देश-विदेश
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने अखिल भारतीय विद्युत सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
इस वर्ष विद्युत सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का विषय था " सुरक्षा स्कूल से आरंभ होती है"।
छात्रों के लिए विद्युत सुरक्षा पुस्तिका" का विमोचन
नई दिल्ली | केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), विद्युत मंत्रालय ने नेशनल फेडरेशन ऑफ इंजीनियर्स फॉर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी (एनएफईईएस) के सहयोग से और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के समर्थन से विशेष रूप से स्कूली छात्रों के लिए डिजाइन किए गए अखिल भारतीय विद्युत सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसे “विद्युत सुरक्षा दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
उत्तरवर्ती सप्ताह को राष्ट्रीय विद्युत सुरक्षा सप्ताह (एनईएसडब्ल्यू) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विद्युत सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का विषय था " सुरक्षा स्कूल से आरंभ होती है"।
इस आयोजित कार्यक्रम में बिजली सीपीएसयू, जिला प्रशासन, एनपीटीआई, तेल विनिर्माण कंपनियों, टीपीडीडीएल, सीपीडब्ल्यूडी और अन्य हितधारकों के 150 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ-साथ दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के 50 से अधिक छात्रों ने प्रतिभागिता की। अखिल भारतीय विद्युत सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम जनता के बीच सुरक्षा और जागरूकता की संस्कृति को प्रोत्साहन देने में अर्थपूर्ण है। साथ ही, हमारी युवा पीढ़ी को भी विद्युत अग्नि सुरक्षा के बारे में जागरूक करता है।
अपने मुख्य भाषण में, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने कहा कि यह कार्यक्रम काफी समय से प्रतीक्षित था और आम जनता, विशेषकर छात्रों के बीच विद्युत सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण था। स्कूलों में विद्युत सुरक्षा ज्ञान और कार्यप्रणालियों की एक मजबूत आधारशिला रखते हुए, हम अपने युवाओं को निर्णय लेने और घर, स्कूल और उसके बाहर सुरक्षित वातावरण में योगदान हेतु सशक्त बनाते हैं।
इस आयोजित कार्यक्रम में, गणमान्य वरिष्ठ अधिकारी, सदस्य (योजना), सीईए, ए बालन, सदस्य (विद्युत प्रणाली), ए के राजपूत, प्रधान मुख्य अभियंता, सीईए, महिपाल सिंह, महानिदेशक, एनपीटीआई, डॉ. तृप्ता ठाकुर, सीईआई, सीईए, ऋषिका शरण, बीआईएस, ईटीडी प्रमुख, ए. के. महाराणा और सलाहकार-एनएफई और पूर्व सीईओ, एनएबीसीबी अनिल जौहरी, ने भी प्रतिभागियों को विद्युत सुरक्षा के महत्व पर संबोधित किया।
इस आयोजित कार्यक्रम में सीईए के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद के द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में “विद्युत सुरक्षा पुस्तिका” शीर्षक से पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसे नेशनल फेडरेशन ऑफ इंजीनियर्स फॉर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी (एनएफईईएस) द्वारा तैयार किया गया है। यह छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य कर सकती है। आधारभूत विद्युत सिद्धांतों को समझने से संभावित खतरों को जानने और उनके रोकथाम के लिए सर्वोत्तम कार्यशैलियों को कार्यरूप में लाने में, यह पुस्तिका सुलभ और सरल रूप से आवश्यक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करती है।
किसी भी प्रकार की सुरक्षा स्कूल से आरंभ होती है | स्कूलों में विद्युत सुरक्षा ज्ञान और कार्यप्रणालियों की एक मजबूत आधारशिला रखते हुए खास कर बरसात के मौसम में, हम अपने युवाओं को निर्णय लेने और घर, स्कूल और उसके बाहर सुरक्षित वातावरण में योगदान हेतु सशक्त बनाते हैं।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना के डी5 मोटर साइकिल अभियान दल को झंडी दिखाई
यह अभियान भारतीय सेना द्वारा 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है
नई दिल्ली | सेना प्रमुख (सी. ओ. ए. एस.) जनरल मनोज पांडे ने नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से भारतीय सेना के डी5 मोटरसाइकिल अभियान दल को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभियान भारतीय सेना द्वारा 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सेना के उप प्रमुख, वरिष्ठ सेवारत अधिकारी, कारगिल युद्ध से जुड़े पूर्व अधिकारी, वीर नारियां और पूर्व सैनिक शामिल हुए। झंडी दिखाने से पहले, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अभियान दल के सदस्यों के साथ परस्पर बातचीत की और टीम लीडर को मोटरसाइकिल अभियान का झंडा सौंपा। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष अर्चना पांडे ने कार्यक्रम के दौरान वीर नारियों को सम्मानित किया।
