दिव्य महाराष्ट्र मंडल

तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे... महाराष्ट्र मंडल में सुनाई दी सुआ गीत

- महाराष्ट्र मंडल में मनाया गया दिवाली मिलन और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव

- महाराष्ट्रीय और छत्तीसगढ़ी परिधान  में पहुंची महिलाएं.. हुए कई रोचक गेम्स

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल परिवार अपनी मराठी संस्कृति को संजोने के लिए जितने जतन करता है, उतने ही जतन छत्तीसगढ़ी संस्कृति को लेकर भी करता है। इस बात का एहसास उस वक्त हुआ जब महाराष्ट्र मंडल के दिवाली मिलन समारोह का शुभारंभ छत्तीसगढ़ी सुआ गीत के साथ हुआ। महाराष्ट्र मंडल की महिलाओं ने मराठी और छत्तीसगढ़ी परिधान में तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे...गाया। इसके साथ अतिथियों से इनाम भी लिया। महिलाओं ने अपने इनाम की राशि दिव्यांग बालिका विकास गृह के सहायतार्थ दान कर दी।

महाराष्ट्र मंडल की महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले ने कहा कि 9 नवंबर को दिवाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मंडल की महिलाओं ने मनमोहक सुआ नृत्य प्रस्तुत किया। सुआ नृत्य के दौरान महिलाएं गोल घेरा बनाकर नृत्य कर रही थी। इस दौरान सुआ (तोता) की आवाज निकालते हुए महिलाएं गीत भी गा रही थी।

इसके उपरांत मंडल के सचिव चेतन गोविंद दंडवते ने सभी के साथ कुछ गेम्स खेले और विजेताओं को पुरस्कार भी दिए। इस अवसर पर महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं दी और कहा कि हम छत्तीसगढ़ में निवास करते है, ऐसे में मराठी संस्कृति के प्रति हमारी जितनी जिम्मेदारी है उतनी ही जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति को संजोने की भी है। उन्होंने सभी को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं भी दी।