छत्तीसगढ़
बलौदाबाजार हिंसा मामले में विधायक देवेंद्र यादव की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने 3 सितंबर तक बढ़ाई न्यायिक रिमांड
रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में 17 अगस्त को गिरफ्तार किए गए भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। कोर्ट ने विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड एक बार फिर बढ़ा दी है। सुरक्षा दृस्टि को देखते हुए मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विधायक देवेंद्र यादव की कोर्ट में पेशी हुई। इस दौरान पुलिस ने कोर्ट से फिर से सात दिनों की रिमांड की मांग की थी। पुलिस की इस मांग पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की रिमांड 7 दिनों के लिए बढ़ा दी है। वहीं पेशी के दौरान विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, पुलिस के पास विधायक यादव के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। पुलिस बेवजह ही न्यायिक रिमांड की मांग कर रही है।
बता दें कि, बलौदाबाजार पुलिस ने भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को शनिवार 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद विधायक देवेंद्र यादव को लेकर पुलिस टीम बलौदाबजार पहुंची और देर रात उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। जहां कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। वहीं आज न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद विधायक देवेंद्र यादव को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी न्यायिक हिरासत 7 दिनों के लिए बढ़ा दी गई थी।
केन्द्रीय इस्पात सचिव ने निर्माणाधीन आईओपीपी संयंत्र का किया निरीक्षण
रायपुर | इस्पात मंत्रालय में सचिव का पदभार संभालने के करीब सप्ताह भर बाद संदीप पौड्रिंक एनएमडीसी परियोजना-किंरदुल व बचेली आये थे । 24 अगस्त, शनिवार को दोपहर के बाद किंरदुल से आने के बाद एनएमडीसी बचेली गेस्ट हाउस आये, जहां बचेली परियेाजना के अधिशासी निदेशक, बी. वेंकटेश्वरलु व अन्य विभागध्यक्षों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
इस्पात सचिव ने बैलाडिला क्षेत्र की प्राकृतिक खूबसूरती की प्रसंशा की तथा निर्माणाधीन आईओपीपी प्लांट को जल्द शुरू करने के लिए अधिकारियों को कहा।
इस्पात सचिव के साथ मंत्रालय के अभिजीत नरेन्द्र, संयुक्त सचिव (आईआरटीएस),अमिताव मुखर्जी, एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अतिरिक्त प्रभार, विनय कुमार, तकनीकि निदेशक, वी. सुरेश, वाणिज्य निदेशक, शरत राजा, उपसचिव इस्पात, परमजीत सिंह, औद्योगिक सलाहाकार आये थे।
रोबोटिक और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की शिक्षा : नक्सल प्रभावित इलाकों के छात्रों को
रायपुर | छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। यही वजह है कि साय सरकार को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिल रही है। साय सरकार के आने के बाद बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया है। वहीं कई खूंखार नक्सली जवानों की जवाबी कार्रवाई में ढेर हुए हैं। इसी बीच अब नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए साय सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। नक्सल प्रभावित इलाकों के छात्रों को अब रोबोटिक और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की शिक्षा देगी। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। साय सरकार के इस फैसले से नक्सल प्रभावित इलाके के 800 बच्चों को फायदा मिलेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ अनुबंध किया है। अनुबंध के तहत पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा लागू की जाएगी। इस अवधि के दौरान 1,600 शिक्षक कक्षा छठवीं से 10 तक के 40,000 छात्रों को कौशल और जीवन कौशल की शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
