देशभर में इन दिनों समलैंगिक विवाह को लेकर बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने कहा- इस मामले पर समलैंगिक विवाह का प्रस्ताव जो रखा गया है वो श्रेष्ठ नहीं है। यह हमारे आने वाले समय में सनातन धर्म को चोट पहुंचाने वाला है। बता दें कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों सुनवाई हुई थी। इस पर ही मीडिया ने उनसे सवाल किया था। जिस पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने यह बयान दिया है।
ऐसा ही बयान कुछ दिन पहले शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने भी दिया था। पंडित प्रदीप मिश्रा मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा,अपने धर्म का प्रचार करना कहीं से गलत नहीं है। लेकिन दूसरे के धर्म और उनके देवता पर टिप्पणी करना गलत है। हमारे यहां अलग-अलग धर्म के देवता हैं। अगर उन्हें भगवान के रूप में पूज रहे हैं तो कुछ तो उनमें ऐसी अच्छाई होगी। जिससे वो पूजे जाते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा इस समय भिलाई में 25 अप्रैल से 1 मई तक शिव महापुराण की कथा सुनाने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा,इस संसार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जिसमें कोई अवगुण न हो। इसलिए हमें उनके अवगुण को छोड़कर उनके अच्छे गुण को निकालें और उन्हें जनमानस तक पहुंचाएं।
इस समय पूरे देश में जातिगत आरक्षण को लेकर बड़ी राजनीति चल रही है। ऐसे में पंडित प्रदीप मिश्रा ने जातिगत आरक्षण को पूरी तरह से गलत बताया है। उनका कहना है कि जिसको जिस चीज की जरूरत हो उसको वह समय के अनुसार दे देना चाहिए। आज के समय में आर्थिक आरक्षण की जरूरत है। यहां किसी जातिवाद से मतलब नहीं होना चाहिए।