छत्तीसगढ़
राम लला और काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन मनोकामना पूरी होने जैसी : जिले के श्रद्धालु
अयोध्या धाम योजना के श्रद्धालुओं का दल चार दिवसीय यात्रा से वापस लौटा
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को श्रद्धालुओं ने बताया श्रवण कुमार
रायपुर | श्री रामलला दर्शन अयोध्याधाम योजना अंतर्गत कबीरधाम जिले के 71 श्रद्धालुओं का दल चार दिवसीय यात्रा पूर्ण कर आज वापस जिले में लौटा आया। श्रद्धालुओं के दल का जिला पंचायत प्रांगण में तिलक लगाकर एवं श्रीफल भेटकर आत्मीय स्वागत किया गया। इस दौरान कैलाश चंद्रवंशी विशेष रूप से उपस्थित थे।
श्रद्धालुओं के दल को संबोधित करते हुए कैलाश चंद्रवंशी ने शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दूसरा अवसर है जब कबीरधाम के निवासी दूर जाकर शासकीय सुविधाओं के साथ मंदिरो के दर्शन कर रहे है और इस योजना से जिले के नागरिक लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महा जिले के श्रद्धालुओं को यात्रा का शुभ अवसर मिलेगा जिससे कि वे अपने मनोकामना को पूरी कर सकते हैं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस योजना से कबीरधाम जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत सहित सभी नगरी निकाय क्षेत्र के श्रद्धालु दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। पिछले महा इस योजना की शुरुआत जिले में हुई थी। जिसमें प्रथम पाली में 71 श्रद्धालुओं का दल गया था। यह दूसरा अवसर है जब पुनः जिले के 71 श्रद्धालु चार दिवसीय यात्रा पूरी कर लौटे हैं और इसी तरह यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। कार्यक्रम के दौरान उपसंचालक पंचायत राज तिवारी सहित जिला पंचायत के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी एवं सभी श्रद्धालु गण उपस्थित थे।
दर्शन कर वापस लौटे श्रद्धालु रिखीराम चंद्रवंशी ने अपने अनुभव साझा करते हुए इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विशेष पहल से आज मैं इस यात्रा को सभी सुविधाओं के साथ पूर्ण कर पाया हुं। यात्रा के दौरान आने जाने रुकने ठहरने खाने-पीने चिकित्सा सहित सभी व्यवस्था बहुत अच्छे रूप से निःशुल्क की गई थी। चार दिवसीय यात्रा में अयोध्या धाम में श्री राम लला जी के दर्शन के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर, सरयू नदी, मां गंगा नदी के भी दर्शन प्राप्त हुआ। क्योरि बाई चंद्रवंशी ने कहा कि हमने कभी नही सोचा था कि जीवन की मनोकामना इतने सुखद अनुभव के साथ पूरी होगी। आने-जाने से लेकर रूकने एवं मंदिरों के दर्शन कराकर छत्तीसगढ़ सरकार ने हमको धन्य कर दिया। बोधीराम साहू ने अपने अनुभव को सभी के सामने रखते हुए कहा कि दशरथ दरबार, हनुमानगढ़ी, अयोध्या धाम में श्री राम लला, गंगा स्नान, काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने की इच्छा बहुत पुरानी थी लेकिन आर्थिक समस्या के कारण या पूरी नहीं हो पाई थी। हमारे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के द्वारा आज मेरी वर्षों पुरानी मनोकामना पूरी हो गई है और वह हमारे लिए श्रवण की भांति तीर्थ स्थल का भ्रमण करा रहे है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव 29 जुलाई को 4 नवगठित नगर पालिकाओं में ’मोर संगवारी’ योजना का करेंगे विस्तार
मंदिर हसौद, बांकी मोंगरा, पंडरिया और लोरमी में मिलेगा ’’मोर संगवारी’’ योजना का लाभ
नागरिक घर बैठे ले सकेंगे 27 सेवाओं का लाभ
रायपुर | उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव 29 जुलाई को राज्य की चार नवगठित नगर पालिकाओं मंदिर हसौद, बांकी मोंगरा, लोरमी और पंडरिया में "मोर संगवारी" योजना का विस्तार करेंगे। वे इस दिन लोरमी के मानस मंच में आयोजित कार्यक्रम में चारों नई नगर पालिकाओं में योजना का शुभारंभ करेंगे।
