छत्तीसगढ़
तकनीक की उड़ान से ड्रोन दीदी चंद्रकली वर्मा ने खरीफ और रबी सीजन में कमाये दो लाख रुपए
बिटिया को बना रहीं आईटी इंजीनियर
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि जो हाथ कुशलता से चूल्हा-चौका का काम करते हैं वे तकनीक के क्षेत्र में भी उतनी ही कुशलता का परिचय दे सकते हैं। डबल इंजन की सरकार में महिलाएं न सिर्फ आर्थिक रूप से अपितु तकनीकी रूप से भी सक्षम हो रही हैं। छत्तीसगढ़ की ड्रोन दीदियों ने इस सोच को साकार कर दिया है।
रायपुर जिले की ग्राम नगपुरा की ड्रोन दीदी चंद्रकली की सफलता की उड़ान ड्रोन की तरह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम से वे भी ड्रोन दीदी बनीं। उन्होंने ड्रोन चलाना सीखा और बहुत थोड़े समय में इसमें कुशल हो गईं। चंद्रकली बताती हैं कि हुनरमंद होने से उनके काम का मूल्य भी कई गुना बढ़ गया। वे केवल 10 मिनटों में एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव कर देती हैं और इससे 300 रुपए कमा लेती हैं। गांव में खेतों में छिड़काव के बाद उनके ड्रोन चालन की कुशलता की जानकारी पड़ोसी गांवों में भी फैल गई। उन्हें खूब काम मिला और पूरी लगन के साथ चंद्रकली ने लगभग 700 एकड़ खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर दिया।
सबसे बड़ी खूबी यह है कि तकनीक ने उन्हें समय की बाधा से पूरी तरह से मुक्त कर दिया। वे बच्चों को तैयार करती हैं। घर में चूल्हा-चौका कर लेती हैं फिर खेतों के लिए निकल पड़ती हैं। उनके हाथ में ड्रोन का रिमोट होता है। जैसे ही चंद्रकली ड्रोन कंट्रोल रिमोट ऑन करती हैं, धीरे-धीरे ड्रोन गति लेते हुए आसमान की ओर उड़ता है और खेत का चक्कर काटने लगता है। अब चंद्रकली अपने गांव सहित आसपास के क्षेत्र में ड्रोन दीदी के नाम से जानी जाती है।
रायपुर जिले की आरंग विकासखंड की निवासी वर्मा कुछ महीनों पहले महिला समूह से जुडकर बहुत ही कम आमदनी प्राप्त कर रही थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2023 को नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त करते हुए आत्मनिर्भर बनाते हुए आधुनिकता से जोड़ना है। इसी योजना के तहत छत्तीसगढ़ की महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों को चयन किया गया जिसमें रायपुर जिले की चन्द्रकली वर्मा भी शामिल थी।
चन्द्रकली बताती हैं कि उनके समूह में अच्छे कार्य को देखते हुए इस योजना के लिए चयनित किया गया और ऑनलाइन इन्टरव्यू हुआ। जिसके लिए उन्हें ग्वालियर में 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई और दिसंबर 2023 में इन्हें ड्रोन निःशुल्क दिया गया, साथ ही परिवहन के लिए ड्रोन वाहन दिया गया। वे बताती हैं कि मुझे अन्य दीदियों के साथ उत्तर प्रदेश के फूलपुर में आमंत्रित किया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें नमो ड्रोन दीदी की उपाधि दी। इसके बाद चन्द्रकला के आने बाद किसानों को इसकी बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मैनुवल तरीके से कीटनाशक का छिड़काव करने की अपेक्षा अब यह काम तकनीक की सहायता से ड्रोन से मिनटों में ही हो जाता है। धीरे-धीरे उन्हें काम मिलने लगा। चंद्रकला दो लाख रूपये से अधिक की आय अर्जित कर चुकी है जिससे वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहीं है उनकी बेटी आईटी में इंजीनियरिंग कर रही हैं। तकनीक का महत्व जब चंद्रकला ने समझा तो अपनी बिटिया को भी तकनीक की ओर मोड़ दिया, यह चमत्कार नमो ड्रोन दीदी योजना का है।
चन्द्रकला कहती हैं कि मुझे गर्व है कि मै ड्रोन दीदी हूं। मै आज नई तकनीक का उपयोग कर रही हूं। अपने गांव के खेती किसानी में मदद कर रही हूं, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और लागत भी कम आएगी। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देती हूं और अन्य महिलाओं से आग्रह करती हूं कि इस तकनीक से जुड़ें और छत्तीसगढ़ को और आगे बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से रोशन होंगे 25 हजार घर
हितग्राहियों ने कहा- पीएम सूर्यघर बहुत अच्छी योजना, सभी को लेना चाहिए इसका फायदा
पहले जहां हर माह दो से पांच हजार रुपए बिजली बिल देते थे, वहीं अब बिजली बिल क्या होता है, हम भूल ही गए हैं
रायपुर | बिलासपुर जिले के बोदरी निवासी अनुराग शर्मा ने लगभग 7 महीने पहले अपने घर की छत पर 7 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाया, तब से उन्हें बिजली के बिल की फिक्र नहीं करनी पड़ती हैै। पहले जहां वे हर माह दो से पांच हजार का बिजली बिल दे रहे थे, वहीं अब बिल नहीं आ रहा है उल्टे अतिरिक्त बिजली भी उत्पादित हो रही है। इसके लिए उन्हें सरकार से 78 हजार की सब्सिडी भी मिली है। इससे उन्हें आर्थिक बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही अच्छी योजना है सभी को इसका फायदा लेना चाहिए।
