मनोरंजन
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होंगे मिथुन चक्रवर्ती.... 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में मिलेगा सम्मान
डेस्क। हिंदी सिनेगा जगत के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें 8 अक्टूबर 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अभिनेता को यह सम्मान दिए जाने की घोषणा की। यह पुरस्कार उन कलाकारों को दिया जाता है जिन्होंने भारतीय सिनेमा के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
गौरतलब है कि अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती का फिल्म इंडस्ट्री में सफर बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने “डिस्को डांसर”, “अग्निपथ” जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से फिल्मी जगत में अपनी खास पहचान बनाई। मिथुन के अभिनय की विविधता और डांसिंग स्टाइल ने उन्हें देश-विदेश में लोकप्रिय बनाया। उनकी फिल्मों ने कई दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है।
मिथुन चक्रवर्ती को इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उनके बेहतरीन अभिनय के लिए उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। इसके अलावा, वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं और उनके व्यक्तित्व की यह विशेषता उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बनाती है। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया जाना उनकी लंबी और सफल सिनेमाई यात्रा का प्रतीक है।
भारत के लोक सेवा प्रसारक : दूरदर्शन के 65 वर्ष पूरे होने का उत्सव
वर्षगांठ के अवसर पर डीडी नेशनल पर 15 सितंबर, 2024 को विशेष कार्यक्रम “दिल से दूरदर्शन, DD @65” का सुबह 10 बजे प्रसारण और रात 8 बजे पुन: प्रसारण
नई दिल्ली | भारत का लोक सेवा प्रसारक दूरदर्शन इस वर्ष बेहद गर्व के साथ अपनी 65वीं वर्षगांठ मना रहा है। 15 सितंबर 1959 को अपनी स्थापना के बाद से ही दूरदर्शन भारतीय मीडिया का आधार रहा है, जो राष्ट्र की आवाज़ के रूप में सेवा प्रदान करते हुए एकता, संस्कृति और शिक्षा को बढ़ावा देता रहा है।
दिल्ली में एक प्रायोगिक प्रसारण के साथ अपनी सादगीपूर्ण शुरुआत से लेकर दूरदर्शन आज दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक बन चुका है। बीते दशकों में, यह लोक सेवा प्रसारण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ता से कायम रखते हुए प्रौद्योगिकी और दर्शकों की सहभागिता में आए महत्वपूर्ण परिवर्तनों का साक्षी रहा है। श्वेत-श्याम टेलीविज़न के दिनों से लेकर डिजिटल और उपग्रह प्रसारण के वर्तमान युग तक, दूरदर्शन अपने विविध दर्शकों की बदलती रुचियों और पसंद की कसौटी पर खरा उतरने के लिए लगातार खुद को विकसित करता आया है। श्वेत-श्याम प्रसारण के युग से लेकर अपने नेटवर्क में 35 चैनलों तक, अपने 6 राष्ट्रीय चैनलों, 28 क्षेत्रीय चैनलों और 1 अंतर्राष्ट्रीय चैनल के माध्यम से हर क्षेत्र को उसकी अपनी भाषा में अनुभव प्रदान करते हुए; दूरदर्शन अग्रणी लोक सेवा प्रसारक की प्रतिबद्धता के साथ अपनी यात्रा जारी रखे हुए है।
बीते 65 वर्षों में, दूरदर्शन ने भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पौराणिक महाकाव्यों "रामायण" और "महाभारत" से लेकर लोकप्रिय "चित्रहार", "सुरभि" और "हम लोग" सरीखे कुछ बेहद प्रतिष्ठित टेलीविजन कार्यक्रमों का मंच रहा है, जिन्होंने कई पीढ़ियों को परिभाषित किया है। दूरदर्शन ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए स्थान प्रदान किया है, ग्रामीण और शहरी भारत को एक साथ करीब लाया है, और इसने विभिन्न शैक्षिक और सूचनाप्रद कार्यक्रमों के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाई है।
डीडी नेशनल इस उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम “दिल से दूरदर्शन, DD @65” को प्रसारित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह प्रसिद्ध मास्टर जयवीर बंसल और अनिल सिंह, वेंट्रिलोक्विस्ट द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय जादूगर व मेंटलिस्ट और गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स धारक श्री प्रमोद कुमार जैसे प्रतिष्ठित कलाकार प्रस्तुति देंगे। उन्हें अनेक राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके अलावा देश की सबसे कुशल रेत कलाकारों में से एक और आईडीसी, आईआईटी बॉम्बे की पूर्व छात्रा मनीषा स्वर्णकार (रेत कलाकार) हैं। वह बीते 13 वर्षों से रेत कला का प्रदर्शन कर रही हैं और भारत की पहली महिला रेत कलाकार हैं।
पद्मश्री से सम्मानित और बॉलीवुड सेंसेशन श्री कैलाश खेर “दिल से दूरदर्शन, DD @65” कार्यक्रम के स्टार कलाकार होंगे। वह दशकों से अपनी दमदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते आए हैं। उनकी संगीत शैली भारतीय लोक संगीत और सूफी संगीत से काफी प्रभावित है। दूरदर्शन शो रील के लिए वॉयसओवर दिग्गज अभिनेता मनोज बाजपेयी ने किया है।
दूरदर्शन की 65वीं वर्षगांठ पर डीडी नेशनल अपने दर्शकों को बेहतरीन प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस कार्यक्रम का प्रसारण 15 सितंबर को सुबह 10 बजे होगा और रात 8 बजे इसका दोबारा प्रसारण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में दूरदर्शन की समृद्ध विरासत का कीर्तिगान किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर दूरदर्शन भारत के प्रत्येक नागरिक को विश्वसनीय, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदान करने के अपने मिशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। यह प्रसारक समाचार, मनोरंजन और सूचना का एक प्रासंगिक और विश्वसनीय स्रोत बना रहना सुनिश्चित करने के लिए सभी मंचों पर - टेलीविज़न से लेकर मोबाइल फ़ोन तक - दर्शकों तक पहुंच कायम करने के लिए तकनीकी प्रगति को अपनाना जारी रखे हुए है।
जैसे कि दूरदर्शन अपने 66वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यह नवाचार, समावेश और प्रेरणा की अपनी यात्रा को जारी रखने के लिए तैयार है। अपने समृद्ध इतिहास और लोक सेवा के प्रति समर्पण के साथ, दूरदर्शन भारत की विविधता, विरासत और प्रगति के प्रकाशस्तम्भ के रूप में सेवा प्रदान करता रहेगा।