शहरी नागरिकों की सुविधाएं बढ़ाने कार्यक्रम में ’’मोर संगवारी’’ अपांइटमेंट मोबाइल एप भी लॉन्च किया जाएगा। ’’मोर संगवारी’’ सेवा के अंतर्गत नागरिकों के लिए चैट बोट की सुविधा वाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही तत्काल अपांइटमेंट लिए जाने और मुहैया कराई जा रही सेवाओं के लिए आवश्यक दस्तावेज संबंधी सभी जानकारियां भी प्रदान की जाएगी। शासकीय कार्यालयों से नागरिक सेवाएं घरों तक पहुंचाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के मार्गदर्शन में चरणबद्ध रूप से “मोर संगवारी” योजना का विस्तार किया जा रहा है।
राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय ने बताया कि आमजनों तक शासकीय सेवाओं का लाभ आसानी से पहुंचाने के लिए राज्य में ’’मोर संगवारी’’ योजना संचालित की जा रही है। इसमें 27 तरह की सेवाएं नागरिकों को बिना किसी व्यवधान और कार्यालय जाए बिना उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी दस्तावेज बनवाने की यह घर पहुंच सेवा वर्तमान में प्रदेश के सभी 14 नगर निगमों, 44 नगर पालिकाओं तथा दो नगर पंचायतों अंबागढ़ चौकी और गौरेला में संचालित की जा रही है। ’’मोर संगवारी’’ के अंतर्गत विभिन्न विभागों की 27 प्रकार की शासकीय सेवाएं जैसे राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि सेवाओं के लिए टोल-फ्री नंबर 14545 जारी किया गया है। ये सेवाएं सभी कार्य दिवसों में प्रातः आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक संचालित की जा रही हैं।
अब छत्तीसगढ़ के राज्यपाल होंगे रमन डेका, जानिए कौन हैं नए गवर्नर
रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के समेत 10 राज्यों के राज्यपाल बदले दिए हैं। रमन डेका को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गयाहै। रमन डेका छत्तीसगढ़ के 10वें राज्यपाल होंगे। राज्य बनने के बाद नियुक्त किए जाने वाले पहले राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय थे, जिन्होंने 2000 से 2003 के बीच पदभार संभाला था। रमन डेका छत्तीसगढ़ के अगलेराज्यपाल होंगे।
राष्ट्रपति भवन से जारी अधिसूचना के मुताबिक हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं, संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल होंगे। इसके अलावा पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया पंजाब के राज्यपाल और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक होंगे। राष्ट्रपति ने चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से भी पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
इसी तरह, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम के राज्यपाल पद से हटाकर असम का राज्यपाल बनाया गया है। आचार्य के पास मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी होगा। ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम के राज्यपाल का पद सौंपा गया है। जिष्णु देव वर्मा को तेलंगाना का राज्यपाल बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल रमन डेका असम के रहने वाले हैं। इनका जन्म 1 मार्च 1954 को असम के कामरूप जिले के सुआलकुची में हुआ था। वे असम की मंगलदोई लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार सांसद रह चुके हैं। वह BJP के संस्थापक सदस्यों में भी हैं। असम बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। बता दें कि फरवरी 2023 में विश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वे करीब डेढ़ साल इस पद रहे। अब उनकी जगह असम के रमन डेका ये जिम्मेदारी संभालेंगे।
नारियलपुरम के रुप में विकसित होगा छत्तीसगढ़ का यह नक्सलगढ़
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर की पहचान अब नारियलपुरम के रुप में होगी। जैसे जैसे नक्सलवाद की जड़े कमजोर हो रही है, वैसे-वैसे क्षेत्र में विकास होता जा रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला किया है कि नारायणपुर को नारियलपुरम के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां एक साथ नारियल के 20 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले में नारियल के लिए किया गया यह पहला प्रयास है। नारायणपुर को नारियल हब बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
