छत्तीसगढ़
सरपंच की गुमशुदगी का छपवाया पोस्टर... फिर मंदिर पहुंच भगवान से लगाई खोजने की फरियाद
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र के आदर्श ग्राम कापसी के ग्रामीणों ने गंदगी से परेशान है। वहीं सरपंच भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। सरपंच सहित उच्च स्तरीय प्रशासन की ध्यान अपनी समस्या की ओर आकर्षित करने के लिए ग्रमीणों ने सरपंच की गुमशुदगी के पोस्टर छपवाकर मंदिर जाकर भगवान से सरपंच को ढूंढ़ने की गुहार लगाई।
गांव के संजय पोदार ने बताया कि पिछले चार महीनों से गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे ग्रामीण बेहद परेशान हैं। उन्होंने बताया कि गांव में स्वच्छता को लेकर सरपंच सुखदेव पटेल से कई बार आवेदन देकर सफाई करवाने की मांग की गई थी, लेकिन सरपंच ने कोई कार्रवाई नहीं की।
संजय पोदार ने बताया, “सरपंच न तो पंचायत भवन में मिलते हैं और न ही गांव की समस्याओं पर ध्यान देते हैं। अब भगवान से प्रार्थना है कि वह सरपंच को सद्बुद्धि दें और उन्हें खोजने में हमारी मदद करें।” ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 30 लोगों के हस्ताक्षर वाला आवेदन सरपंच को पहले ही दिया जा चुका है, लेकिन चार महीने बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है।
गांव में लगातार बढ़ती गंदगी के कारण दुर्गंध और बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों की इस अनोखी पहल ने प्रशासन का ध्यान भी इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित किया है। अब देखना होगा कि सरपंच कब सामने आते हैं और कब गांव की स्वच्छता की स्थिति में सुधार होता है।
कच्चे मकानों की रह जाएंगी बस यादें : गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें
खाते में किश्त आने से मजबूत नींव के साथ बनने लगा है सपनो का आशियाना
जिले के अंतिम छोर के गांवों में भी नजर आएगा पक्का पीएम आवास
रायपुर | अंतिम छोर के गाँव की अपनी पहचान होती है। शहर से दूर होने के साथ यहाँ की अपनी जीवनशैली होती है। दूर-दूर घर होते हैं। घर पर गाय बकरियां होती है। हरे-भरे पेड़ पौधे होते हैं। छोटी-छोटी बाड़ियाँ होती है, जहाँ पसंद की साग सब्जियां उगाई गई और आसपास मुर्गे-मुर्गियां छोटे चूजे घूमते-फिरते होते हैं। सुबह से शाम तक चहल-पहल होती है। अपनी परम्पराएं, अपनी संस्कृति और मजबूत रिश्ते मगर कच्चे घर होते हैं...इन्हीं पहचान के बीच किसी के टूटे हुए तो किसी के जैसे-तैसे बने मिट्टी और खपरैल वाले घर भी होते हैं। गाँव में किसी के पक्के मकान का होना उनके रसूखदार होने की पहचान हुआ करती थी...क्योंकि गरीबी की वजह से पक्के मकान का सपना अनगिनत ग्रामीणों के लिए महज सपना ही था, खेती-किसानी या फिर पीढ़ी दर पीढ़ी कच्चे मकानों में ही जिंदगी गुजार देने वाले ग्रामीणों ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उनका भी पक्का मकान बनेगा और अपने जीते-जी वे किसी रसूखदारों के बीच पक्के मकान में रह पाएंगे। कुछ ऐसा ही सपना कोरबा जिले के अन्तिम छोर के गाँव पतुरियाडाँड़ में रहने वाले गरीब परिवारों को खुशी और गर्व है कि किसी मजबूत रिश्तों की तरह उनके घरों की बुनियादें भी मजबूत हो रही है और कई मुश्किलों से गुजरी कच्चे मकानों में बस यादें ही रह जाएंगी।
कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा के अंतिम छोर के गाँव पतुरियाडाँड़ में रहने वाले गुलाब सिंह अपने तीन बेटों के साथ घर पर रहते हैं। लगभग 60 बसंत देख चुके गुलाब सिंह बताते हैं कि किसी तरह गाँव में खेती किसानी और मजदूरी से घर का खर्च चल जाता था। अब बेटे भी यहीं करते हैं। उनकी कई पीढ़ी गुजर गई पर पक्का मकान बन पाएगा, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। उन्होंने बताया कि उनके कच्चे मकान में जिंदगी कट गई। कच्चे मकान में बारिश के समय बहुत ही ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा। कभी खपरैल के बीच से टपकते बारिश के पानी में रातों की नींदे खराब हुई तो कई बार नीचे फर्श कीचड़मय हुआ। गुलाब सिंह से बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के बाद उन्हें इस बात की चिंता थी कि वास्तव में पक्का मकान बनाने के लिए पैसे मिलेंगे या नहीं। कई बार तो लगता था कि खाते में पैसा नहीं आएगा और पक्के मकान का सपना कभी पूरा नहीं हो पायेगा। गुलाब सिंह ने बताया कि जब खाते में राशि आई तो मकान का सपना