बच्चों की जान पर भारी शिक्षा – पुल के अभाव में रोज़ उफनते नाले को पार करते नन्हें कदम
2025-08-23 08:00 AM
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दुर्ग । धमधा ब्लॉक के ग्राम मुड़पार के बच्चों की शिक्षा आज भी खतरे में है। यहां बच्चे रोज़ाना जान जोखिम में डालकर 3 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम घोटवानी में पढ़ाई के लिए जाते हैं। मुड़पार और घोटवानी के बीच एक बड़ा नाला पड़ता है, जिसे पार करना बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो गया है। हाथ में बस्ता, दिल में डर लेकर बच्चे रोज़ उफनते नाले को पार करते हैं, लेकिन फिर भी पढ़ाई जारी रखते हैं।
दुर्ग जिले के मुड़पार गांव के बच्चे 3 किमी दूर घोटवानी स्कूल जाने उफनते नाले को रोज़ पार करते हैं। पुल नहीं होने से जान जोखिम में डालकर पढ़ाई जारी है।वहीं बरसात के दिनों में हालात और भी बिगड़ जाते हैं।तेज बहाव के कारण कई बच्चों की साइकिल बह चुकी है, जबकि कई ने मजबूरी में स्कूल जाना ही छोड़ दिया है। कई बार बच्चों के कपड़े और बस्ता भीग जाने के कारण उन्हें वापस घर लौटना पड़ता है। ग्राम मुड़पार में आज़ादी के बाद से न तो सड़क बनी है और न ही नाले पर पुल का निर्माण हो पाया है
वहीं गांव के उस पार आमनेर नदी और इस पार उफनता नाला होने के कारण बरसात के समय ग्रामीण गांव में ही कैद हो जाते हैं। ग्रामीणों ने कई वर्षों से शासन-प्रशासन से पुल और सड़क निर्माण की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।स्कूल की एक बच्ची ने बताया कि हमारे गांव में केवल पांचवीं तक ही पढ़ाई होती है।
आगे की पढ़ाई के लिए हमें घोटवानी जाना पड़ता है। नाला उफान पर रहता है, फिर भी हमें जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है।स्थानीय महिला ने बताया कि अधिक बारिश होने पर नाला पूरी तरह जलमग्न हो जाता है, जिससे दूसरे गांवों से संपर्क टूट जाता है। दो बच्चे नाला में बहकर खत्म भी हो चुके हैं।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द पुल का निर्माण किया जाए।