वाकांक्षी 'चिरायु योजना' एक बार फिर जरूरतमंद बच्चों के लिए संजीवनी साबित हुई है। बलरामपुर जिले के ग्राम महाराजगंज की रहने वाली छोटी बच्ची सुरेखा को गंभीर हृदय रोग से जूझने के बाद अब नया जीवन मिला है। स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सुरेखा की पूर्णतः स्वस्थ होने की पुष्टि की है।
सुरेखा के हृदय में जन्म से ही छेद था, जिसकी पहचान स्कूल में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के दौरान हुई। इस जानकारी से सुरेखा के माता-पिता बेहद चिंतित हो गए, लेकिन चिरायु योजना ने उनके लिए उम्मीद की किरण दिखाई। योजना के तहत सुरेखा को श्री सत्य साईं अस्पताल रायपुर में भेजा गया, जहां उसका निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया गया। इस दौरान समस्त जांच, सर्जरी, दवाइयां और देखभाल का खर्च योजना से ही उपलब्ध हुआ।
दो दिवसीय वृहद स्वास्थ्य शिविर में जब सुरेखा को पुनः परीक्षण हेतु लाया गया, तो सत्य साईं अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसे पूरी तरह से स्वस्थ घोषित किया और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी प्रदान किया।
सुरेखा के पिता कुन्दलेश ने भावुक होकर बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे बेटी का इलाज बड़े शहर में नहीं करवा सकते थे। लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सहायता से न केवल सुरेखा का इलाज संभव हुआ, बल्कि अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर सामान्य बच्चों की तरह खेलकूद सकती है।
उन्होंने कहा – "चिरायु योजना ने न सिर्फ मेरी बेटी की जान बचाई, बल्कि उसका बचपन भी लौटा दिया। यह हम जैसे आम लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय , स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल,जिला प्रशासन और चिकित्सा टीम का आभार व्यक्त करता हूँ।"
गौरतलब है कि चिरायु योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में अब तक हजारों बच्चों को गंभीर बीमारियों से राहत दिलाई जा चुकी है। सरकार की यह पहल बच्चों के स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक सार्थक कदम है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपने जीवन का प्रत्येक क्षण समर्पित किया। वे न केवल कुशल संगठक थे, बल्कि दूरदर्शी राष्ट्रनायक भी थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति को राष्ट्रीयता और सांस्कृतिक अस्मिता के सुदृढ़ सूत्र में पिरोया। साय ने कहा कि भारतीय जनसंघ की स्थापना के माध्यम से डॉ. मुखर्जी ने एक ऐसी विचारधारा को जन्म दिया, जिसने देश को राष्ट्रीय हित में सोचने और कार्य करने की नई दृष्टि प्रदान की। उनके विचार आज भी हमारी लोकतांत्रिक चेतना को दिशा देते हैं।
दो साल के मासूम की आंख की जटिल सर्जरी सफल
रायपुर। शहर के चौबे कॉलोनी स्थित जाऊलकर ईएनटी हॉस्पिटल में दो साल 11 माह के बच्चे के आंखों की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ व मध्य भारत में अपनी तरह का पहला और अनोखा मामला है। डोंगरगांव निवासी इस बालक को जन्म से ही दाहिनी आंख से लगातार आँसू आने की शिकायत थी। परिजनों ने इलाज के लिए कई नेत्र विशेषज्ञों से परामर्श लिया, लेकिन जब कोई राहत नहीं मिली, तो अंततः डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी।
चिकित्सकों के अनुसार, बालक को Congenital Dacryocystitis नामक जन्मजात समस्या थी। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंख से बाहर पानी निकालने वाली नली बंद हो जाती है, जिससे आंख में बार-बार संक्रमण और सूजन हो जाती है। यह समस्या लगभग 2 से 6 प्रतिशत नवजातों में पाई जाती है। सामान्यतः 90% से अधिक बच्चे 6 माह के भीतर ठीक हो जाते हैं, लेकिन जटिल मामलों में ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है। इस बच्चे का उपचार एंडोनेजल डीसीआर (Endonasal DCR) तकनीक से किया गया, जिसमें नाक के भीतर से विशेष सर्जरी की जाती है। यह ऑपरेशन कान-नाक-गला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुज जाऊलकर की टीम द्वारा किया गया।