हकीकत में बदल गया है। खाते से राशि निकालकर अपनी मकान को मूर्त रूप दे रहा है। गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में पैसा डाला है और यह राशि उनके जैसे गरीब परिवारों के सपनों को सच कर रहा है। इसी गाँव की निवासी पिंकी पैकरा को भी अपने पक्के मकान का पूरा होने का इंतजार है। वह कहती है कि कच्चे मकान में रहने से बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। पक्का मकान बारिश के दिनों में उन्हें किसी परेशानी में नहीं डालेगा और वह सुकून से रह पाएगी। ग्रामीण पंचराम और उनकी पत्नी रूपकुंवर के खाते खाते में भी आवास बनाने के लिए राशि आयी तो इन्होंने मकान पूरा करा लिया है। पंचराम ने बताया कि उनके घर का प्लास्टर का काम ही शेष है, जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा और वे पक्के मकान में रहने लगेंगे। गांव के लबदराम भी पीएम आवास के हितग्राही है। इन्होंने खाते में राशि आते ही काम शुरू कर दिया है। अभी तक 65 हजार प्राप्त कर चुके लबदराम ने बताया कि जल्दी ही उनका घर पूरा हो जाएगा और वे अपने परिवार के साथ कच्चे मकान को अलविदा कह देंगे। इन सभी हितग्राहियों ने पीएम आवास के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और अपने सपने के आशियाने को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हुए खुशी व्यक्त की।
आत्मानंद स्कूल निर्माण में देरी... कलेक्टर ने ठेकेदार पर लगाया जुर्माना
रायपुर। प्रदेश के कई जिलों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के निर्माण कार्य में देरी करने पर ठेकेदारों पर 45 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि समय-सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया, तो और भी पेनल्टी लगाई जाएगी।
मुंगेली के कलेक्टर राहुल देव ने लालपुर थाना, सरगांव, मोतिमपुर, पथरिया और लोरमी में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के धीमी गति से हो रहे निर्माण कार्य पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ठेकेदारों की लापरवाही की जांच कर, आवश्यक कार्रवाई की जाए।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता पी. एल. पडवार ने बताया कि लालपुर थाना में स्कूल के निर्माण के लिए 11 फरवरी 2023 को कार्यादेश जारी किया गया था, जिसे 11 महीनों में पूरा करना था। लेकिन अब तक ठेकेदार ने काम पूरा नहीं किया, जिसके चलते उस पर 10 लाख 23 हजार 661 रुपये का विलंब शुल्क लगाया गया और 31 जनवरी 2025 तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर दवा दुकानदारों से उगाही करने वाले पांच गिरफ्तार
रायपुर। नकली ड्रग इंस्पेक्टर बनकर दवा दुकानों में छापेमारी और उगाही करने वाले पांच आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये सभी दवा की सैंपलिंग के बहाने दुकानदारों को धमकाते और उनसे पैसे वसूलते थे। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
धमधा थाना प्रभारी ने बताया कि ग्राम धुमा धमधा निवासी 68 वर्षीय रघुनंदन प्रसाद वर्मा ने इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। उनके बेटे दिलेंद्र वर्मा ने तीन साल पहले लाइसेंस लेकर घर में एक मेडिकल खोला। गुरुवार दोपहर जब दिलेंद्र सिलपट्टी में एक कार्यक्रम में गया था, तभी दुकान में मौजूद एक लड़के को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बताया और बिना लाइसेंस के दुकान चलाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की धमकी दी। साथ ही उसने दिलेंद्र को खैरागढ़ कलेक्टोरेट में मिलने के लिए कहा।
बेटे से बात खत्म होने के बाद रघुनंदन प्रसाद ने अपनी बहू को फोन किया, जिन्होंने बताया कि एक स्कॉर्पियो में सवार पांच लोग आए थे। वे खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बताते हुए दुकान में घुसे और बिना लाइसेंस दुकान चलाने पर जेल भेजने की धमकी देने लगे। जाते समय वे कुछ दवाओं को सैंपल के लिए साथ ले गए।
इसके बाद जब शाम को घर पहुंचा तो ग्राम खैरझिटी निवासी वैद्यराज जोहन लाल वर्मा से मुलाकात हुई। जब उन्हें घटनाक्रम बताया तो उन्होंने ने भी स्कार्पियों में सवार होकर 5 लोग आए, खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बताए और आयुर्वेदिक दवाओं के दो डिब्बे अपने साथ ले गए। बुजुर्ग की शिकायत के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों की पहचान पंडरिया कवर्धा निवासी मनीष जंघेल, भूषण वर्मा, तारन वर्मा, टाकेश्वर जंघेल, अतेनमणी अंचित के रूप में हुई।