मलाइका अरोड़ा के पिता ने छत से कूदकर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस
नईदिल्ली। अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा ने बुधवार सुबह आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स के अनुसार, अनिल अरोड़ा ने अपने बांद्रा स्थित घर की छत से छलांग लगा दी, जिससे उनकी मौत हो गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Maharashtra | Father of actress-model Malaika Arora died by suicide by jumping off a terrace. Police team is present at the spot: Mumbai Police
— ANI (@ANI) September 11, 2024
इस घटनाक्रम के बाद एक वायरल वीडियो में मलाइका अरोड़ा के घर के बाहर भीड़ और एंबुलेंस की मौजूदगी देखी जा सकती है। वीडियो में उनके पूर्व पति, अभिनेता अरबाज खान को भी देखा जा सकता है, जो मलाइका के परिवार को समर्थन देने के लिए वहां पहुंचे। पुलिस मौके पर मौजूद है और आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है।
मलाइका अरोड़ा, जो उस समय पुणे में थीं, इस दुखद समाचार के बाद मुंबई लौट आईं हैं। परिवार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, और पुलिस जांच में जुट गई है।
Stree 2: 10 दिनों में स्त्री 2 की रफ्तार नहीं हुई कम, शनिवार को अन्य दिनों से ज्यादा कमाई
डेस्क। राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म स्त्री 2 की रफ्तार बाक्क आफिस में कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। फिल्म रिलीज होने के साथ शुरूआती चार दिनों की कमाई ने दर्शकों का ध्यान खींचा। अब दूसरे सप्ताह में शनिवार को फिल्म का कलेक्शन वीकडेज के मुकाबले डबल देखने को मिला। वहीं भारत में फिल्म की कुल कमाई नया रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार है।
बॉक्स ऑफिस ट्रैकर सैकनिल्क के शुरूआती आंकड़ों के अनुसार, 10वें दिन यानी शनिवार को स्त्री 2 ने 32.5 करोड़ की कमाई हासिल की है, जिसके बाद भारत में कुल आंकड़ा 341.65 करोड़ तक पहुंच गया है। जबकि 350 करोड़ का आंकड़ा फिल्म संडे कलेक्शन के साथ पूरा कर लेगी. वहीं वर्ल्डवाइड कलेक्शन 500 करोड़ तक पहुंच गया है, जो कि रिकॉर्ड ब्रेकिंग है।
9 दिनों में कलेक्शन की बात करें तो पहले दिन पेड प्रिव्यू मिलाकर फिल्म ने 64 करोड़ का कलेक्शन किया था. जबकि दूसरे दिन 31.4 करोड़ कलेक्शन रहा. तीसरे दिन कमाई 43.85 करोड़ तक पहुंची. वहीं चौथे दिन कलेक्शन 55.9 करोड़ का रहा. इसके बाद वीकडेज में यानी पांचवे दिन 38.1 करोड़, छठे दिन 25.8 करोड़, सातवें दिन 19.5 करोड़, आठवें दिन 16.8 करोड़ और नौंवे दिन कमाई 17.5 करोड़ रही।
बता दें, स्त्री 2 में राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर के अलावा अपारशक्ति खुराना, पंकज त्रिपाठी और अभिषेक बनर्जी मुख्य भूमिका में हैं. इनके अलावा वरुण धवन और अक्षय कुमार का फिल्म में कैमियो देखने को मिला है।
‘कल्कि 2898 AD’ हुई : 1000 करोड़ क्लब में शामिल
डेस्क | अमिताभ बच्चन, प्रभास और दीपिका पादुकोण स्टारर ‘कल्कि 2898 AD’ का बॉक्स ऑफिस पर धमाल लगातार जारी है। 600 करोड़ के बजट में बनी यह फिल्म ‘कल्कि 2898 AD’ 27 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी, वही अब वर्ल्ड बॉक्स ऑफिस पर 25 दिन की सफल दौड़ पूरी करते हुए 1000 करोड़ का आंकड़ा छू लिया है।
‘कल्कि 2898 AD’ को 27 जून 2024 को पांच भाषाओं प्रे देश में रिलीज किया गया था, जिसमें तमिल फिल्म का सबसे सफल संस्करण रहा। नाग अश्विन की प्रतिष्ठित परियोजना ने 25 दिनों में भारत में 616.85 करोड़ की कमाई की है। इसके साथ ही रिलीज के चौथे रविवार को इसका कुल कलेक्शन 1002.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। ‘सरफिरा’, ‘इंडियन 2’, ‘किल’ के बाद ‘अमिताभ बच्चन, प्रभास और दीपिका पादुकोण स्टारर ‘कल्कि 2898 AD’ इस साल की सबसे सफल फिल्मों में गिनी जा रही है |
18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में "75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टूमॉरो" की उदीयमान प्रतिभाओं का प्रकाश दिखेगा
54वें आईएफएफआई की सर्वश्रेष्ठ सी-मॉट फिल्म 'ओध' एमआईएफएफ में दिखाई जाएगी
नई दिल्ली | प्रतिष्ठित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में "75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टूमॉरो" (सी-मॉट) की उदीयमान प्रतिभाएं विशेष आकर्षण होंगी। देश की इन प्रतिभाओं की कृतियां देखने का अवसर मिलेगा। इसके माध्यम से कलात्मक उत्कृष्टता का परिचय मिलेगा।
18वें एमआईएफएफ में इन उदीयमान युवा फिल्मकारों की कुछ शानदार फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें ‘ओध’ नामक फिल्म भी शामिल है, जिसे गोवा के 54वें आईएफएफआई में सर्वश्रेष्ठ सी-मॉट फिल्म के रूप में पुरस्कृत किया गया था।
आलम एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो पश्चाताप से भरा हुआ है और प्रकृति की परवाह नहीं करता। जल्द ही, पेड़, हवा, पानी और बिजली जैसे सभी तत्व उसका विरोध करते हैं और उसे एहसास कराते हैं कि उसके कार्यों से न केवल प्रकृति प्रभावित होती है, बल्कि उसके आस-पास के लोग भी प्रभावित होते हैं।
एक सूखे, सर्वनाश के बाद की दुनिया में, अनुभवी वैज्ञानिक जकार्ता पानी की कमी के बीच आशा और निराशा के बीच जूझता है। जब एक खतरनाक गिरोह शुद्ध पानी के उसके अंतिम स्रोत के लिए विनाशकारी बन जाता है, तब उस भीषण मुठभेड़ के बीच उसे एक अप्रत्याशित साथी मिल जाता है। इसके बाद उस वीरान इलाके में विश्वास को बहाल करने और अभिनव प्रयोग की एक संघर्षमय यात्रा शुरू होती है। चार्ल्स ट्रेनेट के गीत पर आधारित।
फिल्म की कहानी एक स्थानीय मछुआरे की मुसीबतों पर आधारित है, जिसे समुद्र तट पर अपनी नाव लगाने की कोई जगह नहीं मिलती और वह अपनी नाव को शहर में खींचकर ले जाता है।
फिल्म में कड़वे रिश्ते को दर्शाया गया है जो टूटने के कगार पर है तथा यह मानव और प्रकृति के बीच बिगड़ते संबंधों को दर्शाता है। लेकिन क्या इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता है?
