छत्तीसगढ़
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आवास मेला में हितग्राहियों को सौंपी नवनिर्मित आवास की चाबी
प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र भी वितरित किए
प्रधानमंत्री हर गरीब का पक्का मकान का सपना पूरा कर रहे : उप मुख्यमंत्री अरुण साव
रायपुर | उप मुख्यमंत्री तथा बेमेतरा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बेमेतरा के टाउन-हॉल में आयोजित आवास मेला में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आवास मेला में 12 लाभार्थियों को उनके नवनिर्मित आवासों की चाबी सौंपी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के 12 हितग्राहियों को आवास स्वीकृति प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल तथा विधायक दीपेश साहू और ईश्वर साहू भी आवास मेला में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आवास मेला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य हर गरीब को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत बेमेतरा जिले में बीते सितम्बर माह में करीब 15 हजार नए आवास स्वीकृत किए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री हर गरीब का पक्का मकान का सपना पूरा कर रहे हैं। हमारी सरकार बनते ही हमने अगले दिन 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी। इनमें से आठ लाख मकानों के लिए पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बेमेतरा जिले में 32 हजार आवास पूर्ण हो गए हैं। नए स्वीकृत आवासों के लिए पहली किस्त भी जारी कर दी गई है।
साव ने कहा कि हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुरक्षित और सुकून भरा जीवन बिता सके। आर्थिक कठिनाइयों और सीमित आमदनी के कारण गरीब परिवारों को यह केवल सपना ही लगता था। प्रधानमंत्री आवास योजना अब गरीबों के इस सपने को हकीकत में बदल रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना से राज्य के लाखों परिवारों का जीवन स्तर ऊंचा उठ रहा है। बेमेतरा जिला पंचायत की अध्यक्ष सुनीता साहू और जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और आवास योजना के लाभार्थी बड़ी संख्या में आवास मेला में शामिल हुए।
गोपालक ने गोमाता को दी भावुक विदाई... परिवार और वार्डवासियों ने दी श्रद्धांजलि
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक गाय के निधन पर उसके मालिक और स्थानीय निवासियों ने जिस तरह श्रद्धांजलि दी, वह भावनाओं से भरा हुआ था। गाय के प्रति आस्था और श्रद्धा का यह अद्भुत उदाहरण सामने आया है, जब एक परिवार ने अपनी गाय का अंतिम संस्कार बैंड-बाजे के साथ धूमधाम से आयोजित किया।
बता दें कि गोपालक राजू पाण्डेय की गाय लंबे समय से बीमार थी। उन्होंने अपनी गाय की आखिरी सांस तक सेवा की, लेकिन सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई। इस पर पांडेय परिवार ने एक अनोखी पहल करते हुए गाय की अंतिम यात्रा बड़े सम्मान के साथ निकाली। गाय की विदाई के लिए पांडेय परिवार ने एक सजी हुई गाड़ी का आयोजन किया, जिसमें बैंड बाजे की धुन पर अंतिम यात्रा शुरू हुई। इस यात्रा में न केवल परिवार के सदस्य शामिल हुए, बल्कि वार्ड के लोग भी अंतिम दर्शन के लिए आए।
आखिरी विदाई में गाय के प्रति स्थानीय लोगों का प्रेम और सम्मान स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। कई महिलाओं की आंखों में आंसू थे और वे श्रद्धा के साथ गाय के शव पर नए कपड़े डाल रही थीं। यह परंपरा छत्तीसगढ़ में किसी परिजन के निधन पर की जाती है, जिसमें शव पर सफेद या पीला कपड़ा डालने की परंपरा है।
कवर्धा में इस गाय की अंतिम यात्रा का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे महिलाएं अपनी साड़ियों को श्रद्धांजलि के रूप में गाय के शरीर पर डाल रही हैं। यह घटना न केवल एक गाय के प्रति सम्मान को दर्शाती है, बल्कि समाज में जीवों के प्रति संवेदनशीलता और प्रेम का भी प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय की प्रधानमंत्री से मुलाकात.. राज्य की विकास योजनाओं और नक्सल उन्मूलन पर की चर्चा
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तेज रफ्तार पिकअप ने छह बच्चों को लिया चपेट में... दो की हालत गंभीर