वित्त मंत्री चौधरी ने रायगढ़ में 12.90 करोड़ के निर्माण कार्यों का किया भूमिपूजन
रायगढ़ जिले में हो रहे हैं अनवरत विकास कार्य
9.37 करोड़ की लागत से होगा 3 सड़कों का निर्माण
लोईंग में 3.44 करोड़ रूपए से आईटीआई भवन बनेगा
कोयलंगा नाला पर 2.89 करोड़ की लागत बन रहा पुल
ओडिशा आवागमन की दूरी होगी कम
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी के प्रयास से रायगढ़ जिले में निर्माण एवं विकास कार्य अनवरत रूप से स्वीकृत एवं संचालित हो रहे हैं। वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने लोईंग महापल्ली क्षेत्र में 12 करोड़ 90 लाख की लागत के निर्माण एवं विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा सिर्फ एक ही ध्येय है कि जनता की सुविधा के लिए अधिक से अधिक विकास के कार्य हो। इसको ध्यान में रखकर विकास और जन सुविधा से जुड़े निर्माण कार्यों को लगातार स्वीकृति दी जा रही है। आज सड़क निर्माण कार्यों के साथ लोईंग में बनने वाले आईटीआई भवन तथा बटमूल आश्रम महाविद्यालय में अतिरिक्त निर्माण कक्ष का भी भूमिपूजन किया गया है।
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि हम लगातार विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। निर्माण कार्यों को मंजूरी देने के बाद अब बारिश खत्म होते ही सभी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू करवाया जा रहा है, जिससे इसका लाभ लोगों को मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय-सीमा का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महापल्ली में 29 लाख की लागत से महतारी सदन का निर्माण होगा। जिसका संचालन महिलाओं द्वारा किया जायेगा।
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि लेईंग में आईटीआई भवन निर्माण से यहां पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ मिलेगा। यहां नए ट्रेड भी शुरू किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आईटीआई से छात्र स्किल सीखते हैं, जो उन्हें उद्योगों में रोजगार पाने और स्वयं का व्यवसाय शुरू करने योग्य बनाएगा। इस मौके पर उन्होंने मौजूद छात्रों को मन लगाकर पढ़ने और हुनरमंद बनकर अपने जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाने की बात कही।
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने आज 12 करोड़ 90 लाख रुपए के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया, जिसमें 5 करोड़ 46 लाख से रायगढ़-लोईंग महापल्ली जामगांव मार्ग का निर्माण कार्य लम्बाई-8.60 कि.मी, 2 करोड़ 8 लाख की लागत से कोतरलिया बस्ती पहुंचमार्ग का निर्माण लंबाई 1.55 कि.मी. एक करोड़ 83 लाख की लागत से बस्ती जामगांव-छुहीपाली-जूनाडीह मार्ग का निर्माण कार्य, लंबाई 2.40 कि.मी., 3 करोड़ 44 लाख की लागत से लोईंग महापल्ली में नवीन आई.टी.आई. भवन का निर्माण कार्य तथा बटमूल आश्रम कॉलेज में विधायक मद अंतर्गत स्वीकृत 7 लाख 67 हजार की लागत से अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य शामिल हैं।
अंचल के लोगों के आवागमन की सुविधा को देखते हुए वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने 2 करोड़ 89 लाख की लागत से बनने वाले कोयलंगा पुल के निर्माण कार्य का प्रारंभ हो गया है। मंत्री चौधरी ने अधिकारियों को इस काम को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र के लोगों की ओडिशा से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और उन्हें कम दूरी तय करनी पड़ेगी। पुल निर्माण कार्य प्रारंभ होने पर स्थानीय निवासियों ने हर्ष जताते हुए वर्षों से लंबित मांग को पूरा करने पर वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, विजय अग्रवाल, सुकलाल चौहान, सूरत पटेल, अनंत राम चौहान, एन.आर.प्रधान, ईई पीडब्ल्यूडी अमित कश्यप, एसडीओ एम.एस.नायक सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण रखकर भावी पीढ़ी को सौपना है : मंत्री केदार कश्यप
बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेले का शुभारंभ