यह फिल्म मानव द्वारा प्रकृति के अंधाधुंध दोहन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को दर्शाती है, जिसके परिणामस्वरूप हवा जहरीली हो जाती है। यह फिल्म एक छोटी लड़की और बेहतर कल के लिए उसकी उम्मीदों के बारे में है।
"75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टूमॉरो" सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य देश भर से युवा सिनेमाई प्रतिभाओं की पहचान करना, उनका पोषण करना और उन्हें प्रदर्शित करना है। इस प्रतिभा विकास पहल के हिस्से के रूप में, प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर फिल्म निर्माण में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। इसे 2021 में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 52वें संस्करण में आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में लॉन्च किया गया था और तब से, आईएफएफआई के दौरान तीन सफल संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं। इसके माध्यम से 225 पूर्व छात्रों का एक प्रतिभा पूल तैयार हुआ है।
हर साल, देश भर से हजारों आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनमें नये/उदीयमान, अनुभवी फिल्म निर्माता या फिल्म निर्माण और संबंधित कलाओं में गहरी रुचि रखने वाले लोग शामिल होते हैं। ये आवेदन निम्नलिखित श्रेणियों में होते हैं: निर्देशन, पटकथा लेखन, छायांकन, अभिनय, संपादन, पार्श्व गायन, संगीत रचना, वेशभूषा और मेकअप, कला डिजाइन और एनीमेशन, दृश्य प्रभाव (वीएफएक्स), संवर्धित वास्तविकता (एआर) और आभासी वास्तविकता (वीआर)।
पूरे भारत से 75 युवा रचनात्मक प्रतिभाएं 'फिल्म चैलेंज' में भी भाग लेती हैं, जिसके तहत उन्हें 48 घंटों में एक लघु फिल्म बनानी होती है। पिछले तीन संस्करणों में युवा रचनात्मक प्रतिभाओं द्वारा नवाचार और कहानी कहने की क्षमता का उत्सव मनाया गया।
आईएफएफआई-54 में सी-मॉट टैलेंट कैंप का भी आयोजन किया गया, ताकि प्रतिभागियों को भारत के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का मौका मिले, जिसमें प्रोडक्शन हाउस, एवीजीसी कंपनियां और स्टूडियो आदि शामिल हैं। इस भर्ती अभियान में प्रतिभागियों को अपने विचारों को पेश करने और उद्योग के अग्रणी पेशेवरों के सामने अपने पिछले काम को प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर मिला। इसके अलावा युवा प्रतिभाओं को विशेष रूप से क्यूरेट किए गए मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन सेशन और ओपन फोरम चर्चाओं में उद्योग के विशेषज्ञों के साथ भाग लेने और बातचीत करने का अवसर भी मिलता है।
18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पर्यावरण से प्रेरित दिखाई जाने वाली फिल्मों के पैकेज के साथ 'मिशन लाइफ' का आनंद उठाएं
पांच फिल्में सेविंग द डार्क, लक्ष्मण-रेखा, द क्लाइमेट चैलेंज, द ज्वार बैलड (ज्वार गाथा) व पेंग यू साई का आनंद है मिशन लाइफ
नई दिल्ली | टिकाऊ जीवनशैली को प्रोत्साहन देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति नागरिक जिम्मेदारी की भावनोत्पत्ति के प्रयास में, मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) का 18वां संस्करण "मिशन लाइफ" नामक एक विशेष पैकेज प्रस्तुत करेगा। सीएमएस वातावरण द्वारा प्रस्तुत इस संग्रह में पांच विचारपूर्वक चुनी गई फ़िल्में शामिल हैं जो मानवता और पृथ्वी के बीच जटिल व सहजीवी संबंधों को प्रस्तुत करती हैं। ये फ़िल्में ब्रह्मांड के साथ हमारे गहरे संबंध की मार्मिक याद दिलाती हैं और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर ज़ोर देती हैं।
"मिशन लाइफ़": विशेष पैकेज के अंतर्गत प्रदर्शित की जाने वाली फ़िल्में
1. सेविंग द डार्क
दुनिया की 80 प्रतिशत आबादी अब आकाशगंगा को नहीं देख सकती। जब हम सितारों को देखने से वंचित हो जाते हैं तो हम क्या खो देते हैं? अत्यधिक और अनुचित प्रकाश व्यवस्था हमारे रात के आसमान को छीन लेती है, हमारी नींद के पैटर्न को बाधित करती है और रात्रि में सक्रिय रहने वाले जीव-जंतुओं को खतरे में डालती है। एलईडी तकनीक में बेहतरी ने कई शहरों को रात के समय के वातावरण को बाधित किए बिना अपनी सड़कों को सुरक्षित रूप से रोशन करने और ऊर्जा बचाने में सक्षम बनाया है। 'सेविंग द डार्क' फिल्म रात्रि के आसमान को संरक्षित करने की आवश्यकता और प्रकाश प्रदूषण से निपटने के लिए हम क्या कर सकते हैं, इसे प्रस्तुत करती है।
2. लक्ष्मण-रेखा
फिल्म "लक्ष्मण-रेखा" एक आत्मीय सिनेमाई प्रस्तुति है कि कैसे स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाले लक्ष्मण सिंह ने एक सूखाग्रस्त गांव को एक स्वैच्छिक समूह के रूप में परिवर्तित कर दिया जिसने भारत में मुख्य रेगिस्तान के 58 गांवों की किस्मत बदल दी। यद्यपि जल की आपूर्ति आज भी अनियमित है तथापि उनका पानी की प्रत्येक बूंद को बचाने के बारे में जागरूकता पैदा करने का मिशन जारी है। लेकिन क्या लोग उसे गंभीरता से स्वीकारते हैं या वे किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे हैं?
3. द क्लाइमेट चैलेंज
हम जलवायु संकट के कगार पर खड़े हैं। जलवायु परिवर्तन की आपदा झेल रहे सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र दुनिया के क्रायोस्फ़ेरिक क्षेत्र (आर्कटिक, अंटार्कटिक और हिमालय) और महासागर हैं। हाल के वर्षों में आर्कटिक महासागर की बर्फ़ की परत 30 प्रतिशत से अधिक कम हुई है और इस क्षेत्र की बर्फ़ तेज़ी से पिघल रही है। वैज्ञानिक अब इस धरती पर सबसे कठोर परिस्थितियों में नवीनतम तकनीक का उपयोग केवल इन परिघटनाओं पर अनुसंधान करने के लिए कर रहे हैं। द क्लाइमेट चैलेंज फिल्म आपको आर्कटिक, हिमालय और दक्षिणी महासागर की यात्रा पर ले जाती है ताकि आप कुछ जानलेवा स्थितियों को देख सकें हैं और उनके आशय को समझ सकें।
4. द ज्वार बैलड (ज्वार गाथा)
ज्वार की गाथा (द ज्वार बैलड) फिल्म में बाजरा उगाने की पारंपरिक पद्धति के साथ मिलकर बाजरे की देशी किस्में, विविध व्यंजनों का सजीव चित्रण किया गया है। गीतों, अनुष्ठानों, कहानियों के माध्यम से समृद्ध परंपराएं प्रकट होती हैं जबकि किसान शुष्क भूमि में बाजरे की कमी पर दुःख व्यक्त करते हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि कृषि फसल की नई किस्में स्वास्थ्य और फसल के लिए जोखिम लेकर आती हैं।
5. पेंग यू साई
पेंग यू साई एक खोजी वृत्तचित्र है जो भारत के महासागरों से जलीय प्रजाति मंटा रे के अवैध व्यापार पर प्रकाश डालता है। इस वृत्तचित्र के माध्यम से, वन्यजीव प्रस्तुतकर्ता मलाइका वाज़ हिंद महासागर में मछली पकड़ने वाले जहाजों से लेकर भारत-म्यांमार सीमा तक और अंत में चीन में हांगकांग और ग्वांगझोउ के वन्यजीव तस्करी केंद्रों में गुप्त रूप से अवैध व्यापार पाइपलाइन को दर्शाती हैं। इसके साथ ही- वह मछुआरों, बिचौलियों, तस्करों, सशस्त्र बलों के कर्मियों और वन्यजीव व्यापार सरगनाओं से मिलती है, और यह समझने की कोशिश करती है कि इन उत्कृष्ट महासागरीय दीर्घकाय जीवों की रक्षा के लिए क्या करना होगा।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म "माई मर्करी" का प्रीमियर मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2024 में हुआ