धमतरी जिले के पतंजलि नगर निवासी हेमन्त साहू बताते हैं कि उन्होंने पीएम सूर्यघर योजना का लाभ लेने आवेदन दिया और एक माह में ही उनका सौर पैनल लग गया। पहले जहां एक हजार रुपए बिजली बिल आता था, अब बिलकुल बिजली बिल नहीं पटाना पड़ रहा। वहीं गीता साहू कहती हैं कि वह योजना के तहत सोलर पैनल लगाने के बाद अपनी स्कूटी भी निश्चिंत होकर चार्ज करतीं हैं।
छत्तीसगढ़ में पीएम सूर्यघर योजना लगातार लोकप्रिय होते जा रही है। राज्य में 25 हजार घर सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। इस योजना का उद्देश्य लोगों को सस्ते दर पर स्थायी ऊर्जा मुहैय्या कराना है। सौर ऊर्जा का उपयोग न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में सौर पैनलों के माध्यम से घरेलू उपयोग के लिए बिजली का उत्पादन किया जाता है। इससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ ही सौर पैनल इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनशैली के सुधार के साथ ही पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लाण्ट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह सोलर प्लाण्ट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से जुड़ेगा जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है। इस योजना में प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। इस योजना में 30 हजार रूपये से लेकर 78 हजार रूपये तक अनुदान भी दिया जा रहा है। पीएम सूर्यघर डॉट जीओव्ही डॉट इन वेब पोर्टल अथवा पीएम सूर्यघर एप्प में पंजीयन कर इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
बीमारी के कठिन समय से गुजरते नवीन को : मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से मिली आर्थिक सहायता
रायपुर | सरगुजा जिले के सीतापुर ब्लॉक के ग्राम प्रतापगढ़ के गोयल परिवार पर तब मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा, जब पता चला कि परिवार के इकलौते सहारे नवीन जगदेव गोयल को किडनी में समस्या है और उन्हें ट्रांसप्लांट की जरूरत है। एक सामान्य परिवार के लिए अचानक इस तरह स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का आना भारी है, इसके साथ ही बीमारी के साथ आता है बड़ा खर्च भी।
48 वर्षीय नवीन के परिवार में पत्नी है और उनके दो बच्चे कक्षा 7वीं और 10 वीं में पढ़ाई कर रहे हैं। नवीन अपने परिवार का पालन-पोषण कपड़े और मनिहारी के व्यवसाय से करते हैं, महंगे इलाज के खर्च में उनकी जमा पूंजी खत्म हो गई और व्यवसाय भी बंद करना पड़ा।
नवीन बताते हैं कि जब उन्होंने जांच कराया तो पता चला कि उनकी स्थिति काफी गम्भीर है और तत्काल किडनी ट्रांसप्लांट करना होगा। हमारे लिए यह काफी मुश्किल समय था। उन्होंने अपना पहला चेकअप कराया जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद के जी आर दोषी एंड के एम मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी एंड रिसर्च सेंटर में रिफर किया गया।
नवीन और उनका परिवार काफी परेशान थे कि किस तरह इलाज का खर्च निकलेगा और इस दौरान उन्हें ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के बारे में पता चला। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से और कुछ अपने जान पहचान के लोगों से इस बारे में जानकारी ली। नवीन को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के तहत सहायता राशि स्वीकृत हुई, जिससे उनका इलाज हुआ और परिवार ने राहत की सांस ली है। अब गोयल परिवार के जीवन में फिर खुशियां लौट आई हैं, पूरे परिवार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल के लिए आभार जताया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर रोगों के इलाज के लिए 25 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।
छत्तीसगढ़ में चक्रवाती तूफान फेंजल से : बदली-बारिश के आसार
रायपुर | चक्रवाती तूफान फेंजल दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है | इसके पश्चिम- उत्तर पश्चिम की ओर बढऩे की संभावना है | इसके प्रभाव से 30 नवम्बर से एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है | शुक्रवार को राजधानी में न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री और माना एयरपोर्ट में 13.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान के प्रभाव से 30 नवम्बर से छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है | इसके प्रभाव से राज्य में नमी का प्रवेश हो रहा है | राजधानी सहित कई स्थानों पर आकाश के आंशिक मेघमय रहने की संभावना है | प्रदेश के कुछ जिलों में सुबह कोहरा छाए रहने की भी संभावना जताई गई है। शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम 7.2 डिग्री तापमान अंबिकापुर में और 9.4 डिग्री पेण्ड्रारोड में दर्ज किया गया | दुर्ग में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3.6 डिग्री कम है | रायपुर में अधिकतम तापमान 29.6 और न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री दर्ज किया गया | 30 नवम्बर को रायपुर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 29 और 17 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
