रायपुर
“नैनो टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन
रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विकसित भारत मिशन के अंतर्गत “नैनो टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (एनसीएनई - 2024)” पर 13 और 14 दिसंबर 2024 को नेशनल कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है । इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में संस्थान की निदेशक (प्रभारी) डॉ. एबी सोनी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होकर इसे गौरवान्वित किया। मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. अनिल वर्मा, विशेष अतिथि के रूप में टस्केगी विश्वविद्यालय, एएल के प्रोफेसर डॉ. विजय रंगारी मौजूद रहे। केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित केशव, डॉ. धर्मपाल एवं डॉ. आर. मणिवन्नन इस कार्यक्रम के सचिव हैं। इस ज्ञानवर्धक सम्मेलन में विभाग के विभिन्न फैकल्टी सदस्य, शोधार्थी, छात्र एवं प्रतिभागी शामिल मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी-अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, तथा सह-प्रायोजक छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् है।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” से हुई, जिसके बाद डॉ. अमित केशव ने "“नैनो टेक्नोलॉजी और पर्यावरण" पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण में सभी का स्वागत किया। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए SERB, SRL आदि के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय हाइब्रिड सम्मेलन की जानकारी दी और कहा कि इस कांफ्रेंस में 60 से अधिक पेपर प्रस्तुत हुए, जिनमें से 50 स्वीकृत किए गए।
डॉ. मानवेंद्र त्रिपाठी ने आईआईटी दिल्ली के डॉ. अनिल वर्मा की विशेषज्ञता का उल्लेख किया, जो सुपरकैपेसिटर, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री और इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन पर काम कर रहे हैं। डॉ. त्रिपाठी ने रासायनिक अभियांत्रिकी, जैव प्रौद्योगिकी और भौतिकी जैसे क्षेत्रों में नैनो टेक्नोलॉजी के अवसरों को बढ़ावा देने की बात की और विभागों के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने के प्रयासों को महत्व दिया।
डॉ. एबी सोनी ने सम्मेलन में सभी का स्वागत किया और डॉ. मणिवन्नन द्वारा समन्वित इस कार्यक्रम की सराहना की, जिन्होंने कम समय में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। विभाग की 20 वर्षों की विशेषज्ञता और 15 वर्षों के शोध कार्य को उजागर करते हुए, डॉ. सोनी ने नैनो टेक्नोलॉजी के आईटी, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण विज्ञान में अनुप्रयोगों पर जोर दिया। उन्होंने मजबूत, हल्के और अधिक टिकाऊ संरचनाओं वाले नैनोपार्टिकल्स और स्वास्थ्य, सौर ऊर्जा संचयन और पेट्रोलियम एवं ऊर्जा की मांग के लिए नैनोस्केल फाइबर के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दी और उन्हें इंटरएक्टिव सत्रों का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया |
डॉ. विजय के. रंगारी ने अपनी गहरी विशेषज्ञता साझा की, जो उन्होंने ओस्मानिया विश्वविद्यालय और आईआईएससी बेंगलुरु जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करते हुए प्राप्त की। उन्होंने नैनो कणों के विकास और उनके थर्मोस्टेट्स और थर्मोप्लास्टिक्स में उपयोग की चर्चा की। डॉ. रंगारी ने अकादमिक और उद्योग के बीच के अंतर को पाटने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों और संकाय से सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम ज्ञान के आदान-प्रदान और कौशल विकास के अनमोल अवसर प्रदान करते हैं, जो नैनो टेक्नोलॉजी में भविष्य के नवाचारों को बढ़ावा देते हैं।
मुख्य वक्ता डॉ. अनिल वर्मा ने वैनाडियम के निष्कर्षण और उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे पॉलिमर, कॉस्मेटिक्स, पैकेजिंग, फ्यूल्स और सेमीकंडक्टर्स जैसे क्षेत्रों में दैनिक जीवन के लिए अनिवार्य बताया। डॉ. वर्मा ने केमिकल टेक्नोलॉजी के व्यापक दायरे को रेखांकित किया, जो औद्योगिक उत्पादन से गहराई से जुड़ा हुआ है और 2030 तक 9% की वृद्धि दर के साथ रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने मूर के नियम, नैनो टेक्नोलॉजी और नैनो मैटेरियल्स की महत्ता पर जोर देते हुए बताया कि यह तकनीक औद्योगिक और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। उन्होंने वैनाडियम-आधारित रेडॉक्स फ्लो बैटरियों और उनकी ऊर्जा भंडारण क्षमता के उपयोग पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने ग्लासगो में आयोजित COP26 सम्मेलन में भारत की 5-सूत्रीय योजना का उल्लेख करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा और शून्य कार्बन उत्सर्जन के महत्व को दोहराया।
सैंड आर्ट के माध्यम से दिखी विष्णु सरकार के सुशासन और विकास की झलक
छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ ने किया प्रदर्शन.... 13 जनवरी को महाधरना की चेतावनी
रायपुर। छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ ने कल 13 दिसंबर को शाम छत्तीसगढ़ पॉवर कम्पनी मुख्यालय रायपुर के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन को ज्ञापन सौंप एक माह के भीतर मांगों पर निर्णय लेते हुए आदेश जारी करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि नीयत समय पर मांगे पूरी नहीं हुई तो आगामी 13 जनवरी को मुख्यालय के दोनों द्वार के समक्ष महा धरना दिया जाएगा जिसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार होगा।
मीडिया क्रिकेट लीग के पोस्टर का विमोचन, पहले मैच में भिड़ेंगे संपादक और भाजपा नेतागण
नई औद्योगिक नीति से भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनेगा छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योगों को दिए जा रहे विशेष प्रोत्साहन
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार देने पर उद्योगों को मिलेगा सब्सिडी
भारत मंडपम में आयोजित इंडिया इकॉनोमिक कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने साझा किए विचार
रायपुर | नई औद्योगिक नीति के माध्यम से छत्तीसगढ़ को भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनाने की दिशा में हमारी सरकार प्रयास कर रही है। इस नीति के तहत क्षेत्रीय आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण एवं औद्योगिक निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इंडिया इकॉनोमिक कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ऑनलाइन जुड़ कर यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में पांच लाख नौकरियां सृजित की जाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन सहित कई अन्य सहायता दी जा रही है, जिसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार उपलब्ध कराने पर उद्योगों को उनके वेतन का 40 प्रतिशत तक सब्सिडी के रूप में प्रतिपूर्ति की जायेगी। इस नीति के तहत बस्तर में उद्योग लगाने पर स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के तहत उद्योगों को 45% तक की सहायता दी जाएगी। वहीं, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के तहत अगले 10 सालों तक पूंजी निवेश का 150 प्रतिशत तक एसजीएसटी वापस भी किया जाएगा। नई नीति के तहत उद्योगों को स्टांप ड्यूटी और बिजली शुल्क में छूट, साथ ही 10 और तरह के निवेश प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
डबल इंजन की सरकार में मिल रहा डबल फायदा : केन्द्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष को मनाया जाएगा अटल निर्माण वर्ष के रूप में
जो रामराज्य के मूल्य हैं, वहीं हमारे लिए सुशासन के मूल्य - मुख्यमंत्री साय
केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने 1124 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्याें का किया लोकार्पण और शिलान्यास
रायपुर | देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय की नेतृत्व वाली सरकार जनता की सेवा के लिए तत्पर होकर काम कर रही है। इसी का परिणाम है कि पूरे देश और प्रदेश में उत्तरोत्तर विकास हो रहा हैै। डबल इंजन की सरकार होने की वजह से लोगों को डबल लाभ हो रहा है। आज भारत विश्व की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति है। अगले पांच सालों में हम दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेंगे। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश के 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित जनादेश परब कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने कार्यक्रम में 1124 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने जनादेश परब में छत्तीसगढ़ सरकार के एक साल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार स्वप्रेरणा से लोकहित में पूरी जवाबदेही के साथ काम कर रही है। सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के 18 लाख से अधिक जरूरतमंदों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति दी गई। मोदी की गारंटी के अनुरूप यहां किसानों से 3100 प्रति क्विंटल में धान खरीदी की जा रही है। किसानों को उनके हक का 3716 करोड़ रूपए धान के बकाया दो साल के बोनस का भुगतान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनादेश परब में घोषणा की कि अब से हर साल 3 दिसंबर से 13 दिसंबर तक ’जनादेश परब’ के रूप में मनाया जाएगा। आने वाले वर्ष में छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। राज्य निर्माता भारत रत्न अटलजी का यह शताब्दी वर्ष भी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष को ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की। साय ने कहा कि अटलजी ने प्रधानमंत्री के रूप में देश में सड़कों का जाल बिछाया। उसी से प्रेरणा लेकर हम अपने रजत जयंती वर्ष में अधोसंरचना विकास को प्राथमिकता में रखेंगे। उसके बाद के तीन वर्षों में भी हम अलग-अलग थीम पर काम करेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने जनादेश परब को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले साल किसान भाइयों के खाते में आपकी डबल इंजिन की सरकार ने 49 हजार करोड़ रुपए डाले हैं। हमने अपने शुरूआती तीन महीनों में ही प्राथमिकता के साथ महतारी वंदन योजना का लाभ प्रदेश की माताओं-बहनों को देना आरंभ किया। 