डॉ. जाऊलकर ने बताया कि यह पहली बार है जब तीन वर्ष से भी छोटे बच्चे का इतना जटिल ऑपरेशन रायपुर में सफलतापूर्वक किया गया है। अब तक इस प्रकार की सर्जरी सामान्यतः 5 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों में ही की जाती रही है। सर्जरी के दौरान डॉ. स्मिता जाऊलकर, डॉ. मनोज कुशवाहा, ऑपरेशन थिएटर टेक्नीशियन गजानंद साहू व दीपक बघेल का विशेष सहयोग रहा। यह सफलता प्रदेश में बाल चिकित्सा सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
छत्तीसगढ़ से ओड़िशा जा रही हीराखंड एक्सप्रेस तीन घंटे तक रही खड़ी, तकनीकी खराबी की वजह से कुसमी स्टेशन पर …
हीराखंड एक्सप्रेस: जगदलपुर से भुवनेश्वर जाने वाली हीराखंड एक्सप्रेस में उस समय हड़कंप मच गया, जब ट्रेन ओडिशा के कुसमी स्टेशन पर तकनीकी खराबी के कारण तीन घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही। कपलिंग टूटने की वजह से पूरी ट्रेन के पहिए थम गए, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, एलएचबी कोच की वजह से समस्या और जटिल हो गई है। कपलिंग टूटने के चलते कोचों को जोड़ने में कठिनाई आ रही है। ट्रेन में भारी संख्या में यात्री सवार हैं और गर्मी तथा इंतजार के चलते यात्रियों की उत्कंठा और बेचैनी बढ़ती जा रही है।
रेलवे की तकनीकी टीम मौके पर पहुंच चुकी है और कपलिंग की मरम्मत के कार्य में तेजी से जुटी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही ट्रेन को पुनः रवाना करने की कोशिश की जा रही है।
हीराखंड एक्सप्रेस जगदलपुर से रवाना होकर भुवनेश्वर तक जाती है और यह इस रूट की महत्वपूर्ण यात्री ट्रेन मानी जाती है। ऐसे में ट्रेन के फंसे रहने से न केवल यात्रियों की यात्रा बाधित हुई है, बल्कि पूरे रेल संचालन पर भी असर पड़ा है।
भूख हड़ताल के 30वें घंटे झुका प्रशासन : व्यापारियों से मिलने प्रदर्शन स्थल पहुंचे CMO, बोले- निर्माण पूरा नहीं होने तक नहीं होगा विस्थापन, अब प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से करेगा मुलाकात
गरियाबंद। नगर पालिका के शुक्रवारी बाजार में फुटकर व्यापारियों के व्यवस्थापन को लेकर चल रही भूख हड़ताल रविवार को प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गई। भूख हड़ताल के 30वें घंटे पालिका सीएमओ गिरीश चंद्रा पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के साथ गांधी मैदान पहुंचे और व्यापारियों को आश्वासन दिया कि शेड निर्माण पूरी तरह होने तक किसी भी व्यापारी को विस्थापित नहीं किया जाएगा।
शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू हुई भूख हड़ताल पर बैठे व्यापारियों और पालिका प्रशासन के बीच शुरुआती बातचीत तल्ख रही। व्यापारियों ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण बाजार आबंटन का आरोप लगाते हुए जमकर नाराजगी जताई। इस बीच कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश ने शांतिपूर्वक संवाद की अपील की, जिसके बाद बातचीत का रास्ता खुला।
CMO गिरीश चंद्रा ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि सभी मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात करेगा। सहमति बनने के बाद कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश ने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को पानी पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया। इस समझौते में नगर पार्षद पुना राम यादव, छगन यादव और गेंदलाल सिन्हा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
रायपुर : 23 जून पुण्यतिथि पर विशेष : देश की अखंडता के लिए आजीवन लड़ते रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने कश्मीर को भारत का अखंड अंग बनाने की पुरजोर वकालत की थी और उसके लिए अपने प्राणों का शेख अब्दुला की जेल में उत्सर्ग कर दिया। डॉ. श्यामा प्रसाद का बलिदान आज इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। जम्मू-कश्मीर जो भारत का मुकुट और दुनिया की जन्नत रही है आज उग्रवाद आतंकवाद के कारण लहुलुहान है। डॉ. मुखर्जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह कल्पना की थी कि विभाजन की पीड़ा नासूर बनेगी फिर तुष्टिकरण की नीति का अंत नहीं होगा। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया। भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे। यह जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था। जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए द्वारा दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए भारतीय संसद ने 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी।
राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के शिल्पी डॉ. मुखर्जी की अनन्य राष्ट्र भक्ति की गौरव गाथा ऐतिहासिक है। उनकी जिद के कारण पाकिस्तान के रूप में संपूर्ण पंजाब और बंगाल तश्तरी में भेंट नहीं किया जा सका। लेकिन जम्मू कश्मीर को दोहरे मापदण्डों में लाकर भारत और उसके मुकुट प्रदेश को लहुलुहान होने को छोड़ दिया नतीजा आज हमारे सामने है। वे जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर भारत विलय और अखंडता के लिए संघर्ष करते रहे। भारत के मुकुट प्रदेश जम्मू कश्मीर के मर्म को डॉ. मुखर्जी ने देश की आजादी के दौरान ही समझ लिया था। राष्ट्रीय एकता अखंडता के प्रतीक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई सन 1901 को कलकत्ता के आशुतोष मुखर्जी के यहां हुआ था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध किया। उन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे भारत छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट रहा है। मुखर्जी ने इस कानून के खिलाफ भूख हड़ताल की थी। वो जब इसके खिलाफ आन्दोलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर गए तो उन्हें वहां घुसने नहीं दिया गया। वे गिरफ्तार कर लिए गए थे। 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान ही उनकी रहस्यमय ढंग से मृत्यु हो गई।
उन्होंने वर्ष 1923 में बांग्ला में एम ए की उपाधि ली और फिर लॉ की भी डिग्री हासिल की। वर्ष 1926 में वे इंग्लैण्ड से बैरिस्टर होकर स्वदेश लौटे। उनकी विद्वता के लिए इतना कहना पर्याप्त होगा कि वे 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्व विद्यालय के उप कुलपति पद से सम्मानित किए गए। डॉ. मुखर्जी सन 1942 में बंगाल प्रांत के हक मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में कूद पड़े। ब्रिटिश सरकार ने जब भारत के विभाजन पर प्रस्ताव किया और कांग्रेस ने लीग के उग्रवादी तेवरों के सामने घुटने टेक कर बंगाल और पंजाब प्रदेश पाकिस्तान के रूप में भेंट करने में रजामंदी दिखाई तो डॉ. मुखर्जी ने इसका प्रबल विरोध किया। महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनुरोध पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आजाद भारत के पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनने सहमत हो गए। उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय संभाला और चिंतरंजन लोकोमोटिव के निर्माण की आधार शिला रखी लेकिन सरदार पटेल के अवसान के पूर्व तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण नीतियों के कारण मतभेद गहरा हो गया और उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रवादी प्रखर चिंतन की नई दिशा को सार्थक दिशा दी। डॉ. मुखर्जी के उस भाषण पर गौर किए जाने की आवश्यकता है जो उन्होंने 26 जून सन 1952 को संसद में दिया था उन्होंने कहा था जब भारत आजाद है और जम्मू कश्मीर का उसमें संवैधानिक विलय हो चुका है तो जम्मू कश्मीर के जनमानस को वही अधिकार क्यों नहीं जो सारे भारत के नागरिक को दिए गए हैं। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया।
उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के लिए विशेष धारा 370 स्थायी रूप से नहीं रह सकती है क्योंकि स्थायी होने पर वह क्षेत्रीय अखंडता में बाधक होगी परंतु डॉ. मुखर्जी की दूरदर्शिता लोगों को रास नहीं आयी। डॉ. मुखर्जी मई 1953 को जम्मू कश्मीर में दोहरी राजनैतिक व्यवस्था संवैधानिक विसंगति को दूर करने निकल पड़े। तब जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य था। जनसंघ और उसके संस्थापक डॉ. मुखर्जी को यह बर्दाश्त नहीं था। डॉ. मुखर्जी की बिना परमिट जम्मू कश्मीर यात्रा को समझने तत्कालीन विसंगतियां समझी जा सकती है।