मंत्रीद्वय कश्यप और बघेल ने बेमेतरा जिले मे सहकारी बैंक की 4 नवीन शाखा का किया शुभारंभ
सहकार से समृद्धि का सपना होगा साकार: मंत्री कश्यप
नवागढ़ के बदनारा, कन्हेरा, सत्धा और गोड़गिरी में आज से संचालित होंगे सहकारी बैंक
सहकारी बैंक खुलने से 77 गांवो के 21,000 से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ
रायपुर | सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने बदनारा में आयोजित कार्यक्रम में बेमेतरा जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग की 4 नवीन शाखा का शुभारंभ किया। बैंक की यह शाखा नवागढ़ के बदनारा, कन्हेरा, सत्धा, गोड़गिरि में संचालित होंगी। इन बैंको के खुलने से अब तेजी के साथ सहकारिता से समुद्धि का सपना साकार होगा। इससे क्षेत्र के 77 गांवों के 21 हजार किसानों को लाभ मिलेगा। इसके अंतर्गत लगभग 24 हजार खातेदारों की संख्या समाहित है। मंत्रीद्वय ने इस मौके पर तीन किसानों को एटीएम कार्ड प्रदान किया।
गौरतलब है कि केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के आव्हान पर राज्य सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सहकारिता को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से जमीनी स्तर पर सहकारिता की पहुंच बनाने का कार्य कराया जा रहा है। इसी कड़ी में आज जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग की 4 नवीन शाखा का शुभारंभ किया गया है। आगामी समय में सहकारी बैंक की संख्या में और वृद्वि की जाएगी जिससे लाखों किसानो को लाभ मिलेगा तथा आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा मे मजबूती मिलेगी।
मंत्री केदार कश्यप ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन चार बैंकों के खुलने से 77 गांवों के 21 हजार से ज्यादा किसानों को इसका सीधा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों से सुगमतापूर्वक धान की खरीदी हो रही है। किसानों को साल भर की मेहनत का फल मिलने लगा है, सरकार की मंशा है कि किसी किसान का धान वापस नहीं जाना चाहिए। हमारी सरकार किसानों के उपज को सही दामों पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री कश्यप ने कहा कि किसानों को किसी भी तरह से भटकना न पड़े या परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
सहकारी बैंक के नवीन शाखा शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्थानीय विधायक एवं मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार लगातार किसानों के हित में फैसला ले रही है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां एक साथ चार बैंकों का शुभारंभ हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार लगातार किसानों के हित में फैसला ले रही है। इसी कड़ी में सहकारी बैंक की नवीन शाखा का शुभारंभ हो रहा है। शुभारंभ कार्यक्रम को विधायक दीपेश साहू और विधायक ईश्वर साहू ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक के.एन. कांडे, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दुर्ग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीकांत चन्द्राकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
एसडीएम की गाड़ी से बच्चे को लगी ठोकर,. नशे में था चालक... गाड़ी में एसडीएम थे मौजूद
रायपुर। प्रदेश के गरियाबंद जिले के देवभोग में एसडीएम की गाड़ी के चालक ने एक निजी स्कूल के बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। पहली कक्षा में पढ़ने वाला यह बच्चा छुट्टी के बाद स्कूल से घर जा रहा था। एसडीएम की गाड़ी की टक्कर से बच्चा घायल हो गया। जिसे अस्पताल ले जाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, देवभोग एसडीएम तुलसी दास मरकाम ड्यूटी पर निकले हुए थे। बस स्टैंड के आगे निकले तभी सरकारी वाहन ने छात्र को टक्कर मार दी, जिससे छात्र गंभीर रू से घायल हो गया। हादसे के बाद वहां मौजूद राहगीरों ने तुरंत घायल बच्चे को अस्पताल पहुंचाया। एसडीएम भी कुछ ही देर में अस्पताल पहुंचे।
हादसे के बाद बच्चे के परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला। यादव समाज के अध्यक्ष सुशील यादव भी अस्पताल पहुंचे और देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई। लोगों ने आरोपी चालक की मेडिकल जांच (एमएलसी) कराने की मांग की है। वहीं देवभोग थाना प्रभारी आरोपी चालक लेखराम ठाकुर के खिलाफ एमएलसी प्रपत्र भरा और डॉक्टर ने जांच में चालक के शरीर से 156 प्वाइंट एल्कोहल की पुष्टि किया।