यह अखिल भारतीय अभियान 12 जून, 2024 को देश के तीन कोनों-पूर्व में दिनजन, पश्चिम में द्वारका और दक्षिण में धनुषकोडी से आरंभ हुआ था। आठ मोटरसाइकिल सवार तीन टीमों ने दिल्ली पहुंचने से पहले विविध क्षेत्रों और चुनौतीपूर्ण मार्गों से गुजरते हुए यात्रा की। पूर्व सी. ओ. ए. एस. जनरल दीपक कपूर (सेवानिवृत्त) ने 26 जून, 2024 को दिल्ली कैंट में टीमों को झंडी दिखाई थी। जनरल दीपक कपूर ने कारगिल युद्ध के दिग्गजों की उनकी बहादुरी के लिए सराहना की, अभियान टीमों की प्रशंसा की और प्रायोजकों द्वारा दिए गए समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में सेवारत अधिकारियों, कारगिल युद्ध के दिग्गजों, वीर नारियों और परिवारों सहित लगभग 500 व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
दिल्ली के बाद अब टीमें द्रास के लिए दो अलग-अलग मार्गों से आगे बढ़ रही हैं। एक टीम अंबाला, अमृतसर, जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर से होकर 1,085 किलोमीटर की दूरी तय करेगी है जबकि दूसरी टीम चंडीमंदिर, मनाली, सरचू, न्योमा, तांगत्से और लेह से होकर 1,509 किलोमीटर की दूरी तय करेगी है। इस अभियान का समापन द्रास के गन हिल पर होगा, जो कारगिल युद्ध के दौरान अपने सामरिक महत्व के लिए इतिहास में दर्ज है। अभियान दल के सदस्य अपने रूट के दौरान रास्ते में रहने वाले कारगिल युद्ध के नायकों, दिग्गजों और वीर नारियों से संपर्क करेंगे, युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जागरूकता बढ़ाएंगे और युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
अभियान का नेतृत्व तोपखाना रेजिमेंट कर रही है जिसने ऑपरेशन विजय में सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अभियान दल के सदस्य जब द्रास में अपने गंतव्य की ओर पहुंच रहे होंगे, उनके साथ साहस, त्याग और देशभक्ति की कहानियां भी जुड़ चुकी होंगी।
यह अभियान दल कारगिल युद्ध नायकों की बहादुरी और बलिदान के प्रति एक श्रद्धांजलि है और भारतीय सेना की स्थायी भावना का प्रतीक भी है। इस कार्यक्रम को हीरो मोटोकॉर्प, एचपीसीएल, अपोलो हॉस्पिटल्स, इफको और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के रूप में प्रायोजित किया जा रहा है।
‘निर्णय लेने के लिए डेटा उपयोग’ विषय के साथ 29 जून 2024 को “सांख्यिकी दिवस” मनाया जाएगा
नई दिल्ली | सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर (दिवंगत) प्रशांत चंद्र महालनोबिस के उल्लेखनीय योगदान के सम्मान में, भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 29 जून को उनकी जयंती के अवसर पर इसे राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिवसों की श्रेणी में रखते हुए "सांख्यिकी दिवस" के रूप में नामित किया है। सांख्यिकी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के संदर्भ में विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच जन जागरूकता जगाना है।
2007 से, हर वर्ष समकालीन राष्ट्रीय महत्व के विषय के साथ सांख्यिकी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस बार के सांख्यिकी दिवस, 2024 का विषय "निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग" है। डेटा संचालित निर्णय लेने की अवधारणा किसी भी क्षेत्र में सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है और यह आधिकारिक सांख्यिकी से निकलने वाली सांख्यिकीय जानकारी की बेहतर समझ और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की सुविधा के लिए पूर्व-आवश्यकताओं में से एक है।
सांख्यिकी दिवस, 2024 का मुख्य कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर और नई दिल्ली में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग भी कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों आदि जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम को मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से वेब-कास्ट/लाइव स्ट्रीम भी किया जाएगा।
इस अवसर पर स्नातकोत्तर छात्रों के लिए 'ऑन द स्पॉट निबंध लेखन प्रतियोगिता, 2024' के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के दौरान सतत विकास लक्ष्य-राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट, 2024 भी जारी की जाएगी। रिपोर्ट के साथ ही सतत विकास लक्ष्य-राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा, 2024 और सतत विकास लक्ष्य-राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा, 2024 पर डेटा स्नैपशॉट भी जारी किया जाएगा।