साय सरकार ने नक्सल इलाकों में शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सीएम साय ने आदेश दिया है कि आदिवासी बच्चों को उनकी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में प्रदान की जाए। ऐसे में मातृभाषा जानने वाले स्थानीय शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा नियद नेल्लानार योजना भी शुरू की गई है।
संविदा शिक्षकों के नियमितिकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला रखा बरकरार,
रायपुर। संविदाकर्मियों नियमितिकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। दरअसल हाईकोर्ट ने संविदा शिक्षकों को नियमित करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ सरकार कोर्ट गयी और चुनौती दी, कि संविदाकर्मियों को नियमित करने का कोई प्रावधान ही नहीं है।पूरा मामला छत्तीसगढ़ का है। दरअसल प्रदेश के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कार्यरत संविदा शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वर्ष 2018 में दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी है।
शीर्ष अदालत ने तीन माह के भीतर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के उस निर्णय का पालन करने को कहा है। इसमें कोर्ट ने ऐसे याचिकाकर्ता सभी संविदा प्राध्यापकों को नियमित करने का निर्देश दिया है।हाईकोर्ट के फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दायर एसएलपी में कहा था कि, संविदा पर काम करने वाले इन शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
दिसंबर 2018 में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2019 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के तर्क को खारिज कर दिया है। इस अपील में सरकार ने तर्क दिया था कि, इन शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। कोर्ट में जस्टिस, बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत मिश्र और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया था। शीर्ष कोर्ट ने सिर्फ अदालती लड़ाई लड़ने वाले करीब 75 संविदा शिक्षकों को नियमित करने के आदेश दिए हैं।
यह साफ किया गया है कि कानूनी लड़ाई लड़ने वाले सभी संविदा शिक्षक ही नियमितीकरण के पात्र होंगे।गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश जारी होने के दिन से आगामी तीन माह के भीतर ही हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश का पालन करने का स्पष्ट निर्देश राज्य शासन को दिया गया है। इसके साथ ही शासन की स्पेशल लीव पिटीशन खारिज कर दी गई है। मामले में छत्तीसगढ़ शासन का पक्ष एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल भारत और अन्य ने रखा। संविदा शिक्षकों की ओर से सीनियर एडवोकेट अनूप चौधरी, एडवोकेट दीपाली पाण्डेय और अन्य अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद रहे।
गढ़िया पहाड़ पर्यटन स्थल में मिला महिला का कंकाल, जांच में जुटी पुलिस
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर का मुकुट कहे जाने वाले ऐतिहासिक पर्यटन स्थल गढ़िया पहाड़ से पुलिस ने एक नर कंकाल बरामद किया है। कंकाल के पास मिले कपड़े और पायल से महिला का शव होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।
सुबह पहाड़ पर पहुंचे लोगो ने देख इसकी सूचना पुलिस को दी। वहीं मामले पर कोतवाली थाना प्रभारी मनीष नागर का कहना है कि पहाड़ पर आने जाने वाले लोगो के माध्यम से सूचना मिली कि पहाड़ में किसी अज्ञात व्यक्ति का कंकाल पड़ा है। सूचना पर पुलिस ने पहुंच कर कंकाल को अपने कब्जे में ले लिया है।
प्रथम दृष्टया किसी अज्ञात महिला के कंकाल होने अंदेशा है. जांच के लिए फॉरेंसिक टीम की भी मदद ली जा रही है. वहीं महिला का कंकाल मिलने से आसपास के इलाके में सनसनी फैली हुई है. साथ ही पुलिस की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