मामले में थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने कहा कि डॉक्टर ने एल्कोहल की पुष्टि किया है। बल्ड यूरीन जांच रिपोर्ट आना बाकी है। फिलहाल मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। SDM तुलसी दास के वाहन का 15 दिन के भीतर यह दूसरा हादसा है। 13 नवंबर की रात उनकी निजी वाहन धवलपुर के पास टकरा गई थी। वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.वाहन उस दिन नायब तहसीलदार चला रहे थे, एसडीएम बैठे हुए थे।
श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा को दी विकास की नई दिशा : 55 लाख के कार्यों का किया भूमिपूजन
रायपुर | नगर विधायक और वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने अधोसंरचना मद के अंतर्गत चार वार्डों के 55 लाख के पांच विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।
वार्ड क्रमांक 21 बुधवारी के दशहरा मैदान में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में विधिवत पूजन कर शिलापट्टी का अनावरण किया। मंत्री देवांगन ने विभिन्न विकास कार्यों का विधिवत भूमिपूजन कर, शहर के भविष्य को और सुदृढ़ बनाने की पहल की। इन कार्यों में सीसी रोड, नाली निर्माण, मंच जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं, जो कोरबा की बुनियादी सुविधाओं को और सशक्त बनाएंगे। मंत्री देवांगन ने कहा कि अब विष्णुदेव सरकार में शहर के सभी 67 वार्डाे में एक साथ कार्य डीएमएफ शुरू हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता हर नागरिक तक विकास की सुविधाएं पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य उद्देश्य विकास के कार्यों का लाभ शहर के हर नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोरबा को आधुनिक और सुसज्जित शहर बनाने की दिशा में यह सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले समय में और भी बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे, जिससे यहां के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी और शहर की समृद्धि में वृद्धि होगी।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, नरेंद्र पाटनवार, कोसाबाड़ी मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, पूर्व पार्षद पंकज देवांगन, पार्षद अजय गौंड, सुखसागर निर्मलकर, दिनेश वैष्णव, अनीता सुकंदी यादव,युवा मोर्चा के पंकज सोनी, अतुल दास, श्याम साहू, मीरा सोनी, वैभव शर्मा, अनिल यादव समेत अन्य उपस्थित रहे।
वार्ड क्रमांक 28 फेस 01 दशहरा मैदान के पास नवनिर्मित उद्यान तक नाली निर्माण कार्य लागत 20. 10 लाख,वार्ड क्रमांक 22 शिवाजी नगर में नाली निर्माण कार्य लागत 10 लाख,वार्ड क्रमांक 21 में रमेश किराना स्टोर के पास सांस्कृतिक मंच का निर्माण कार्य लागत 5 लाख ,वार्ड क्रमांक 21 में सीसी रोड निर्माण कार्य, लागतरू 10 लाख रुपए ,वार्ड क्रमांक 17 नया मानस नगर, व पुराने मानस नगर में विकास कार्य 10 लाख कार्य की आज भूमिपूजन संपन्न हुआ।
आयुर्वेद केवल ईलाज प्रक्रिया नहीं, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति बीमार नहीं पड़े, इसकी व्यवस्था है : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
विधानसभा अध्यक्ष जिला स्तरीय निःशुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला में हुए शामिल
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं गुरू घासीदास भवन का किया भूमिपूजन
हमर अस्पताल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर के उन्नयन कार्य का किया लोकार्पण
रायपुर | विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजनांदगांव शहर के मोतीपुर में आयोजित जिला स्तरीय निःशुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं गुरू घासीदास भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने 75 लाख रूपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं 10 लाख रूपए की लागत से गुरू घासीदास भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। इसके साथ ही 37.17 लाख रूपए की लागत से बने हमर अस्पताल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर के उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आयुर्वेद में केवल ईलाज प्रक्रिया नहीं है, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति बीमार नहीं पड़े, इसकी व्यवस्था है। इसमें सभी प्रकार की दिनचर्या या ऋतुचर्या, योग, प्राणायाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं आयुर्वेद के चिकित्सक है और जनसेवा की शुरूआत चिकित्सक के रूप में की। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में आयुष विभाग का गठन किया और आज छोटे-छोटे स्थानों में इस प्रकार के शिविर लग रहे हैं। आयुर्वेद के तहत शत-प्रतिशत गारंटी के साथ बिना किसी रिएक्शन एवं एलर्जी के ईलाज होता है।