उपयोगकर्ताओं तक आधिकारिक सांख्यिकी के प्रभावी और कुशल प्रसार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय आधिकारिक सांख्यिकी के लिए ई-सांख्यिकी नामक एक डेटा पोर्टल विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है, इसमें महत्वपूर्ण सूक्ष्म संकेतकों के समय श्रृंखला डेटा और मंत्रालय की डेटा परिसंपत्तियों की सूची भी होगी। इस कार्यक्रम के दौरान ई-सांख्यिकी पोर्टल और सेंट्रल डेटा रिपॉजिटरी का भी शुभारंभ किया जाएगा।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र के दौरान विशेषज्ञ/वक्ता विषय पर संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण/संभाषण देंगे।
दिल्ली में बारिश ने सर्द लहजे के साथ दस्तक दी : तोड़ा 88 साल का रिकॉर्ड, सड़कें जलमग्न, कई जगहों पर टूटे पेड़ और डूबीं गाड़ियां
पिछले 24 घंटों में सफदरजंग बेस स्टेशन पर 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई
स्पाइसजेट और इंडिगो ने खराब मौसम का हवाला देते हुए उड़ानों के लिए सलाह जारी की
दिल्ली | चिलचिलाती गर्मी और गर्म हवाओं के मौसम के बाद जब बारिश ने सर्द लहजे के साथ दस्तक दी तो हर किसी के चेहरा खिल उठा। लेकिन शुक्रवार की सुबह से बरस रहे बादल राजधानी दिल्ली की व्यवस्थाओं के लिए हर बार की तरह आफत बनते दिख रहे हैं। शहर की सड़कों पर बहता पानी और रुकी हुई गाड़ियों ने सरकारी इंतिज़ाम की पोल खोल कर रख दी है। इतनी बारिश कि रिकॉर्ड तक कायम हो गया।
जानकारी ऐसी है कि 88 साल बाद जून के महीने ने इतनी बारिश देखी है। जब सुबह बारिश शुरू हुई तो खबर आई कि आईजीआई एयरपोर्ट पर छत का एक हिस्सा गिर गया। जिससे एक शख्स की मौत भी हो गई। आम लोगों को हो रही ऐसी दिक्कतों से जुड़ी खबरें कई और जगह से भी सामने आ रही हैं।
दिल्ली में कई जगह लंबा ट्रैफिक जाम है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में सफदरजंग बेस स्टेशन पर 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। सुबह 2.30 बजे से 5.30 बजे तक सफदरजंग स्टेशन पर 148.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
भारी बारिश के कारण दिल्ली में कई जगह जलभराव हो गया, कई रिहायशी कॉलोनियों में बिजली गुल हो गई है और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ। मेट्रो की गति भी काफी धीमी है।
स्पाइसजेट और इंडिगो ने खराब मौसम का हवाला देते हुए उड़ानों के लिए सलाह जारी की है। स्पाइसजेट ने एक्स पर एक पोस्ट में घोषणा की, “दिल्ली (डीईएल) में खराब मौसम के कारण सभी प्रस्थान/आगमन और उनकी परिणामी उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।” नोएडा और गुरुग्राम के भी कई इलाकों में पानी भर गया है। इससे लोगों को सुबह ऑफिस जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। राजीव चौक इलाके में पानी भरने से कई गाड़ियां फंस गईं हैं।
छात्रवृत्ति से संबंधित लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण करें: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति से संबंधित विगत वर्ष के लंबित प्रकरणों का कार्य योजना बनाकर तत्काल निराकरण किया जाए। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए छात्रवृत्ति में आवेदन के सत्यपान, पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और छात्रवृत्ति वितरण की समय सीमा निर्धारित की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला लोक सेवा प्रबंधक और लीड बैंक मैनेजर आवश्यक समन्वय सुनिश्चित कर जिला स्तर पर अभियान चलाए जिससे छात्रों को आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में समस्या न हो। इसके साथ ही छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे अपात्र विद्यार्थियों का परीक्षण शिक्षण संस्थावार किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव महाविद्यालय और शाला स्तर पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण आवश्यक है। अन्य राज्यों में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए बनाई जा रही प्रक्रिया का अध्ययन कर सामान्य प्रशासन विभाग अन्य संबंधित विभागों की टॉस्क फोर्स बनाकर कर प्रकिया के सरलीकरण के लिए तत्काल कार्रवाई करें। इसके साथ ही सभी व्यवसायिक व प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचित जाति जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी उपलब्धियाँ अर्जित करें, इस उद्देश्य से प्रभावी कार्य योजना बनाई बनाई जाए।
बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के युवाओं की होमगार्ड तथा पुलिस में भर्ती को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए। शिक्षा पोर्टल से 6 विभागों की 20 प्रकार की छात्रवृत्ति की स्वीकृति प्रदान की जाकर वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में 64 लाख विद्यार्थियों को लगभग 330 करोड़ की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। वर्ष 2024-25 में अब तक 92 लाख नामंकन हो चुके हैं।
रॉयल सऊदी नौसेना बल के प्रशिक्षु, प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) में शामिल हुए