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के कुटराबोड़ गांव के पास एक तेज रफ्तार पिकअप ने 6 बच्चे को अपनी चपेट में ले लिया। सभी बच्चे घायल हैं। हादसे के बाद सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद वाहन समेत ड्राइवर फरार हो गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब 6 बच्चे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे।इसी दौरान तेज गति से आ रहे पिकअप ने सभी बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया।
इस हादसे में 6 बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं. 2 बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घायल बच्चों को पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद बिलासपुर रेफर किया गया है। घायल सभी बच्चे पामगढ़ के कुटराबोड़ के रहने वाले हैं।
इस हादसे की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पामगढ़ पुलिस अब इस मामले की जांच में जुटी है। आरोपी ड्राइवर की तलाशी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे चिंता का विषय है। पुलिस की समझाइश के बावजूद लोग यातायात नियमों का पालन करने से कतरा रहे हैं। इसी वजह से वे खुद या फिर किसी और की जिंदगी खतरे में डल देते हैं।
लटोरी में नवीन तहसील कार्यालय का शुभारंभ… सुविधा में होगा विस्तार
रायपुर। महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सूरजपुर जिला के लटोरी में नवीन तहसील कार्यालय का शुभारंभ किया। इसके साथ ही क्षेत्र के निवासियों को आज एक बड़ी सौगात नवीन तहसील कार्यालय के रूप में मिली है, जिससे लोगों के समय व पैसे दोनों की बचत होगी। क्षेत्र के ग्राम पंचायत के लोग राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि लटोरी में तहसील कार्यालय खुल जाने से आम नागरिकों को अब राजस्व संबंधी कामकाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नवीन तहसील कार्यालय के खुलने से क्षेत्र के नागरिकों को इसका भरपूर लाभ मिलेगा। इससे राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में गति आएगी। साथ ही शासकीय योजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वयन एवं प्रशासकीय कामकाज में कसावट लाने में सुविधा होगी। शासन की योजनाएं एवं मूलभूत सुविधाएं आम नागरिकों को आसानी से उपलब्ध होगी और विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी।
गौरतलब है कि सूरजपुर जिला के नवीन तहसील कार्यालय का निर्माण लटोरी के नवापारा में 71.12 लाख की लागत से किया गया है। तहसील कार्यालय के निर्माण से आस-पास के 64 ग्रामों के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, संबंधित अधिकारी-कर्मचारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की रणनीति की हुई सराहना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में हुए सफल ऑपरेशन की तारीफ करते हुए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे भी छत्तीसगढ़ की खुफिया तकनीकी और आपसी समन्वय के आधार पर अपने अपने राज्यों में ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सहित अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए पूरा समर्थन देगी।
नक्सलवाद के खात्मे को लेकर दिल्ली में मंथन, मुख्यमंत्री ने रखा प्लान का रुट मैप
रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर दिल्ली में हाई लेवल पर मंचन चल रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री साय ने राज्य में चल रहे नक्सल ऑपरेशन और विकास कार्यों की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ सरकार बेहतर कार्य कर रही है। जिसके चलते नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को अभूतपूर्व सफलता मिल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने डिफेंसिव नीति को बदलकर आक्रामक नीति अपनाई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने विकास का नया अभियान चलाया है। छत्तीसगढ़ में गांव-गांव तक विकास पहुँचा है। कई गांव में इलेक्शन में पहली बार वोटिंग हुई है। सरकार ने नक्सलियों के वित्तीय पोषण को भी रोका है।
सूत्रों के अनुसार, शाम को 6 बजे मुख्यमंत्री साय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में सफल नक्सल ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देने के लिए आमंत्रित किया है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी विस्तार से देंगे, साथ ही उनकी सरकार की आगामी योजनाओं का विस्तार से प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत करेंगे।
कॉलेज के विद्यार्थियों ने विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष की निभाई भूमिका
