देश-विदेश

मानसून की दस्‍तक के साथ ही तबाही का मंजर... कहीं फटा बादल, तो कहीं टूटे बिजली के तार... सड़़कें बंद, दिन में भी अंधेरा

देश में अभी मानसून ने कदम ही रखा है कि तबाही का दौर शुरु हो गया है। ताजा मामला हिमाचल से सामने आया है, जहां पर आफत की बारिश हो रही है। कुल्लू-मंडी-रामपुर में बाढ़ से कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हमीरपुर में सुजानपुर के खैरी में रविवार को बादल फटने से पांच घरों में मलबा घुस गया। तहसीलदार सुजानपुर अशोक पठानिया ने  बताया कि छह लोगों को रेस्क्यू किया गया है। कांगड़ा के नगरोटा बगवां के उपरली मझेटली में बिजली गिरने से मां और डेढ़ साल का बच्चा झुलस गए।

उन्हें नगरोटा अस्पताल में भर्ती किया गया है। मंडी के सराज की तुंगधार और कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से एक दर्जन वाहन बह गए और कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी के शिकारी देवी में शनिवार रात 200 लोग फंस गए, जिन्हें छह घंटे बाद निकाला गया। प्रदेशभर में 85 सड़कें बंद हो गईं हैं। 55 बिजली के ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है। उधर, कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जगह-जगह पहाड़ियों से पत्थर, मलबा और पेड़ गिरने से दूसरे दिन भी सभी ट्रेनें रद्द हो गईं।

सिर्फ टॉय ट्रेन ही शिमला पहुंच पाई। प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार को ऑरेंज और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते सोलन की मांगल पंचायत में 22 बकरियां एक नाले में बह गईं, जिनमें से छह की मौत हो गई। रविवार को मनाली, लाहौल, रोहतांग, शिंकुला और बारालाचा दर्रे की ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। प्रदेश के कई इलाकों में बिना बिजली-पानी के दुश्वारियां बढ़ गई हैं।

कुल्लू की मौहल खड्ड में बाढ़ से आठ वाहन बह गए। आधी रात को कई लोगों को अपने वाहन निकालने पड़े। सराज के तुंगधार नाले में भी बाढ़ से चार गाड़ियां बह गईं, आधा दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा। नरोली गांव के निकट एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। आधी रात को लोगों में अफरातफरी मच गई। बिलासपुर के बरठीं बाजार में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। 

 

 

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