छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मंत्री लखमा का बड़ा बयान... कांग्रेस का प्रत्याशी रहूंगा... इस बात की कोई गारंटी नहीं

छत्तीसगढ़ सरकार में शीर्ष नेताओं को टिकट की चिंता सताने लगी है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसकी टिकट कन्फर्म है, दावे के साथ कांग्रेस का कोई भी नेता नहीं कह पा रहा है, लेकिन कुछ नेताओं ने इस बात को जरूर स्वीकार कर लिया है कि उन्हें टिकट मिलेगी, इस बात की गारंटी नहीं है। 

ताजा बयान प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का सामने आया है, जिसमें उन्होंने बस्तर में मीडिया से हुई चर्चा में कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस से प्रत्याशी होंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। दरअसल, इस बात से मंत्री लखमा का आशय यह है कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस से उन्हें टिकट मिल पाएगी या नहीं, इस बात की गारंटी नहीं ले पा रहे हैं। 

मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि न तो मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं, और न ही छत्तीसगढ़ का प्रभारी। कांग्रेस पार्टी में मेरी खुद की टिकट की गारंटी नहीं है। टिकट वितरण का काम राहुल गांधी, कुमारी शैलजा, मोहन मरकाम का है। मैं सिर्फ पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। पार्टी का झंडा बांधों, नारा लगाओ, दरी बिछाओ ये सब काम मैं करता हूं।

दरअसल, 15 सालों बाद सत्ता में आई कांग्रेस इस साल होने वाले चुनाव में किसी तरह की चूक के मूड में नहीं है। साल 2018 में कांग्रेस ने प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस को 15 सीटों पर जरूर समेट दिया था और 67 सीटों पर प्रत्याशित जीत हासिल की, इसके बाद हुए उपचुनाव में चार और सीट जीतकर कांग्रेस 71 सीटों के साथ सत्ता में है। 

विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कांग्रेस विधायकों की धड़कने इसलिए तेज हो गईं है, क्योंकि पार्टी ने केवल जीतने वाले उम्मीदवारों को ही टिकट देने का निर्णय पहले ही कर लिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद एक—एक सीट की नब्ज टटोल रहे हैं और समीक्षा कर रहे हैं, जो टिकट वितरण के समय उलझनों के दौरान काम आएगा। 

साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के पास लक्ष्य था, जीत हासिल करना, लेकिन इस बार यानी 2023 के चुनाव में लक्ष्य जहां बड़ा हो गया है, तो चुनौतियां उससे भी बड़ी है। बहरहाल कांग्रेस में ऐसे कई और विधायक हैं, जिनके मन में भी ऊहापोह मचा हुआ है।