जल जगार महा उत्सव में जल सभा : स्कूली बच्चे ग्राम तो सभा में पारित किए जल और वन संरक्षण के लिए संकल्प को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सराहा
सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर गहन चर्चा के बाद बनी आपसी सहमति
रायपुर | लोगों को जल से जोड़ने एवं सामुदायिक सहभागिता के उद्देश्य गंगरेल जहां दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव मनाया गया। वहाँ समुदाय का हर वर्ग इसका अंग बने यह भी कोशिश है । इसी कोशिश का एक हिस्सा है जल सभा। धमतरी शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर गंगरेल में स्थित रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल(डैम) के निकट जल सभा का भी आयोजन किया।
पहले दिन जल सभा का आयोजन गंगरेल रेस्ट हाउस के परिसर में किया गया। इसमें स्कूली बच्चों ने बढ़चढ़कर सहभागिता निभाई थी। जब शाम के वक़्त प्रदेश के मुखिया श्री विष्णु देव साय पहुँचे तब बच्चों ने जीवंत ग्राम सभा का प्रदर्शन किया। बच्चों ने ग्राम सभा में आयोजित होने वाली विभिन्न कार्रवाही के साथ विभिन्न मुद्दों एवं जल संरक्षण के लिए पारित संकल्पों से अवगत कराया।
यह भी बताया कि ग्राम सभा में गाँव में पेयजल और स्वच्छता समिति गठित की गई है और जल वाहिनी दीदियाँ नियुक्त की गयी हैं, जो जल और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और सुझावों से अवगत कराती हैं। उनके गाँव में गंदे पानी के उपचार के लिए भी कार्रवाही होती है। फ्लोराइडयुक्त पानी वाले हैंडपंप को लाल और आयरन अधिकता वाले हैंडपंप को काले रंग से चिह्नित किया गया है।
ग्राम सभा अध्यक्ष जोकि कक्षा बारहवीं की छात्रा फाल्गुनी साहू बनी थीं, उन्होंने बताया ग्राम सभा में नल मरम्मत का कार्य, स्वच्छता गाड़ी की व्यवस्था, तालाब गहरीकरण एवं वर्षा जल संचयन के लिए संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। स्कूली बच्चों द्वारा आयोजित ग्राम सभा की कार्रवाही देख मुख्यमंत्री साय ने जल संरक्षण और साफ़ सफ़ाई के प्रति उनकी जागरूकता की सराहना भी की।
दूसरे दिन जल सभा में छत्तीसगढ़ के कॉलेज के स्टूडेंट्स ने जल असेंबली में शामिल होकर अपनी-अपनी भूमिका निभाई। जिसमें जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा की। पक्ष विपक्ष से चर्चा कर निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया गया कि जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता लायी जाये।
जल सभा में पचास महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने नेताओं की भूमिका अदा करते हुये जल असेंबली का संचालन किया और अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, सिंचाई एवं जल मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, आदिवासी मामले का मंत्री, खनन एवं उद्योग मंत्री, कृषि मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा सचिव की भूमिका निभायी।
सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा कर जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया गया। विपक्ष के सदस्यों से गरमा गरमा बहस के बाद जल संरक्षण के लिए सबकी सहमति भी बनी।यह सदन की सफल कार्रवाही रही भावी पीढ़ी को हरा भरा वन, साफ़ पानी और सुंदर भविष्य देने के लिए।
अभी सचेत नहीं हुए तो भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा : डॉ. रमन सिंह
जन भागीदारी से ही होंगे जल संचय और जल संरक्षण के प्रभावी काम : अरुण साव
जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उप मुख्यमंत्री अरुण साव
रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज धमतरी के गंगरेल बांध के किनारे आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। लोगों को जल संरक्षण और जल संचय के प्रति जागरूक करने दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया गया था। इन गतिविधियों में धमतरी जिले के साथ ही प्रदेशभर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में चार देशों के प्रतिनिधियों सहित देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविदों, जल संरक्षकों, नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों और गैर-सरकारी संगठनों ने अपनी बातें रखीं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने जल जगार महा उत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जल की एक-एक बूंद को बचाने की चिंता करने के लिए इस जल जगार महा उत्सव का आयोजन किया गया है। इस दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भारी