नई दिल्ली | रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज (आरएसएनएफ) के किंग फहद नेवल अकादमी के 76 प्रशिक्षु 24 जून 2024 को दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में भारतीय नौसेना के प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन, (1टीएस) में शामिल हुए। यह प्रशिक्षुओं का दूसरा बैच है, जो प्रशिक्षु प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) के साथ प्रशिक्षण लेगा। पहला बैच मई-जून 2023 में इसी तरह का प्रशिक्षण ले चुका है।
इस अवसर पर, प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) के वरिष्ठ अधिकारी, कैप्टन अंशुल किशोर ने प्रशिक्षुओं का स्वागत किया और चार सप्ताह तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में मूलभूत नाविक गतिविधियों से लेकर बंदरगाह चरण के दौरान सिम्युलेटर आधारित प्रशिक्षण तक शामिल है, जबकि समुद्री चरण-समुद्र में जीवन की बारीकियों के व्यावहारिक प्रदर्शन पर केंद्रित है।
प्रशिक्षुओं को प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) के पाल प्रशिक्षण जहाज पर पाल प्रशिक्षण से भी परिचित कराया जाएगा।
रॉयल सऊदी नेवल फोर्सेज (आरएसएनएफ) प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण 107 एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (आईओटीसी) के भारतीय नौसेना प्रशिक्षुओं के साथ आयोजित किया जा रहा है। इससे दोनों समुद्री देशों के प्रशिक्षुओं के बीच सौहार्द और आपसी समझ को बढ़ावा मिलता है। आरएसएनएफ के चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल फहद अब्दुल्ला एस.अल-घोफैली ने 24 जनवरी को भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान दक्षिणी नौसेना कमान का दौरा किया था। दोनों नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण सहयोग भारत और सऊदी अरब के बीच दीर्घकालिक मित्रता और साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आसन पर फिर ओम बिरला : ध्वनिमत से लोकसभा स्पीकर चुने गए
नई दिल्ली | ओम बिरला दूसरी बार फिर से लोकसभा स्पीकर चुने गए हैं | बिरला को ध्वनिमत से 18वीं लोकसभा का नया स्पीकर चुना गया | जिसके बाद पीएम मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी उन्हें आसन तक लेकर पहुंचे |
ओम बिरला का ताल्लुक राजस्थान के कोटा से है | उन्होंने कोटा बूंदी लोकसभा सीट से तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता है | बीजेपी से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजन को 41974 वोटों से शिकस्त देकर वह लगातार तीसरी बार संसद पहुंचे हैं | RSS का गढ़ माने जाने वाले कोटा के चुनावी मैदान में बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर फिर से भरोसा जताया था | जो उन्होंने भी टूटने नहीं दिया | वह कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी जी के बाद लगातार तीन बार विधानसभा और तीन बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले नेता हैं |
ओम बिरला 2003 से अब तक कोई भी चुनाव हारे नहीं हैं | साल 2003 में उन्होंने कोटा से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी | साल 2008 में उन्होंने कोटा दक्षिण सीट से कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को शिकस्त दी थी | साल 2013 में उन्होंने तीसरी बार कोटा दक्षिण सीट से चुनाव जीता था | लोकसभा चुनाव उन्होंने पहली बार साल 2014 में लड़ा और विजयी भी हुए | तब से लेकर अब तक यानी कि 2019 और 2024 में उन्होंने जीत का ही स्वाद चखा है हमेशा | साल 2019 में बीजेपी ने जब उनको स्पीकर बनाया, तो हर कोई हैरान रह गया | लंबा संसदीय अनुभव न होने के बाद भी ओम बिरला ने जिस तरह से सदन को चलाया, वह तारीफ-ए-काबिल रहा |
ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को राजस्थान के कोटा शहर में हुआ था | उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिरला और माता का नाम शकुन्तला देवी था | 11 मार्च 1991 को उन्होंने डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की | आकांक्षा और अंजलि बिरला नाम की उनकी दो बेटियां हैं उनकी | ओम बिरला की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने साल 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एम.कॉम. की डिग्री हासिल की थी |
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने एसबीएम-यू 2.0 के तहत ‘सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ’ पहल शुरू की
इस पहल का उद्देश्य मानसून के मौसम के दौरान स्वच्छता और बीमारियों से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए शहरी स्थानीय निकायों की तैयारी को बढ़ाना है