यह फिल्म मर्करी द्वीप में संरक्षण की गतिविधियों पर आधारित है
नई दिल्ली | डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों के लिए मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) के 18वें संस्करण में आज डॉक्यूमेंट्री "माई मर्करी" का बड़े पर्दे पर अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर हुआ। जोएल चेसेलेट द्वारा निर्देशित यह फिल्म उनके भाई, जो दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया के तट पर मर्करी द्वीप पर एक अकेला संरक्षणवादी है, यवेस चेसेलेट के जीवन की एक गहरी व्यक्तिगत और चुनौतीपूर्ण यात्रा प्रस्तुत करती है।
दुनिया के शोरगुल और भागदौड़ से बचने की अपने भाई की इच्छा पर प्रकाश डालते हुए, चेसेलेट कहती हैं "एक द्वीप पर रहने के लिए आपको एक खास तरह के व्यक्तित्व की जरूरत होती है।" 104 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री यवेस चेसेलेट की असाधारण दुनिया जहां समुद्री पक्षी और सील ही उनके एकमात्र साथी हैं, और मर्करी द्वीप में संरक्षण के उनके प्रयासों को दिखाती है। लुप्तप्राय प्रजातियों को द्वीप पर पुनः लाने का उनका साहसी मिशन बलिदान, विजय और मनुष्य और प्रकृति के बीच बने गहरे संबंधों की एक आकर्षक कहानी के रूप में सामने आता है। यह फिल्म लुप्तप्राय समुद्री पक्षियों की संख्या में गिरावट और अन्य वन्यजीवों के अस्तित्व पर सील से खतरे पर प्रकाश डालती है।
एमआईएफएफ का 18वां संस्करण 15 से 21 जून 2024 तक मुंबई के पेडर रोड स्थित राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम-फिल्म्स डिवीजन परिसर में आयोजित किया जा रहा है।
चेसेलेट ने "माई मर्करी" को एक पर्यावरणीय मनोवैज्ञानिक फिल्म बताया है जो मानव की जटिल मानसिकता और प्रकृति के साथ हमारे रोमांचक संबंधों की तलाश करती है। उन्होंने कहा, "द्वीप एक सीमित और चुनौतीपूर्ण स्थान है।" उन्होंने सुझाया कि ऐसा वातावरण मानसिक रूप से थका देने वाला हो सकता है। चेसेलेट ने कहा, "फिल्म दिखाए गए सभी घटनाक्रम सच है।" उन्होंने कहा कि गायब फुटेज के स्थान पर केवल कुछ फुटेज को पुनर्निर्मित किया गया हैं।
फिल्म का केंद्रबिंदु मर्करी द्वीप है जो नायक के लिए एक "आत्मिक स्थान" के रूप में दर्शाया गया है, जो उसके प्रयासों से स्वर्ग में बदल गया है। फिल्म का शीर्षक, माई मर्करी, द्वीप के साथ नायक के इस घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है।
चेसेलेट ने पारिस्थितिकी संतुलन में मानव और गैर-मानवीय अंतर्क्रियाओं के बीच जटिल अंतर्संबंध को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया, "मानव को संतुलन से अलग करने पर सील की संख्या में वृद्धि और समुद्री पक्षियों की संख्या में कमी आई है," साथ ही उन्होंने बताया कि अत्यधिक मछली पकड़ने से भी समस्या बढ़ी है। फिल्म पर्यावरण के मुद्दों पर लोगों से सतही राजनीतिक चिंताओं से आगे बढ़ने का आग्रह करती हुई अधिक जागरूकता और कार्रवाई का आह्वान करती है। उन्होंने कहा, "प्राकृतिक दुनिया का वर्णन करने की भावुकता जरूरी नहीं कि रचनात्मक ही हो। सूक्ष्म और स्थूल दोनों अर्थों में जागरूकता महत्वपूर्ण है।"
फिल्म के संवेदनशील विषय को देखते हुए, चेसेलेट ने उद्योग की सनसनीखेज और हर चीज को जबरदस्ती थोपने की प्रवृत्ति को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "चूंकि यह एक मार्मिक विषय है और नायक मेरा अपना भाई है, इसलिए मुझे सावधानी से आगे बढ़ना होगा।"
माई मर्करी के फोटोग्राफी निदेशक लॉयड रॉस ने सील से निपटने के नायक के तरीकों के कारण फिल्म की विवादास्पद प्रकृति को दोहराया। इसके बावजूद, प्रकृति संरक्षण समुदाय ने फिल्म को मजबूत समर्थन दिया है। रॉस ने द्वीप पर फिल्मांकन की समान ले जाने की चुनौतियों का वर्णन करते हुए कहा कि "द्वीप में प्रवेश करना बहुत कठिन है क्योंकि इसका समुद्र तट सामान्य न होकर चट्टानों से भरा हैं।"
माई मर्करी एक विचारोत्तेजक वृत्तचित्र है, जो न केवल महत्वपूर्ण संरक्षण मुद्दों पर प्रकाश डालता है, बल्कि प्रकृति के साथ गहन मानवीय संबंधों पर भी प्रकाश डालता है।
डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों के लिए विशेष प्रावधानों के साथ 1.5 करोड़ की अधिकतम सब्सिडी
18वें मुंबई फिल्म फेस्टिवल में डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग में फंडिंग और राजस्व कमाने की रणनीतियों को लेकर विस्तृत पैनल चर्चा की गई
जम्मू और कश्मीर में उभरते फिल्म निर्माताओं के लिए एक कोष स्थापित करने की योजना है: जतिन किशोर, निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जम्मू और कश्मीर
डॉक्यूमेंट्री स्पेस ने तथ्यात्मक मनोरंजन के रूप में पुनः ब्रांडिंग की है: नेटवर्क18 के कंटेंट और संचार अध्यक्ष अरुण थापर
एमयूबीआई फीचर और गैर-फीचर फिल्मों के बीच अंतर किए बिना उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री को प्राथमिकता देता है: प्रोग्रामिंग निदेशक स्वेतला नाडियाल
डॉक्यूमेंट्री की मान्यता के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार कोई शर्त नहीं: डॉक्यूबे के मुख्य परिचालन अधिकारी गिरीश द्विभाष्यम
नई दिल्ली | डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों के लिए 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने आज "बियांड द लेंस: फंडिंग एंड मोनेटाइजेशन इन डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग" विषय पर एक आकर्षक पैनल चर्चा की। इस आकर्षक सत्र में डॉक्यूमेंट्री निर्माणों से फंडिंग और लाभ कमाने के लिए अभिनव तरीकों पर चर्चा की गई, जो अपनी कहानियों को जीवंत करने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
सत्र की शुरुआत जम्मू और कश्मीर में सूचना और जनसंपर्क विभाग के निदेशक, आईएएस, जतिन किशोर ने की, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर को एक प्रमुख फिल्म निर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षेत्र की नई फिल्म नीति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हम डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों के लिए विशेष प्रावधानों के साथ 1.5 करोड़ की अधिकतम सब्सिडी दे रहे हैं।" इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि उनकी सिंगल विंडो सिस्टम फिल्म निर्माताओं के लिए जम्मू और कश्मीर में शूटिंग के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी। जतिन किशोर ने नवोदित फिल्म निर्माताओं का समर्थन करने के लिए एक फंड स्थापित करने की जम्मू और कश्मीर प्रशासन की योजना की भी घोषणा की।