केरल की तर्ज पर नारायणपुर को संवारने की पहल कोण्डागांव में नारियल बोर्ड ने की है। नारियल बस्तर में बहुतायत में बिकता है। लेकिन अधिकांश नारियल केरल और आंध्रप्रदेश से यहां आता है। वन मंत्री केदार कश्यप ने नारायणपुर को नारियल हब बनाने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
जलवायु नारियल के लिए उपयुक्त उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक तोषण चंद्राकर बताते हैं कि नारायणपुर की जलवायु नारियल के पेड़ के लिए अनुकूल है। केरल के कोच्चि स्थित नारियल विकास बोर्ड नारियल उत्पादन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अधीन कोंडागांव जिले को भी रखा गया है, जो आसपास के राज्यों ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना तक के क्षेत्र को नारियल की पूर्ति करता है।
उफनती नदी पर निकली शव यात्रा.... सात साल से पुल की मांग कर रहे ग्रामीण
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लाक के मैनपुर कला में कल एक शवयात्रा उफनदी नदी को क्रास करते हुए निकली। ग्रामीण लगातार पुल की मांग कर रहे है, लेकिन शासन प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है।
नदी पर पुल की मांग कर चुके ग्रामीणों ने कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर चुके हैं, लेकिन पुल नहीं बना। ऐसे में अब बारिश के दिनों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जैसे की आज पुल नही होने के कारण उफनती में जान जोखिम डाल कर शव को कंधे में लेकर मुक्ति धाम ले जाया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि पुल न होने से जनजीवन प्रभावित है। कई सालो पहले परियोजना निधि से बना छोटा पुल 7 साल पहले टूट गया था, जिसके बाद से ग्रामीण हर साल पुल निर्माण के लिए सड़क जाम करते हैं, लेकिन कोई असर नहीं होता।
घर तक पहुंचा नल का पानी : झरिया के पानी पीने से मिली मुक्ति
वनांचल गांव तुपेंगा के ग्रामीण जल जीवन मिशन से हो रहे लाभान्वित
रायपुर | छत्तीसगढ़ शासन की जनकल्याणकारी योजना जल जीवन मिशन के तहत गरियाबंद जिला के वनांचल गांव तुपेंगा के ग्रामीणों को अब पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। उन्हें पेयजल के लिए झरिया पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। ग्राम पंचायत मोंहदा के आश्रित ग्राम तुपेंगा में घर-घर तक नल जल का कनेक्शन पहुंच गया है। अब महिलाओं को लंबी दूरी तय कर पानी लेने नहीं जाना पड़ रहा है। इससे ग्रामीणों को सदियों के बाद पानी लाने की झंझट से मुक्ति मिली है। घर में पानी मिल जाने से लोगों को काफी आराम एवं राहत मिली है। इसके लिए ग्रामीणों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही जल जीवन मिशन को कारगर बताते हुए शासन प्रशासन का आभार जताया है।
उल्लेखनीय है कि खेतों एवं जंगलों के बीच बसे इस गांव में कुल घर 12 हैं। जल जीवन मिशन के पहले ग्रामीणों को किसी भी प्रकार के जल की पूर्ति के लिए एक मात्र शासकीय हैण्डपम्प एवं झरिया पर निर्भर रहना पड़ता था। ग्राम में मुख्यतः आदिवासी वर्ग निवास करते है। जिनका मुख्य आय स्त्रोत वनोपज संग्रहण एवं कृषि हैं। पहले दूर से पानी लाने के लिए अन्य कार्यों को छोड़कर पैदल दूर जाना पड़ता था। गर्मी, सर्दी, बरसात में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इससे घर के सदस्यों पर विपरीत स्वास्थ्य प्रभाव भी पड़ता था। गांव की रहने वाली जयमति की बताती है कि दूर दूर से पानी लाकर थक जाते थे। जल जीवन मिशन के द्वारा प्रत्येक घरों में नल लगने से सभी के स्वास्थ्य में सुधार एवं शारीरिक कार्य क्षमता में वृध्दि हुई है। साथ ही छोटे बच्चों के साथ खेलने एवं समय बिताने का मौका मिल रहा है। गांव की रहने वाली श्रीमोतिन, रोमिन एवं जयमति जल जीवन मिशन के तहत घर में ही मिल जा रहे पेयजल के बचत पानी के सदुपयोग के लिए अपनी बाड़ियों में साग भाजी भी लगाने का फैसला किया है। साथ ही अच्छे उदाहरण के रूप में अपने आपको पेश कर अन्य ग्रामीणों को भी पानी के सदुपयोग एवं संरक्षण करने को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया है।