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में महतारी वंदन योजना की अब तक 10 किश्तों में 6,530 करोड़ रुपए की राशि भेजी जा चुकी है। पहली तारीख को हम यह राशि भेज देते हैं और जैसे ही माताओं-बहनों के खाते में राशि आती है उनका चेहरा गर्व से खिल जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जो रामराज्य के मूल्य हैं, वहीं हमारे लिए सुशासन के मूल्य हैं। हमने प्रशासन के हर स्तर पर सुशासन को सुनिश्चित किया है। हमने सुशासन के मूल्यों को सिस्टम में शामिल करने सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया। सुशासन के लिए पारदर्शिता सबसे आवश्यक है और इसके लिए डिजिटल गवर्नेंस शुरू कराया है। लालफीताशाही को दूर करने हमने ई-आफिस प्रणाली आरंभ की है। इसमें डिजिटल माध्यम में नोटशीट आगे बढ़ती है। इससे समय-सीमा भी तय होती है और जवाबदेही भी तय हो जाती है।
उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास तमोर पिंगला को हमने देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाया है। इससे इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। सरगुजा और बस्तर में एयर कनेक्टिविटी आरंभ होने से इन क्षेत्रों में तेजी से विकास के साथ ही यहां अब देश-विदेश से पर्यटकों के पहुंचने की राह खुल गई है। मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सभी स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आगामी दो सालों में प्रदेश का सड़क नेटवर्क विकसित देशों की तरह हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सबसे बड़ी सफलता माओवादी मोर्चे पर मिली है। एक साल पहले किसी के लिए यह सोचना भी कठिन था कि माओवाद के नासूर को नष्ट किया जा सकता है। एक साल में 2 सौ से अधिक माओवादियों को मार गिराया। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से माओवाद की जड़ से मुक्त हुए गांवों में पुनः विकास की रोशनी पहुंची है। हमने नई उद्योग नीति तैयार की है, जिसमें अगले पांच सालों में ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश के माध्यम से पांच लाख रोजगार सृजित करेंगे। हमने शासकीय सेवाओं में हजारों पदों में भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री नड्डा को बस्तर के कलाकारों द्वारा बेल मेटल से निर्मित अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक द्वारा राज्य शासन की योजनाओं पर रेत से तैयार की गई कृति का प्रदर्शन किया गया।
विधायक किरण सिंह देव ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस और बिहार के कैबिनेट मंत्री नितिन नवीन सहित मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य, विधायकगण और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन 14 दिसंबर को
रायपुर | आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए मामलों का निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वावधान में शनिवार 14 दिसंबर 2024 को देशव्यापी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर द्वारा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों एवं व्यवहार न्यायालयों में भी लोक अदालत आयोजित किए जाएंगे। यह वर्ष 2024 की चतुर्थ लोक अदालत होगी।
लोक अदालत के दिन जिला न्यायालय एवं तालुका न्यायालय (व्यवहार न्यायालय) में लंबित शमनीय अपराध के प्रकरण मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण, 138 एनआई एक्ट, के अंतर्गत चेक बाउंस का प्रकरण धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा मेट्रोमोनियल डिस्प्युट के अलावा जल कर, संपत्ति कर, राजस्व संबंधी प्रकरण ट्रैफिक चालान, भाड़ा नियंत्रण आबकारी से संबंधित प्रकरण एवं बैंक विद्युत संबंधी प्री-लिटिगेशन प्रकरण, राजस्व न्यायालय खंडपीठ में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे, वारिसों के मध्य बटवारे का निराकरण किया जाएगा। न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से तथा प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है।