एमयूबीआई में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की प्रोग्रामिंग निदेशक स्वेतलाना नौडियाल ने डाक्यूमेंट्री के उभरते परिदृश्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डाक्यूमेंट्रीज ने एक लंबा सफर तय किया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी भी बहुत प्रगति की जानी है। नौडियाल ने बताया कि एमयूबीआई में, वे फीचर और गैर-फीचर फिल्मों के बीच अंतर किए बिना हाई क्वालिटी वाले कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं।
नेटवर्क18 में सीनियर मीडिया एग्जक्यूटिव एंड प्रेसिडेंट ऑफ कंटेंट एंड डाक्यूमेंटेशन अरुण थापर ने कलाकार और पत्रकार दोनों के रूप में डाक्यूमेंट्री की दोहरी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डाक्यूमेंट्री क्षेत्र में एक नया ब्रांडिंग हुआ है, जिससे फैक्चुअल एंटरटेनमेंट को बढ़ावा मिला है। थापर का कहना था कि डाक्यूमेंट्री समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, हालांकि उनकी यात्रा आसान नहीं है। उनका मानना था कि डाक्यूमेंट्री को वित्तीय सफलता प्राप्त करने के लिए, उन्हें बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए। थापर ने कहा, "फेस्टिवल सर्किट फिल्मों को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर पेश करने से पहले उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करता है। क्राउडसोर्सिंग भी एक व्यवहार्य फंडिंग विकल्प है।" उन्होंने अमेरिकी बाजार के साथ समानताएं बताते हुए सार्वजनिक प्रसारण सेवाओं और सरकारी समर्थन के महत्व पर भी जोर दिया।
डॉक्यूबे के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर गिरीश द्विभाष्यम ने स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर आने वाले विचारों को साझा किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके विषय व्यापक दर्शकों को आकर्षित करें। द्विभाष्यम ने कहा कि अखिल भारतीय या वैश्विक अपील के साथ अच्छी तरह से शोध की गई सामग्री आवश्यक है। उन्होंने बताया कि डॉक्यूबे में, वे अनुभवी खिलाड़ियों और युवा फ़िल्म निर्माताओं दोनों के कंटेंट के साथ अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस बनाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, "जबकि अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्रचार को बढ़ावा दे सकते हैं, वे मान्यता के लिए कोई शर्त नहीं हैं। ठोस शोध के साथ एक अच्छी कहानी अपने आप में अलग हो सकती है।"
फिल्म मॉस्को के संस्थापक इलिया टॉल्स्टोव ने रूसी बाजार में बढ़ते अवसरों पर चर्चा की। हालांकि एक समय पश्चिमी विषय-वस्तु वैश्विक स्तर पर हावी थी, लेकिन इलिया टॉल्स्टोव ने कहा कि अब परिदृश्य बदल रहा है और रूस में फिल्म उद्योग का विस्तार हो रहा है। "रूस में कई फिल्म समारोह हैं, जो फिल्म निर्माताओं के लिए रूसी बाजार में प्रवेश करने का एक उपयुक्त समय है।" उन्होंने पुष्टि की कि वे सह-निर्माण विचारों के लिए खुले हैं और फिल्म निर्माताओं का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं, उन्होंने कहा कि रूस में भारतीय फिल्मों को उच्च दर्जा दिया जाता है।
सत्र का संचालन लाइफोग्राफर और तक्षशिला मल्टीमीडिया के संस्थापक रजनी आचार्य ने किया, जिन्होंने डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण में निहित जोखिमों को रेखांकित किया। आचार्य ने कहा, "डाक्यूमेंट्रीज के लिए सफलता का अनुपात लगभग 10% है, और फिल्म निर्माताओं को 90% जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए। किसी भी डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता के सामने सबसे बड़ी चुनौती फंडिंग है।"
अच्छी स्क्रिप्ट और दमदार अभिनय फिल्मों को अमर बनाते हैं : ‘पोचर’ के निर्देशक रिची मेहता
18वें मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में ‘पोचर’ के निर्देशक रिची मेहता
नई दिल्ली | डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों के लिए 18वें मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में आज एमी पुरस्कार विजेता निर्देशक, निर्माता और लेखक रिची मेहता के साथ एक ज्ञानवर्धक इन-कन्वर्सेशन सत्र आयोजित किया गया | उन्हें ‘दिल्ली क्राइम’ और ‘पोचर’ जैसी प्रशंसित श्रृंखलाओं के लिए जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित रेडियो व्यक्तित्व रोहिणी रामनाथन द्वारा संचालित इस सत्र में क्राइम थ्रिलर फिल्म निर्माण की पेचीदगियों पर गहन चर्चा की गई।
रिची मेहता ने फिल्म निर्माण के निर्माण के बारे में अपनी गहन अंतर्दृष्टि साझा की, जिसमें एक अच्छी स्क्रिप्ट और दमदार अभिनय के शाश्वत महत्व पर जोर दिया गया। उन्होंने सफल कहानी कहने के मूलभूत तत्वों के बारे में चर्चा करते हुए कहा, "एक चीज जो फिल्मों को अमर बनाती है, वह है अच्छी स्क्रिप्ट और दमदार अभिनय। कास्टिंग और शोध बहुत महत्वपूर्ण हैं।"
विपुल फिल्म निर्माता ने अपने अनूठे दृष्टिकोण का खुलासा किया। फिल्म निर्माता फिल्म के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्यों के बावजूद विशेष रूप से अपराध शैली की ओर आकर्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मुझे स्थानीय कहानियां कहानी बताने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिन्हें स्थानीय फिल्म निर्माता बेहतर तरीके से बता सकते हैं। मुझे बहुत बड़ी कहानियों में दिलचस्पी है, ऐसी कहानियां जो एक प्रजाति के रूप में हमारी क्षमताओं के मूल तक पहुंचती हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि वे अपराध शैली का इस्तेमाल विभिन्न दर्शकों को आकर्षित करने और व्यापक किंतु अक्सर अधिक जटिल विषयों को संबोधित करने के लिए एक साधन के रूप में करते हैं। रिची मेहता ने कहा, "मनोरंजन अंत तक पहुंचने का एक साधन मात्र है। यह अपने आप में कोई अंत नहीं है।"
अपनी बहुप्रशंसित अपराध थ्रिलर की उत्पत्ति को याद करते हुए, रिची मेहता ने कहा कि उनकी डॉक्यूमेंट्री "इंडिया इन ए डे" की प्रक्रिया में एकत्र किए गए हाथीदांत के बस्ट के क्राउड सोर्स्ड फुटेज ने हाथियों के अवैध शिकार के विषय में उनकी रुचि जगाई, जिससे 'पोचर' का निर्माण हुआ।
एनआरआई फिल्म निर्माता के रूप में रिची मेहता अपनी मातृभूमि को लेकर कुछ करने की हार्दिक जिम्मेदारी को अनुभव करते हैं। उन्होंने फिल्म निर्माण में अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। रिची मेहता ने कहा, "हमें लोगों से बात करने और उन्हें जानने का अवसर मिलता है। यहीं से हम सब कुछ सीखते हैं। मैं ऐसी चीजें दिखाने को लेकर विशेष रूप से सजग था, जिन्हें देखने की लोगों को आदत नहीं है। अगर मैं जानवरों का मानवीकरण करूं, तो मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि मनुष्यों को लेकर उनकी प्रतिक्रिया भय या उदासीनता की होगी।" इसके अलावा इस सत्र के दौरान कई भाषाओं में सीरिज निर्देशित करने की तकनीकी और भाषाई चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। उन्होंने आगे कहा, "यह एक अद्भुत शिक्षण अनुभव था। मुझे यह सुनिश्चित करना था कि मैंने अंग्रेजी में जो लिखा है, वह सही रूप में प्रस्तुत हो सके।"