अमरकंटक से जल लेकर आ रहे कावड़ पद यात्रियों का रास्ते के गांवों में किया जा रहा है स्वागत
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर पद यात्री कांवड़ियों के लिए 20 से अधिक स्थानों में निःशुल्क ठहरने और गर्म पानी, चाय और बिस्किट की व्यवस्था
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के प्रबंध संचालक ने माँ नर्मदा की पूजा अर्चना, पुष्प वर्षा कर कांवड़ियों भव्य स्वागत किया
रायपुर | अमरकंटक से जलेश्वर बाबा डोंगरिया, बाबा भोरमदेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव के लिए जल लेकर आ रहे कावड़ पद यात्रियों का रास्ते के गांवों श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के आह्वान पर जनप्रतिनिधि, ज़िले के अधिकारी-कर्मचारी, गांवो में ग्रामीणजन स्टाल लगा कर कावड़ पद यात्रियों का सम्मान और स्वागत कर स्वल्पाहार भी करा रहे हैं। आज भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के सामने मुख्य मार्ग पर काँवरियों का पूजा अर्चना, पुष्प वर्षा के साथ अभूतपूर्व स्वागत किया गया। प्रबंध संचालक गौरीशरण शर्मा ने माँ नर्मदा की अर्चना की।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश एवं निगरानी में गठित जिला बोल बंम समन्वय समिति के सदस्य सुधीर केशरवानी, दौवा गुप्ता, निशांत झा ने बताया कि कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए अमरकंटक से लेकर रास्ते में पड़ने वाले सभी पंचायतों में निःशुल्क ठहरने और गर्म पानी, चाय और बिस्किट की समुचित व्यवस्था की जा रही है। आज बोल बम समिति ग्राम मानिकपुर के 70 कांवड़ियों को ग्राम राजानवागाँव के सामुदायिक भवन में निःशुल्क ठहरने और गर्म पानी, चाय और बिस्किट का व्यवस्था किया गया।
उपमुख्यमंत्री शर्मा के निगरानी में अमरकंटक से वनग्राम होते हुए आने वाले कांवड़ियों के लिए आवश्यक व्यवस्था एवं सहयोग के लिए दल का गठन भी किया गया है। अमरकंटक से लेकर कवर्धा तक लगभग 150 किलोमीटर की इस यात्रा के बीच लगभग 20 से अधिक अलग-अलग स्थानों में कावड़ियों के लिए विश्राम करने के लिए इंतजाम किया गया है। इन स्थानों में कांवड़ियों के लिए निःशुल्क ठहरने और गर्म पानी, चाय और बिस्किट और स्वास्थ सुविधा मुहैया की व्यवस्था किया जा रहा हैं।
बस्तर में महिला ने रचा इतिहास, एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, खूब हो रही चर्चा
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर के सुकमा जिले में एक आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है, जिनमें 2 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं। फिलहाल सभी बच्चे और मां सुरक्षित बताए जा रहे हैं और महारानी अस्पताल में भर्ती हैं। एक साथ 4 बच्चों को जन्म देने की खबर अब पूरे बस्तर में चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक 24 वर्षीय आदिवासी महिला को 25 जुलाई को प्रसव पीड़ा हुआ, जिसके बाद जगदलपुर के निजी बंसल नर्सिंग होम अस्पताल में सीजर के जरिये गर्भवती महिला का शुक्रवार को डिलवरी कराया गया।
बच्चों के सेहत को देखते हुए सभी बच्चों को महारानी अस्पताल के NICU में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी देखभाल की जा रही है. चार बच्चों के जन्म लेने से परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं बस्तर में एक साथ चार बच्चों का जन्म देने का यह पहला मामला सामने आया है। मां और बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं. एक साथ चार बच्चों के जन्म की खबर से परिवार में खुशी का माहौल है।