नेशनल लोक अदालत के लिए खण्डपीठों का गठन कर विभिन्न प्रकरणों तथा प्री.लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों धारा. 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों तथा पारिवारिक विवाद के मामलों का निराकरण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व, बैंक, विद्युत विभाग दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री.लिटिगेशन प्रकरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किए जाएंगे। जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत खण्ड पीठ में निराकृत किए जाएंगे। इस तरह पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करा सकते हैं। इसके अलावा लोक अदालत में दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद् में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण, याददाश्त के आधार पर बंटवारा, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, कब्जे के आधार पर बंटवारा, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) के अंतर्गत कार्यवाही के मामले, रेन्ट कंट्रोल एक्ट, सूखाधिकार से संबंधित मामलों के साथ-साथ विक्रय पत्र, दानपत्र और वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण के मामले तथा अन्य प्रकृति के सभी मामले सम्मिलित और चिन्हांकित कर आपसी राजीनामा के आधार पर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया जावेगा।
अल्लू अर्जुन को 14 दिन की जेल, अब न्यायिक हिरासत में चक्की पिसेगा पुष्पा
हैदराबाद। साउथ के सुपर सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उन्हें आज सुबह गिरफ्तार किया गया था। अल्लू अर्जुन को आज स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया था और कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी फिल्म पुष्पा-2 के प्रीमियर के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी। इस मामले में पहले ही दो गिरफ्तारी हो चुकी हैं।
जानकारी के मुताबिक, अल्लू अर्जुन पर आरोप है कि वह 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में अपनी फिल्म पुष्पा-2 के प्रीमियर पर बिना बताए पहुंचे थे। उन्हें देखने के लिए भीड़ जमा हो गई थी। ऑटोग्राफ लेने के चक्कर में धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान भगदड़ मच गई। एक-दूसरे पर गिरने से कई लोग जख्मी हो गए थे। जबकि एक महिला की दबने से मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद अधिकारियों ने संध्या थिएटर के मैनेजमेंट, एक्टर अल्लू अर्जुन और उनकी सिक्योरिटी टीम के खिलाफ मामला दर्ज किया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 105 और 118(1) BNS लगाई गई। वहीं घटना के बाद अल्लू अर्जुन ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, "संध्या थिएटर में हुए हादसे से मेरा दिल टूट गया है। मैं पीड़ित परिवार के साथ हूं और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन देता हूं।" उन्होंने पीड़ित परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता भी दी और कहा कि वे जल्द ही परिवार से मिलेंगे।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में उद्यमिता के अवसरो की खोज पर सेमिनार 14 को
रायपुर। "छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-30 और छत्तीसगढ़ में उद्यमिता के अवसरो की खोज " विषय पर सेमिनार का आयोजन 14 दिसम्बर को किया गया है। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और युवाओं के आइकान ओपी चौधरी जी होंगे।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में 14 दिसम्बर को सुबह10:30 से आयोजित इस सेमिनार में विशेषज्ञ के तौर पर उद्योग विभाग के महाप्रबंधक ओपी बंजारे जी, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रेमलाल साहू सहित राष्ट्रीयकृत बैंको के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे । यह आयोजन छत्तीसगढ़िया वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ के सहयोग से पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इंस्टीटूट इनोवेशन कौंसिल एवम एवं प्लेसमेंट परिषद ने किया है।
इस सेमिनार में शामिल होने के लिए युवा उद्यमी या उद्योग स्थापित करने में रूचि रखने वाले युवाओं को आमंत्रित किया गया है। सेमिनार का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति का लाभ ज्यादा से ज्यादा स्थानीय युवा उठाएं ,इसके लिए उन्हें आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा कर उनके लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है। विश्व विद्यालय के कुलपति सच्चिदानंद शुक्ला जी और छत्तीसगढ़िया वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शेखर वर्मा जी ने राज्य के युवाओं को इस सेमिनार में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभाने का आह्वान किया है ।
गणतंत्र दिवस समारोह की गरिमापूर्ण मनाने प्रारंभिक तैयारियां शुरू
अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न