फिल्म निर्माता आगे बाघों और बड़ी बिल्लियों पर शोध करने वाली एक दीर्घकालिक परियोजना पर काम कर रहे हैं। वहीं, अपनी लेखन प्रक्रिया के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए रिची मेहता ने लेखकों के एक कमरे में बैठकर लिखने, जिसे वे संभावित रूप से विचलित करने वाला मानते हैं, की तुलना में व्यक्तिगत शोध को प्राथमिकता दी। रिची मेहता ने अंत में कहा, "मुझे लेखन में शोध करना बहुत पसंद है।"
18वां मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 15 से 21 जून, 2024 तक आयोजित किया जाएगा
मुंबई में इस महोत्सव का आयोजन किया जाएगा और इसमें दिखाई जाने वाली फिल्मों का प्रदर्शन साथ ही साथ दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और पुणे में भी किया जाएगा
38 देशों से 65 भाषाओं में 1000 से अधिक फिल्मों की रिकॉर्ड प्रविष्टियां
2024 संस्करण में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डीओसी फिल्म बाजार की शुरुआत की जाएगी
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता तैयार किए गए विषयों पर 25 से अधिक मास्टरक्लास, पैनल चर्चा और ओपन फोरम में भाग लेंगे
सम्मानित जूरी सदस्यों में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माता ऑड्रियस स्टोनिस, भारत बाला, डॉ. बॉबी सरमा बरुआ, अन्ना हेनकेल-डोनरस्मार्क और निर्माता अपूर्वा बख्शी, एडेल सीलमैन-एगबर्ट, कीको बैंग और बार्थेलेमी फौगा शामिल होंगे
नई दिल्ली | सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव प्रसारण संजय जाजू ने आज (7 जून 2024) घोषणा की कि मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 18वां संस्करण मुंबई में 15 जून से 21 जून, 2024 तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन स्थल एफडी-एनएफडीसी कॉम्प्लेक्स, मुंबई होगा और एमआईएफएफ की स्क्रीनिंग दिल्ली (सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम), चेन्नई (टैगोर फिल्म सेंटर), पुणे (एनएफएआई ऑडिटोरियम) और कोलकाता (एसआरएफटीआई ऑडिटोरियम) में भी होगी।
इस मौके पर अपर सचिव नीरजा शेखर, प्रधान महानिदेशक, पीआईबी शेफाली बी. शरण और प्रबंध निदेशक, एनएफडीसी पृथुल कुमार भी उपस्थित थे।
एमआईएफएफ फिल्म प्रोग्रामिंग
1. इस वर्ष प्रतियोगिता खंडों के लिए 38 देशों से 65 भाषाओं में 1018 फिल्मों की रिकॉर्ड प्रविष्टियां।
2. अंतर्राष्ट्रीय (25) और राष्ट्रीय (77) प्रतियोगिता खंडों के लिए प्रतिष्ठित फिल्म विशेषज्ञों की तीन चयन समितियों द्वारा 118 फिल्मों का चयन किया गया। चयन समिति ने सर्वसम्मति से यह भी कहा कि इस वर्ष बहुत उच्च गुणवत्ता वाली फिल्में प्राप्त हुई हैं, जिससे चयन कठिन हो गया।
3. इस वर्ष एमआईएफएफ प्रोग्रामिंग में कुल 314 फिल्में।
4. 8 विश्व प्रीमियर, 6 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 17 एशिया प्रीमियर और 15 भारत प्रीमियर होंगे।
5. इस संस्करण में विशेष पैकेज तैयार किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
ए. ऑस्कर और बर्लिनले के पुरस्कार विजेता फिल्मों का पैकेज (प्रत्येक में 12 लघु फिल्में)।
बी. 7 देशों- रूस, जापान, बेलारूस, इटली, ईरान, वियतनाम और माली के साथ सहयोग से 'विशेष देश फोकस पैकेज'।
सी. 4 देशों- फ्रांस, स्लोवेनिया, अर्जेंटीना और ग्रीस से तैयार एनिमेशन पैकेज।
डी. देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों की छात्र फिल्में (45 फिल्में)।
ई. एनएफडीसी-नेशनल फिल्म आर्काइव्स ऑफ इंडिया से पुनर्स्थापित क्लासिक्स पैकेज।
एफ. अमृत काल में भारत की विशेष थीम पर देश की प्रगति, विकास और समृद्धि को प्रदर्शित करने वाली प्रतियोगिता फिल्में।
जी. दिव्यांगजन पैकेज में, दृष्टिबाधित लोगों के लिए ऑडियो विवरण और सांकेतिक भाषा विवरण के साथ तथा श्रवण बाधितों के लिए क्लोज़ड कैप्शन के साथ फिल्में शामिल हैं।
एच. फिल्मों के चयनित पैकेज निम्नलिखित पर भी हैं-
i. वन्यजीव
ii. मिशन लाइफ
iii. एशियाई महिला फिल्म निर्माताओं की फिल्में
6. 18वें एमआईएफएफ की उद्घाटन फिल्म "बिली एंड मौली, एन ऑटर लव स्टोरी" होगी, जो 15 जून, 2024 को मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, पुणे और चेन्नई में स्क्रीनिंग के साथ महोत्सव की शुरुआत करेगी।
7. महोत्सव की समापन फिल्म वह फिल्म होगी, जो गोल्डन कॉन्च जीतती है और इसे 21 जून, 2024 को प्रदर्शित किया जाएगा।
8. अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी में दुनिया भर की प्रतिष्ठित फिल्म हस्तियां केइको बैंग, बार्थेलेमी फौगा, ऑड्रियस स्टोनिस, भारत बाला और मानस चौधरी शामिल हैं, जो सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फिल्म के लिए गोल्डन कॉन्च, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय लघु कथा फिल्म और सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म के लिए सिल्वर कॉन्च और सबसे नवीन/प्रयोगात्मक फिल्म के लिए प्रमोद पति पुरस्कार प्रदान करेंगे।
9. 18वें एमआईएफएफ के लिए राष्ट्रीय ज्यूरी में एडेल सीलमन-एगबर्ट, डॉ. बॉबी शर्मा बरुआ, अपूर्व बख्शी, मुंजाल श्रॉफ और अन्ना हेन्केल-डॉन नेर्समार्क जैसे उल्लेखनीय नाम शामिल हैं, जो सर्वोत्तम भारतीय वृत्तचित्र, लघु फिल्म, एनिमेशन, सर्वोत्तम डेब्यू फिल्म पुरस्कार (महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रायोजित) और सर्वोत्तम छात्र फिल्म पुरस्कार (आईडीपीए द्वारा प्रायोजित) के अलावा कई तकनीकी पुरस्कार और "अमृत काल में भारत" पर सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म के लिए एक विशेष पुरस्कार प्रदान करेंगे।
10. इसके अलावा, 1) छायांकन, 2) संपादन और 3) साउंड डिजाइन के लिए तीन तकनीकी पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता से साझे आधार पर दिए जाएंगे।
11. फेडरेशन इंटरनेशनेल द ला प्रेसे सिनेमाटोग्राफिक– द इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स (फिपरेस्की)- ज्यूरी के 3 प्रतिष्ठित फिल्म समीक्षक राष्ट्रीय प्रतियोगिता वृत्तचित्र के लिए भी पुरस्कार प्रदान करेंगे।
12. कुल पुरस्कार राशि 42 लाख रुपये है।
13. दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए ऑडियो विवरण और सांकेतिक भाषा विवरण के साथ तथा श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए क्लोज्ड कैप्शन के साथ फिल्में।
14. दिव्यांगजनों के लिए विशेष फिल्मों के अलावा, एनएफडीसी ने 'स्वयम्' नामक एक गैर-लाभकारी संगठन के साथ भागीदारी की है, ताकि एनएफडीसी-एफडी परिसर में एमआईएफएफ महोत्सव स्थल को दिव्यांगजनों तथा विशेष आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों के लिए पूरी तरह से सुगम बनाया जा सके। सुगमता भागीदारी यह भी सुनिश्चित करेगी कि कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों को सुगमता वंचित प्रतिनिधियों की सुविधा के लिए संवेदनशील बनाया जाए, ताकि आने वाले प्रतिनिधियों को बेहतर अनुभव हो सके।
