छत्तीसगढ़

निजी और अनुदान प्राप्त स्कूल भी आएंगे ESI के दायरे में.. हाईकोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का एक फैसला प्रदेश के लाखों निजी और अनुदान प्राप्त स्कूलों के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत और सामाजिक सुरक्षा की संभावना लेकर आया है। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (ईएसआई अधिनियम) के तहत अब निजी और सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल भी प्रतिष्ठानमाने जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि स्कूल अपने कर्मचारियों की सहायता से समुदाय को व्यवस्थित और नियमित रूप से सेवाएं प्रदान करते हैं, इसलिए वे अधिनियम के अंतर्गत आते हैं। इस निर्देश के साथ ही कोर्ट ने राज्यभर के निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने यह निर्णय सुनाते हुए कहा कि स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव समेत कई जिलों के अनेक प्रतिष्ठित निजी स्कूलों ने 27 अक्टूबर 2005 की अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें ईएसआई एक्ट के दायरे में लाकर बीमा अंशदान अनिवार्य किया गया था।

याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि शिक्षा कोई वाणिज्यिक गतिविधि या विनिर्माण प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ज्ञान और मूल्यों के विकास की प्रक्रिया है। इसलिए शैक्षणिक संस्थानों को अधिनियम के दायरे में नहीं लाया जा सकता। उन्होंने कहा कि वसूली नोटिस और बाद के आदेश वैध अधिकार के बिना हैं और इन्हें निरस्त किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों में पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि स्कूल भी स्थापना की श्रेणी में आते हैं। इसलिए याचिकाएं योग्यता से रहित हैं और किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।