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि 25 लाख रूपए की लागत से मोतीपुर रेल्वे क्रांसिंग से लेकर मुक्तिधाम तक डामरीकरण, वार्ड नंबर 3 में मंगल भवन के लिए 25 लाख रूपए, बड़े तालाब के किनारे नाली निर्माण के लिए 15 लाख रूपए, सड़क किनारे पेवर ब्लॉक के लिए 11 लाख 50 हजार रूपए, फुलवारी पारा में नाली निर्माण के लिए 5 लाख रूपए, वार्ड नंबर 8 की गलियों में सीसीरोड निर्माण के लिए 15 लाख रूपए, मुक्तिधान में नाली निर्माण के लिए 38 लाख रूपए, मुक्तिधाम में बाउंड्री निर्माण के लिए 18 लाख रूपए और वार्ड नंबर 3 में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 7 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है।
पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. शिल्पा मिश्रा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सचिन बघेल, खूबचंद पारख, रमेश पटेल, संतोष अग्रवाल, कोमल सिंह राजपूत, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
हर घर जल से समृद्ध हुआ पचराही : आदिवासी बहुल दूरस्थ गांव में हर घर पहुंच रहा नल से पेयजल
रायपुर | कई बरस बाद पचराही गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। सालों पहले यहां पुरातात्विक खुदाई में मिले 16वीं शताब्दी के सिक्कों और औजारों की वजह से पूरे देश में यह गांव चर्चा में आया था। पचराही इस बार भी एक अच्छे कारण से चर्चा में है।
पचराही के रहवासियों, खासकर महिलाओं के चेहरे खुशी से दमक रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों की बहुलता वाले इस दूरस्थ गांव में अब हर घर में नल से पेयजल पहुंच रहा है। पेयजल और परिवार की अन्य जरूरतों के लिए पानी इकट्ठा करने रोज जूझने वाली महिलाएं अब सुकून से हैं। घर के आंगन तक पहुंचे नल से पूरे परिवार की जरूरतों के लिए भरपूर पानी आ रहा है। इसने गांव की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है। हर घर स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल ने गांववालों को गंदे पानी से होने वाली सेहत के खतरों से भी चिंतामुक्त कर दिया है।
कबीरधाम जिला मुख्यालय कवर्धा से 35 किलोमीटर दूर बोड़ला विकासखंड के पचराही में जल जीवन मिशन ने खुशियों की नई इबारत लिखी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 68 लाख रुपए की लागत से यहां जल आपूर्ति की व्यवस्था तैयार की है, जिससे गांव के 72 परिवारों को उनके घर पर ही पेयजल मिल रहा है। अब यहां की महिलाओं को पानी के लिए सवेरे से ही नहीं जूझना पड़ता। पहले महिलाओं को रोज दूर-दराज के जल स्रोतों से पानी लाने कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। पर अब घर पर ही स्वच्छ जल की उपलब्धता ने उनके जीवन को सरल और आरामदायक बना दिया है। घर पर ही पानी मिलने से इसके लिए रोजाना लगने वाले समय और श्रम की बचत हो रही है। इससे उन्हें अपनी आजीविका, बच्चों की परवरिश और घर के दूसरे कामों के लिए ज्यादा समय मिल रहा है।
जल जीवन मिशन से पचराही के सभी लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल रहा है। नल जल योजना के पहले यहां के लोग पेयजल के लिए हैंडपंप तथा नदी-नालों पर आश्रित थे। यहां भू-जल में लौह तत्व की अधिकता के कारण पेयजल की समस्या बनी रहती थी। पर अब नल जल योजना ने पेयजल संबंधी सभी समस्याओं का निराकरण कर दिया है। अब हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। जंगलों के बीच बसे करीब 300 की आबादी वाले ग्राम पंचायत बोदा-3 के आश्रित गांव पचराही में सोलर पंप के माध्यम से पेयजल योजना संचालित की जा रही है।
जल जीवन मिशन के तहत कबीरधाम जिले के 85 गांवों में सभी घरों में नल से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। मिशन के तहत जिले के कुल 958 गांवों में हर घर नल से जल पहुंचाया जाएगा। इनमें से 205 गांवों में काम लगभग पूर्ण कर लिया गया है। शेष गांवों में भी काम तेजी से जारी है जिन्हें मार्च-2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। वनांचलों और दूरस्थ क्षेत्रों की छोटी एवं बिरल बसाहटों तक सोलर पंपों के माध्यम से जलापूर्ति के काम प्राथमिकता से पूरे किए जा रहे हैं।
भू-जल स्रोतों में समस्या वाले कबीरधाम जिले के दो क्षेत्रों में मल्टी-विलेज योजना के माध्यम से नदी का पानी पहुंचाने का काम भी प्रगति पर है। रेंगाखार मल्टी-विलेज योजना से भू-जल में आयरन की अधिकता वाले 15 गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बहेराखार जलाशय का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शुद्ध कर आपूर्ति के लिए गांवों में बनी टंकियों में पहुंचाया जाएगा। वहीं धमकी बमनी मल्टी-विलेज योजना से भू-जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने से प्रभावित 16 गांवों में सरोधा जलाशय का पानी पेयजल के लिए पहुंचाया जाएगा।
सुपेला फ्लाईओवर में संतरा और अनार से भरी पिकअप सामने जा रही ट्रक से भिड़ी