15. भव्य उद्घाटन और समापन समारोह एनसीपीए, नरीमन पॉइंट, मुंबई में आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कलात्मक मिश्रण देखने को मिलेगा, जिसमें भारतीय एनिमेशन की यात्रा को दर्शाने वाला एक कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह में श्रीलंका और समापन समारोह में अर्जेंटीना का सांस्कृतिक प्रदर्शन और एफटीआईआई छात्र लघु फिल्म “सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो” का प्रदर्शन शामिल होगा, जिसने इस वर्ष 77वें कान फिल्म समारोह में ला सिनेफ पुरस्कार जीता था।
16. पन्द्रह जून को उद्घाटन फिल्म से शुरू होकर हर दिन मुंबई में एनएफडीसी-एफडी परिसर में गाला रेड कार्पेट स्क्रीनिंग आयोजित की जाएगी। प्रतिष्ठित फिल्म हस्तियों के साथ अन्य रेड कार्पेट की योजना बनाई जा रही है, जिसमें पोचर, इनसाइड आउट-2, द कमांडमेंट्स शैडो, माई मर्करी, श्रीकांत, ब्रांड बॉलीवुड आदि शामिल हैं।
17. फिल्म उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों की भागीदारी के साथ दिल्ली (17 जून), चेन्नई (18 जून), कोलकाता (19 जून) और पुणे (20 जून) में विशेष रेड कार्पेट का भी आयोजन किया जाएगा।
18. अठारहवें एमआईएफएफ में फिल्म निर्माताओं संतोष सिवन, ऑड्रियस स्टोनीस, केतन मेहता, रिची मेहता, टी.एस. नागभरण, जॉर्जेस श्विज़गेबेल और कई अन्य दिग्गजों के साथ 20 मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन और पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।
19. फिल्म उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ रंगारंग एम्फीथिएटर स्थल पर हर दिन भारतीय वृत्तचित्र निर्माता संघ (आईडीपीए) के सहयोग से ओपन फोरम चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।
20. पंजीकृत प्रतिभागियों के लिए एनिमेशन और वीएफएक्स विषय आधारित एक क्रैश कोर्स आयोजित किया गया है।
21. फिल्म निर्माताओं को अपनी परियोजनाओं के लिए खरीदार, प्रायोजक और सहयोगी खोजने के लिए एक मंच प्रदान करके फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए पहली बार डॉक फिल्म बाज़ार का आयोजन किया जा रहा है।
22. दस देशों से 27 भाषाओं में करीब 200 परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं।
23. डॉक फिल्म बाज़ार में 3 क्यूरेटेड वर्टिकल आयोजित किए जाएंगे– ‘को-प्रोडक्शन मार्केट’ (16 परियोजनाएं), ‘वर्क इन प्रोग्रेस (डब्ल्यूआईपी) लैब’ (6 परियोजनाएं) और ‘व्यूइंग रूम’ (106 परियोजनाएं)।
24. चयनित परियोजनाओं के लिए इन अवसरों के अलावा, एक ‘ओपन बायर-सेलर मीट’ भी आयोजित होगा, जो फिल्म निर्माताओं को उत्पादन, सिंडिकेशन, अधिग्रहण, वितरण और बिक्री के क्षेत्र में खरीदारों और कॉर्पोरेट जगत के साथ सहयोग करने में मदद करेगा।
25. वृत्तचित्र फिल्म निर्माण और कॉर्पोरेट ब्रांडिंग के बीच आपसी संबंध की संभावना तलाशने के लिए एक समर्पित सत्र। फिक्की जैसे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ, ब्रांड वृद्धि के लिए कारगर उपायों और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव के प्रेरक के रूप में वृत्तचित्रों के सीएसआर वित्तपोषण की संभावना देखी जाएगी।
26. एमआईएफएफ की एक इंटरैक्टिव वेबसाइट www.miff.in विकसित की गई है, जो महोत्सव में निर्धारित फिल्मों, कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में विवरण प्रदान करती है।
27. विभिन्न गतिविधियों जैसे फिल्म स्क्रीनिंग की पूर्व बुकिंग, मास्टरक्लास में भाग लेना, खुले मंच आदि में प्रतिनिधियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए एक समर्पित मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। यह महोत्सव को प्रतिनिधियों से मूल्यवान प्रतिक्रिया प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
28. वेबसाइट या एमआईएफएफ की प्रचार सामग्री में दिए गए क्यूआर कोड के माध्यम से महोत्सव में भाग लेने के लिए प्रतिनिधि पंजीकरण सरल लेकिन अनिवार्य है।
29. प्रतिनिधि पंजीकरण की सुविधा 'बुक माई शो' के माध्यम से भी उपलब्ध की जा रही है।
30. किसी भी संख्या में फिल्म स्क्रीनिंग या मास्टरक्लास या डॉक फिल्म बाजार में भाग लेने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है।
31. प्रतिनिधि पंजीकरण शुल्क-
अ. मुंबई - पूरे महोत्सव में भाग लेने के लिए 500 रुपये
ब. दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और पुणे- निःशुल्क
स. छात्र और प्रेस- निःशुल्क
द. अगले तीन दिनों के लिए सभी प्रतिनिधि पंजीकरण ‘निशुल्क’ हैं।
32. इस वर्ष पहली बार, एमआईएफएफ को महोत्सव में 20 से अधिक ब्रांडों से कॉर्पोरेट सहयोग प्राप्त हुआ है। ब्रांडों ने महोत्सव के साथ विभिन्न स्तरों पर सहयोग किया है, यानी महोत्सव के विभिन्न पहलुओं को प्रायोजित करने से लेकर महोत्सव को मजबूत बनाने के लिए विशेषज्ञता लाने तक।
एमआईएफएफ दक्षिण एशिया में गैर-फीचर फिल्मों (वृत्तचित्र, लघु कथात्मक चित्र और एनिमेशन) के लिए सबसे पुराना और सबसे बड़ा फिल्म महोत्सव है। वर्ष 1990 में शुरू होने के बाद से वृत्तचित्र फिल्म जगत का एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है। यह एक द्विवार्षिक आयोजन है।
एमआईएफएफ दुनिया भर के वृत्तचित्र निर्माताओं से मिलने, विचारों का आदान-प्रदान करने, वृत्तचित्र, लघुचित्र और एनिमेशन फिल्मों के सह-निर्माण तथा विपणन की संभावनाओं का पता लगाने और फिल्म निर्माताओं के विश्व सिनेमा के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह महोत्सव वृत्तचित्र, एनिमेशन और लघु फिल्मों के लिए संवाद करने व चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिसका उद्देश्य कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना तथा फिल्म निर्माताओं और उपस्थित लोगों के लिए एक रचनात्मक प्रेरणा के रूप में काम करना है।
87 वर्ष की आयु में इन्होंने कहा दुनिया को अलविदा... PM नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
नईदिल्ली। रामोजी फिल्म सिटी और ईनाडु के संस्थापक रामोजी राव का शनिवार सुबह हैदराबाद, तेलंगाना में निधन हो गया। रामोजी राव का हैदराबाद के स्टार अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। रामोजी राव का हैदराबाद के स्टार अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। 87 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। भारत सरकार ने वर्ष 2016 में रामोजी को समाज में उनके योगदान के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण प्रदान किया था।
The passing away of Shri Ramoji Rao Garu is extremely saddening. He was a visionary who revolutionized Indian media. His rich contributions have left an indelible mark on journalism and the world of films. Through his noteworthy efforts, he set new standards for innovation and… pic.twitter.com/siC7aSHUxK
— Narendra Modi (@narendramodi) June 8, 2024
लोक संस्था सुरता की धूम, 33 वर्षों से भाटापारा में सतत आयोजित लोकोत्सव में
लोककला संरक्षण हेतु विजय मिश्रा सम्मानित