संख्या में लोगों की भागीदारी को देखकर इसकी सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हजारों लोग इनमें भागीदार बन रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि पर्यावरण के प्रति यदि हम अभी सचेत नहीं हुए तो भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के विशेषज्ञों, सुप्रसिद्ध पर्यावरणविदों और जल के संरक्षण-संवर्धन के लिए जिन लोगों ने अपना जीवन खपा दिया, ऐसे लोगों को धमतरी की धरती पर बुलाकर इस शानदार आयोजन के लिए मैं जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई देता हूं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल संचय और जल संरक्षण पूरी दुनिया में आसन्न जल संकट से निपटने का एकमात्र उपाय है। इसके लिए पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। समाज और आम लोगों को भी इसके लिए आगे आना होगा, तभी हम अपनी जल धरोहरों को बेहतर ढंग से संरक्षित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि पीएचई और नगरीय प्रशासन मंत्री के रूप में राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की महती जिम्मेदारी मेरे विभागों की है। साव ने जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर, मिशन अमृत और एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि कि भारत सरकार की अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम और अभियान जल और पर्यावरण के संरक्षण-संवर्धन को समर्पित हैं। उन्होंने माता अंगार मोती की पवित्र धरती पर जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के सफल आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की पीठ थपथपाई।
जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को सांसद भोजराज नाग और रुपकुमारी चौधरी ने भी संबोधित किया। समापन कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने महा उत्सव के तहत आयोजित जल विधानसभा के अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिकाओं की झलक भी दिखाई।
अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन सत्र मे वनमंडलाधिकारी कृष्णा जाधव ने अपने प्रतिवेदन मे बताया कि दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय जल सम्मलेन में देश-विदेश के 150 से ज्यादा प्रतिनिधि, 69 जल विशेषज्ञ और वक्तागण सहित पद्मश्री से सम्मानित तीन पर्यावरणविद शामिल हुए। डेनमार्क, जापान, श्रीलंका और यूनिसेफ़ के प्रतिनिधियों ने भी अपनी भागीदारी दी। उन्होंने कहा कि इस सम्मलेन से जल प्रबंधन और संचयन के क्षेत्र में नया दृष्टिकोण मिला है। निश्चित रूप से इस सम्मलेन से जिले में जल संचय और जल संरक्षण के कार्यों को नई दिशा मिलेगी। जाधव ने कहा कि नारी शक्ति से जल शक्ति तक की सोच ने जल जगार जैसे नवाचारी अभियान को मूर्त रूप दिया। इस अवसर पर कलेक्टर नम्रता गाँधी ने सम्मेलन के निष्कर्षों और सुझावों को अतिथियों को सौंपा। विधायक रोहित साहू और दीपेश साहू तथा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरु निषाद भी जल जगार महा उत्सव के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए।
लोगों ने लिया जल जगार ओलंपिक का आनंद : धमतरी के रविशंकर जलाशय गंगरेल में आयोजित
रायपुर | धमतरी के रविशंकर जलाशय गंगरेल में आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दूसरे दिन रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों से प्रतिभागी और लोग पहुँचे। इस दौरान सबमें जल ओलंपिक को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला। यहाँ पहुँचे लोगों ने कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राईड, फ्री स्टाईल स्वीमिंग, फ्लैग् रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग आदि का भरपूर आनंद लिया।
इस अवसर पर रायपुर के संजय बच्चानी, अमित गोयल, राकेश ने धमतरी में जल संरक्षण के लिए की गयी पहल विशेषकर सामुदायिक सहभागिता से किए गए प्रयास और उसके परिणाम को खूब सराहा। प्रतिभागियों का मानना है कि यह केवल शासन-प्रशासन की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है कि जल संरक्षण के लिए जागरूक हों और पानी की हर बूँद को बचाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर, पेड़ों की कटाई, सॉइल इरोशन सब विषयों पर चिंता करते हुये भविष्य के लिए जल और पर्यावरण संरक्षण हेतु वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनायें, पौधारोपण की दिशा में काम करना चाहिए। यहाँ जल ओलंपिक में बिलासपुर से आए वेदांत वर्मा ने बताया कि तैराकी उनका शौक़ है, इसलिए जल ओलंपिक में वे हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सभी को आगे आना चाहिए, क्योंकि जल है तो कल है। गौरतलब है कि ज़िला प्रशासन ने जल जगार महा उत्सव में जल ओलंपिक के लिए गंगरेल बांध में प्रतिभागियों के लिए लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।