रायपुर | वन मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बस्तर मड़ई का उद्देश्य यहां की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण रखकर भावी पीढ़ी को सौपना है। इसी प्रकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगाए गए सरस मेला स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने और महिलाओं और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने का माध्यम है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा बस्तर मड़ई और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्षेत्रीय सरस मेले का आयोजन जगदलपुर के लालबाग मैदान में 12 से 19 अक्टूबर तक आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में शासकीय योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी और स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। मेले में कई जिलों के स्व सहायता समूहों ने हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, जैविक खाद्य पदार्थ, कपड़े, और अन्य स्थानीय वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। शुभारंभ अवसर पर नागलसर के स्कूली बच्चों ने धुरवा मड़ई का आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया।
शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि बस्तर मड़ई में लगाई गई प्रदर्शनी के माध्यम से दी जा रही है। योजनाओं की जानकारी का लाभ उठाएं और सरस मेला में विभिन्न जिलों से पहुँचे स्व-सहायता की दीदियों द्वारा निर्मित उत्पाद की खरीदी कर उन्हें प्रोत्साहित करें। विधायक किरणदेव ने कहा कि बस्तर का परंपरा दशहरा के अवसर पर शासन की जन कल्याण योजनाओं का विभागों द्वारा लगाया गया है इसका लाभ सभी नागरिक लें। साथ कार्यक्रम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है इसका आनंद भी लें।
वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक देव, विधायक चित्रकूट विनायक गोयल, महापौर सफीरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि ने मेले में लगाए गए विभिन्न विभागों के स्टालों और स्व-सहायता समूहों के स्टालों का निरीक्षण किया और विभागीय स्टालों में योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री का वितरण किया। उन्होंने स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की सराहना की और उनके माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।
प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल को दिया गया तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति का चार्ज
रायपुर 12 अक्टूबर 2024। प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल को छत्तीसगढ़ तकनीकी विश्वविद्यालय का कुलपति का चार्ज दिया गया है। इस संबंध में राजभवन ने अधिसूचना जारी कर दी है। प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल अभी रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं। अधिसूचना के मुताबिक प्रोफेसर शुक्ल आगामी आदेश या अधिकतम छह महीने तक के लिए तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति का चार्ज देखेंगे।
तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति मुकेश कुमार वर्मा का कार्यकाल खत्म होने के बाद कुलपति का पद रिक्त था, अब राजभवन ने प्रो शुक्ला को जिम्मेदारी दी है। इस दौरान नये कुलपति की तलाश कर ली जायेगी।
प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल अयोध्या की राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के एचओडी रह चुके हैं। जिसके बाद उन्हें रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। अब उन्हें अधिकतम छह महीने के लिए तकनीकी यूनिवर्सिटी दुर्ग के कुलपति का चार्ज दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने वाले दो आरोपी यूपी से अरेस्ट
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बड़ी सफलता मिली है। एनआईए ने शुक्रवार को इस साजिश से जुड़े दो प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के रहने वाले हैं, जिनमें सुधीर त्रिपाठी और सूरज निषाद का नाम शामिल है। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इससे पहले, एनआईए ने जनवरी 2023 में चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. उस समय स्थानीय पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए थे. गिरफ्तारियों के बाद, एनआईए ने मामले में शस्त्र अधिनियम, यूए (पी) ए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. जांच के दौरान यह पाया गया कि सुधीर और सूरज नक्सलियों के साथ गहरे संपर्क में थे और उन्हें हथियारों की सप्लाई में मदद कर रहे थे.
एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सुधीर और सूरज उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने के लिए नियमित रूप से सक्रिय थे. दोनों आरोपी एक-दूसरे के लगातार संपर्क में रहते थे और एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से नक्सलियों को आवश्यक संसाधन प्रदान करते थे. इस संगठित आपूर्ति से नक्सलियों की गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा था.
जांच एजेंसी ने पहले गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर इस नेटवर्क का पता लगाया था. गिरफ्तारियों के दौरान आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर एनआईए ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी और मामले में गहराई से जांच की. दोनों नए आरोपियों की गिरफ्तारी से नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने वाले पूरे गिरोह का भंडाफोड़ होने की उम्मीद है.
स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने एनआईए को आरोपियों के ठिकानों की जानकारी दी और गिरफ्तारी के दौरान सहयोग किया. सुरक्षा बलों ने उन स्थानों पर छापेमारी की, जहां से हथियारों की सप्लाई की जा रही थी.
जबलपुर में 13 नवम्बर को होगा अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस भर्ती रैली का आयोजन
कवर्धा में ठाकुर देव चौक से हाई-टेक बस स्टैण्ड तक सड़क उन्नयन कार्य का भूमिपूजन
साईबर सुरक्षा व जल संरक्षण को लेकर रायगढ़ में आयोजित कार्यशाला : सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा शामिल हुये
साईबर सुरक्षा व जल संरक्षण के उपायों को लेकर जागरूकता व अमल में लाना बेहद जरूरी : सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा
साईबर अपराधों से बचाव व जल संरक्षण के लिए सजगता से करने होंगे प्रयास-वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी
रायपुर | साईबर सुरक्षा और जल संरक्षण को लेकर रायगढ़ नगर निगम ऑडिटोरियम में गुरुवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला एवं पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य लोगों में साईबर सुरक्षा और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना था। इसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायगढ़ जितेन्द्र कुमार जैन, कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, जिला न्यायालय से सभी न्यायाधीश, जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि साईबर जागरूकता एवं जल संरक्षण यह दो ऐसे विषय है जो आज के समय में हम सभी के जीवन से सीधे तौर से जुड़े हुए है। साईबर अपराधों से बचाव के लिए इसके बारे में जागरूक होना सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। आज टेक्नालॉजी तेजी से विकसित हो रही है। ऐसे में स्वयं को अपडेट रखना और साईबर अपराधों से जुड़ी जानकारी व उससे बचाव के तरीकों को अमल में लाकर ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है। उन्होंने अपने आसपास के वाकये बताते हुए कहा कि साईबर ठग लोगों को ज्यूडशरी से जुड़े लोगों के नाम पर भी ठगने का प्रयास करते है। ऐसे मामलों में सतर्कता व सुझबुझ से काम लेना जरूरी है। उन्होंने जल संरक्षण को लेकर कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें हर नागरिक की सहभागिता जरूरी है। जागरूकता के साथ ही जल संरक्षण के उपायों को अमल में लाकर ही हम अपने आसपास एक बेहतर वातावरण निर्मित कर सकते है। इसके लिए सभी को सकारात्मक सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए एक अच्छा प्रयास किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ लेकर अपने आसपास दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए।
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि साईबर अपराधों का दायरा जिस तेजी से बढ़ा है, लोगों के बीच सतर्कता का स्तर उसी अनुरूप बढ़ाना आवश्यक है। आज के डिजीटल युग में अगर समझदारी से काम न लिया जाए तो एक क्लिक में आदमी अपनी सारी जमा पूंजी गंवा सकता है। उन्होंने बताया कि चोरी जैसे अपराधों के मुकाबले अब साईबर ठगी से लोगों को कही ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है। शासन-प्रशासन अपने स्तर पर ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने व अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कार्य कर रही है। लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सभी को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। साईबर अपराधों के तरीके व इसके पीछे काम करने वाले मनोभावों की समझ बढ़ाकर तथा उससे बचाव के तरीकों के बारे में स्वयं तथा अपने परिवार वालों को जागरूक कर साईबर अपराधों से बचा जा सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन के जल संरक्षण अभियान की सराहना करते हुए कहा कि रायगढ़ में भू-जल व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर नवा रायपुर में पीपल फॉर पीपुल अभियान चलाकर व्यापक रूप से पीपल के पेड़ लगाने का काम किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में भी व्यापक स्तर पर यह कार्य हुआ है। केलो बांध का पानी नहरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने की दिशा में कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रकृति पूजन का अहम स्थान रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए हम सभी को जल संरक्षण की दिशा में साथ मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से शासन स्तर पर फ्लाईएश व ईएसपी मैनेजमेंट की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
चंदखुरी कौशल्या माता धाम स्थित श्रीराम की मूर्ति बदली जाएगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में स्थित चंदखुरी में राम वनगमन पथ की पहली मूर्ति बदली जाएगी। ग्वालियर के रहने वाले मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा भगवान राम की इस नई प्रतिमा को बना रहे हैं। मूर्ति को बनाने में करीब 78 लाख का खर्च आ सकता है। इसके लिए ग्वालियर के पहाड़ों से मंगवाए गए दो टन के 14 पत्थरों को जोड़कर मूर्ति आकार को दिया जा रहा है। शिवरीनारायण और सीतामढ़ी हरिचौका में लगी मूर्ति की तरह ही अब चंदखुरी के लिए भी तैयार की जा रही है। राम वनगमन पथ में 9 जगहों को चिन्हित किया गया था। इसमें से 7 जगहों चंदखुरी, शिवरीनारायण, सीतामढ़ी हरिचौका, राजिम, चंपारण, नगरी सिहावा, रामगढ़ में मूर्ति लगाई गई है।
भगवान राम की प्रतिमा बदले जाने पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि कांग्रेस शासन काल में सारे काम गलत हुए हैं। भगवान राम की प्रतिमा राम जैसी दिखनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित मूर्ति अलग दिखती है। इसलिए मूर्ति बदलने का निर्णय हुआ है।
बताया गया कि, मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा महज 12 साल की उम्र से प्रतिमा बनाने का काम कर रहे हैं। ग्वालियर के मूर्तिकार 51 फीट ऊंची इस मूर्ति को तैयार कर रहे हैं। वहीं 2 महीने में मूर्ति बनकर हो तैयार हो जाएगी। उसे कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। पीसीएल कंपनी के द्वारा उसे इसके लिए कहा गया है। ठेकेदार राजकिशोर ही इसका खर्चा उठा रहे हैं।
नक्सलियों द्वारा बिछाए आईईडी में पैर गवाने वाले नक्सल पीड़ितों को मिला कृत्रिम पैर का सम्बल
रायपुर। वनोपज संग्रहण या खेती कार्य जैसे अपनी दैनिक जीवनचर्या के बीच जंगलों के रास्ते गुजरते समय नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बमों में ब्लास्ट की अलग-अलग घटनाओं में अपना पैर गंवाकर अपाहिज की दर्दभरी जिंदगी जी रहे बस्तर के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश व उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कृत्रिम पैर का संबल मिल रहा है।
पहले चरण में नक्सल हिंसा प्रभावित ऐसे 6 लोगों को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाकर चलने की ट्रेनिंग दी गई। आईईडी ब्लास्ट में पैर खोने के बाद से चलने फिरने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए ये लोग अब कृत्रिम पैर पाकर इतने उत्साहित हैं कि खुद अपने पैरों से चलकर आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निवास अपनी खुशी व्यक्त करने पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों ने बस्तर शांति समिति की पहल पर विगत सितंबर माह में दिल्ली जाकर जंतर मंतर में प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें आप बीती बताते हुए बस्तर में शांति की गुहार लगाई थी। वहीं दिल्ली से लौटकर वे आए तो उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में एक-एक पीड़ितों से बात कर उनका हालचाल जाना था और उनका हौसला बढ़ाया था और आईईडी ब्लास्ट में पैर गवा चुके पीड़ितों के कृत्रिम पैर लगवाने के निर्देश दिए थे।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार आईईडी ब्लास्ट में अपने अंग खोने वाले ग्रामीणों का समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे नक्सल हिंसा पीड़ितों को कृत्रिम अंग लगाने की शुरुआत हो गई है। कृत्रिम पैर लगाने के लिए बस्तर से 9 नक्सल पीड़ित का आना तय हुआ था, किंतु व्यक्तिगत कारणों से 3 पीड़ित अभी नहीं पहुंच पाए। इस प्रकार 6 नक्सल पीड़ित गुड्डू लेकाम बीजापुर, अवलम मारा बीजापुर, सुक्की मड़कम सुकमा, सोमली खत्री बीजापुर, खैरकम जोगा बीजापुर, राजाराम बीजापुर को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाए गए।