जम्मू कश्मीर में प्रजा परिषद के आंदोलन को गति देने और दोहरी व्यवस्था समाप्त करने की खातिर डॉ मुखर्जी ने अपनी यात्रा को दृढ़तापूर्वक जारी रखा उन्हें पंजाब सीमा पर गिरफ्तार नहीं किया गया। जम्मू जाने दिया गया और माधोपुर पर रावी नदी का पुल पार करते ही डॉ. मुखर्जी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर श्रीनगर में निरुद्ध कर लिया। यदि उन्हें पंजाब सीमा पर बंदी बनाया जाता हो उन्हें मुक्त कराने के लिए जनता द्वारा आवाज उठायी जा सकती थी दोहरी शासन व्यवस्था के कारण जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ किया गया यह सलूक एक अनकही दुखद कहानी है। इस षड़यंत्र में ही डॉ. श्यामा प्रसाद का प्राणांत श्रीनगर जेल में हो गया। आगरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच हुई वार्ताओं में दोनों देशों के बीच अमन चैन एवं सहयोग बढ़ाने के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी रहा है। ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने जम्मू कश्मीर के इस मर्म को पहले ही समझ लिया था और जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर का भारत विलय एवं अखंडता के लिए संघर्ष किया। डॉ. मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर की धरती पर जिस तरह अंतिम सांस ली वह उनकी अनन्य राष्ट्रभक्ति की गौरवगाथा का इतिहास बन चुकी है। डॉ. मुखर्जी का अवदान ऐतिहासिक है उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए जो संघर्ष किया। उसकी देन है कि हम अपने समग्र भूगोल को संजोए हुए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनएफएसयू और एनएफएसएल का किया भूमिपूजन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे रायपुर.... मुख्यमंत्री साय ने एयरपोर्ट पर किया स्वागत
रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ आगमन पर आज स्वामी विवेकानंद विमानतल रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक धर्मलाल कौशिक, किरण देव, अमर अग्रवाल, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, गुरु खुशवंत साहेब , मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लाल उमेद सिंह उपस्थित थे।
जब उम्मीद की डोर थमने लगी… मुख्यमंत्री बने संबल: मुख्यमंत्री की मदद बनी शालू के सपनों की सीढ़ी
सुबह 7 बजे से स्कूल, लेकिन 8 बजे तक नहीं आते शिक्षक, निरीक्षण में खुली कई स्कूलों की पोल…
बेमेतरा । जिला मुख्यालय बेमेतरा के सरकारी स्कूलों में अचानक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दबिश दी। इस दौरान कई स्कूल निर्धारित समय पर बंद मिले, और शिक्षक व स्टाफ नदारद पाए गए। गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्कूल का समय प्रातः 7 से 11 बजे तक निर्धारित किया गया है, बावजूद इसके सुबह 7:35 बजे तक स्कूलों में ताले लटकते मिले।
सहायक जिला परियोजना अधिकारी भूपेन्द्र कुमार साहू और विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार खरे ने 19 जून को संयुक्त रूप से बेमेतरा विकासखंड के विभिन्न स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। सबसे पहले शासकीय प्राथमिक शाला विद्यानगर बेमेतरा पहुंचे, जहां सुबह 7:35 बजे तक स्कूल बंद मिला और बच्चे स्कूल के बाहर घूमते हुए नजर आए।
· पूर्व माध्यमिक स्कूल पिकरी में संकुल समन्वयक सुखनंदन अनंत व समस्त स्टाफ समय पर उपस्थित मिला।
· प्राथमिक स्कूल हथमुड़ी और पूर्व माध्यमिक स्कूल राखी (विकासखंड साजा) में सभी शिक्षक कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाते हुए मिले।
· स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सेजेस देवकर में जिम, स्कूल परिसर व मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता का निरीक्षण किया गया, जो संतोषजनक रहा।
· हाई स्कूल व पूर्व माध्यमिक स्कूल निनवा में भी शिक्षकगण अपनी ड्यूटी पर उपस्थित मिले और पुस्तकों की स्कैनिंग का कार्य प्रगति पर है।
कुएं का पानी पीने से 1 मौत, एक दर्जन ग्रामीण बीमारः उल्टी दस्त की शिकायत पर अस्पताल में कराया भर्ती