वन्य जीव सप्ताहः वनमंत्री बोले- वन्य जीवों के रहवास के लिए छत्तीसगढ़ उपयुक्त
रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप नया रायपुर स्थित ट्रिपल आईटी के सभागार में आयोजित वन्य जीव सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए। वन विभाग 2-8 अक्टूबर तक मनाए जा रहे ‘‘सह अस्तित्व से वन्य जीव संरक्षण सप्ताह’’ थीम पर आधारित वन्य जीव सप्ताह के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में जन जागरूकता को लेकर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
मंत्री कश्यप ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में कहा कि जिस तरह छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु और भौगोलिक स्थिति अन्य स्थानों की तुलना में बेहतर है। हमारा राज्य बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित है। यहां के वन क्षेत्र वन्य जीवों के रहवास के लिए बेहद उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही हमारे वनवासियों भाईयों का वन्य जीवों से मित्रवत व्यवहार रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में इसमें बदलाव आया है, जिसके चलते यदा-कदा द्वन्द की स्थिति देखने और सुनने को मिलती है। उन्होंने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्रों को संरक्षित और संवर्धित करने का आव्हान किया।
मंत्री ने राज्य में वन एवं पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए वन विभाग एवं छत्तीसगढ़वासियों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में सालभर पूर्व जन्मे 6 शावकों का क्रमशः ज्वाला, पृथ्वी, पंचमुख, मृजराज, केशरी और इन्द्रावती जैसे पौराणिक नाम रखे और कहा कि जंगल सफारी में शेर की संख्या में वृद्धि होना, खुशी की बात है।
इस मौके पर मंत्री कश्यप ने अचानकमार टायगर रिजर्व का लोगो तथा कानन पेंडारी और जंगल सफारी की वार्षिक प्रतिवेदन पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री धम्मशील गनवीर ने वन्य जीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वन्य जीवों के संरक्षण की स्थिति में सुधार होने के कारण इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग द्वारा बर्ड काउंट इंडिया, कलिंगा यूनिवर्सिटी और पक्षी मित्रों के सहयोग से बर्ड एटलस तैयार किया जा रहा है। 2 अक्टूबर से चल रहे वन्य प्राणी सप्ताह के तहत राजधानी से लेकर जिला मुख्यालयों में जन जागरूकता के लिए निबंध, प्रश्नोत्तरी, भाषण, रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
दुर्घटना में कट गये थे दोनों पांव : फिर भी बचा ली जान
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से मिली रू. दस लाख रूपए की मदद
योजना से मिली मदद से संभव हो पाया उपचार
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुशल स्वास्थ्य प्रबंधन और त्वरित उपचार को प्राथमिकता देने का कार्य लगातार किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की मदद से जरूरतमंद लोगों को लगातार मदद मिल रही है। पांच जुलाई को कोण्डागांव से रायपुर आ रहे 25 वर्षीय युवक शिराज हुसैन की मोटरसायकिल, ट्रक से दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। दुर्घटना में शिराज के दोनो पांव ट्रक के नीचे आ गए थे। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नही थी कि एक निजी अस्पताल में भर्ती उसके उपचार का खर्च वह उठा सकें। गंभीर रूप से घायल शिराज को राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से उपचार के लिए 10 लाख रू. की मदद दी गई।
