यहां के 108 बौद्ध 43 दिनों में 1100 किमी पैदल की तीर्थयात्रा
नईदिल्ली। कोरिया गणराज्य के 108 बौद्ध तीर्थयात्री सांगवोल सोसाइटी ऑफ साउथ कोरिया द्वारा आयोजित पैदल यात्रा में हिस्सा ले रहे है। वे 43 दिनों में 1,100 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा करेंगे। बतादें कि भारत और दक्षिण कोरिया आपसी राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। तीर्थयात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग को बढ़ाना है। पर्यटक भारत में उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा करेंगे और बाद में नेपाल जाएंगे।
बौद्ध तीर्थयात्रियों ने 9 फरवरी को दक्षिण कोरिया के जोगीसा मंदिर से अपनी यात्रा शुरू की। 23 मार्च तक भारत और नेपाल स्थित पवित्र बौद्ध स्थलों के 43 दिनों की यात्रा पर रहेंगे। 'ओह, वी! ओह लव! ओह, लाइफ!’ के नारे के साथ सांगवोल सोसायटी द्वारा आयोजित तीर्थयात्रा का उद्देश्य भारत की तीर्थयात्रा के माध्यम से भक्ति संबंधी गतिविधियों की बौद्ध संस्कृति का प्रसार करना है, जहां बुद्ध का जीवन और पदचिह्न संरक्षित हैं।
पदयात्रा 21 और 22 फरवरी को बोधगया बिहार (महाबोधि मंदिर) पहुंचेगी। जहां बौद्ध यात्रियों का सम्मान होगा। 21 फरवरी को सुबह 11 बजे विश्व शांति के लिए धर्मसभा होगी। 22 फरवरी को महाबोधि मंदिर में बोधि वृक्ष के सामने धर्मसभा का आयोजन रखा गया है। 24 फरवरी को नालंदा विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। वहीं 25 फरवरी को गिद्ध चोटी गंधकुटी में सम्मान और प्रार्थना सभा होगी।