उड़ान योजना के अंतर्गत अंबिकापुर, बिलासपुर और जगदलपुर हवाई अड्डों का चयन
राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत प्रमुख पर्यटक आकर्षणों पर हेलीकॉप्टर टैक्सियों को बढ़ावा देने संबंधी जानकारी इस मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है। उक्त जानकारी राज्य सभा में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, मुरलीधर मोहोल ने छत्तीसगढ़ से राज्य सभा सांसद फूलो देवी नेताम के अतारांकित प्रश्न के उत्तर में दी।
नदी-नाले एवं पुराने पुल-पुलिया को पार करते समय एहतियात बरतें : कलेक्टर प्रभात मलिक
कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं
रायपुर | मानसून के चलते जिले में चार पांच दिन से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी-नालों और पुराने पुल-पुलियों में जलस्तर बढ़ गया है। कलेक्टर प्रभात मलिक ने जनता के नाम जारी संदेश में कहा कि वे किसी भी हालत में जान जोखिम में डालकर उफनते नदी-नाले पार न करें।
कलेक्टर मलिक ने कहा कि भारी बारिश के कारण जिले के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने पुल-पुलियों पर पानी का बहाव तेज है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे इस मौसम में अत्यंत सावधानी बरतें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने सभी आवश्यक उपाय किए हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है। इसलिए, किसी भी स्थिति में जोखिम न लें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।“ उन्होंने विशेष रूप से वाहन चालकों से कहा है कि वे भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और जलमग्न सड़कों पर ड्राइविंग न करें। साथ ही, पैदल यात्रियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
इसके अतिरिक्त, कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करें और आवश्यकतानुसार राहत कार्यों को सुनिश्चित करें। आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया गया है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी जरूरतमंद को त्वरित सहायता मिल सके। आपदा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07723-223305 तथा ई-मेल msamund.cg@nic.in है।
कलेक्टर प्रभात मलिक ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा, “आपकी सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। इसलिए, सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मांगें।“
पेड़ से टकराई रेल, पायलट को भी आई चोट : छत्तीसगढ़ में ट्रेन हादसा
बस्तर विश्वविद्यालय अध्ययन शाला के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश 31 जुलाई तक
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में उठाए रेलवे से जुड़े मुद्दे : मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया ये जवाब
छत्तीसगढ़ में 100 प्रतिशत रेल लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है
बृजमोहन अग्रवाल के ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर रेल मंत्री ने दी जानकारी
रायपुर | रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रेलवे से जुड़े मुद्दे उठाए । उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से रेल मंत्रालय की 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की पहल की राज्य-वार स्थिति पर सवाल पूछा था।जिसपर रेल मंत्री ने लिखित में उत्तर दिया है कि, छत्तीसगढ़ समेत 20 राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों में बड़ी लाइन नेटवर्क का 100 फीसदी विद्युतीकरण कर लिया गया है। बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल भारतीय रेल में पर्यावरण अनुकूल ईंधन और ऊर्जा के नए स्रोतों का विस्तार करने में भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन (आईआरओएएफ) द्वारा की गई प्रगति की जानकारी मांगी थी।