रायपुर । छत्तीसगढ़ी लोक कला के उन्नयन व प्रचार - प्रसार हेतु बीते 33 वर्षों से भाटापारा में सतत आयोजित लोकोत्सव 2024 में लोक कला मंच सुरता ने मनमोहक प्रस्तुति की। लोकोत्सव में सूरता के संचालक वरिष्ठ रंगकर्मी विजय मिश्रा ‘अमित’ को डॉक्टर जितेंद्र आडिल स्मृति सम्मान से अलंकृत कर उनका सम्मान किया गया।
तीन दिवसीय लोकोत्सव में सुरता टीम के पैंतीस कलाकारों ने सुवा,करमा, ददरिया,मावलिया जश गीतों की प्रस्तुति से जनमन को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुरता के नृत्य निदेशक नरेंद्र जलक्षत्रीय की भरपूर सराहना की गई। इस अवसर पर सभी कलाकार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सुरता के कलाकारों में सर्वश्री अर्जुन मानिकपुरी, तोसन निर्मलकर, नीतीश यादव, कृष्णा सपहा, नारायण, लोकेश, चंद्रहास साहू, देवा कश्यप, अशोक निषाद, अभिषेक पांडे, अंजलि भट्ट, मानसी साहू, नूतन साहू, ऋषिका पांडे, नूतन, रौशनी, ज्योति पायल, सुनीधि साहू, मैरी मसीह ने नृत्य - गायन - वादन में अपनी भागीदारी दी।
अनसूया सेनगुप्ता बेस्ट एक्ट्रेस अवाॅर्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला, 77वें कांस फिल्म फेस्टिवल में
डेस्क | 77वें कांस फिल्म फेस्टिवल में दुनिया भर के कलाकारों का जमावट लगा हुआ है। जहां भारतीय एक्टर - एक्ट्रेस रेड कार्पेट पर अपना जलवा बिखेर रहे हैं। इसी बीच एक भारतीय एक्ट्रेस ने एक इतिहास अपने नाम कर लिया है | कोलकाता की रहने वालीं अनूसया सेनगुप्ता ने कान्स फिल्म फेस्टिवल, 2024 में अन सर्टन रिगार्ड कैटेगरी में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच कर पुरे भारत वर्ष को गौरान्वित कर दिया है। एक्ट्रेस अनसूया सेनगुप्ता इस कैटेगरी का टॉप अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय कलाकार हैं। यह अवॉर्ड उन्हें फिल्म 'शेमलेस' के लिए मिला है। इस मूवी में अनसूया ने देह व्यापार करने वाली की भूमिका निभाई है, जो एक पुलिस वाले को चाकू मारने के बाद दिल्ली के वेश्यालय से भाग जाती है।
अवॉर्ड जीतने के बाद अनसूया ने कहा, ''सभी के लिए समानता की लड़ाई लड़ने के लिए आपको समलैंगिक होने की जरूरत नहीं है। "हमें बस बहुत सभ्य इंसान होने की ही जरूरत है।'' इसी के साथ उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने फैंस का इस जीत के लिए धन्यवाद भी किया।
अनसूया ने अपना यह पुरस्कार 'दुनियाभर में समलैंगिक समुदाय और हाशिए पर जिंदगी जीने वाले समुदायों की बहादुरी को समर्पित किया है। उन्होंने अवॉर्ड लेने के बाद अपने भाषण में कहा, 'सभी के लिए समानता की लड़ाई लड़ने के लिए आपको समलैंगिक होने की जरूरत नहीं है। हमें बस बहुत, बहुत सभ्य इंसान होने की जरूरत है।'
होगी ‘तेजस’ की जंग आतंकवाद से, 28 अप्रैल को ज़ी सिनेमा पर वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के साथ
- अवश्य ही देखे
एक जांबाज़ एयर फोर्स पायलट, एक खतरनाक मिशन और एक छिपे हुए दुश्मन की दहशत, जब पूरे देश का भविष्य दांव पर लगा हो तो इससे बढ़कर और कुछ हो ही नहीं सकता | सर्वेश मेवाड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अंशुल चौहान, आशीष विद्यार्थी, वरुण मित्रा और विशाक नायर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखेंगे। जबर्दस्त आसमानी दृश्य और हैरतअंगेज का देने वाले एक्शन शॉट्स के साथ ‘तेजस’ दर्शकों को रोमांस, सस्पेंस और देशभक्ति के शानदार सफर पर ले जाने का पूरा वादा करती है।
यह फिल्म एक बहादुर फाइटर पायलट तेजस और अपने देश को बचाने के उसके अटूट हौसले की कहानी है जहां वो जोखिम भरे बचाव अभियान पर निकल पड़ती है। इस फिल्म में उसके एयरफोर्स एकेडमी की एक ज़िद्दी कैडेट होने से लेकर एक जुनूनी पायलट बनने तक के सफर को बहुत ही शानदार तरीके से बनाया गया है, जहां वो अपने दु:खद अतीत से भी जूझती है। अपनी सहयोगी और को-पायलट आफिया के साथ मिलकर तेजस को ऐसे एक आतंकवादी हमले को नाकाम करना है, जो पूरे देश को हिलाकर रख सकता है।
ED ने एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की 98 करोड़ की संपत्ति की जब्त
डेस्क। ईडी ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। बिटकॉइन पोंजी घोटाले में बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की 97.79 करोड़ की संपत्ति जप्त कर ली। ईडी ने आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी।
ईडी ने सोशल मिडिया एक्स पर पोस्ट कर बताया कि, पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत रिपु सूदन कुंद्रा उर्फ राज कुंद्रा से संबंधित 97.79 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया गया है।
जब्त की गई संपत्ति में जुहू में स्तिथ एक बंगला शामिल है, जो शिल्पा शेट्टी के नाम पर है। साथ ही पुणे में मौजूद एक बंगला भी शामिल है। इसके अलावा राज कुंद्रा के नाम पर कुछ इक्विटी शेयर भी ईडी ने जब्त किए हैं।
अमिताभ बच्चन के नाम एक और अवार्ड....लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड
डेस्क | बाॅलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने फिल्मी करियर में बॉलीवुड को बहुत सी हिट फिल्में दी हैं। बिग बी के नाम से ख्याति प्राप्त अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री में लगभग पांच दशक का समय हो चुका हैं। 1969 में उन्होंने फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से अपना बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुवात की थी | इसके बाद उन्होंने 'जंजीर' , 'शोले', 'अमर अकबर एंथोनी', 'डॉन', जैसी बहुत सी सुपरहिट फिल्में की। बिग बी ने अपनी मेहनत और संघर्ष के दम पर आज शोहरत की वो बुलंदियां छुई हैं जो आने वाले कई दशक में बहुत से अभिनेताओं को नसीब नहीं होंगी। शायद इसीलिए तो अमिताभ को सदी का महानायक भी कहा जाता है। वहीं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को उनके काम के लिए कई अवार्ड भी दिया जा चुका है। ऐसे में अब बिग बी के अवार्ड की लिस्ट में जल्द ही एक और नाम जुड़ने जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस अवार्ड से सम्मानित किया ज चूका है। इसके बाद 2023 में यह अवार्ड लता मंगेशकर की बहन आशा भोसले को दिया गया था। वहीं अब बिग को भी इस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। बिग बी को यह सम्मान लता मंगेशकर के पिता एवं संगीत जगत के दिग्गज दीनानाथ मंगेशकर के स्मृति दिवस पर 24 अप्रैल 2024 को दिया जाएगा।
इस वक्त बिग बी के पास कई फिल्में हैं। जिसमें 'कल्कि एडी 2898' हैं। इस फिल्म में उनके साथ साउथ सुपरस्टार कमल हासन और प्रभास भी नजर आएंगे | इस फिल्म के साथ ही साथ बिग बी रिभु दासगुप्ता की 'धारा 84' में दिखाई देंगे। इसके अलावा, वह तमिल फिल्म 'वेट्टैयान' में मेगास्टार रजनीकांत के साथ नजर आएंगे। वहीं अब बिग बी बहुत जल्द ही दर्शको के पसंदीदा शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के नए सीजन को लेकर भी लौट रहे हैं। बीते दिनों सोनी टीवी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने शो का एक प्रोमो जारी किया था, जिसमें अमिताभ बच्चन की झलक देखने को मिल रही है।