एकीकृत पेंशन योजना का राज्य में पेंशनरों ने किया स्वागत : राज्य में तुरंत लागू करने की मांग
छत्तीसगढ़ शासन से इसे तुरंत लागू करने की मांग
रायपुर | केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली एकीकृत पेंशन योजना का पूर्व कर्मचारी नेता,भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने इसे कर्मचारियों की भविष्य को आर्थिक सुरक्षा देने वाला निरूपित कर स्वागत किया है और छत्तीसगढ़ राज्य में भी इसे तुरंत लागू करने हेतु मुख्यमंत्री से आग्रह किया है।
उन्होंने आगे अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया है कि इस योजना के तहत 10 साल तक सरकारी नौकरी करने वाले को 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी और 25 साल नौकरी करने वाले को पूरी पेंशन दी जाएगी | वहीं अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के समय मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को 60 प्रतिशत पेंशन दी जाएगी | अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक काम किया है तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा | सभी एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प मिलेगा | सरकार इसके लिए एरियर का भी भुगतान करेगी, जो कर्मचारी 2004 से रिटायर हो चुके हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा | केंद्र सरकार ने ये भी कहा कि अगर राज्य की सरकार यूपीएस को लागू करना चाहती हैं तो वो भी इसे लागू कर सकती हैं |
जारी विज्ञप्ति में पेंसनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश रायपुर के नेता क्रमश: वीरेन्द्र नामदेव, जे पी मिश्रा, पुरानसिंह पटेल, सुरेश मिश्रा, द्रोपदी यादव, लोचन पाण्डे, अनिल गोल्हानी, बी एस दसमेर, कुन्ती राणा, आर एन टाटी, ओ पी भट्ट, बी के वर्मा, दिनेश उपाध्याय, राकेश जैन, आई सी श्रीवास्तव, प्रदीप सोनी, रमेश नंदे, रणविजय सोनी, आर जी बोहरे, एस के चिलमवार, बी एल यादव, सी एल चंद्रवंशी, हरेन्द्र चंद्राकर, नरसिंग राम, ओ डी शर्मा, मालिकराम वर्मा, अनिल तिवारी, के जी विसेंट, रामगोपाल श्रीवास्तव, व्ही टी सत्यम, नागेन्द्र सिंह, आर डी झाड़ी, एस एन देहारी, पी एन उडक़ुड़े, जगदीश कनौजिया, एस के घाटोडे, मो कासिम, आर के नारद आदि ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किए गए निर्णय को राज्य में तुरंत लागू करने की मांग की है।
बिलासपुर से मुंबई और हैदराबाद के लिए नई फ्लाइट जल्द ही शुरू होने की संभावना
रायपुर | न्यायधानी के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है | जल्द ही बिलासपुर से मुंबई और हैदराबाद के लिए नई फ्लाइट शुरू होने की संभावना है | सूत्रों के मुताबिक इसके लिए एलाइंस एयर कंपनी ने अपनी तैयारी कर ली है | इसके लिए कराए गए सर्वे में भी कंपनी को मुंबई और हैदराबाद के लिए काफी संख्या में यात्री मिलने की उम्मीद है।
एलाइंस एयर कंपनी द्वारा बिलासपुर से संचालित सभी हवाई सेवा को मिल रहे अच्छे प्रतिसाद से उत्साहित होकर बिलासपुर से मुंबई और हैदराबाद मार्ग पर नई उड़ान प्रारंभ करने की संभावना को टटोला गया था | उक्त रूट में पर्याप्त संख्या में यात्री मिलने की पूरी संभवाना है | इसलिए एलाइंस एयर कंपनी के द्वारा किए गए, आकलन में मुंबई से जलगांव चल रही उड़ान को बिलासपुर तक बढ़ाने और हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर उड़ान के रायपुर स्टॉपेज समाप्त हो जाने के कारण उसे बिलासपुर लाने के बारे में अच्छी रिपोर्ट आई है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने उक्त संबंध में मीडिया को बताया कि एलाइंस एयर कंपनी द्वारा रायपुर में अपना सेटअप पूरी तरह समाप्त कर लिया है | इसके बाद जो उड़ान हैदराबाद से जगदलपुर होकर रायपुर तक चल रही थी | वह अब रायपुर आना बंद कर रही है | ऐसे में कंपनी को राज्य के दूसरे प्रमुख शहर बिलासपुर में अच्छी संभावनाएं दिखाई पड़ रही है | इसलिए बिलासपुर को अपने प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है | बिलासपुर से जलगांव होकर मुंबई उड़ान चालू होने पर बिलासपुर के लोगों को महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों और शिर्डी आदि जाने के लिए एक नजदीकी एयरपोर्ट उपलब्ध होगा | साथ ही साथ मुंबई की सीधी कनेक्टिविटी बिलासपुर को मिल सकेगी | इस उड़ान में करीब चार घंटे लगने की संभावना है | वहीं बिलासपुर से जगदलपुर होकर हैदराबाद की उड़ान ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी।
नक्सली उत्पात: मुखबिरी के शक में जनअदालत लगाकर निर्मम हत्या, जानें डिटेल
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के भैरमगढ़ इलाके में नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी क्रूरता का परिचय देते हुए एक ग्रामीण युवक की हत्या कर दी। नक्सलियों ने रविवार को जैगूर गांव के जंगल में जन अदालत लगाई, जिसमें युवक सीतु मंडावी को पुलिस मुखबिरी के आरोप में मौत की सज दी।
सूत्रों के अनुसार, भैरमगढ़ के जैगूर गांव के निवासी सीतु मंडावी पर 2021 से पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप था। इस आरोप के चलते नक्सलियों ने उसे जन अदालत में पेश किया, जहां ग्रामीणों के सामने उसे मौत की सजा सुनाई गई। जन अदालत के बाद उसे बंधक बनाकर रखा गया और सोमवार सुबह उसकी हत्या कर दी गई। मृतक का शव गांव के समीप जंगल में मिला, जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। घटना के बाद नक्सलियों की भैरमगढ़ एरिया कमेटी ने पर्चा जारी कर युवक की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पर्चे में नक्सलियों ने स्पष्ट किया कि सीतु मंडावी को पुलिस मुखबिरी के कारण मार दिया गया है।
भैरमगढ़ के एसडीओपी तारेश साहू ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना जांगला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आती है. ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर रवाना हुई है, लेकिन इलाके की दुर्गमता के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में समय लग रहा है. पुलिस ने बताया कि विस्तृत जानकारी पुलिस पार्टी के लौटने पर ही उपलब्ध हो पाएगी।
52 वर्षों में 53 बार रक्तदान करने वाले बजरंग गर्ग का रेड क्रॉस सोसाइटी ने किया सम्मान
बजरंग गर्ग लगभग 29 साल से कर रहे हैं रक्तदान
29 साल से प्रत्येक विश्व रक्तदान दिवस पर करते आ रहे हैं रक्तदान
रायपुर | संयुक्त जिला सूरजपुर कार्यालय के कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में संपन्न हुई की रेड क्रॉस सोसाइटी की समीक्षा बैठक में जिले के जागरूक व मानव सेवा को समर्पित व्यवसायी बजरंग गर्ग को उनके 52 वर्ष की उम्र में 53 बार रक्तदान करने के लिए राज्य रेड क्रॉस सोसाइटी मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह जनरल सेक्रेटरी एम के राऊत द्वारा सम्मानित किया गया। बजरंग गर्ग को सम्मानित करते हुए एम के राऊत ने अपने वक्तव्य में कहा कि वक्त के हर क्षण की तरह ही रक्त का प्रत्येक कण अमूल्य होता है। रक्तदान से जुड़ना, मानवता के हित में काम करना है।
रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार बजरंग गर्ग द्वारा जिले में निवासरत किसी भी नागरिक की तुलना में सर्वाधिक बार रक्तदान किया गया है। इस अवसर पर व्यवसायी बजरंग गर्ग ने बताया कि वो पिछले 29 साल से अपनी क्षमता और दूसरों की आवश्यकता के अनुरूप रक्तदान करते आए हैं। वो इस कार्य से कैसे जुड़े यह उनके लिए बता पाना कठिन है,परंतु परिवार में मानव सेवाभाव हमेशा से प्राथमिकता रही है जो कि इस कार्य के साथ जुड़ाव का एक कारण है।
उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा प्रत्येक विश्व रक्तदान दिवस पर रक्तदान किया गया है। इसके साथ ही वो हमेशा से ही दूसरों को भी रक्तदान, मानव कल्याण के कार्य के लिए जागरुक करते आ रहे हैं।
उक्त सम्मान समारोह के अवसर पर रेडक्रॉस के चेयरमेन अशोक अग्रवाल,जिला पंचायत सीईओ कमलेश नंदनी साहू , सीएमएचओ डॉ. कपिल देव पैकरा, अन्य अधिकारी व रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्य उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण किया
रायपुर | जशपुर पहुंचे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने जिला जशपुर के तालुका न्यायालय, व्यवहार न्यायालय बगीचा और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण किया और अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत हुए। मुख्य न्यायाधिपति सिन्हा व्यवहार न्यायालय बगीचा के निरीक्षण उपरांत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पहुंचने पर मुख्य न्यायाधिपति का प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर के न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अधिवक्ताओं ने स्वागत किया।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर के कोर्ट के संचालन के लिए बने विभिन्न अनुभाग अभिलेखागार, कंप्यूटर सर्वर रूम, फर्स्ट एड क्लीनिक, मालखाना, बच्चों के लिए बने किलकारी कक्ष, कुटुम्ब न्यायालय, अधिवक्ता कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण किया और अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों से चर्चा के दौरान कहा कि मैं लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय कर बिलासपुर से आप लोगों से मिलने और आप लोगों की समस्याओं से अवगत होने के लिए आया हूं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में बने न्यायालय में जाकर वे वहां की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं, ताकि वहां पर किसी भी प्रकार की कमी हो तो सुधार किया जा सके और न्याय व्यवस्था आम नागरिकों के लिए सुलभ हो सके। मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने किलकारी कक्ष के निरीक्षण के दौरान वहां पर मौजूद कक्षा पहली में पढ़ने वाले मयंक यादव से बात की और उसे उपहार प्रदान करते हुए उक्त बालक के साथ फोटो भी लिया। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश हिरेन्द्र सिंह टेकाम भी मुख्य न्यायाधिपति के साथ मौजूद रहे।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने अधिवक्ताओं से चर्चा के दौरान कहा की वे यहां पहली बार आ रहे हैं। जशपुर जिले का नैसर्गिक सौंदर्य सहज ही आकर्षित करने वाला है, जशपुर जिला छत्तीसगढ का कश्मीर है। मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने कहा कि न्याय की व्यवस्था को सुदूर अंचल तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को डिजिटल किया गया है ताकि किसी भी स्थान से अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी अपने प्रकरण में जिरह कर सकें। अन्य सुविधा के लिए मोबाईल एप भी बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से सुदूर अंचल के निवासी एवं गरीब पक्षकार भी लाभ प्राप्त कर समय एवं पैसे का बचत कर सके।
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने जशपुर जिले के व्यवहार न्यायालय कुनकुरी के न्यायालय एवं सभी अनुभाग का निरीक्षण भी किया एवं अधिवक्ताओं से सौजन्य मुलाकात किया। मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उक्त न्यायालयों के रख-रखाव एवं व्यवस्था पर संतुष्टि व्यक्त किया एवं भविष्य में अधिक बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम सुधार हेतु प्रोत्साहित किया।
निरीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के रजिस्ट्रार जनरल बलराम प्रसाद वर्मा, संयुक्त रजिस्ट्रार सह पीपीएस एम.वी.एल.एन. सुब्रहमन्यम, प्रोटोकॉल ऑफिसर आर.एस. नेगी एवं पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह एवं पुलिस के अन्य अधिकारी, कमर्चारी, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारी, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भागवत नारायण सिंह सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर, व्यवहार न्यायालय कुनकुरी एवं व्यवहार न्यायालय बगीचा के न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ में खरीफ 2024 हेतु डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए महासमुंद सहित धमतरी, और कबीरधाम जिले का चयन
डिजिटल फसल सर्वेक्षण का कार्य आगामी 9 सितंबर से प्रारंभ होकर 30 सितंबर तक पूरा किया जाएगा
रायपुर | भारत सरकार कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में महासमुंद सहित धमतरी, और कबीरधाम जिलों को खरीफ 2024 हेतु डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया गया है। इस परियोजना के तहत, प्रत्येक ग्राम में खरीफ 2024 में लगाये गये फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। प्रत्येक जिले में डिजिटल फसल सर्वेक्षण का कार्य 9 सितंबर 2024 से प्रारंभ होकर 30 सितंबर 2024 तक पूरा किया जाएगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल तकनीक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे फसल उत्पादन के आंकड़ों की सटीकता और पारदर्शिता बढ़ेगी।
संबंधित जिलों के कलेक्टरों को यह अधिकार दिया गया है कि यदि मुख्यालय तहसील से भिन्न किसी तहसील का चयन आवश्यक हो तो वह 25 अगस्त 2024 तक इसकी सूचना प्रदान करें। सर्वेक्षण कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को 31 अगस्त 2024 तक प्रशिक्षण पूरा करना होगा। सर्वेक्षण कर्ताओं का चयन 30 अगस्त 2024 तक किया जाएगा और इन्हें 7 सितंबर 2024 तक अनिवार्य रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
सर्वेक्षण कार्य के लिए चयनित होने वाले कर्ताओं के लिए कुछ आवश्यक योग्यताएँ निर्धारित की गई हैं। प्रत्येक सर्वेक्षण कर्ता का 10वीं पास होना अनिवार्य है, जबकि कृषि स्नातक, विज्ञान स्नातक, विज्ञान से 12वीं पास, 12वीं पास, और 10वीं पास उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, सर्वेक्षण कर्ताओं के पास एंड्रॉयड मोबाइल (वर्जन 9 या इससे अधिक) और इंटरनेट कनेक्टिविटी होनी चाहिए। चयनित कर्ताओं का संबंधित ग्राम का निवासी होना आवश्यक है। किसी ग्राम में पर्याप्त संख्या में योग्य उम्मीदवार न मिलने पर निकटवर्ती ग्राम के निवासी या कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि महाविद्यालय या उद्यानिकी महाविद्यालय के विद्यार्थियों को चयनित किया जा सकता है। प्रत्येक ग्राम में अधिकतम 20 सर्वेक्षणकर्ताओं का चयन किया जाएगा।
प्रत्येक सर्वेक्षण कर्ता को प्रति खसरा 10 रुपये का मानदेय प्रदान किया जाएगा, जो कि एप के माध्यम से सही सर्वेक्षण और डेटा अपलोड करने के बाद स्वीकृति पर आधारित होगा। यदि कोई भूस्वामी या कृषक स्वयं अपने खाते का सर्वेक्षण करता है, तो उसे इस कार्य के लिए कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा।
सर्वेक्षण कर्ताओं का कार्य आवंटन तहसीलदार या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रतिदिन किया जाएगा, जिसमें पहले दिन 25 खसरों का सर्वेक्षण सौंपा जाएगा।सर्वेक्षण कार्य का पर्यवेक्षण संबंधित हल्का पटवारी द्वारा प्रतिदिन किया जाएगा, जबकि प्रविष्टियों का सत्यापन राजस्व निरीक्षक द्वारा दो दिनों के भीतर किया जाएगा। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के सभी कार्यों की जाँच शीघ्र-अतिशीघ्र तहसीलदार या नायब तहसीलदार द्वारा की जाएगी।