जिस पर रेल मंत्री ने बताया कि,भारतीय रेल में आईजारओएएफ की स्थापना वैकल्पिक ईंधन की खोज के लिए की गई थी। इससे कर्षण के लिए मिश्रित बायो-डीजल का उपयोग करने तथा डीजल के स्थान पर आंशिक रूप से सीएनजी और एलएनजी के उपयोग को प्रोत्साहन मिला है। कर्षण के लिए डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) रेक पर हाइड्रोजन ईधन सेल के रेट्रो-फिटमेंट के लिए एक प्रायोगिक परियोजना भी शुरू की गई है। जिसकी शुरुवाती कार्य को उत्तर रेलवे द्वारा निगरानी की जा रही हैं।
इसके अलावा ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के सवाल पर रेल मंत्री ने जवाब दिया है कि, ‘अमृत भारत स्टेशन योजना में निधियों की उपलब्धता और मौजूदा परिसंपत्तियों की स्थिति के अनुसार स्थायी और पर्यावरण अनुकूल समाधान की ओर क्रमिक बदलाव की परिकल्पना की गई है जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग शामिल है।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में विकास कार्यों को मिल रही है गति : रायगढ़ शहर में 3.14 करोड़ के सड़कों के काम स्वीकृत
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी की पहल, रायगढ़ शहर में 3.14 करोड़ के सड़कों के काम स्वीकृत
रायगढ़ में अधोसंरचना विकास को तेजी से दिया जा रहा मूर्त रूप
रायपुर | वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी प्रदेश के वित्त मंत्री व रायगढ़ विधायक ओ.पी.चौधरी की पहल से रायगढ़ शहर में सड़कों के निर्माण के 3.14 करोड़ की स्वीकृति नगरीय प्रशासन विभाग से मिली है। वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने रायगढ़ के जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों की मांग को पत्र लिखकर नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव के समक्ष रखा था, जिसे स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेश के विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए त्वरित निर्णय लेकर कार्य कराए जा रहे है, जिसके फलस्वरूप प्रदेश के नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर 5 पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी की पहल पर रायगढ़ शहर के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा किया जा रहा है। शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में निरंतर कार्य हो रहा है। वित्त मंत्री चौधरी के निर्देश पर शहर में डामरीकृत सड़कों के निर्माण पर फोकस किया है, जिससे शहर के भीतर लोगों को आवागमन के लिए सुंदर और सुगम सड़कें मिलें। इसके साथ ही रायगढ़ में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही शिक्षा और खेल के क्षेत्र में भी अधोसंरचना विकास को तेजी से मूर्त रूप दिया जा रहा है। जिससे शहर में सभी वर्गाे की आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधाएं जल्द विकसित की जा सके।
जिन सड़कों के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है वे डामरीकृत सड़कें होंगी। इसमें 1 करोड़ 8 लाख 42 हजार की लागत से वार्ड क्रमांक 21 सर्किट हाऊस से हाऊसिंग बोर्ड तक बीटी रोड, इसी तरह वार्ड क्रमांक 27 अतरमुड़ा से मंगल भवन तक बीटी रोड निर्माण कार्य के लिए 83 लाख 51 हजार रुपये, वार्ड क्रमांक 32 सर्वेश्वरी स्कूल से 25 एमएलडी एसटीपी प्लांट एवं गीता ट्रेडर्स से बांझीनपाली तक बीटी रोड निर्माण कार्य के लिए 78 लाख 53 हजार रुपये एवं वार्ड क्रमांक 17 हण्डी चौक से अनाथालय होते हुए नीलांचल भवन तक एवं गणेश मंदिर होते हुए बस स्टैण्ड तक बीटी रोड रिपेयरिंग कार्य हेतु 44 लाख 12 हजार रुपये शामिल है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला बरसाती लाल को बरसात में : अब कीचड़ में नहीं चलना पड़ता
गाँव की गलियां हुई पक्की, घर भी होने वाला है पक्का