रायपुर | गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 गरिमापूर्ण मनाने और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की पूर्व तैयारियों के लिए आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने राज्य शासन के विभिन्न विभागों के उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। अपर मुख्य सचिव ने गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के आयोजन के संबंध में तमाम व्यवस्था और तैयारियों के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। पिल्ले ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित की जाने वाली झांकियां तथा उसकी थीम का निर्धारण एक सप्ताह के भीतर करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में राजधानी में आयोजित कार्यक्रम के आयोजन स्थल एवं समय का निर्धारण, समारोह के पल-प्रति कार्यक्रम का निर्धारण, आमंत्रण पत्र के प्रारूप का अनुमोदन, मुद्रण एवं उसका वितरण, मंच, पंडाल व्यवस्था, बैठक व्यवस्था निर्धारण, माननीय राज्यपाल तथा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए जाने वाला उद्बोधन/संदेश को तैयार करना, संबंधी निर्देश दिए गए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि समारोह स्थल पर परेड कार्यक्रम, भाग लेने वाली टुकड़ियों का निर्धारण एवं रिहर्सल, स्कूली बच्चों के कार्यक्रम, अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों तथा उत्कृष्ठ झांकी को पुरस्कार वितरण, के साथ ही कार्यक्रम के उद्घोषक का निर्धारण, किया जाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार पार्किंग एवं ट्रेफिक व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल पर विभागों द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली झांकियों के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति, कार्यक्रम के रिहर्सल की तिथि, प्रतिभागियों, स्कूली बच्चों के लिए स्वल्पाहार/पीने के पानी की व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल, साफ-सफाई, अस्थाई शौचालय इत्यादि की व्यवस्था, संध्याकालीन कार्यक्रम की रूपरेखा, स्थान एवं समय का निर्धारण, जिला एवं तहसील स्तर पर आयोजित किए जाने वाली कार्यक्रमों का निर्धारण करना सुनिश्चित करें। जिला मुख्यालयों पर माननीय मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, विधान सभा अध्यक्ष एवं अन्य माननीय मुख्य अतिथियों द्वारा ध्वजारोहण के लिए जिलों का निर्धारण, स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों का निर्धारण, शासकीय भवनों पर प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव लोक निर्माण डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त सचिव शहला निगार, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ के जनादेश परब में शामिल होने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा पहुंचे रायपुर
नगरीय निकाय चुनाव में व्यय सीमा की अधिसूचना जारी... अब इतने रुपए कर सकते हैं खर्च
रायपुर। नगरीय निकाय चुनावों को लेकर व्यय सीमा की अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है। राज्य में होने वाली नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए पिछली बार की तुलना में ज्यादा पैसा खर्च कर सकते हैं। ऐसे नगर पालिका निगम, जहां तीन लाख या उससे अधिक जनसंख्या है वहां निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा आठ लाख रुपए निर्धारित किया गया है। जहां तीन लाख से कम जनसंख्या है वहां पांच लाख रुपए निर्धारित किया गया है।
नगर पालिका परिषद के लिए दो लाख रुपए, नगर पंचायत के लिए 75 हजार रुपए अधिकतम खर्च सीमा तय की गई है। राज्य सरकार राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से व्यय सीमा की अधिसूचना जारी की है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मिला चेंबर का प्रतिनिधिमंडल... जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सौंपा ज्ञापन
रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक- औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी ।
इसी तारतम्य में आज 12 नवम्बर 2024 को चेंबर प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में ओ.पी.चैधरी, वित्त, वाणिज्यिक कर मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन से मुलाकात कर 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउंसिल की बैठक के लिए जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सुझाव हेतु ज्ञापन सौंपा।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष पारवानी जी ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव देने तथा प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही परेशानियों के संबंध में चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी जिसमें जीएसटी सरलीकरण को लेकर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए जिसे प्रमुख रूप से चेंबर ने सुझावों को सूचीबद्ध किया।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष पारवानी ने ओपी चैधरी, वित्त, वाणिज्यिक कर मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन से व्यापार एवं उद्योग के हित में तथा जीएसटी सरलीकरण की दिशा में उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए 55वें जीएसटी कांउसिल की बैठक में शामिल करने हेतु निवेदन किया है। चेम्बर प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष-राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, मनमोहन अग्रवाल, उपाध्यक्ष-नरेन्द्र हरचंदानी, मंत्री-शंकर बजाज, राजेन्द्र खटवानी एवं टेक्नीकल टीम के सदस्य-सीए मुकेश मोटवानी, सीए किशोर बरड़िया प्रमुख रूप से शामिल थे।