रायपुर। नेशनल हाइवे सुपेला फ्लाईओवर पर शुक्रवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। नागपुर से आ रही पिकअप सामने जा रहे भारी वाहन से भिड़ गई। हादसे में पिकअप का हेल्पर साइड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में पिकअप चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पेट्रोलिंग ने ट्रक में फंसे पिकअप को फ्लाईओवर से नीचे उतरवाकर साइड किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार हादसा सुपेला फ्लाईओवर पर चंद्रा-मौर्या टाकीज के पास यह हादसा हुआ है। नागपुर से संतरा व अनार लोड कर पिकअप क्रमांक एमएच 30 बीडी 5621 पावर हाउस फलमंडी जा रही थी। इस दौरान फ्लाईओवर के ऊपर सामने से जा रही ट्रक क्रमांक एमएच 12 एनएक्स 1974 को पीछे से ठोकर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप ट्रक के पीछे फंस गई। पिकअप का हेल्पर साइड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में पिकअप चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि पिकअप चालक को हल्की झपकी आने से यह हादसा हुआ। फिलहाल पुलिस हादसे की जांच कर रही है।
किसान स्वस्फूर्त होकर दलहनी / तिलहनी फसल लगाने हेतु आ रहे सामने
जिला प्रशासन के प्रयासो का दिख रहा असर
समिति के माध्यम से विगत वर्ष 39 क्विंटल बीज हुआ था वितरित, वही 30 गुणा की वृद्धि के साथ इस वर्ष 1211.64 क्विंटल बीज का किया गया वितरण
रायपुर | प्राकृतिक संसाधनो से आच्छादित छत्तीसगढ़ और सुनहरे धान की बालियों से सौन्दर्य बोध कराता जिला धमतरी में खरीफ में बहुतायत में धान उत्पादन किया जाता है, इसलिए इसे धनहा धमतरी भी कहते है। वैसे तो छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है तथा छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा बनाने में धमतरी जिले का महत्वपूर्ण योगदान है, किन्तु कृषक अब ग्रीष्मकालीन धान का मोह त्याग कर दलहनी/तिलहनी फसल लगाने हेतु सामने आ रहे है।
कृषको के उत्साह को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा भी उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत दिनो जल संरक्षण की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए जिले में जल जगार कार्यक्रम का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया। साथ ही कृषि एवं संबंधित विभागो द्वारा 182 ग्रामो में दलहन, तिलहन फसलो को प्रोत्साहित करने हेतु जनजागरूकता शिविर लगाया गया। इसी प्रकार 48 ग्रामो में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जहां दलहन, तिलहन फसलो के उत्पादन के फायदे बताये जा रहे है, वही उन्न्त बीज व किस्म के साथ-साथ कृषि कार्य तथा रबी ऋण पर व्यापक जानकारी दी गई। नतीजन जिले के किसान बढ़-चढ़कर दलहन, तिलहन और नगदी फसलो की बुआई करने लगे है।
गौरतलब है कि रबी वर्ष 2023-24 में दलहन, तिलहन फसल मात्र 15 हजार हेक्टेयर रकबे में आच्छादित था, वही इस वर्ष यानी रबी वर्ष 2024-25 में पिछले वर्ष का आंकड़ा पार करते हुए 19 हजार चार सौ सैतालीस हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है तथा अभी भी बुआई कार्य प्रगतिरत है। अन्न वाली फसल-गेंहू, मक्का, रागी 451 हेक्टेयर, दलहन फसल- चना, मटर, मसूर, उड़द, तिवडा 13 हजार 170 एवं तिलहन फसलो का क्षेत्राच्छादन 4 हजार 107 हेक्टेयर क्षेत्र में है। इस तरह कुल 19 हजार 447 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलो का क्षेत्राच्छादन पूर्ण हो चुका है, रबी फसलो की पछेती बुआई मध्य दिसंबर से अंतिम दिसंबर तक सम्पन्न होती है तथा ग्रीष्मकालीन उडद, मूंग एवं तिल की बुआई माह फरवरी में होगी। जिला प्रशासन द्वारा इस रबी वर्ष में 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन, तिलहन फसलो के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो कि रबी वर्ष बुआई की समाप्ति तक लक्ष्य से ज्यादा रकबे में आच्छादित होने की सम्भावना है।
जिले में विगत वर्ष समिति के माध्यम से मात्र 39 क्विंटल बीज का वितरण किया गया था, किन्तु इस वर्ष संयुक्त प्रयास से समिति के माध्यम से 1211 क्विंटल 64 किलोग्राम बीज का वितरण किया जा चुका है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 30 गुणा अधिक हैं। इसी तरह योजनाओं से गत वर्ष 1550 हेक्टेयर रकबे में फसल उत्पादन किया गया था, वही इस वर्ष दलहन, तिलहन फसलो का 7 हजार 552 हेक्टेयर रकबे हेतु बीज का वितरण किया गया है। कृषक अब जल संवर्धन की महत्ता को समझने लगे है एवं क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से सम्पर्क कर दलहन, तिलहन और नगदी फसलो के उत्पादन की तकनीकी जानकारी ले रहे है।
संगवारी बाईक एंबुलेंस : वनांचलों में स्वास्थ्य सुविधा का नया दौर
बैगा, बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए बनी वरदान
पहुंचविहीन इलाकों में सरपट पहुंच रही बाईक एम्बुलेंस
अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को मिला फायदा
