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प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम “पोषण भी, पढ़ाई भी” का शुभारंभ

नईदिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान “पोषण भी, पढ़ाई भी” का शुभारंभ किया, जिसका मंतव्य “पोषण के साथ-साथ शिक्षा” है। उन्होंने इसका आरंभ महिला और बाल विकास राज्यमंत्री मुंजपरा महेन्द्रभाई, मंत्रालय के सचिव इंदेवर पाण्डेय और मंत्रालय के ईसीसीई कार्य-बल के अध्यक्ष संजय कौल की उपस्थिति में किया।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति के तहत विकास के लिए चिह्नित प्रमुख क्षेत्रों में कौशल निर्माण के क्रम में छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है। इसमें शारीरिक/स्वाभाविक रूप से चलने-फिरने की क्षमता, चीजों को पहचाने-समझने की क्षमता सम्बंधी, सामाजिक-भावनात्मक-नैतिक, सांस्कृतिक/कलात्मक क्षेत्र तथा अभिव्यक्ति व शुरूआती भाषा, साक्षरता और अंकों की पहचान का विकास शामिल है। इन सबको ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ के तहत रखा गया है।

 
नई शिक्षा सामग्री (टीएलएम) और कार्य-प्रणाली के बारे में केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि ईसीसीई सामग्री और दृश्य-श्रव्य सामग्री का एक लाख गतिविधियों के जरिये 10 हजार से अधिक समुदायों में 1.5 मिलियन माता-पिताओं के संदर्भ में परीक्षण किया गया। उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा राज्यों के सम्बंधित विभागों के सहयोग से समावेशी पठन-पाठन सामग्री के विकास के महत्त्व पर जोर दिया, ताकि दिव्यांग बच्चों के लिये ईसीसीई की कार्य-प्रणालियों का विकास हो सके तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में अपने बच्चों को भेजने के बारे में आंगनावाड़ी कार्यकर्ता उनके माता-पिता को राजी कर सकें।

बुनियादी विकास में टीएलएम के रूप में खिलौनों की भूमिका को रेखांकित करते हुये, केंद्रीय मंत्री ने आसानी से उपलब्ध लकड़ी, कपड़े, मिट्टी आदि से स्थानीय स्तर पर बने डीआईवाई खिलौनों की चर्चा की, जिसके आधार पर आंगनवाड़ी केंद्रों को खिलौनों के लिये राष्ट्रीय कार्य-योजना (एनएपीटी) में शामिल किया गया है।

 

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