सुनवाई के दौरान महिला आयोग सख्त.... एक मामले में बेटे-बहू को घर खाली करने का आदेश
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों की सुनवाई हुई। इस दौरान आयोग ने कई मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। आयोग के सदस्य सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी, और सुदीपिका शोरी ने भी सुनवाई में भाग लिया।
एक प्रकरण के दौरान बुजुर्ग आवेदिका ने बताया कि उसके बेटा-बहू उससे दुर्व्यव्हार करते है और आवेदिका के नाम के मकान में ही निवास कर शारीरिक व मानसिक रूप से अत्याचार कर रहे है। आयोग ने कहा कि ऐसी स्थिति में दोनों अनावेदक (बेटा-बहू) के खिलाफ आवेदिका घरेलू हिंसा का मामला न्यायालय में दर्ज करवा सकती है व आयोग ने अनावेदकगणों को समझाईश देते हुए कहा कि वह तत्काल आवेदिका के मकान को खाली करें अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
एक प्रकरण में अनावेदक ने आवेदिका के दोनों बच्चों 2 वर्ष और 4 माह को आवेदिका से छीनकर अपने पास रख लिया था। आयोग के द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए अनावेदक को बुलाया गया। अनावेदक अपने 2 वर्ष के बच्चे को लेकर उपस्थित हुआ और 4 माह के बच्चे को वह झांसी से 200 कि.मी. दूर अपनी बुआ के पास छोड़ आया है। आयोग की समझाईश पर दोनों पक्ष साथ रहने को तैयार है। अनावेदक को निर्देशित किया गया कि 13 दिसंबर 2024 को अपने 4 माह के बच्चे को लेकर आयोग में उपस्थित हो, तब प्रकरण पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा।
एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया की उसे कार्यस्थल पर अनावेदकगणों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था, आवेदिका अनावेदकगणों की संस्था में 15 वर्षों से कार्यरत् है। स्कूल की अध्यक्ष जो आवेदिका से साथ कार्य कर रही थी उसे अनावेदकगणों ने जांच में गडबडी पाये जाने पर कार्य से निकाल दिया, जिसकी सूचना आवेदिका को नही थी। आवेदिका ने बताया कि अनावेदकगणों द्वारा हिसाब मांगने व हस्ताक्षर को लेकर आवेदिका के साथ गाली-गलौज व मारपीट किया और आवेदिका को 1 माह का वेतन भी नहीं दिया गया। आयोग ने यह निर्देश दिया कि दोनों पक्ष अपने अपने दस्तावेज लेकर आयोग में उपस्थित हो ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका की मां ने मकान उसके नाम पर रजिस्ट्री किया था, लेकिन अनावेदकगण आवेदिका से गुंडागर्दी करते है इसलिए आवेदिका मकान में नहीं रह पा रही है। अनावेदिका का कहना है कि आवेदिका ने अपनी मां से धोखे से रजिस्ट्री करवाई थी। आयोग ने कहा कि आगामी सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने के लिए सभी अनावेदकगणों को उपस्थित किया जाना अनिवार्य है ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके।
अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों को सुना गया जिसमें आवेदिका ने बताया कि आवेदिका के नाम के मकान में अनावेदक (पति) रहता है उनकी 23 वर्ष की पुत्री है. आवेदिका ने कहा कि अनावेदक (पति) उससे दुर्व्यवहार करता है. आयोग के सामने भी अनावेदक ने बत्तमीजी से बात किया जिसे आयोग के सदस्यों ने भी देखा. अगली सुनवाई में आवेदिका और अनावेदक को अपनी पुत्री को आयोग में उपस्थित करने को कहा गया, जिससे प्रकरण का निराकरण किया जा सके।
बड़ी खबरः IPS जीपी सिंह की बहाली का आदेश हुआ जारी
रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2024 को आदेश जारी कर आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को पुनः सेवा में बहाल कर दिया है। यह आदेश केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) द्वारा पारित आदेश के आधार पर जारी किया गया है। 20 जुलाई 2023 को जारी निलंबन आदेश को खारिज करते हुए उसी दिनांक से जीपी सिंह को पद पर बहाल किया गया है।
छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह (जीपी सिंह) को 20 जुलाई 2023 को गृह मंत्रालय के आदेश के तहत सेवानिवृत्त किया गया था। इसके बाद, उन्होंने इस आदेश को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) में चुनौती दी थी। CAT ने 10 अप्रैल 2024 को गृह मंत्रालय के आदेश को रद्द कर दिया और जीपी सिंह को सेवा में बहाल करने तथा सभी लाभ देने के निर्देश दिए।
