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बिना तेल में तले भी बनता है प्याज पकोड़ा... माधुरी दीक्षित ने बताया तरीका... आप भी देखिए यह वीडियो

तला-भुना खाने से बीमारियां हो सकती हैं
तला खाना खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन इसका सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे खाने में कैलोरी, कोलेस्‍ट्रॉल और फैट पाया जाता है। तेल में तले पकौड़े कई तरह से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इससे मोटापा, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।  

 

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OMG 2 के रिलीज पर सेंसर बोर्ड ने लगाई रोक... निर्धारित समय पर सिनेमाघरों में नहीं लग पाई यह फिल्म... देखिए ट्रीजर और जानिए वजह

11 जुलाई को सुबह 11 बजे अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी के किरदारों से रूबरू कराता टीजर आउट हुआ। जहां एक तरफ भोले बाबा बने अक्षय कुमार के चाल ढाल और पंकज त्रिपाठी की सहजता को सराहा गया तो वहीं एक सीन पर पारखी नेटिजन्स ने ऐतराज कर दिया। आपत्ति रेलवे ट्रैक पर स्नान करते अक्षय कुमार की थी। रील लाइफ वाले भोले शंकर का ये अभिषेक लोगों को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने इसे भगवान का अपमान तक करार दिया।



सेंसर बोर्ड पहले भी अपने रवैए को लेकर चर्चा में रहा है। द कश्मीर फाइल्स से लेकर द केरल स्टोरी तक पर अनापत्ति को लेकर एक वर्ग ने निशाने पर लिया था तो वहीं हाल ही में 72 हूरें टीजर को सर्टिफिकेट न दिए जाने को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। शायद यही वजह है कि सेंसर बोर्ड फिलहाल किसी भी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहता है और फिल्म को रिव्यू कमेटी के हवाले कर दिया है। किस डायलॉग या सीन को लेकर बोर्ड रिस्क नहीं लेना चाह रहा इसको लेकर कुछ भी क्लियर नहीं है। 

 

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‘मैं ताली बजाती नहीं, बजवाती हूं’... कहते हुए सिनेमाघरों में गुंजेगी... सुष्मिता सेन की आवाज

एक्ट्रेस सुष्मिता सेन की ट्रांसजेंडर के किरदार में आने वाली सीरीज ताली का मोशन पोस्टर जारी कर दिया गया है। इस पोस्टर में एक लाल रंग के बिंदी में सुष्मिता सेन का चेहरा उभरते हुए दिखाई देता है। इस सीरीज में सुष्मिता सेन कार्यकर्ता गौरी सावंत की भूमिका में नजर आएंगी। गौरी सावंत, जिनका जन्म गणेश के रूप में हुआ था, ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2013 में दायर इस मामले में 2014 में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आया, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को तीसरे दर्जे के रूप में मान्यता दी गई। 

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नए अंदाज में आने वाला है KBC का 15 वां सीजन... अमिताभ बच्चन ने दिए संकेत... प्रोमो लॉंच

प्रोमो बेहद दमदार है। अमिताभ ने अपनी शानदार आवाज में एक कविता पढ़ी है। इस कविता के जरिए उन्होंने नए भारत की झलक दिखाई है। लेटेस्ट प्रोमो में अमिताभ कहते है, भारत ने परिवर्तन को पूरी तरह से अपनाया है। एक ऐसा बदलाव जो विकास को बढ़ावा देता है, एक बदलाव जिसने हमारी मानसिकता को फिर से बदल दिया है और एक बदलाव जो नई आकांक्षाओं को प्रेरित करता है। भारत में बड़ी शान से, बड़े ज्ञान से, देखो सब कुछ बदल रहा है और इस परिवर्तन को देश का सबसे बड़ा गेम शो, कौन बनेगा करोड़पति प्रतिबिंबित करता है। 

हालांकि मेकर्स ने अभी तक ये नहीं बताया है कि ये शो सोनी टीवी पर कब से एयर होने वाला है। ना ही इस बात का जिक्र किया है कि इस बार इसकी प्राइज मनी कितनी होगी या थीम क्या रखी जाएगी, लेकिन बदलाव का जिक्र जरूर कर दिया है। लेकिन फैंस को पूरा यकीन है कि इस बार भी कौन बनेगा करोड़पति उनकी उम्मीदों पर खरा जरूर उतरेगा।

