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छत्तीसगढ़ के बेटे ने... सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर ली शपथ... पूरा हुआ 34 जजों का कोरम

शुक्रवार को CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने 2 नए जजों को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई। इनमें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और एडवोकेट केवी विश्वनाथन शामिल थे। इसके साथ ही एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों का कोरम पूरा हो गया है। अगस्त 2030 में केवी विश्वनाथन ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बनेंगे। विश्वनाथन 24 मई 2031 तक, यानी 9 महीने से ज्यादा देश की टॉप कोर्ट का नेतृत्व करेंगे।

कॉलेजियम ने की थी SC का जज बनाने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 16 मई को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा को SC का जज बनाने के लिए केंद्र से सिफारिश की थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने केंद्र को सिफारिश भेजी थी। उन्होंने कहा था- 'सुप्रीम कोर्ट में 34 जज होने चाहिए, लेकिन अभी केवल 32 जज ही हैं। कुछ जजों के रिटायरमेंट के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते तक केवल 28 जज ही बचेंगे। इसी वजह से पहले इन दो जजों की नियुक्ति की जाए।'

48 घंटों में सिफारिश पर मुहर
केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश पर 48 घंटे के भीतर ही मुहर लगा दी। इसके तुरंत बाद ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों जजों की नियुक्ति का पत्र भी जारी कर दिया। इसकी जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्वीट करके दी है।
 
छत्तीसगढ़ के बेटे का कानूनी सफर

जस्टिस प्रशांत मिश्रा का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हुआ। उन्होंने गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री ली। रायगढ़ जिला अदालत में प्रैक्टिस करने के साथ ही उन्होंने जबलपुर और बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबे समय तक वकालत की। 2005 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगाई। वह 2 साल के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन भी रह चुके हैं। 2007 में महाधिवक्ता नियुक्त होने के बाद 10 दिसंबर 2009 में उन्हें हाईकोर्ट का जज बना दिया गया। दो साल पहले ही उन्हें सीनियर जज से चीफ जस्टिस बनाया गया। 

 

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