रायपुर | वह बरसात का मौसम ही था, जो कोरबा जिले के ग्राम चुईया के बरसाती लाल के लिए हर बार मुसीबत बन जाती थीं। बरसात होते ही जहाँ उन्हें अपने कच्चे मकान में मुसीबत मोल लेना पड़ता था वही गाँव की वह गली भी थी जो पानी गिरते ही कीचड़ से इस तरह लथपथ हो जाती थी कि वह चाहकर भी खुद को कीचड़ से बचा नहीं पाता था। अब जब गाँव की गलियां पक्की हो गई है तो बचपन से ही नेत्रहीन बरसाती लाल अपनी छड़ी के सहारे अपनी गाँव की गली में एक छोर से दूसरे छोर तक घूम पाता है और ग्रामीणों से अपनी सुख दुख की कहानी भी साझा कर पाता है।
कोरबा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम चुईया में रहने वाले बरसाती लाल भरिया ने बताया कि उन्हें बचपन से ही दिखाई नहीं देता। वह सबकुछ महसूस कर अपनी छड़ी के सहारे इधर-उधर चल पाता है। उन्होंने बताया कि विगत कई साल तक गाँव की गली बरसात में कीचड़ से सराबोर हो जाती थी। इस बीच उनका पैदल चल पाना मुश्किल हो जाता था। चंद दूरी भी उन्हें कई किलोमीटर लंबी लगती थी। उन्होंने बताया कि गाँव की गलियां अब पूरी तरह से पक्की हो गई है। बरसाती लाल ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। पक्के घर का निर्माण चल रहा है। कुछ माह के भीतर उन्हें अपनी झोपड़ी से भी छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि बरसात में खपरैल के कच्चे मकान में परेशानी उठानी पड़ती है। पानी टपकने से उन्हें भीगना पड़ जाता है। जल्दी ही पक्का मकान बन जाने के बाद उनकी बड़ी मुसीबत दूर हो जाएगी। 57 वर्षीय बरसाती लाल ने बताया कि वह अकेला रहता है। राशनकार्ड बना हुआ है और समय पर राशन मिलता है। पेंशन की राशि भी मिलती है। इस बरसात में पक्की सड़क पर चलकर खुशी महसूस कर रहे बरसाती लाल को इस बात की भी खुशी है कि जल्दी ही प्रधानमंत्री आवास योजना से उसका पक्का मकान भी पूरा हो जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की है, जिससे अनेक हितग्राहियों को लाभ पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री के मंशानुसार कोरबा जिला कलेक्टर के निर्देशन में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों का आवास बनाया जा रहा है। कोरबा जिले में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 7470 ग्रामीण हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य मात्र 05 माह में पूर्ण कराया गया।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर भोरमदेव से अमरकंटक तक कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम
पवित्र सावन माह के आगमन के साथ ही शिवभक्तों द्वारा अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक की 150 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर इस यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि यात्रा में भक्तगणों को दिक्कत न हो।
रायपुर | उपमुख्यमंत्री शर्मा के निर्देशानुसार, कांवड़ियों के लिए 15 से अधिक स्थानों पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस पेट्रोलिंग के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस अधीक्षकों को सुरक्षा के बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें 4 पुलिस पेट्रोलिंग टीमें और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की ड्यूटी शामिल है। कांवड़ियों के लिए यात्रा के दौरान 20 से अधिक स्थानों पर ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है। अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में निःशुल्क भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था है। भोजन में दाल-भात, सब्जी, मीठा जैसे खीर, पुड़ी और हलवा शामिल हैं। इस व्यवस्था की निगरानी में बोलबम समन्वय समिति और स्थानीय अधिकारी जुटे हुए हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर कांवड़ियों के लिए विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पदयात्रा