रायपुर | बिलासपुर जिले के कोटा के सुदूर वनांचलों में बसे गांवों में वो दिन लद गए जब अस्पताल तक न पहुँच पाने की वजह से किसी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया न हो पाए। अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को त्वरित स्वास्थ्य सेवा मिल पा रही है। सुदूर एवं पहुंचविहीन गांवों में जहां एंबुलेंस तक का पहुंच पाना संभव नहीं है वहां के जंगल से लगे गांवों की सड़कों पर अब बाईक एंबुलेंस सरपट दौड़ रही है। वनांचल के गांवों में रहने वाले बैगा, बिरहोर आदिवासियों के लिए बाईक एंबुलेंस वरदान साबित हो रही है। चार बाईक एम्बुलेंस के जरिए 4089 मरीजों को अब तक अस्पताल ले जाया गया है।
मौसम कोई भी हो चाहे गर्मी, बरसात या सर्दी सभी मौसम में बाईक एम्बुलेंस की सुविधा चौबीसों घंटे आदिवासियों को मिल रही है। कोटा ब्लॉक के एक बड़े हिस्से में विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते सड़क मार्ग से पहुच पाना संभव नहीं होता है। ग्रामीणों को आपातकाल स्थिति में घर से अस्पताल आने-जाने के लिए बाईक एम्बुलेंस निःशुल्क परिवहन का एक अच्छा माध्यम बन गया है। संगवारी एक्सप्रेस बाईक में बनाई गई एक मिनी एम्बुलेंस की तरह है, जिसमें एक मरीज को बिना असुविधा के अस्पताल तक पहुचाँया जा सकता है। यह बिल्कुल निःशुल्क सुविधा है। कोटा ब्लॉक के सुदूर वनांचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं सहित अन्य लोगों के लिए बाईक एम्बुलेंस संजीवनी साबित हो रही है।
विकासखंड कोटा में बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मार्च महीने से शुरू होने से अब तक 4089 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिला है। इसमें सभी वर्ग के मरीज शामिल है। शिवतराई पीएचसी में 1108 कुरदर में 850, केंदा 1310, आमागोहन 821 मरीजों को बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मिली है।
बाईक एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों के टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। बाईक एंबुलेंस के जरिये वनांचल क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए केन्द्र तक लाया जाता है और शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर भी पहुचाँया जाता है। ग्रामीण इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहते है की जहां वे पहले इलाज के लिए कई मीलों दूर पैदल चल कर अनेक कठिनाईयों का सामना कर अस्पताल पहुंचते थे, वहीं आज बाईक एंबुलेंस की सुविधा मिलने से अब कठिनाईयां उनके आड़े नहीं आ पाती है और मरीजों को बिना देरी के तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। मंजगवा की मनीषा को बाईक एम्बुलेंस के जरिए प्रसव के लिए केंदा अस्पताल लाया गया था, वे कहती हैं कि इस सुविधा के चलते ही मैं और मेरा बच्चा भी पूरी तरह स्वस्थ है। छतौना की 35 वर्षीय मंदाकनी को भी बाईक एम्बुलेंस के जरिए केंदा अस्पताल लाया गया था, उन्होंने इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा की यह सुविधा आदिवासियों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।
छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात
चित्रोत्पला फिल्म सिटी से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, नाटकों के साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पद्मश्री विभूतियों की सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा
रायपुर | छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है।
मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।
प्रसाद योजनाः माँ बम्लेश्वरी मंदिर में विकास परियोजनाओं के लिए 48.44 करोड़ रुपये की मंजूरी
रायपुर। राज्य सभा में आज, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्रसाद योजना के तहत, मंत्रालय ने 48.44 करोड़ रुपये की लागत से "माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर में तीर्थ सुविधाओं का विकास" नामक एक परियोजना को मंजूरी दी है।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय ने 5287.90 करोड़ रुपये की कुल 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें छत्तीसगढ़ में 96.10 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत "जशपुर-कुनकुरी-मैनपाट-कमलेशपुर-महेशपुर-कुरदर-सरोधादादर-गंगरेल- कोंडागांव -नाथिया नवा गांव जगदलपुर-चित्रकूट-तीर्थगढ़ का विकास" नामक एक परियोजना शामिल है । स्वदेश दर्शन 2.0 के अंतर्गत 'बिलासपुर' और 'जगदलपुर' नामक दो गंतव्यों की पहचान की गई है और स्वदेश दर्शन 2.0 की एक उप-योजना, चुनौती आधारित गंतव्य विकास के अंतर्गत 'मयाली बगीचा' नामक एक गंतव्य की पहचान की गई है ।