सर्वेक्षण के कार्यों की सतत् समीक्षा तहसील स्तरीय और जिला स्तरीय समितियों द्वारा की जाएगी, जिनके गठन के निर्देश कार्यालय आयुक्त, भू-अभिलेख, छत्तीसगढ़ द्वारा दिए गए हैं। इसके अलावा, संबंधित जिला कलेक्टरों को समय-सीमा के भीतर सभी कार्यों का गुणवत्तापूर्ण संपादन सुनिश्चित करने और हर बुधवार को साप्ताहिक प्रगति की जानकारी विभाग को प्रेषित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गिरौधपुरी धाम में गुरु बालकदास जी की जयंती के अवसर पर होने वाले तीन दिवसीय मेले की तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर सोनी पहुंचे
रायपुर | संत शिरोमणि गुरु घासीदास जी के द्वितीय सुपुत्र एवं उनके उत्तराधिकारी रहे गुरु बालकदास जी की जयंती के अवसर पर गिरौधपुरी धाम में होने वाले तीन दिवसीय (25 से 27अगस्त 2024) मेला की तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर दीपक सोनी शनिवार को गिरौधपुरी धाम पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम बाबा गुरु घासीदास और बाबा बालकदास के मंदिर में पूजा -अर्चना कर जिलेवासियो की खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया।
इसके पश्चात मंदिर के पुजारी से मेला के संबंध में जानकारी लेते हुए एसडीएम व तहसीलदार को मेले के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मेला स्थल पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग -अलग बैरिकेटिंग बनाने, पीने के पानी का पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था करने, दर्शन करने गिरौधपुरी आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने की उचित व्यवस्था, पूरे परिसर को सीसीटीवी कैमरे से सतत निगरानी करने, परिसर में प्रकाश के लिए लाइट की व्यवस्था, बारिश की संभावना को देखते हुए उसके अनुसार समुचित व्यवस्था करने, मेला स्थल पर मेडिकल टीम की तैनाती, मंदिर की सीढ़ियों में कालीन लगाने जिससे कि दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। इन सभी की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने एसडीएम व तहसीलदार को निर्देशित किया। कलेक्टर दीपक सोनी ने मंदिर के पुजारी से बात करते हुए कहा कि मनखे -मनखे एक समान का पालन करते हुए और बाबा साहब के शांति के मार्ग में चलते हुए शांतिपूर्वक और सौहार्द्रपूर्ण ढंग से मेला का कार्यक्रम आयोजित हो इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह आप सभी के साथ है।
इस दौरान एसडीएम आर. आर. दुबे सहित तहसीलदार, पटवारी, मंदिर के प्रमुख पुजारी राजेश कुमार मिरी, पुजारी नारायण बर्मन, मोहन बंजारे, गुहाराम सोनवानी, कौशल प्रसाद मिरी, मेला स्थल संरक्षक कृष्णा मिरी सहित अन्य सामाजिक जन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों विशेषकर सभी माताओं को हलषष्ठी (कमरछठ) की शुभकामनाएं दी
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों विशेषकर सभी माताओं को हलषष्ठी (कमरछठ) की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा है कि भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में हलषष्ठी मनाई जाती है। छत्तीसगढ़ में यह त्यौहार कमरछठ के नाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों और मंदिरों में तालाब के प्रतिरूप स्वरूप सगरी बनाई जाती है। महिलाएं इकट्ठा होकर पसहर चावल, काशी फूल, महुआ पत्ते, लाई अर्पित कर भगवान शिव और सगरी की पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपने बच्चों के स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। मुख्यमंत्री ने कामना की है कि सभी माताओं की कामना पूरी हो, सभी बच्चे स्वस्थ और खुशहाल रहें।
निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और एमएस, एमडी (पीजी) का फीस पुनरीक्षित
पार्किंग का निजी उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई, निगम का नोटिस जारी