के दौरान शांति और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पेट्रोलिंग पार्टियों का गठन किया है। कवर्धा से बेमेतरा हाईवे रोड, कवर्धा से भोरमदेव, बोड़ला-पोड़ी-पंडातराई-पंडरिया, और पंडरिया से कुकदूर सरहदी क्षेत्र तक पेट्रोलिंग पार्टियों को तैनात किया गया है। सावन माह के दौरान उपमुख्यमंत्री शर्मा की पहल और निर्देशों के तहत कांवड़ियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और ठहरने की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, जिससे वे बिना किसी कठिनाई के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
अपने माता-पिता के सपनों को गढ़ने अच्छी शिक्षा पा रहे सेमरहा के बच्चे : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा आज आप विधानसभा देख रहे हैं, आपमें से जो बच्चा जनप्रतिनिधि बनना चाहे वो यहां आयेगा, यह लोकतंत्र का मंदिर, यहां से ही तैयार करते हैं प्रदेश के विकास की राह
ग्राम बाहपानी में हुए दुखद हादसे में तेंदूपत्ता संग्रहण कर लौट रहे 19 ग्रामीणों की हुई थी मृत्यु, इसके पश्चात मुख्यमंत्री के निर्देश पर परिजनों को प्रदान की गई थी पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि
पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने उठाया है बच्चों के परवरिश का जिम्मा
ग्राम बाहपानी हादसे में मृत तेंदूपत्ता संग्राहकों के बच्चों ने देखी विधानसभा
सेमरहा के बच्चे, विधानसभा परिसर में की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात
रायपुर | कवर्धा जिले के ग्राम बाहपानी में हुए एक दुखद हादसे में तेंदूपत्ता संग्रहण करने गये 19 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई थी। इनके पीछे छूट गये थे इनके मासूम बच्चे। इनकी पढ़ाई लिखाई को लेकर इनके माता-पिता का कितना कुछ सपना था, जिन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी थी। घटना के तुरंत पश्चात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई थी। साथ ही विधायक भावना बोहरा ने इन मासूम बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी ली। सुखद बात यह है कि यह बच्चे अपनी तरक्की की राह में तेजी से बढ़ रहे हैं। आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा परिसर में इन बच्चों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बच्चों को खूब दुलारा और कहा कि आप लोगों ने विधानसभा देखी है। यहां पर हम सब चर्चा करते हैं और सब मिलजुलकर प्रदेश के विकास के लिए नीति तैयार करते हैं। कल जब आप लोग भी बड़े होंगे और आप में से जो जनप्रतिनिधि बनेगा वो यहां आएंगे। यह लोकतंत्र का मंदिर है यहीं से हम प्रदेश के विकास की राह तैयार करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को विधानसभा दिखाने के पीछे हमारी मंशा यह है कि बच्चे बेहतर तरीके से समझें कि लोकतंत्र कैसे काम करता है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से पढ़ाई के बारे में पूछा। बच्चों ने कहा कि उनकी पढ़ाई लिखाई अच्छी चल रही है। मुख्यमंत्री ने बच्चों से उनके गांव के बारे में भी पूछा। बच्चों ने अपने गांव के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने विधायक बोहरा को कहा कि बच्चों को इतनी सुंदर शिक्षा आप दे रही हैं। यह बहुत अच्छी बात है। बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में हम जितना काम करेंगे, हमारे विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने में उतनी ही आसानी होगी।
गौरतलब है कि विगत 20 मई 2024 को कवर्धा जिले के ग्राम बाहपानी के समीप एक दुखद सड़क दुर्घटना में तेंदूपत्ता तोड़कर लौट रहे 19 ग्रामीणों की दुःखद मृत्यु हो गई थी। मुख्यमंत्री ने हादसे में तत्काल परिजनों को राहत देते हुए 5-5 लाख दिए जाने की घोषणा की थी। आज इन्हीं मृतकों परिवारों के 14 बच्चे मुख्यमंत्री से मिलने विधानसभा पहुंचे थे।