सदन में फिर PDS को लेकर गर्माया माहौल... 600 करोड़ के घोटाले के आरोप में घिरी सरकार... स्थगन पर स्थगित हुई कार्यवाही
2023-03-20 02:06 PM
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रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को शून्यकाल में गरीबों के राशन का मुद्दा गूंजा। 600 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए भाजपा सदस्यों ने स्थगन पर चर्चा की मांग की। आसंदी के बीजेपी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य करते ही भाजपा सदस्यों ने हंगामा मचाया। शोरगुल के मध्य सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पीडीएस को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि चावल में 1 सौ 49 करोड़ का घोटाला हुआ है ये सरकार ने स्वीकार किया है। 4 करोड़ की वसूली हुई है। 5398 दुकानों में स्टॉक में कमी पाई गई है। पीडीएस में गरीबों का निवाला छीनने के लिए चावल, शक्कर, चना, नमक को पोर्टल से हटा दिया गया। 13 हजार 391 दुकानों में 5 हजार 98 दुकानों में गड़बड़ी पाई गई है, मतलब 40 प्रतिशत दुकानों में कम है।
बृजमोहन अग्रवाल ने गरीबों के चावल, गुड़, नमक, शक्कर को घोटाले पर स्थगन की मांग। शिवरतन शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में प्रसिद्ध थी, लेकिन कांग्रेस सरकार आते ही ये खत्म हो गया। 2022 में पोर्टल से हटा दिया। 1 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है, इसे लेकर स्थगन लाया है।
अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली दो तरह से कार्य कर रही है। रंजना साहू ने गड़बड़ी कर राशन खाए जाने का सत्ता पर आरोप लगाया। रंजना साहू की विवादित टिप्पणी विलोपित की गई। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने गड़बड़ी वाली दुकानदारों के स्टॉक की जानकारी पोर्टल से हटाने का आरोप लगाया।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि अक्टूबर 2019 से पीडीएस सिस्टम का क्रियान्वयन किया जा रहा। 2018 से पीडीएस सिस्टम को ग्रहण लगा कहा जाना सही नहीं। शासन द्वारा नए राशन कार्ड जारी किए गए। कोविड काल में निःशुल्क खाद्य का भी वितरण किया गया। प्रारंभिक जांच में 68,930 टन चावल, साथ ही अन्य राशन में कई मात्रा कम पाई गई। कुछ जिलों में राशन दुकानों में गड़बड़ी पाई गई, जहां प्रकरण दर्ज किया गया। कुछ दुकानों पर कार्रवाई की गई है। दुकानों से अब तक 4 करोड़ 55 लाख की वसूली की गई है।