मध्यप्रदेश । मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला जनपद की ग्राम भामल में कुएं का पानी पीने के बाद एक दर्जन से अधिक ग्रामीण उल्टी दस्त के शिकार हो गए। देर रात पीड़ितों को परिजन पेटलावद स्थित हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। स्थिति बिगड़ने से एक बुजुर्ग की गांव में ही मौत हो गई। शेष का उपचार विभिन्न हॉस्पिटल में चल रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि कल ग्यारस होने के चलते उपवास था किसी ने कुछ नहीं खाया। सभी ने कुएं से जो पानी सप्लाई की गई उसे पिया था। देर शाम एक एक कर सभी को उल्टी दस्त होने लगी तो परिजन उन्हें लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। एक बुजुर्ग नाहर सिंह पिता लाल सिंह खेर 60 वर्ष की गांव में मौत हो गई है। सूचना पर पुलिस मौके एवं हॉस्पिटल पहुंच कर पीड़ितों से चर्चा की।
जानकारी में यह भी आया है कि ग्राम पंचायत भामल ने शनिवार को गांव में कुएं का पानी सप्लाई की थी, उसको पीने के बाद रात में करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार हो गए। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में और सभी का निजी और सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। संभवना जताई जा रही है कि बारिश के कारण कुएं का पानी दूषित हो गया होगा।
नक्सलियों ने की दो ग्रामीणों की हत्या... मरने वालों में एक आत्मसमर्पित नक्सली शामिल
रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ पहुंचने से ठीक पहले नक्सलियों की कायराना करतूत सामने आई है। बीजापुर जिला में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि मरने वाले ग्रामीणों में एक सरेंडर नक्सली भी शामिल है। जिन्हे नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में पुलिस ने सर्चिंग तेज कर दी है।
हत्या की ये वारदात बीजापुर जिला के पामेड़ थाना क्षेत्र का है।जानकारी के मुताबिक मृतकों का नाम समैय्या और वेको देवा है। बताया जा रहा है कि समैय्या पहले नक्सली था। उसने साल 2025 में ही आत्मसमर्पण किया था। वहीं वेको देवा स्थानीय ग्रामीण है। ये दोनों ग्रामीण नक्सल प्रभावित सेंड्राबोर और एमपुर गांव के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि शनिवार की रात बड़ी संख्या में नक्सली गांव में पहुंचे थे। गांव से नक्सलियों ने दोनों ग्रामीणों के साथ मारपीट करने के बाद उन्हे अगवा कर अपने साथ ले गये।
पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने सरेंडर नक्सली समैय्या और वेको देवा की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद लाश को गांव के पास ही फेंककर नक्सली जंगल में लौट गये। सुबह दोनों ग्रामीणों की लाश देखने के बाद गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तुरंत घटना की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस पार्टी मौके पर पहुच गयी है।
आपको बता दे 6 दिनों के भीतर नक्सलियों ने 5 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है। इससे पहले 17 जून को नक्सलियों ने 3 लोगों की हत्या करने के साथ ही आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों की बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। ग्राम पेद्दाकोरमा में हुए इस घटना के बाद ग्रामीण काफी दहशत में थे। इस घटना के बाद अब ग्रामीणों ने एक बार फिर दो ग्रामीणों को अगवा कर उनकी हत्या कर दहशत फैलाने की कोशिश की है।
कर्मचारियों से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त, ड्राइवर की गई जान, 15 से ज्यादा कर्मचारी घायल
सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है। एसईसीएल (SECL) के कर्मचारियों को ले जा रही एक बस पुल से फिसलकर नदी में गिर गई। हादसे में बस चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा कर्मचारी घायल हो गए। 15 गंभीर रूप से घायल लोगों को अंबिकापुर रेफर किया गया है।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के बोझा इलाके में ये हादसा हो गया। एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की कर्मचारियों से भरी एक बस सुखाड़ पुल पार करते समय अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। हादसे में बस चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 20 कर्मचारी घायल हो गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस तेज रफ्तार में पुल पार कर रही थी, तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नदी में जा गिरी। बस में सवार सभी लोग एसईसीएल के कर्मचारी बताए जा रहे हैं, जो ड्यूटी पर जा रहे थे। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया और प्रशासन को सूचना दी।
सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक (SP), कलेक्टर और एसईसीएल के महाप्रबंधक (GM) मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। घायलों को तुरंत भटगांव अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इनमें से 15 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई है। एसपी और कलेक्टर स्वयं मौके पर मौजूद रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। वहीं, एसईसीएल प्रबंधन की ओर से भी अस्पताल पहुंचकर घायलों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
कुनकुरी को मिली बड़ी सौगात, मुख्यमंत्री ने मातृ शिशु चिकित्सालय की रखी आधारशिला
जशपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कुनकुरी को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने गिनाबहार में 8.77 करोड़ की लागत से बनने वाले 50 बिस्तरीय मातृ शिशु चिकित्सालय और 50 लाख की लागत से तैयार होने वाले ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का भूमिपूजन किया।
इस अवसर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास की एक और कड़ी जुड़ रही है। इस अस्पताल के निर्माण से इस क्षेत्र की माताओं बहनों और बच्चों को काफी लाभ होगा। कुनकुरी के साथ ही फरसा बहार, कांसाबेल और दुलदुला क्षेत्र के लोग इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। जशपुर में 200 बेड अस्पताल का निर्माण होने जा रहा है। इसका टेंडर लग चुका है। इस बजट में यहां मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रावधान किया गया है। यहां नर्सिंग और फिजियोथेरेपी कॉलेज खोले जाएंगे। आयुष्मान कार्ड और जेनरिक दवा दुकानों के माध्यम से किफायती इलाज उपलब्ध करा रहे हैं। वय वंदन योजना का लाभ सभी वर्ग के वृद्ध जनों को मिलेगा, यह स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। मितानिनों के मानदेय की राशि ऑनलाइन प्रदान करने की सुविधा की शुरुआत किए है। जिससे समय पर उनको भुगतान हो सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम कर रहे हैं। पीएम आवासों का निर्माण तेजी से हो रहा है। किसानों से किए वादे को पूरा करते हुए 21 क्विंटल धान खरीदी कर रहे हैं। किसानों को 31 सौ रूपये धान की कीमत दे रहे हैं। तेंदूपत्ता की राशि बढ़ाकर 55 सौ रुपए प्रति मानक बोरा दे रहे हैं। कल से चरण पादुका वितरण का कार्यक्रम देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह के करकमलों से प्रदेश में शुरू होगा।
सड़क को खोद बना दिया खेत, दो जिलों के 20 गांवों का टूटा संपर्क, आक्रोशित ग्रामीणों ने दी यह चेतावनी…
खैरागढ़। जिले के ग्राम सिघौरी के किसान ने मुख्य सड़क को खोदकर खेत में तब्दील कर दिया. इससे क्षेत्र के लगभग 20 गांवों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. परेशान लोगों ने किसान की शिकायत प्रशासन से करते हुए कार्रवाई नहीं करने पर चक्काजाम की चेतावनी दी है.
जानकारी के अनुसार, किसान आनंद राम वर्मा हर साल की तरह इस साल भी बुआई से पहले मुख्य सड़क को खोदकर खेत बना दिया है. किसान की इस हरकत से ग्रामीणों को अब गंतव्य तक जाने के लिए 8 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है. किसान की हर साल की जाने वाली इस हरकत से नाराज ग्रामीणों का कहना है कि आनंद राम वर्मा ने बाकायदा दान पत्र लिखकर जमीन को दान की है, इसके बावजूद इस तरह की हरकत करता है.
वहीं किसान आनंद राम वर्मा का कहना है कि सालों पहले जब उसकी जमीन से होते हुए सड़क का निर्माण किया गया था, तब उन्हें मुआवजा देने की बात कही गई थी. लेकिन आज तक उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. इसलिए वे हर साल अपनी जमीन पर खेती करते हैं.