नई दिल्ली | मानसून आते ही साफ-सफाई और स्वच्छता संबंधी चुनौतियां बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही जलजनित और वेक्टर जनित बीमारियां भी फैल जाती हैं। मानसून से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए सक्रिय उपायों के महत्व को पहचानते हुए, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0 के तहत सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ (एसएबीबी) 1 जुलाई से 31 अगस्त, 2024 तक चलने वाली पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों की तैयारियों को बढ़ाना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे जून से अगस्त के महीनों के दौरान भारी बारिश के कारण स्वास्थ्य जोखिमों से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 'डायरिया रोको अभियान'- 'डायरिया की रोकथाम, सफ़ाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान' के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य मानसून के मौसम में सफ़ाई और बीमारियों से जुड़ी बहुआयामी चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच सहयोगात्मक प्रयास और अंतर-क्षेत्रीय तालमेल स्थापित करना है। यह समय की मांग है कि शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में सफ़ाई और स्वच्छता के बारे में विभिन्न पहलों के माध्यम से एक व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जाए।
सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ पहल में स्वच्छता, हिमायत और अंतर-विभागीय तालमेल पर ध्यान केंद्रित करने वाले व्यापक उपायों की आवश्यकता है, जिन्हें सभी शहरी स्थानीय निकायों द्वारा लागू किया जाना है। इस अभियान के प्रमुख तत्वों में विशेष सफाई अभियान, कचरे का संग्रह, परिवहन, सभी सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई, बच्चों के लिए स्वच्छता और साफ सफाई सुविधाएं, पानी की गुणवत्ता का पर्याप्त नमूनाकरण, सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति, जल कार्यों का रखरखाव, आईईसी और घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने की योजना बनाना शामिल हैं। इस पहल में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए तेजी से आकलन करना, सुरक्षा रोकथाम उपचार रणनीति (पीपीटीएस) को अपनाना और समन्वय व निगरानी करना भी शामिल हैं।
आठ सप्ताह तक चलने वाली मानसून-पूर्व और मानसून के दौरान तैयारियों की गतिविधियों में डायरिया प्रबंधन पर विभिन्न कार्यक्रम शुरू करना, बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अभियान, स्थानीय समुदायों, संगठनों और सरकारी अधिकारियों को जल प्रबंधन, स्वच्छता और सफाई, जागरूकता के बारे में प्रशिक्षण, सभी स्वच्छता कर्मियों को सुविधाओं प्रदान करना तथा स्थानीय गैर सरकारी संगठनों, सामुदायिक समूहों और निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करना शामिल होगा। सामुदायिक भागीदारी और जन जागरूकता, सामुदायिक जुड़ाव और शिक्षा, वर्षा जल संचयन, मानसून के बाद रखरखाव योजना और एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
"अगले 5 वर्षों में भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी": केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
7.48 गीगावाट की स्थापित क्षमता 2029 तक 13.08 गीगावाट हो जाएगी: डॉ. सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए"
नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां परमाणु ऊर्जा विभाग की 100 दिवसीय कार्य योजना की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा “भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता अगले पांच वर्षों में लगभग 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी।”
यह केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा मोदी सरकार 3.0 में मंत्री के रूप में पुनः कार्यभार संभालने के बाद आयोजित पहली परमाणु ऊर्जा से संबंधित बैठक है।
ऊर्जा परिदृश्य में परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "7.48 गीगावॉट की स्थापित क्षमता 2029 तक 13.08 गीगावॉट हो जाएगी, जो 7 नए रिएक्टरों के जुड़ने से 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। उन्होंने पहले से चल रही परियोजनाओं का भी जायजा लिया और आगामी योजनाओं के लिए दिशा-निर्देश दिए।