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अगले सप्ताह तक शुरू होगी जीएसटी रिटर्न की जांच की स्वचालित प्रक्रिया, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने दिए निर्देश

नईदिल्ली। केन्द्रीय वित्त तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस समीक्षा बैठक में राजस्व सचिव, सीबीआईसी के अध्यक्ष और सीबीआईसी के सदस्यों ने भी भाग लिया। वित्त मंत्री ने सीबीआईसी को अगले सप्ताह तक जीएसटी रिटर्न की जांच की स्वचालित प्रक्रिया शुरू करने और प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग के जरिए करदाता आधार बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना को लागू करने का निर्देश दिया। 

इस व्‍यापक समीक्षा में कर संबंधी सुविधाएं, करदाताओं को प्रदान की जाने वाली सेवाओं, व्‍यापार जगत की शिकायत निवारण; अनुशासनात्मक मामलों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अंतिम रूप देना और नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्स एंड नारकोटिक्स (एनएसीआईएन) के आगामी पलासमुद्रम परिसर की प्रगति सहित विविध कार्य क्षेत्रों को शामिल किया गया।

वित्त मंत्री ने करदाताओं को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में निरंतर सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। शिकायत निवारण के संबंध में, श्रीमती सीतारामन ने यह अपेक्षा व्यक्त की कि प्रत्येक जोन में व्यापार और उद्योग जगत के उन सदस्यों के साथ संवाद किया जाए जो जीएसटी इकोसिस्टम का हिस्सा हैं ताकि उनकी समस्याओं और सुझावों के बारे में जाना जा सके, ताकि उनके लिए निवारण की प्रक्रिया हेतु व्यवस्थित रूप से मामलों की पहचान की जा सके। उन्होंने निवारण की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिकायतों के निवारण के बारे में प्रतिक्रिया लेने हेतु एक प्रणाली स्थापित करने का भी निर्देश दिया।

समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री को 2022-23 के दौरान कुल अप्रत्यक्ष कर संग्रह में अंतिम राजस्व उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई, जोकि 2021-22 में 12.89 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 13.82 लाख करोड़ रुपये है। जीएसटी के मामले में, वर्ष 2022-23 के दौरान औसत सकल मासिक संग्रह 1.51 लाख करोड़ रुपये और मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह लगातार 12 महीनों के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

वित्त मंत्री ने  नकली बिलिंग/इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के खिलाफ अभियान को तेज करने के संबंध में, श्रीमती सीतारामन ने यह अपेक्षा व्यक्त की कि सीबीआईसी पहले से दर्ज किए गए मामलों की टाइपोलॉजी का अध्ययन करके व्यापक रूप से मूल कारकों का विश्लेषण कर सकता है और खतरे को दूर करने तथा इन्हें घटित होने से रोकने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपायों के बारे में अपनी सिफारिशें दे सकता है।
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