छत्तीसगढ़

बालाजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लगा आरोप, ऑपरेशन के बाद महिला की हालत गंभीर

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में स्थित बालाजी डायग्नोस्टिक से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली और मरीज की जान से खिलवाड़ करने मामला सामने आया है. अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि पेट दर्द से परेशान एक महिला मरीज के ऑपरेशन के लिए 25 हजार रुपए की फीस बताई गई थी, जिसमें ऑपरेशन के बाद भी 4 दिन तक मरीज को एड्मिट रखकर ईलाज देने की सुविधा बताई गई थी. लेकिन ऑपरेशन होने के दूसरे दिन ही प्रबंधन ने मरीज के परिजनों को 65000 रुपए का बिल थमा दिया. वहीं अतिरिक्त रुपए देने से इंकार करने पर मरीज का इलाज रोक दिया गया जिससे उसकी तबीयत भी बिगड़ गई. मामला अब सीएचएमओ कार्यालय तक पहुंच गया है.

जानकारी के अनुसार, जोरातराई निवासी अजय देवदास ने की पत्नी कुसुमलता लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थीं. गंडई स्थित बालाजी डायग्नोस्टिक में सोनोग्राफी के बाद डॉक्टरों ने तुरंत बच्चेदानी निकालने की सलाह दी. गरीबी का हवाला देने के बावजूद भी अस्पताल स्टाफ लगातार फोन कर दबाव बनाता रहा कि मरीज की हालत गंभीर है, देर हुई तो जान पर बन आएगी. आखिरकार 9 सितंबर की रात अजय ने पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया. इस दौरान अस्पताल में उसे बताया गया कि ऑपरेशन, दवाइयां और बेड सहित कुल खर्च 25 हजार रुपए का खर्च आएगा. इसके बाद महिला के पति अजय ने अस्पताल में 15 हजार रूपए बतौर एडवांस जमा करवाएं.

महिला मरीज के पति अजय देवदास ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन ने तय रकम पर ऑपरेशन करने के बाद अचानक बिल बढ़ाकर 65 हजार रुपए और जमा करने का दबाव बनाया. आरोप ये भी है कि पैसे देने से इनकार करने पर उनकी पत्नी का इलाज रोक दिया गया. 
 
पति के मुताबिक 12 सितंबर को अचानक अस्पताल ने 65 हजार रुपए और जमा करने कहा. असमर्थता जताने पर पत्नी का इलाज रोक दिया गया. यहां तक कि दवा-पानी देना भी बंद कर दिया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत गंभीर हो गई और कमर से नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन पहले पैसे जमा करने की बात कह रहा है. अब परिजनों के आरोपों पर पूरे मामले जांच सीएमएचओ कर रहे है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों को फटकार भी लगाई.