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विभाग को क्षमता निर्माण और ज्ञान, संसाधनों और विशेषज्ञता को साझा करके पूर्ण क्षमता का दोहन करने के लिए एकीकृत सहयोग करने का निर्देश दिया। मंत्री ने प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।" उन्होंने याद दिलाया कि इस सरकार ने, सहयोग के माध्यम से बजट में वृद्धि करके, अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों का उपयोग और सहयोग में वृद्धि करके सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ संयुक्त उपक्रमों की अनुमति दी है। अनुसंधान में आसानी और गतिविधियों को बढ़ाने पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम आसान विज्ञान को बढ़ावा देने और परमाणु प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग द्वारा नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए एकल बिंदु अनुमोदन दे रहे हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि विभाग कैप्टिव परमाणु ऊर्जा उत्पादन में भारत लघु रिएक्टर (बीएसआर) का उपयोग करने के लिए 220 मेगावाट दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) को डिजाइन कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि डीएई कैलेंड्रिया को प्रेशर वेसल द्वारा प्रतिस्थापित करके हल्के जल-आधारित रिएक्टरों का उपयोग करने के लिए भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) 220 मेगावाट पर भी काम कर रहा है।
डॉ. जीतेंद्र सिंह के अनुसार, भाविनी सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर की प्रारंभिक ईंधन लोडिंग को पूरा करने का काम प्रगति पर है और आने वाले महीनों में इसकी पहली क्रिटिकैलिटी की ओर बढ़ने की उम्मीद है। यह पहला फास्ट ब्रीडर रिएक्टर है जो अपनी खपत से ज़्यादा ईंधन का उत्पादन करता है।
पीएम मेगा टेक्सटाइल पार्क परियोजना के क्रियान्वयन को गति दी जाए - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धार जिले में इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल और अपैरल पार्क के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 500 करोड़ रुपए की परियोजना से जुड़ी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाए। पीएम मेगा टेक्सटाइल पार्क में 21 इकाईयों द्वारा 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संबंधित एजेंसियां तत्परता से अपनी भूमिका का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। इस में मुख्यमंत्री डा. यादव ने उद्योगों के विकास के लिए समेकित योजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रस्तावित औद्योगिक नीति पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में विभिन्न औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा मंजूरियां प्राप्त हुई हैं। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए तेजी से कार्य करना है। वृहद परियोजनाओं में पीथमपुर, रतलाम में कुल 35 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इंदौर-पीथमपुर इकानॉमिक कॉरिडोर का विकास 3200 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है। यह परियोजना 2125 करोड़ रुपए की है और इससे लगभग एक लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इंदौर के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क से भी 5 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसकी लागत 20 हजार करोड़ रुपए है।
उज्जैन के विक्रमपुरी उद्योग क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए भारत सरकार ने 100 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। यहां कुल 360 एकड़ क्षेत्रफल में 225 करोड़ रूपए की लागत से अधोसंरचनात्मक के कार्य किए जा रहे हैं। बीते छह महीने में 28 इकाईयों को 71. 83 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है। यहां लगभग साढ़े चार हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। मेडिकल इक्यूपमेंट के क्रय करने की प्रक्रिया भी वर्तमान में संचालित है। इसी तरह उज्जैन के विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में गत छह माह में 58 अन्य औद्योगिक इकाइयों के लिए भी 459.24 एकड़ भूमि प्रदान की जा चुकी है। इस औद्योगिक क्षेत्र में कुल 5407.59 करोड़ के निवेश को मंजूरी मिली है। लगभग 15 हजार जरूरत मंद लोगों को रोजगार मिलेगा।
प्रदेश में रोजगार परक उद्योग स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। आने वाले वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। जनवरी 2025 में इन्वेस्टर्स समिट भी प्रस्तावित है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्रियल समिट होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में नए उद्योग निवेश के लिए भारत के प्रमुख नगरों में उद्योगपतियों के साथ बैठकें करेंगे। प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी पर नेशनल कांफ्रेंस होगी। बैठक में बताया गया कि मेपकास्ट के साथ ही इसरो जैसी संस्थाओं के सहयोग से युवाओं के लिए उपयोगी उद्योगों और व्यवसाय के क्षेत्र की गतिविधियां होंगी।
लद्दाख ने पूर्ण कार्यशील साक्षरता प्राप्त की : इस योजना से अब तक देश भर में 77 लाख से अधिक लोग लाभान्वित