रायपुर। बिलासपुर नगर निगम ने पार्किंग सुविधाओं के निजी और व्यावसायिक उपयोग को लेकर 67 भवन मालिकों को नोटिस जारी किया है। नोटिस मिलने के बाद भवन मालिकों में हड़कंप मच गया। बता दें निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर भवन शाखा ने नोटिस जारी किया हैं। बताया गया कि, 3 दिन के भीतर पार्किंग को खाली कर उपयोग नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कई स्कूल, अस्पताल, कॉम्प्लेक्स और शोरूम बिना पार्किंग की व्यवस्था के चलाए जा रहे हैं, और पार्किंग क्षेत्रों को अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। जिसके चलते नगर निगम ने कार्रवाई करने के निर्देश जारी किया हैं। वहीं निगम ने शहर के उन 67 भवनों की पहचान की है, जो पार्किंग का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। अब इन भवनों को पार्किंग की स्थिति को सामान्य करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार किया जा सके। बता दें 3 दिन के भीतर पार्किंग को खाली कर उपयोग नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महामहिम राष्ट्रपति से सरगुजा संभाग की छात्राओं ने की सौजन्य मुलाकात : मुख्यमंत्री साय एवं प्रशासन के प्रति जताया आभार
रायपुर | सरगुजा संभाग के सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर और बलरामपुर जिले की पांच छात्राओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर राजधानी दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों का कुशल क्षेम जानते हुए उनका उत्साह वर्धन किया और सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी। इस सुनहरे अवसर के लिए छात्राओं ने बेहद उत्साह के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
पढ़ाई के साथ साथ खेल, संगीत तथा अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर छात्राओं का चयन किया गया जिसमें सरगुजा से कस्तूरबा आवासीय विद्यालय लखनपुर की छात्रा ज्योति, जशपुर जिले से रिया एवं रजनी चौहान, सूरजपुर से नंदिनी किंडो और बलरामपुर से प्रशंसा शामिल रहीं। राज्य कार्यालय द्वारा सरगुजा संभाग के बच्चों के साथ प्रभारी के रूप में अधीक्षिका अनुराधा सिंह का चयन कर दिल्ली भेजा गया।
महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा छात्राओं से मुलाक़ात के दौरान उन्हें रक्षाबंधन की बधाई दी गई तथा रक्षाबंधन पर्व के महत्व के बारे में बताते हुए छात्राओं से उनके पढ़ाई और जीवन के लक्ष्य के बारे में जानकारी लेकर लक्ष्य प्राप्ति हेतु ईमानदारी से प्रयास का सुझाव दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहां के प्राकृतिक सौंदर्य तथा अन्य विशिष्टता के बारे में छात्राओं से जानकारी ली। छात्राओं ने उन्हें राखी बाँधते हुए उपहार भी दिए।
पहली बार राष्ट्रपति से मुलाकात और देश की राजधानी नई दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थलों के भ्रमण से छात्राएं काफ़ी रोमांचित तथा उत्साहित रहीं। गुरुवार को रायपुर को वापस लौटी छात्राओं ने एमडी समग्र शिक्षा संजीव झा एवं एससीईआरटी डायरेक्टर राजेंद्र कटारा, उप संचालक समग्र शिक्षा राजेश सिंह एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और राष्ट्रपति भवन एवं दिल्ली की सुनहरी यादों सहित पहली विमान यात्रा के अनुभव को शेयर करते हुए इस अवसर को प्रदाय करने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी बच्चों की हौसला आफ़ज़ाई करते हुए भविष्य में भी पढ़ाई के साथ साथ अन्य सभी क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने प्रेरित किया जिससे भविष्य में इस तरह के अवसर पुनः मिल सके।
जिला कलेक्टर विलास भोसकर, सीईओ ज़िला पंचायत नूतन कंवर, संयुक्त संचालक शिक्षा संजय गुप्ता, डीईओ अशोक सिन्हा एवं डीएमसी रविशंकर तिवारी द्वारा अधीक्षिका एवं छात्राओं को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी तथा भविष्य में भी इसी प्रकार उत्कृष्ट कार्य करते रहने हेतु प्रेरित किया है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने किया जिला एवं सत्र न्यायालय, बिलासपुर का औचक निरीक्षण