इस आर्थिक मदद से शिराज हुसैन का बेहतर इलाज संभव हो पाया और उसकी जान बच सकी। हालांकि दुर्घटना के बाद 90 फीसदी इन्फेक्शन से ग्रसित शिराज की जान बचाने के लिए डाक्टरों को उसके दोनों पैर काटने पड़े। शिराज का विवाह छः माह पूर्व ही हुआ था। उसका ससुराल रायपुर में है। दुर्घटना के दिन युवक कोण्डागांव से रायपुर अपने ससुराल ही आ रहा था। इसी दौरान अभनपुर के पास वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ। शिराज हुसैन की ईलाज के दौरान दो बार इन्पुटेशन ग्राफ्टिंग डिब्राइटमेंट फ्लेप सर्जरी की गई। इसकी वजह से उसकी जान बचाई जा सकी है। शिराज हुसैन की कुछ दिनों बाद ही अस्पताल से छुट्टी हो जायेगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल से दुर्घटनाग्रस्त युवक शिराज हुसैन के परिजनों ने बेहतर इलाज की मांग की थी। जायसवाल के द्वारा मरीज के परिजनों को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के बारे में जानकारी देते हुये आवेदन करने को कहा। जिसके बाद इलाज के लिए 10 लाख रूपए की सहायता प्राप्त हुई। शिराज हुसैन के परिजनों ने दुर्घटना के बाद उसके बचने की आस छोड ही दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की मदद के माध्यम से वो अब पूरी तरह स्वस्थ है और कुछ दिनों में अपने घर पहुंच जायेगा।
दुर्गा पंडाल में पहुंचा भालू... किसी पर नहीं किया हमला... बड़ा हादसा टला
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के लारगांव स्थित दुर्गा पंडाल में बीती देर रात एक भालू अचानक घुस आया। घटना के वक्त पंडाल में लगभग 10 ग्रामीण सो रहे थे। भालू तेल पीने की लालच में पंडाल में घुसा था, गनीमत रही कि उसने किसी पर हमला नहीं किया। ग्रामीणों ने स्थिति को संभालते हुए शांति बनाए रखी, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
कांकेर जिले में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। भालू के अलावा तेंदुए भी रिहायसी इलाकों में घुसकर हिंसक हो रहे हैं। इन जंगली जानवरों की गतिविधियों से वन विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। बीते कुछ दिनों में तेंदुए ने बच्चों सहित अन्य लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया है।
वहीं कुछ दिन पहले जिला मुख्यालय से लगे डुमाली गांव में एक साथ पांच तेंदुए देखे गए थे, जिससे वन विभाग अलर्ट मोड पर है। आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
त्यौहार के सीजन में खुशियां हुई दोगुनी : प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पा कर ग्रामीणों के खिले चेहरे
शुभ मुहूर्त देख कर गांवों में बड़े तदात पर हो रहे गृह प्रवेश तो कही भूमिपूजन
कहीं गृह प्रवेश तो कहीं भूमि पूजन कर ग्रामीण बांट रहे अपनी खुशियां
रायपुर | रोटी कपड़ा और मकान जीवन की मूलभूत जरूरत है, जिसे व्यक्ति लगातार परिश्रम करके अपने परिवार के लिए इन जरूरतों को पूरा करता है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े ग्रामीणों को रोजमर्रा की चीजों के लिए लगातार मेहनत करना पड़ता है, जिससे घर की जरूरत पूरी हो सके। यदि मूलभूत जरूरत को पूरा करने के लिए सहारा मिल जाए तो जीवन के बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। कठिन परिस्थितियों में मिली आर्थिक सहायता ग्रामीणों के लिए बहुत मददगार सिद्ध होता है। ग्रामीणों का अपना पक्का घर बनाने का सपना अब प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से पूरा हो रहा है। योजना से मिली आर्थिक सहयोग की वजह से ग्रामीणो के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
कबीरधाम जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत में इस त्यौहार के सीजन में अपना पक्का आवास बन जाने के साथ ही ग्रामीण पूजा एवं अनुष्ठान करते हुए गृह प्रवेश कर रहे हैं और जिनको नए आवास की स्वीकृति मिली है वे परिवार भूमि पूजन कर अपनी खुशियां बांट रहे हैं। घर के मुखिया, अपने सपने को सच होते देख रहे है, खुशियां उनकी दोगुनी होती दिख रही है।
शिव कुमार बघेल पिता नंदकुमार बघेल निवासी ग्राम पंचायत चचेडी जनपद पंचायत कवर्धा ने अपने नए प्रधानमंत्री आवास को पूरा करते हुए गृह प्रवेश किया है। शिवकुमार कहते हैं कि अपना पक्का घर बन जाना सुखद एहसास है सरकार से मिले सहायता के कारण यह काम पूरा हो पाया।
अंतराम पिता समारू ग्राम पंचायत गांगपुर जनपद पंचायत पंडरिया बताते हैं कि मेरा अपना पक्का घर बन गया।इसके साथ मुझे रोजगार गारंटी से 95 दिवस का रोजगार भी मिला। अब मैं शान से अपने पक्के घर में परिवार के साथ रहूंगा। अंतराम ने आगे बताया कि दो दिन पहले ही मैंने पूजा अर्चना कर गृह प्रवेश किया है और इस वर्ष माता की नवरात्रि मेरे लिए बहुत खास है। रजनी चंद्रवंशी पति राजेश चंद्रवंशी ग्राम पंचायत झलमला बताती है कि मुझे अपने पंचायत से पता चला कि सरकार द्वारा मेरा आवास अभी स्वीकृत किया गया है। इस नवरात्रि के त्यौहार में मेरे परिवार ने भूमि पूजन कर अपने प्रधानमंत्री आवास बनाने का काम शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से आवास स्वीकृत हो जाने के कारण हमारी बहुत सी परेशानियां अब दूर हो गई है।