नई दिल्ली | लद्दाख के उपराज्यपाल डॉ. बी डी मिश्रा ने 24 जून 2024 को ‘उल्लास’ - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत 97 प्रतिशत से अधिक साक्षरता प्राप्त करने के मद्देनजर लद्दाख को पूर्ण कार्याशील साक्षरता प्राप्त करने वाली प्रशासनिक इकाई घोषित किया है। यह उत्कृष्ट उपलब्धि लद्दाख की आधारभूत साक्षरता और संख्या-ज्ञान तथा सभी के लिए महत्वपूर्ण जीवन कौशल के माध्यम से अपने नागरिकों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को प्रकट करती है। डॉ. मिश्रा ने सिंधु सांस्कृतिक केंद्र (एसएसके), लेह में एक समारोह में यह जानकारी दी।
यह घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी, एलएएचडीसी करगिल के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद जाफर अखून की उपस्थिति में की गई। इस अवसर पर लद्दाख के स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजीव खिरवार और 500 से अधिक नव साक्षर व स्वयंसेवी उपस्थित थे। समारोह में नव साक्षर और स्वयंसेवी शिक्षकों का अभिनंदन और स्कूल विभाग की वार्षिक उपलब्धि रिपोर्ट 2023 का विमोचन भी किया गया। गणमान्य व्यक्तियों ने ‘उल्लास’ मेले का अवलोकन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. मिश्रा ने नए शिक्षार्थियों और स्वयंसेवियों को आजीवन सीखने के मार्ग पर चलते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को स्कूल भेजना माता-पिता की जिम्मेदारी है। उन्होंने छात्रों से न केवल रोजगार की तलाश करने बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करने के बारे में भी सोचने का आह्वान किया। नई शिक्षा नीति 2020 प्रस्तुत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा कि यह नीति देश के भविष्य के विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।
उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए संजय कुमार ने इस महती उपलब्धि पर लद्दाख के लोगों को बधाई दी और उन्हें आश्वस्त किया कि शिक्षा मंत्रालय लद्दाख की स्कूली शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए हर संभव समर्थन देगा। उन्होंने दोहराया कि शिक्षा में दुनिया को बदलने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि जैसा नाम से ही इंगित होता है, यह नए शिक्षार्थियों के लिए अपार प्रसन्नता का कारण बन सकता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पूरा ‘उल्लास’ मॉडल स्वयंसेवा पर आधारित है, जिसमें स्वयंसेवी किसी पुरस्कार की आशा किये बिना ‘उल्लास’ मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण करते हैं और केवल गैर-साक्षरों को पढ़ाते हैं, जो इस कार्यक्रम का वास्तविक सौंदर्य है। उन्होंने दृढ़ता की प्रेरक कहानियों का भी उल्लेख किया, जैसे बर्फीली परिस्थितियों में परीक्षा देना, जो साक्षरता के लिए लद्दाख के जुनून को रेखांकित करता है। संजय कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि लद्दाख में स्थायी सकारात्मक बदलाव और अंतहीन अवसरों के लिए मंच तैयार करती है। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है और इसका उद्देश्य सभी पृष्ठभूमि से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को सशक्त बनाना है, जो उचित स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके। इसका उद्देश्य उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना है, ताकि वे देश की विकास-गाथा में अधिक योगदान दे सकें। इस योजना में पांच घटक शामिल हैं - मूलभूत साक्षरता और संख्या-ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा। ‘उल्लास’ योजना का उद्देश्य भारत-जन-जन साक्षर बनाना है और यह कर्त्तव्यबोध की भावना पर आधारित है। इसे स्वेच्छा के आधार पर लागू किया जा रहा है। इस योजना से अब तक देश भर में 77 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। ‘उल्लास’ मोबाइल ऐप में 1.29 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 35 लाख स्वयंसेवी शिक्षक हैं।
लोकतंत्र सेनानियों की देश व संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को नमन - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आपातकाल के कठिन काल में संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपने और अपने परिवार की चिंता किए बिना संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों की देश के प्रति प्रतिबद्धता को नमन है। उनकी जीवटता के बल पर ही लोकतंत्र को देश में पुनर्स्थापित किया जा सका। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक वंदे मातरम के गान के साथ मंत्रालय में आरंभ हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष का स्मरण करते हुए दिवंगत सेनानियों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार बनी सरकार देश में सुशासन स्थापित कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत का लोकतंत्र विश्व में गौरवान्वित हो रहा है।
नीता अंबानी ने बाबा विश्वनाथ को दिया बेटे की शादी का न्यौता : गंगा आरती में हुई शामिल
डेस्क | देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी जल्दी ही शादी के बंधन में बंधने जा रहे है | अनंत-राधिका की दूसरी प्री-वेडिंग के बाद अब पूरी अंबानी फैमिली इनकी शादी की तैयारियों में जुट गई है। बेटे की शादी का कार्ड देने नीता अंबानी सोमवार को वाराणसी पहुंचीं, जहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ को अनंत-राधिका की शादी का कार्ड अर्पित किया और षोडशोपचार विधि से पूजा भी की। वाराणसी से अब एक-एक कर नीता अंबानी के वीडियो सामने आ रहे हैं। काशी से अब नीता अंबानी का एक वीडियो चर्चा में है, जिसमें उन्हें गंगा आरती में शामिल होते देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर नीता अंबानी का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में नीता अंबानी पिंक साड़ी में नजर आ रही हैं और गंगा आरती के दौरान गंगा मां के जय-जयकार लगा रही हैं।
काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद नीता अंबानी दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में शामिल हुईं। इस दौरान उनके साथ बॉलीवुड के जाने-माने डिजाइनर मनीष मल्होत्रा भी मौजूद रहे। नीता अंबानी ने विश्वनाथ मंदिर के गेट पर मीडिया से बात करते हुए बताया था कि वह बाबा विश्वनाथ को बेटे की शादी का कार्ड अर्पित करने काशी पहुंची हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह बाबा से प्रार्थना करेंगी कि अनंत-राधिका की शादी के सभी कार्यक्रम सकुशल संपन्न हों।
इससे पहले भी नीता अंबानी के कई वीडियो सामने आए थे। इनमें से एक में वह वाराणसी की गलियों में चाट के लुत्फ उठाती नजर आई थीं। उनके इस वीडियो ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद नीता अंबानी वाराणसी के एक छोटे से रेस्टोरेंट में बैठकर चाट खाती दिखीं। यहां वह लोगों से बात करती भी नजर आईं और उन्हें इस रेस्टोरेंट की चाट इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहां कि रेसिपी तक पूछ डाली।
नीता अंबानी चाट खाने के बाद दुकानदार से पूछती हैं कि ये चाट कैसे बनाई ? उनके सवाल का जवाब देते हुए दुकानदार ने बताया कि उसने ये चाट तवे पर बनाई है। फिर उनके पास एक और डिश आती है, नीता इस डिश की भी रेसिपी के बारे में सवाल करती हैं और पूछती हैं कि इसमें क्या-क्या पड़ा है? नीता का यह अंदाज फैंस को खूब पसंद आ रहा है। राधिका और अनंत 12 जुलाई को शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। दोनों की शादी का कार्यक्रम तीन दिनों तक जियो वर्ल्ड कनवेंशन सेंटर में चलेगा, जिसमें बिजनेस वर्ल्ड से लेकर बॉलीवुड और कई विदेशी सेलेब्स भी शामिल होंगे। इस शादी के लिए इंडियन फॉर्मल ड्रेस कोड रखा गया है।
देश में पहली बार स्पीकर पद के लिए होगा चुनाव, NDA के ओम बिरला का ‘INDIA’ से के सुरेश आमने-सामने
डेस्क। लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सहमित न बन पाने के बाद विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। के सुरेश विपक्ष के स्पीकर पद के उम्मीदवार होंगे। उधर, एनडीए की ओर से लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिरला ने नामांकन दाखिल कर दिया है। लोकसभा स्पीकर का चुनाव बुधवार को होना है. देश में यह पहला मौका होगा, जब स्पीकर पोस्ट के लिए चुनाव होगा। अभी तक सत्ता पक्ष और विपक्ष की सर्वसम्मति से स्पीकर चुना जाता था, लेकिन इस बार ये परंपरा टूटती नजर आ रही है।
इंडिया ब्लॉक द्वारा के सुरेश को लोकसभा पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने कहा, “उन्होंने कहा कि पहले डिप्टी स्पीकर के लिए नाम तय करो फिर हम स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। हम ऐसी राजनीति की निंदा करते हैं।
एक अच्छी परंपरा होती कि स्पीकर सर्वसम्मति से चुना जाता। स्पीकर किसी पार्टी या विपक्ष का नहीं होता, वह पूरे सदन का होता है। इसी तरह डिप्टी स्पीकर भी किसी पार्टी या समूह का नहीं होता, वह पूरे सदन का होता है और इसलिए सदन की सहमति होनी चाहिए। ऐसी शर्तें कि कोई खास व्यक्ति या खास पार्टी का ही डिप्टी स्पीकर हो, लोकसभा की किसी भी परंपरा में फिट नहीं बैठतीं।”
खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी का चौथा दौर शुरू किया
भारत में हो रहा 'इंडिया अफ्रीका पोस्टल लीडर्स मीट' का आयोजन
इस कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, विदेश व्यापार महानिदेशालय, सीमा शुल्क, यूआईडीएआई, एनपीसीआई, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के वरिष्ठ प्रतिनिधियों और डाक सेवा बोर्ड के सदस्यों ने भाग लिया।
अक्कलकोट पहुंचे आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत.... श्री स्वामी समर्थ महाराज के किए दर्शन