इस मार्ग पर शासन द्वारा अधोसंरचना विकास के अंतर्गत करीब 3.70 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य कराया गया था. छत्तीसगढ़ शासन की एजेंसी छग रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGRIDC) द्वारा यह कार्य किया गया, जिसमें पुल-पुलिया निर्माण भी शामिल था. निर्माण कार्य की लागत तीन करोड़ रुपए से ज़्यादा थी बावजूद इसके अब ये करोड़ों रुपए की राशि से बनी सड़क खेत में तब्दील हो चुकी है.
गंभीर बात यह है कि ग्रामीणों द्वारा दो दिन पहले ही इस पूरी स्थिति की जानकारी खैरागढ़ एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू को दे दी गई थी, लेकिन अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. इस निष्क्रियता से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही मार्ग की मरम्मत कर आवागमन बहाल नहीं किया गया और जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे चक्काजाम जैसे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
जवान की सड़क हादसे में मृत जवान को मिला 1 करोड़ का मुआवजा….
दुर्ग । सड़क दुर्घटना का शिकार हुए जवान को 1 करोड़ का मुआवजा मिला है। एसएसपी विजय अग्रवाल की मौजूदगी में जवान की माता को 1 करोड़ का चेक सौंपा गया। आरक्षक क्रमांक 1724 उपेन्द्र कुमार तिवारी की माता चंद्रकांति तिवारी को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा पुलिस सैलेरी पैकेज (PSP) के अंतर्गत ₹1 करोड़ का चेक सौंपा गया। यह मुआवजा राशि 20 जून 2025 को कार्यालय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग, एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक रूपक मंडल (सेक्टर-1, भिलाई) और गंजपारा शाखा, दुर्ग के शाखा प्रबंधक श्री राहुल मोदी उपस्थित रहे। उन्होंने स्वर्गीय आरक्षक की माता को चेक सौंपकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को संबल प्रदान किया।
गौरतलब है कि आरक्षक उपेन्द्र कुमार तिवारी, जिला पुलिस बल दुर्ग में पदस्थ थे और दिनांक 26 दिसंबर 2024 को एक दुखद सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। पुलिस विभाग और एसबीआई के मध्य हुए एम.ओ.यू. (MOU) के तहत दुर्घटनाओं में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को ₹1 करोड़ तक का बीमा क्लेम उपलब्ध कराया जाता है।
बिलासपुर से काचेगुडा के लिए चार फेरे में चलेगी स्पेशल ट्रेन….
बिलासपुर – रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। गर्मी और बारिश के सीजन में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने बिलासपुर से काचेगुडा के बीच चार फेरे में स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। ये ट्रेन जून और जुलाई महीने में चलेगी। यात्रियों को इसका फायदा मिलेगा, खासकर त्योहार और अवकाश के दौरान।रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 08263/08264 बिलासपुर-काचेगुडा-बिलासपुर स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है।
यह ट्रेन बिलासपुर से 23 और 30 जून, एवं 7 और 14 जुलाई 2025 को काचेगुडा के लिए रवाना होगी, जबकि काचेगुडा से 24 जून, 1, 8 और 15 जुलाई को बिलासपुर के लिए चलाई जाएगी।
इस ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे, जिनमें 2 एसएलआरडी, 5 सामान्य, 7 स्लीपर और 2 एसी थ्री कोच शामिल रहेंगे।
समय-सारणी इस प्रकार है
गाड़ी संख्या 08263 बिलासपुर से सुबह 10:05 बजे रवाना होकर रायपुर, दुर्ग, गोंदिया, बलहारशाह होते हुए अगले दिन 1:30 बजे काचेगुडा पहुंचेगी। वहीं, गाड़ी संख्या 08264 काचेगुडा से सुबह 4:30 बजे रवाना होकर वही स्टेशनों से गुजरते हुए रात 9:35 बजे बिलासपुर पहुंचेगी।
इस सुविधा से तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बीच यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। छात्र, कामकाजी वर्ग और त्योहारों में घर जाने वाले लोग इससे राहत महसूस करेंगे।
तो अगर आप जून-जुलाई में काचेगुडा या बिलासपुर की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस स्पेशल ट्रेन का लाभ ज़रूर उठाइए। अधिक जानकारी और आरक्षण के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन या IRCTC पोर्टल पर संपर्क करें।