गृह मंत्रालय ने CAT के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन 23 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इसके बाद, गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की, जिसे 10 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, गृह मंत्रालय ने अब जीपी सिंह को बहाल करने का आदेश जारी किया है और उन्हें उनके पद पर पुनः नियुक्त कर दिया गया है।
रायपुर के नवपदस्थ एसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने किया पदभार ग्रहण
रायपुर। रायपुर के नए पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने उन्हें रायपुर पुलिस अधीक्षक का कार्यभार सौपा। इस मौके पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
एसपी ऑफिस पहुंचने के बाद डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की और सभी से परिचय प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने टीम वर्क और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी के सहयोग की उम्मीद जताई।
डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने रायपुर में सुरक्षा और सेवा को प्राथमिकता देने की बात कही और यह भरोसा दिलाया कि शहर में कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा। उनका यह कदम रायपुर में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास को और बढ़ाने वाला है।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर मीडिया, आर्टीफिशियल इंटेलिजन्स, और ह्यूमन राइट्स पर कार्यशाला
रायपुर। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने "शेपिंग ट्रुथ्स: द नेक्सस ऑफ मीडिया, आर्टीफिशियल इंटेलिजन्स, और ह्यूमन राइट्स" पर कार्यशाला की मेजबानी की। यह कार्यशाला अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित की गई थी। संविधान@75 श्रृंखला और सीजी-लर्न के अंतर्गत इस कार्यशाला का यह आयोजन किया गया।
कार्यशाला में तीन विषयगत सत्र आयोजित किए गए, जिनमें मीडिया प्रणालियों के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संगम और मानवाधिकारों पर इसके प्रभावों का अन्वेषण किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों के जनसंपर्क अधिकारी, मीडिया कर्मी, एएफटी यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया एंड आर्ट्स के संकाय सदस्य और विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया।
कार्यशाला की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) वी सी विवेकानंदन ने "मैन्युफैक्चरिंग कंसेंट: एआई- ड्रिवन एम्प्लिफिकेशन" विषय पर पहले सत्र के साथ की। उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया बस तकनीकें हैं जो बातचीत को सुविधाजनक बनाती हैं। एआई सिस्टम को कुछ परिणामों के लिए अनुकूलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह संवेदनशील या ध्रुवीकरण करने वाली सामग्री को प्राथमिकता देने के लिए भी शामिल किया जा सकता है। एआई की भूमिका इस संदर्भ में सबसे अधिक सगाई उत्पन्न करने वाली सामग्री को बढ़ावा देना है, हालांकि इसमें गलत सूचना, इको चैंबर और विविध कथाओं को बढ़ावा देने की क्षमता है, जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए।"
दूसरे सत्र में, द टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व समन्वयक संपादक जॉन जोसेफ ने "एआई-ड्रिवन जर्नलिज्म: नैतिक रिपोर्टिंग के साथ नवाचार को संतुलित करना" विषय पर चर्चा की। उन्होंने सटीकता, निष्पक्षता और नैतिक मानकों को सुनिश्चित करने के लिए एआई और मानव निर्णय के बीच संतुलित साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि एआई-जनित जानकारी के मामले में स्पष्ट लेबलिंग होनी चाहिए ताकि जवाबदेही बनी रहे। उन्होंने कहा, "एआई हर उद्योग और क्षेत्र को बदल सकता है। इसलिए नैतिकता और पारदर्शिता महत्वपूर्ण हैं। एआई प्रक्रियाओं में मानव केंद्र में हैं। इसलिए, प्रौद्योगिकी को मानवता की सेवा करनी चाहिए, न कि इसके विपरीत।"
अंतिम सत्र में, विश्वविद्यालय के लॉ एंड गवर्नेंस स्कूल के निदेशक डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने "डीप फेक्स और मीडिया मैनिपुलेशन" विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "डीप फेक्स मीडिया मैनिपुलेशन की व्यापक घटना में योगदान करता है। इसलिए, जनता को वह मीडिया सामग्री के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है जिसे वे उपभोग करते हैं।"
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों के जनसंपर्क अधिकारी, मीडिया कर्मी, एएफटी यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया एंड आर्ट्स के संकाय सदस्य और विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया। इससे प्रारंभ मे विश्वविद्यालच के विधी और मानवाधिकार केंद्र की प्रमुख डॉ किरण कोरी ने स्वागत किया। कार्यशाला का समन्वय संकाय सदस्य गरिमा पंवार और अभिनव के शुक्ला ने किया । यह कार्यशाला हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के समकालीन चुनौतियों और संवैधानिक मूल्यों के साथ जुड़ने के मिशन की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई थी।