जनपद पंचायत लोहारा के ग्राम पंचायत नवघटा में रहने वाले समेलाल पिता प्रदुम ने बताया कि अपने घर को सजाकर मेरे परिवार ने दो दिन पहले ही गृह प्रवेश किया है। अपने पक्के मकान में रहने का बरसों पुराना सपना पूरा हो गया।
ग्राम लधान में रहने वाली मंटोरा बाई राव पति राम नारायण अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताती है कि हमने अपना घर बनाने के लिए कल ही भूमि पूजन किया है।बैंक खाते में पैसा पहले किस्त की राशि 40 हजार रुपए भी आ गया है।
इसी तरह बीसेलाल पटेल पिता जीवनरखा ग्राम पंचायत तालपुर भरत यादव पिता जगतु ग्राम पंचायत सारी रामजस धुर्वे ग्राम पंचायत कुटकीपारा सहित बहुत से ग्रामीणों द्वारा अपने नए प्रधानमंत्री आवास में गृह प्रवेश किए हैं। तो वही अशोक पिता प्रभु ग्राम भेदली पंचराम पिता भागीरथी ग्राम पंचायत वीरेंद्रनगर जैसे अनेक गांवों में नए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो जाने पर भूमि पूजन कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। सभी हितग्राही अपने परिवारों के साथ नए घर की खुशियां बांट रहे हैं।इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए नए आवास की बधाई दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ग्रामीणों को उनका पक्का आवास का हक दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। उनके विशेष प्रयासों से ही पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 8 लाख 40 आवास की स्वकृति राज्य सरकार द्वारा की गई। कबीरधाम जिले में सामान्य श्रेणी के प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत स्थाई प्रतीक्षा सूची के 24055 हितग्राही एवं आवास प्लस के 6889 हितग्राही सहित कुल 30944 हितग्राहियों का आवास स्वीकृत होना है। इनमें से अभी तक 18848 परिवारों के लिए आवास स्वीकृत हो चुकी है। बचे शेष हितग्राहियों का पंजीयन और स्वीकृति की कार्यवाही कुछ ही दिनों में पूरा हो जाएगा। योजना में आवास के लिए 226 करोड़ 17 लाख 60 हजार रूपए स्वकृत किया गया है, जिसमे से 91 करोड़ 75 लाख रूपए हितग्राहियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से जारी हो गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ई बाल तकनीक को सराहा
विदेशी मेहमानों को खूब पसंद आया जल सुधार की ई-बाल तकनीक
रायपुर | धमतरी में जल-जगार महा उत्सव के दौरान आयोजित अंतरास्ट्रीय जल सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में बने जल शुद्धिकरण की जैविक तकनीक ई-बाल को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सराहा। उन्होंने जल शुद्धिकरण की इस अभिनव तकनीक को आज की आवश्यकता बताया। साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आये विदेशी जल विशेषज्ञों को खूब पसंद आया, उन्होंने इस तकनीक को बारीकी से समझा और इस पर काम करने में दिलचस्पी दिखाई। जल जगार महोत्सव में पानी शुद्धिकरण की इस तकनीक का जीवंत प्रदर्शन महोत्सव स्थल पर किया गया था जहां पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं अतिथियों ने भी इस तकनीक को समझा और सराहा।
ई-बाल बैक्टीरिया और फंगस का मिश्रण है जिसे लाभदायक सूक्ष्मजीवों के द्वारा कैलिशयम कार्बोनेट के कैरियर के माध्यम से जैव-प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक डॉ प्रशान्त कुमार शर्मा के द्वारा 13 वर्षो के अनुसंधान के बाद बनाया गया है। ई-बाल 4.0 से 9.5 पीएच और 10 से 45 डिग्री सेल्शियस तापमान पर सक्रिय होकर काम करता है। ई-बाल में मौजूद लाभदायक सूक्ष्मजीव नाली या तालाब के प्रदूषित पानी में जाते ही वहां उपलब्ध ऑर्गेनिक अवशिष्ट से पोषण लेना चालू कर अपनी संख्या में तेजी से वृद्धि करते है तथा पानी को साफ करने लगते है। एक ई-बाल करीब 100 से 150 मीटर लंबी नाली को साफ कर देती है औसतन एक एकड़ तालाब के जल सुधार के लिए 800 ई-बाल की आवश्यकता होती है। खास बात यह है कि ई-बाल के प्रयोग से पानी मे रह रहे जलीय जीवों पर इसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नही होता है, इसके प्रयोग से पानी के पीएच मान, टीडीएस और बीओडी स्तर में तेजी से सुधार होता है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, झारखंड, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के कई तालाबों में इसका सफल प्रयोग चल रहा है।