पीजी कर रहे मेडिकल छात्र नहीं कर सकेंगे निजी प्रेक्टिस और नौकरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र पाठ्यक्रम अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नही कर पाएंगे।
चिकित्सा शिक्षा रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश नियम एवं विवरणिका 2021 अनुसार इसको प्रतिबंधित किया गया है। इस आदेश के अंतर्गत सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं और प्राचार्य दंत चिकित्सा महाविद्यालय को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं इस नियम का कड़ाई से पालन करें।
सभी छात्र-छात्राओं से इस संबंध में एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये गये है। जो इस बात का आश्वासन देगा कि वे अपनी पाठ्यक्रम अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की अनाधिकृत निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नही करेंगे।
राष्ट्रपति मुर्मु के छत्तीसगढ़ प्रवास की तैयारियों तेज... राजभवन में हुई आवश्यक बैठक
रायपुर। आगामी 25 और 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के मद्देनजर राज्यपाल रमेन डेका के निर्देशानुसार राजभवन में राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार ने बैठक लेकर सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रपति के प्रवास के दौरान सभी तैयारियां निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
राष्ट्रपति मुर्मु 25 और 26 अक्टूबर को एम्स रायपुर, एनआईटी रायपुर, आईआईटी भिलाई और पं. दीनदयाल स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान आयुष विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। सचिव यशवंत कुमार ने इस दौरान सभी शैक्षणिक संस्थानों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा रायपुर एवं दुर्ग जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, राज्य प्रोटोकॉल के अधिकारियों को भी सभी तैयारियां निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। इस अवसर पर राज्यपाल की संयुक्त सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी सभी अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश के विधायकों का यात्रा भत्ता दोगुना... अब 10 से बजाए 20 रुपये प्रति किमी मिलेगा
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायकों के यात्रा भत्ता को बढ़ाकर सीधे दोगुना कर दिया गया है। इस संबंध में संसदीय कार्य विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
नई व्यवस्था के तहत, छत्तीसगढ़ के विधायकों को अब प्रति किमी 10 रुपये के बजाय 20 रुपये यात्रा भत्ता मिलेगा। छत्तीसगढ़ विधान मंडल यात्रा भत्ता नियम, 1957 के अनुसार, अगर किसी विधायक का निवास स्थान रायपुर से 8 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है, तो सत्र या सम्मेलन में भाग लेने के लिए निजी वाहन से यात्रा करने पर उन्हें यह भत्ता दिया जाता है। पहले जहां यह राशि 10 रुपये प्रति किलोमीटर थी, अब इसे बढ़ाकर 20 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है।
देवबलोदा में प्राचीन मंदिर को संवारेगा भिलाई स्टील प्लांट, अफसरों ने किया भूमिपूजन
रायपुर। भिलाई के देवबलोदा में स्थित पुरातात्विक धरोहर महादेव मंदिर स्थल को संवारने की जिम्मेदारी अब भिलाई स्टील प्लांट ने उठाई है। इसके लिए गुरुवार को बीएसपी के अफसरों ने भूमिपूजन किया। इस दौरान कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार ने सेंट्रल रीज़न भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. भुवन विक्रम, पुरातत्वविद् अधीक्षक डॉ. एन के स्वाई और एनसीएफ की वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. मोनिका चौधरी के साथ भूमिपूजन किया।
भिलाई स्टील प्लांट ने देवबलोदा गांव में स्थित छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक धरोहर महादेव मंदिर स्थल के जीर्णोद्धार, संरक्षण और विकास के लिए, बीच एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया गया। यह एमओयू 21 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के बीच साइन किया गया था।
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है, जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश द्वारा करवाया गया था। मंदिर के खंभों और बाहरी हिस्से पर देवी-देवताओं की छवि बनी हुई है। राजधानी और दुर्ग के बीच भिलाई-तीन चरोदा रेल लाइन के किनारे बसे देवबलौदा गांव का यह ऐतिहासिक मंदिर कई ऐतिहासिक तथ्यों को साथ लिए हुए है। इस मंदिर के इतिहास को लेकर कहा जाता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयं ही भूगर्भ से उत्पन्न हुआ है।