  

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बड़े पर्दे पर नजर आएगा छत्तीसगढ़ का लाल आतंक... निर्माता विपुल शाह बना रहे 'बस्तर'... अगले साल होगी रिलीज

उल्लेखनीय है कि, बस्तर क्षेत्र अरसे से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है। स्थानीय नेताओं से लेकर सुरक्षा में तैनात जवानों पर आए दिन अटैक होते रहते हैं। विपुल अमृतलाल शाह अपनी फिल्मोग्राफी के लिए जाने जाते हैं। अब तक उनकी प्रसिद्ध फिल्मों में आंखें, हॉलीडे, फोर्स, कमांडो, वक्त, नमस्ते लंदन, सिंह इज किंग, “द केरल स्टोरी” जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। 

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बदल दिए गए 'आदिपुरूष' के विवादित डायलॉग... बाप की जगह अब सुनाई देगा यह शब्द

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'आदिपुरुष' के बदले जाएंगे डायलॉग्स... राइटर और निर्माता ने किया ऐलान... अगले सप्ताह संशोधित स्वरूप में आएगी यह फिल्म

'आदिपुरुष' के एक डायलॉग पर बहुत लोगों ने आपत्ति जताई है। ये डायलॉग है- 'तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की।' इस डायलॉग के बारे में मनोज ने कहा था कि, 'साढ़े सात हजार वर्ष पहले रामायण लिखी गई थी, तो अभी चार-साढ़े चार सौ साल पहले बाबा तुलसीदास ने अवधी में क्यों लिखी?' मनोज ने कहा था कि हर रामायण सुनाने वाले का मिशन उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना होता है इसीलिए, समसामयिक भाषा में बात की जाती है। आज का यूथ राम को जाने और रामायण से रिलेट कर सके इसलिए उन्होंने ऐसी भाषा डायलॉग में जानबूझकर इस्तेमाल की।

हालांकि, इस सफाई के लिए भी लोगों ने मनोज को सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरू कर दिया था। 'आदिपुरुष' से लोगों की नाराजगी लगातार नजर आती रही। आखिरकार, भावनाओं को देखते हुए मेकर्स ने डायलॉग बदलने का फैसला लिया है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि नए डायलॉग्स के साथ 'आदिपुरुष' देखने वाले दर्शकों का क्या रिएक्शन आता है।  

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साथियो, भारतीय परंपरा और संस्कृति से जुड़े उत्सव की चर्चा करते हुए, मैं, देश के राजभवनों में हुए दिलचस्प आयोजनों का भी जरुर उल्लेख करूँगा। अब देश में राजभवनों की पहचान, सामाजिक और विकास कार्यों से होने लगी है। आज, हमारे राजभवन, टी.बी. मुक्त भारत अभियान के, प्राकृतिक खेती से जुड़े अभियान के, ध्वजवाहक बन रहे हैं। बीते समय में गुजरात हो, गोवा हो, तेलंगाना हो, महाराष्ट्र हो, सिक्किम हो, इनके स्थापना दिवस को, अलग-अलग राजभवनों ने जिस उत्साह के साथ celebrate किया, वह अपने आप में एक मिसाल है। यह एक बेहतरीन पहल है जो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त बनाती है।

साथियो, भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर emergency थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने emergency का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी, मन, सिहर उठता है। इन अत्याचारों पर पुलिस और प्रशासन द्वारा दी गई सजाओं पर बहुत सी पुस्तकें लिखी गई हैं। मुझे भी ‘संघर्ष में गुजरात’ नाम से एक किताब लिखने का उस समय मौका मिला था। कुछ दिनों पहले ही emergency पर लिखी एक और किताब मेरे सामने आई जिसका शीर्षक है – Torture of Political Prisoners in India. Emergency के दौरान छपी इस पुस्तक में वर्णन किया गया है, कि कैसे, उस समय की सरकार, लोकतंत्र के रखवालों से क्रूरतम व्यवहार कर रही थी। इस किताब में ढ़ेर सारी case studies हैं, बहुत सारे चित्र हैं। मैं चाहूँगा कि, आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो, देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी। 

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