शेखावत ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय अपने सतत प्रयासों के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में धार्मिक पर्यटन सहित देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को प्रचार गतिविधियों, कार्यक्रमों, वेबसाइट, सोशल मीडिया प्रचार आदि के माध्यम से बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन, ‘तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)’ की अपनी सतत योजनाओं के माध्यम से धार्मिक स्थलों पर बुनियादी ढांचे के विकास सहित पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों (एसजी)/यूटी प्रशासनों (यूटी) को वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके प्रयासों को पूरा करता है। यह जानकारी, सांसद राजीव शुक्ला के अतारांकित प्रश्न संख्या- 465 के उत्तर में केन्द्रीय मंत्री ने दी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नवनिर्वाचित विधायक सुनील सोनी को विधानसभा सदस्यता की दिलाई शपथ
रायपुर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के सभागार में आयोजित समारोह में नव निर्वाचित विधायक सुनील सोनी को विधायक पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित मंत्रीगणों और विधायकों ने सोनी को उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएं दी।
विधायक सुनील सोनी ने शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करूंगा और उनकी सेवा में समर्पित रहूंगा।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, किरण सिंह देव, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, गुरु खुशवंत साहब एवं जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।
वनरक्षक भर्ती के शारीरिक परीक्षा में 12,000 महिलाएं शामिल... सभी में दिखा उत्साह
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बहतराई स्टेडियम में वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसमें महिलाओं की भागीदारी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। रोजाना 400 से 500 महिलाएं शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल हो रही हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में कुल 132 पदों पर चयन होना है, जिनमें से 31 पद महिलाओं के हैं।
शारीरिक दक्षता परीक्षा में दस्तावेज सत्यापन, ऊंचाई माप, दौड़, ऊंची कूद और गोला फेंक जैसी चुनौतियाँ शामिल हैं, जिनमें महिलाएं भी उत्साह के साथ भाग ले रही हैं। अब तक 52,906 उम्मीदवारों में से 12,000 महिलाएं परीक्षा के लिए बुलाई गई हैं, और उनकी बढ़ती भागीदारी को देखकर अधिकारियों को खुशी हो रही है।
यह प्रक्रिया न केवल वन विभाग में रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। डीएफओ सत्यदेव शर्मा का मानना है कि महिलाएं जंगल और वन्यजीवों की सुरक्षा में एक अहम योगदान देना चाहती हैं, और उनकी इस मेहनत से वन विभाग भी खुश है। इस भर्ती प्रक्रिया में सफलता प्राप्त करना उन अभ्यर्थियों के लिए संभव हो रहा है, जो सभी चुनौतियों को पार कर रहे हैं।
तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में गूंजेगी बारनवापारा से रेस्क्यू किए गए बाघ की दहाड़
रायपुर। कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से रेस्क्यू किए गए नर बाघ की दहाड़ अब गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में गूंजेगी। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू बाघ किए गए इस बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया। गुरू घासीदास तमोर पिंगला छत्तीसगढ़ का नया टायगर रिजर्व है।
बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल तहसील में बीते 8 माह से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहे एक नर बाघ के कसडोल तहसील के ग्राम कोट पहुंच जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन विभाग का अमला आवश्यक रेस्क्यू सामग्री तथा वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों सहित मौके पर तत्काल पहुंचकर कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से उक्त बाघ को रेस्क्यू किया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के निर्देश पर उक्त नर बाघ को आज प्रातः 8 बजे नवगठित गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) क्षेत्र संचालक, एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, उप निदेशक एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, कानन पेंडारी-जू के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी. के चंदन, गुरु घासीदास तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत पाण्डेय, सहायक संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, अधीक्षक तमोर पिंगला अभ्यारण्य, अधीक्षक सेमरसोत अभ्यारण्य, क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य श्री गौरव निहलानी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए गए बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही भारत सरकार की ओर से ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया।