रायपुर
नारायणपुर में जवानों और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़... जवान शहीद, सर्च ऑपरेशन जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सल हमले में एक जवान शहीद होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक नक्सल विरोधी सर्च अभियान में 3 दिसंबर 2024 को जिला नारायणपुर से डीआरजी तथा बीएसएफ की संयुक्त पार्टी अबूझमाड़ क्षेत्र के पुलिस स्टेशन सोनपुर और कोहकामेटा सीमावर्ती क्षेत्र रवाना हुई थी।
संयुक्त सुरक्षा बलों की टीम और नक्सलियों के बीच रुक रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई । मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों से भीषण लड़ाई लड़ते हुए DRG नारायणपुर के प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी गंभीर चोट के वजह से मौके पर ही शहीद हो गई।
शहीद जवान बिरेंद्र कुमार सोरी 2010 में नारायणपुर जिला बल में आरक्षक के पद में भर्ती हुए थे और 2018 में नक्सल ऑपरेशन में वीरतापूर्ण कार्य के लिए क्रम से पूर्व प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत हुए थे। नक्सल विरोधी गश्त एवं सर्च अभियान अभी जारी है।
नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए हमारे जांबाज, प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी जी की शहादत को नमन करता हूं।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) December 5, 2024
शहीद बिरेंद्र कुमार सोरी जी नक्सल ऑपरेशन में वीरतापूर्ण कार्य के लिए पूर्व में आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर…
छत्तीसगढ़ में आरक्षक भर्ती पर लगी रोक हटी... हाईकोर्ट ने कहा सभी पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट देना गलत
रायपुर। प्रदेश में आरक्षक भर्ती की प्रक्रिया पर लगी रोक को हाईकोर्ट ने हटा दिया। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि सभी पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट देना गलत है। छूट के हकदार सिर्फ शहीद व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सुरक्षाकर्मियों के बच्चे है। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश भी दिए है। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के बेंच में हुई।
बता दें, प्रदेश में आरक्षक संवर्ग 2023-24 के लिए 5967 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें पुलिसकर्मियों के बच्चों को फिजिकल टेस्ट में छूट मिली थी। इस छूट देने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर पहले हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि पुलिसकर्मियों के बच्चों को लाभ देने नियमों में बदलाव कैसे हो सकता है। जबकि विज्ञापन जारी होने के बाद डीजी पुलिस ने सचिव को पत्र लिखा था पत्र में नियुक्ति प्रक्रिया में पुलिस विभाग में कार्यरत और एक्स सर्विसमेन कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने का जिक्र था।
पत्र में सुझाव दिया गया कि भर्ती नियम 2007 कंडिका 9(5) के तहत भर्ती प्रक्रिया में मापदंडों को शिथिल किया जा सकता है। इसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान सीने की चौड़ाई और ऊंचाई जैसे कुल 9 पाइंट शामिल थे। इसे अवर सचिव ने स्वीकार भी कर लिया। याचिका में इस सुझाव को आम लोगों के साथ भेदभाव बताया।
इस पर कोर्ट ने भी अपने फैसले में इसे आमजनों के साथ भेदभाव माना है। फिर इस मामले में रोक लगा दी। इसके बाद सुनवाई में कोर्ट ने नियम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नियम के तहत डीजीपी को अधिकार दिया गया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो मनमाना छूट देंगे। कोर्ट ने कहा कि नियम ऐसे बनाए कि छूट का लाभ सभी को हो। ऐसा नहीं है कि एसपी और टीआई के बच्चों को भर्ती में छूट दी जाए। अपने हिसाब से रूल बनाना पद का दुरूपयोग होता है।
साय सरकार के एक साल होने पर स्कूलों में होगी प्रतियोगी परीक्षाएं
रायपुर। विष्णुदेव साय सरकार को 13 दिसंबर को एक साल पूरे होने जा रहे है। साय सरकार के इस एक साल को लेकर स्कूलों में अलग-अलग गतिविधियां होगी। स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर डीपीआई ने सभी संयुक्त संचालकों को आदेश जारी कर दिया है।
जारी निर्देश के मुताबिक सरकार गठन के एक साल पूर्ण होने पर सभी विभागों की तरफ से 9 दिसंबर से लेकर 20 दिसंबर तक गतिविधियों का आयोजन कर सरकार की जनहित से जुड़ी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जायेगा।इस मौके पर स्कूलों में एक साल की उपलब्धि पर क्वीज, सुशासन पर पेंटिंग और श्लोगन, पोस्टकार्ड लेखन, मेहंदी प्रतियोगिता और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।
राजभाषा छत्तीसगढ़ी दिवस 2024: विद्यार्थी अपनी भाषा और क्षमता पर करें गर्व : प्रो.शुक्ल
रायपुर। साहित्य एवं भाषा अध्ययनशाला द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस 2024 के उपलक्ष्य में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो.सच्चिदानंद शुक्ल ने कहा कि हम अपनी माटी, मातृ भाषा और मातृभूमि की पवित्रता का सदैव सम्मान करें। हमें सदैव अपनी क्षमता और अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने बताया कि देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता एवं विशिष्टता भारतीय भाषाओं को भावात्मक रूप से जोड़कर सशक्त बनाती है।
कार्यक्रम के माई पहुना जनप्रिय विधायक, संस्कृति धर्मी पद्मश्री अनुज शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भाषा में निरंतर प्रवाह रहना चाहिए। सहज सरल छत्तीसगढ़ी हमें आगे बढ़ाती है। छत्तीसगढ़ी के सिनेमा में प्रयोग और परिवेश के अनेक अनुभव उन्होंने साझा किए। उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ी को मानकीकृत रूप देने में सिनेमा और फ़िल्मों की भाषा महत्वपूर्ण है। भाषा का बोलचाल में प्रयोग हमें आज अभी से कर देना चाहिए, कल का इंतजार नहीं करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध कवि और राजभाषा आयोग के पूर्व सचिव पद्मश्री सुरेंद्र दुबे ने उद्बोधन में कहा कि “छत्तीसगढ़ी सशक्त भाषा है, इसे आठवीं अनुसूची में स्थान मिलना चाहिए। छत्तीसगढ़ी हमारी दाई है, अंग्रेजी हमें पैकेज दे सकती है किन्तु संस्कार मातृ भाषा ही देती है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ भाषाविद प्रो. चित्तरंजन कर ने अपने मंतव्य में मानकीकरण एवं उसमें आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि संज्ञानात्मक ज्ञान, कल्पना, स्मृति, तर्क, तुलना, शिष्टाचार मातृ भाषा से ही सीखते हैं।अपनी भाषा सबसे बेहतर है।
साहित्य एवं भाषा अध्ययनशाला द्वारा राजभाषा छत्तीसगढ़ी दिवस 2024का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं, शोधार्थीगण, संकाय सदस्यगण, कर्मचारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहकर भाषा के महत्व को जाना। कार्यक्रम का समन्वय साहित्य एवं भाषा अध्ययनशाला की अध्यक्ष प्रो. शैल शर्मा ने किया तथा संचालन दायित्व डॉ. स्मिता शर्मा ने बख़ूबी पूर्ण किया।
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. कल्लोल के घोष, प्रो रोहिणी प्रसाद, प्रो बी एल सोनकर, डॉ. डी एन खूंटे, डॉ.नीलाभ कुमार, डॉ. गिरजा शंकर गौतम, डॉ.सोनल मिश्रा, डॉ.मृणालिनी कर्मोकर, डॉ.विभाषा मिश्र, डॉ.शारदा सिंह, डॉ. कुमुदिनी घृतलहरे आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सांस्कृतिक कार्यक्रम सत्र में छात्र छात्राओ ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। सभी ने छत्तीसगढ़ी में गोठबात, प्रचार प्रसार का संकल्प लिया।
बस्तर ओलंपिक और पुलिस अवार्ड कार्यक्रम में शामिल होंगे गृह मंत्री अमित शाह
मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने के संकल्प को पूर्ण करने तेजी से करेंगे प्रयास
अस्पताल पहुँचकर मरीजों का पूछा हाल : मंत्री टंक राम वर्मा
एम्स, डी के एस और मेकाहारा अस्पताल पहुँचे राजस्व मंत्री वर्मा
रायपुर | राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा आज सुबह राजधानी रायपुर स्थित एम्स, डी के एस और मेकाहारा हॉस्पिटल पहुँचे। इस दौरान मंत्री वर्मा ने अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ-साथ मरीज़ों से स्वास्थ्य की जानकारी ली। वर्मा ने अस्पताल की व्यवस्था और इलाज के संबंध में मरीजों से जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान अस्पताल के उपस्थित चिकित्सकों को समय पर मरीज़ों को बेहतर इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री वर्मा ने बालौदाबाज़ार जिले के ग्राम रवान के रहने वाले पुकार यादव, ग्राम देवरी की निर्मला वर्मा, बालौदाबाज़ार के सुमन दास साहू से मिलकर स्वास्थ्य की जानकारी ली। सिर में चोट के इलाज के लिए डी के एस के वार्ड- सी 6 में भर्ती 20 वर्ष के पुकार सिंह ने बेहतर इलाज के कारण स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की जानकारी दी। इसी तरह नस में ब्लाकेज के इलाज के लिए मेकाहारा हॉस्पिटल के वार्ड-19 में भर्ती 55 वर्षीय सुमन दास साहू ने स्वास्थ्य में सुधार की बात कही। इसी तरह बलौदाबाजार के ग्राम देवरी की 54 वर्षीय निर्मला वर्मा निमोनिया के इलाज के लिए एम्स हॉस्पिटल में भर्ती है। वर्मा ने उनके स्वास्थ्य के बारे में चिकित्सकों से चर्चा कर बेहतर इलाज के निर्देश दिए।
‘सक्षम’ ने किया राष्ट्रीय दिव्यांग व्हीलचेयर क्रिकेट खिलाड़ियों का सम्मान

मतदाता सूची प्रकाशन के पूर्व सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न कराएं : राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह
शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिए दिए निर्देश
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने स्थानीय निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा की
रायपुर | राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह की अध्यक्षता में राज्य निर्वाचन आयोग अटल नगर नवा रायपुर कार्यालय के सभा कक्ष में नगरपालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आगामी आम/उप निर्वाचन अंतर्गत निर्वाचन कार्यों की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में रायपुर संभाग के संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, संभाग के सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मुख्य रूप से चुनाव के सुचारू रूप से संचालन हेतु चुनाव की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केन्द्रों की स्थिति और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी महत्वपूर्ण तैयारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक के माध्यम से चुनाव के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सभी अधिकारियों से शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने सभी आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मतदाता सूची प्रकाशन के पूर्व सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न कराने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन नामावली को सभी जिला निर्वाचन अधिकारी व्यक्तिगत रूप से स्वयं देखे, उसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होना चाहिये।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान होने वाली चुनौतियों और संभावित समस्याओं पर भी चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, मतदाता जागरूकता बढ़ाने, और मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की समय-समय पर निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गए दिशानिर्देशों के पालन प्रतिवेदन की समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने जिलों के निर्वाचन की तैयारी की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि आप सभी अपनी तैयारीयों की समीक्षा करते रहें। गत 26 नवम्बर को बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग तथा 29 नवम्बर को दुर्ग संभाग के अधिकारियों की चुनाव तैयारी के संबंध में समीक्षा की जा चुकी है कल 4 दिसंबर को बस्तर संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर चुनाव तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सुरक्षा उपायों और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, कर्मचारियों की तैनाती, और निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की भी समीक्षा की ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय और सहयोग बना रहे ताकि चुनाव प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को समय पर सही जानकारी प्रदान करें। इस अवसर पर रायपुर संभाग के संभागायुक्त महादेव कावरे, पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी ओ पी पाल, रायपुर संभाग के आई जी अमरेश मिश्रा, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्रवर नरेन्द्र भूरे, रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह सहित अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थें।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य के दिव्यांगजनों के हितसंरक्षण के लिए अनेक योजनाएं हो रही संचालित : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले दिव्यांगजन और संस्थाएं राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण पुनर्वास एवं उनके हित के संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में दिव्यांगजन भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। समाज कल्याण मंत्री राजवाड़े ने कहा कि राज्य में दिव्यांग जनों के कल्याणार्थ एवं पुनर्वास हेतु विभिन्न योजनाएं तथा कार्यक्रम संचालित हैं, जिसमें से सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत पेंशन योजनाएं कृत्रिम अंग सहायक उपकरण प्रदाय, मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल वितरण, छात्रवृत्ति सहित अन्य योजना का लाभ सभी दिव्यांगजनों को मिल रहा है। प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण तथा हित में बेहतर कार्य कर रही है हम आगे भी आपके हितों के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग जनों को समाज के लोगों का भरपूर प्यार और प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन आज देश और प्रदेश में विभिन्न कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। इस अवसर पर रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, सचिव समाज कल्याण विभाग भुवनेश्वर यादव सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित थे।
इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले दिव्यांगजन और संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जांजगीर-चांपा जिले के सेवा समिति संस्थान को तथा निःशक्तजन कल्याण संघ को दिव्यांगजन राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
समारोह में 130 दिव्यांगजनों को अत्याधुनिक बैटरी चलित ट्राइसाइकिल तथा अन्य उपकरण प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सर्वाेत्तम दिव्यांग कर्मचारी के श्रवण बाधित श्रेणी में कोरबा जिले के प्रकाश खाकसे को अस्थि बाधित श्रेणी में जांजगीर-चांपा जिले के संतोष बंजारे को पुरस्कृत किया गया। दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 05 दंपत्तियों को एक-एक लाख तथा 05 दंपत्तियों को 50-50 हजार का चेक तथा 10वीं और 12वीं में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि का चेक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मोहन को जब मिला निःशुल्क कृत्रिम फंक्शनबेल हाथ : बोले अब सब कार्य स्वंय कर सकूंगा
एनड्राइड और साफ्टवेयर एप से भी संचालित होगा हाथ
36 से ज्यादा ग्रिप पैटर्न बना सकता है कृत्रिम हाथ
रायपुर | अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर रायपुर स्थित साइंस कालेज में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दुर्ग निवासी मोहन कन्हाई को कृत्रिम फंक्शनबेल हाथ प्रदान किया। इस कृत्रिम हाथ के मिलने से मोहन के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने खुशी जताते हुए कहा, अब मैं बिना किसी दिक्कत के सभी कार्य स्वंय कर सकूंगा। साथ ही रोजगार के क्षेत्र में भी कार्य कर सकूगां।
यह अत्याधुनिक कृत्रिम हाथ 36 से ज्यादा ग्रिप पैटर्न बनाने में सक्षम है और इसे एंड्राइड और साफ्टवेयर एप से भी संचालित किया जा सकता है। साथ ही यह कृत्रिम हाथ चार्ज भी किया जाता जाता है। जिसके बाद ही यह संचालित होता है। यह कृत्रिम हाथ 35 किलो तक वजन उठाने में सक्षम है, जिससे उपयोगकर्ता को अपने दैनिक कार्यों में सहूलियत मिलती है। इस तकनीकी डिवाइस को पोलैंड की एक कंपनी ने 13 लाख रुपये की लागत से निर्मित किया है, जो कि एक उन्नत और किफायती विकल्प है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर : शासकीय मेडिकल कालेजों में वित्तीय सुधारों की दिशा में बड़ा कदम
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में शासकीय मेडिकल कालेजों की स्वशासी सोसायटियों की हुई बैठक
चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों में वृहद प्रशासनिक एवं वित्तीय सुधारों का हुआ अनुमोदन
स्थानीय स्तर पर बड़े निर्णय ले सकेंगी स्वशासी सोसाइटियां, प्रबंधकारिणी समिति को 2 करोड़ रूपए तक के अनुमोदन का मिला अधिकार
राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन, अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षक के बढ़े अधिकार
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। विष्णु के सुशासन में राज्य सरकार जनहित में लगातार नीतिगत निर्णय ले रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस दिशा में प्रयास करते हुए अपने सुझाव सामने रखे थे। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के स्वशासी सोसायटियों की बैठक में आज चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों के वित्तीय विकेंद्रीकरण के विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण एवं जनहित के निर्णय लिए गए हैं। इन निर्णयों से महाविद्यालय स्तर पर स्वशासी सोसायटियों का सुदृढिकरण होगा, आवश्यक कार्यों के लिए शासन पर निर्भरता कम होगी, अतिआवश्यक कार्य समय सीमा पर संपन्न हो सकेंगे और तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर ही हो जाएगी।
चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालो के लिए अतिआवश्यक दवाइयां, चिकित्सकीय उपकरणों की खरीदी मरम्मत एवं रखरखाव, कन्ज्यूमेबल सामग्री इत्यादि की तात्कालिक उपचार के लिए आवश्यकता पड़ती रहती है। लेकिन मेडिकल कालेजों के अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षकों के पास इन्हें खरीदने अथवा मरम्मत के लिए बहुत ही सीमित शक्तियों का प्रावधान था। इसकी वजह से इन्हें शासन स्तर के निर्णय पर निर्भर रहना पड़ता था। ये नियम छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व से चला आ रहा था । राज्य गठन के बाद पहली बार वित्तीय अधिकारों के नियम मे संशोधन किया जा रहा है।
पहले मेडिकल कालेजों के अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षकों को 1 लाख रूपए से उपर के लघु निर्माण, मरम्मत, दवा खरीदी इत्यादि कार्यों के लिए मंत्रालय स्तर पर फाइल भेजनी पड़ती थी। नए निर्णय से अब इनके पास 10 लाख रूपए तक का वित्तीय अधिकार होगा। इसके लिए शासन स्तर से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। औजारों एवं लघु उपकरणों की खरीदी अथवा मरम्मत के लिए 1 लाख रूपए तक का वित्तीय अधिकार था जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रूपए करने की सहमति स्वशासी समिति की बैठक में दी गयी है। इसी तरह से भण्डार तथा रिएजेंट की खरीदी के लिए 20 हजार रूपए तक की शक्तियां थी जिन्हें बढ़ाकर अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षक को पूर्ण शक्तियां प्रदान करने की अनुशंसा की गयी है। इस वित्तीय विकेंद्रीकरण से स्वाशासी समिति कार्यसंपन्न बनेगी और बहुमूल्य समय की बचत होगी। इससे मरीजो को दवाइओं एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का त्वरित लाभ मिलेगा।
अभी तक राज्य शासन से आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्राप्त क्लेम का 25 फीसदी ही संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी सोसायटी को प्राप्त होता था। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में इसे बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल की अध्यक्षता में ये निर्णय लिया गया है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों को राज्य बजट से दवाइयां मद तथा भण्डार एवं रिएजेंट मद में प्राप्त बजट का 10 फीसदी राशि का आवंटन होता था। इसे बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। इन फैसलों से मेडिकल कालेजो को वित्तीय रुप से सशक्त बनाने के लिए वित्तीय विकेंद्रीकरण कर मेडिकल कालेजों की स्वशासी सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त किरण कौशल उपस्थित थीं । वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी स्वशासी सोसाइटी के जनप्रतिनिधि सदस्य, संभाग आयुक्त, संबंधित जिलों के कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के डीन और अस्पताल अधीक्षक भी बैठक में शामिल हुए।
एनआईटी रायपुर में मनाया गया 20वां स्थापना दिवस
रायपुर | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में सोमवार को संस्थान का 20वां स्थापना दिवस मनाया गया| शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के रूप में स्थापित इस प्रतिष्ठित संस्थान को 1 दिसंबर 2005 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) का दर्जा प्राप्त हुआ | गोदावरी पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बी. एल. अग्रवाल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। छत्तीसगढ़ टेलीकॉम सर्कल के सीजीएम विजय कुमार छ्बलानी कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे। मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) भोपाल के निदेशक डॉ. के. के. शुक्ला इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि रहे। समारोह की अध्यक्षता एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने की। कार्यक्रम में सभी डीन, विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्रों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के साथ हुई और इसके बाद गणमान्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
एप्लाइड जिओलोजी विभाग के प्रोफेसर प्रभात दीवान ने एनआईटी रायपुर की पारदर्शिता, सुशासन और नवाचार प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अटल रैंकिंग, इनोवेशन सेंटर, सीड ग्रांट, प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं और एनईपी 2020 व विजन 2030 के कार्यान्वयन को रेखांकित किया। उन्होंने वर्तमान में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हुए संस्थान के भविष्य को आकार देने का सभी से आह्वान किया।
इसके बाद एनआईटी रायपुर पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई जिसमें संस्थान की उपलब्धियों, इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया गया।
इसके बाद डॉ. रमना राव ने अपने भाषण में संस्थान की यात्रा पर विचार करते हुए बौद्धिक विकास, प्रतिभा संवर्धन और रचनात्मकता पर जोर दिया। उन्होंने अत्याधुनिक सुविधाओं, अनुसंधान में उत्कृष्टता और संकाय, छात्रों व कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की। शैक्षणिक, शोध और उद्योग में संस्थान की प्रमुख भूमिका की पहचान करते हुए, उन्होंने सभी को बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और निरंतर सीखने के लिए प्रेरित किया, साथ ही पूर्व छात्रों के योगदान की सराहना की ।
इसके बाद के.के. शुक्ला ने संस्थान की उपलब्धियों के लिए सभी को बधाई दी । उन्होंने संस्थान के पूर्व छात्रों के समर्पण और प्रतिबद्धता को सराहा और रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों का उद्धरण दिया जो मानव प्रयास की शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने एनआईटी रायपुर के नेतृत्व और छात्रों की सराहना की, उन्होंने संस्थान के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
विजय कुमार छ्बलानी जी ने अपने छात्र जीवन से सीखे गए महत्वपूर्ण मूल्यों को याद किया । उन्होंने अपने शिक्षकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दिया और आजीवन शिक्षा और कठिन मेहनत पर जोर दिया। मैन्युअल टेलीफोन से लेकर 4G और 5G तक के परिवर्तन को देख चुके छबलानी जी ने छात्रों को चुनौतियों को अपनाने, अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलने और निरंतर सुधार करने के लिए प्रेरित किया।
बी एल अग्रवाल जी ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की । अपने छात्र जीवन के संघर्षों को याद करते हुए विफलताओं से सीखने और निरंतर सुधार की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने अपने व्यावसायिक सफर का भी उल्लेख किया, जिसमें जुनून, दृढ़ता और झूठे अहंकार और डर को पार करने की बात की।
कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार वितरण समारोह में सर्वश्रेष्ठ विभाग पुरस्कार सिविल अभियांत्रिकी विभाग को, सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार डॉ. दिलीप सिंह सिसोदिया, एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग को, यंग अचीवर एलुमनस अवार्ड 2009 बैच की छात्रा डॉ. दिव्या अग्रवाल को, विशिष्ट एलुमनस अवार्ड 1987 बैच की छात्रा डॉ. अनीता गुप्ता (जैन), और 1990 बैच के डॉ अरविन्द कुमार मिश्रा को दिया गया। इसके अतिरिक्त, फैकल्टी मेम्बर्स और छात्रों को उनके शैक्षिक और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन व छात्रवृत्तियाँ प्राप्त करने के लिए सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के डांस क्लब नृत्यम और म्यूजिक क्लब रागा द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। इसके बाद उपस्थित सभी अतिथियों का मोमेंटो देकर अभिवादन किया गया । अंत में धन्यवाद प्रस्ताव और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
सैनिकों के कल्याण के लिए मानवीय संवेदना से कार्य करें : राज्यपाल डेका
सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के राज्य प्रबंधन समिति की बैठक सम्पन्न
भूतपूर्व सैनिकों के हितों में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
रायपुर | राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में आज राजभवन में सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के राज्य प्रबंधन समिति की 16वीं बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, व उनके आश्रितों के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की गई एवं भूतपूर्व सैनिकों के हितों में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। राज्यपाल ने कहा कि भारत माता की सेवा में अपना जीवन गुजारने वाले वीर सपूतों का कल्याण करना सबका दायित्व और कर्त्तव्य है। इसमे मानवीय संवेदना के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। इस दिशा में हम सभी को विशेष ध्यान देना चाहिए।
राज्यपाल डेका ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘सशस्त्र सेना झंडा‘‘ दिवस निधि के लिए संग्रह बढ़ाने के लिए राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड एवं गृह विभाग के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि संग्रह बढ़ाने के लिए सभी तरीकों पर ध्यान देना चाहिए। सरकार की सहायता पर ही निर्भर ना रहते हुए समुदाय को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए और अधिक योजनाएं शुरू की जा सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज की बैठक में लिये गये सभी निर्णयों से छत्तीसगढ़ में भूतपूर्ण सैनिक उनके लाभान्वित होंगे।
डेका ने राज्य के दूरदराज के इलाकों में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ की सैनिक कल्याण टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि समर्पण के साथ देश की सेवा करने वाले हमारे बहादुर पूर्व सैनिकों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए।
बैठक के दौरान भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं एवं उनके आश्रितों के हित में कई बिदुओं पर निर्णय लिये गये। जिसमें जवानों की भांति जूनियर कमिश्नड ऑफिसर (जे.सी.ओ.) के लिये भी पुत्री विवाह हेतु 50 हजार रूपए का आर्थिक अनुदान तथा चार्टेड एकाउटेन्ट, कंपनी सेक्टरी के व्यवसायिक पाठयक्रम का अध्ययन करने वाले बच्चों को 20 हजार रूपए एकमुश्त प्रतिवर्ष का आर्थिक अनुदान प्रदान किया जायेगा। आईटीआई प्रशिक्षण के दौरान भूतपूर्व सैनिक प्रशिक्षु को देय 5 हजार रूपए प्रति माह के स्थान पर प्रशिक्षु द्वारा संस्थान को देय वास्तविक शुल्क प्रदान किया जायेगा तथा लघु व्यवसाय हेतु देय आर्थिक अनुदान 15 हजार रूपए जो सैम्फेक्स योजनाओं में सम्मिलित नहीं थे उनको वृद्धि कर 25 हजार रूपए कर दिया गया है। समिति ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय जगदलपुर के द्वितीय तल पर सभागार का निर्माण एवं भूतल पर दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों के लिए कमरा निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदित किया।
बैठक में सैनिक कल्याण बोर्ड के संचालक विवेक शर्मा ने बोर्ड की अब तक की गतिविधियों एवं बजट के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मनोज पिंगुआ, राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, गृृह विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता, वित्त विभाग की सचिव शारदा वर्मा, ब्रिगेडियर प्रशासन, मध्य भारत एरिया, ब्रिगेडियर एस. के. मल्होत्रा, कार्यवाहक सचिव केंद्रीय सैनिक बोर्ड, नई दिल्ली कैप्टेन (भा.नौ.) शाश्वत पूर्णानंद, अतिरिक्त महानिदेशक, पुनर्वास परिक्षेत्र मध्य कमान, लखनऊ ब्रिगेडियर विक्रम हिरू, कर्नल सुमीत शर्मा प्रभारी कमान्डर मुख्यालय छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा सब एरिया (कोसा) ने भाग लिया। इसके अलावा बैठक में अशासकीय सदस्यगण मेजर जनरल संजय शर्मा (से.नि.), विंग कमाण्डर ए श्रीनिवास राव (से.नि.), गैर शासकीय सदस्य द्वय कैलाश नाहटा एवं टी आर साहू उपस्थित थे।
प्रत्यक्ष रीति से होगा : महापौर एवं पालिका अध्यक्ष का चुनाव
कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था।
तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था। छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग द्वारा मंत्रालय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है। छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन किए जाने हेतु विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को वितरण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपार्जन, छमडस् ई ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में पर्यटन को बढ़ावा तथा योजनाबद्ध विकास के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवा सेक्टर में शामिल के अलावा भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में पर्यटन परियोजनाओं हेतु निर्धारित न्यूनतम स्थायी पूंजी निवेश किए जाने पर सामान्य उद्योगों की भांति अनुदान/छूट/रियायत का प्रावधान किया गया है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से प्रदेश में साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को आकर्षित एवं प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे स्टेक होल्डर प्रोत्साहित होंगे। पर्यटन संबंधी अधोसंरचना का विकास होगा। पर्यटन से संबंधित पूंजी निवेश बढ़ेगा। राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुकूल सुख-सुविधाओं का विकास होगा। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे।
संतोष कुमार सिंह ने 260 पुलिसकर्मियों का किया ट्रांसफर
रायपुर | पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने 260 पुलिसकर्मियों का तबादला किया। इनमें सिपाही से लेकर एस आई तक शामिल हैं। अधिकांश ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ थे। बताया जा रहा है कि, एक ही थानों में लंबे समय से जमे कॉन्स्टेबलों को हटाकर दूसरे थानों की जिम्मेदारी दी गई है। जिससे की पुलिसिंग बेहतर हो सके। इस आदेश में एक सब इंस्पेक्टर और 10 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर भी शामिल है।
पिछले कई दिनों से यह देखा जा रहा था कि एक थाने या पेट्रोलिंग में पदस्थ पुलिसकर्मियों के चलते पुलिसिंग में कसावट नहीं आ पा रही थी। कई शिकायतें भी मिल रही थी।
कई सालों बाद इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया। इसमें सिविल लाइन, खमतराई, धरसींवा, विधानसभा, मंदिरहसौद सहित लगभग सभी थानों के एसआई से लेकर हवलदार तक सभी प्रभावित हुए हैं। इसमें से कई 4 से 5 सालों से एक ही जगह जमे हुए थे। इसके अलावा पुलिस लाइन से भी 45 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को अलग-अलग थानों में पदस्थ किया गया है।
राजभवन में मनाया गया असम एवं नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस
देश में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का संगम है- राज्यपाल डेका
रायपुर | राजभवन में असम और नागालैंड राज्यों के स्थापना दिवस के अवसर पर रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रमों के साथ स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर कहा कि हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का संगम है। केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे के स्थापना दिवस मनाते हैं। इसी कड़ी में राजभवन के दरबार हॉल में असम एवं नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर इन राज्यों के लोगों को बधाई दी।
राज्यपाल डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन दो अद्भुत राज्यों के स्थापना दिवस के अवसर पर, हमारे लिए उनके समृद्ध इतिहास, अद्भुत संस्कृति और उनकी आशाओं और सपनों के बारे में अधिक जानना महत्वपूर्ण है। उन्होंने असम और नागालैंड राज्य की विशेषताओं को रेखांकित किया। असम राज्य भारत के ईशान कोण में स्थित है और ईशान कोण में भगवान का वास माना जाता है। यह उत्तर-पूर्व भारत के उन 8 राज्यों में से एक है जिन्हें अष्टलक्ष्मी कहा जाता है। अपने विविध वन्य जीव और सुंदर ब्रह्मपुत्र नदी के लिए यह जाना जाता है। राज्यपाल ने कहा कि असम और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, अर्थवयवस्था मिलती-जुलती है। इन राज्यों की संस्कृति रामायण काल की है। असम की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है, जिसमें संगीत, नृत्य, कला और साहित्य शामिल हैं। यहां के चाय की स्फूर्तिदायक खुशबू पूरी दुनिया में फैली है। देश के चाय बाजार का 57 प्रतिशत हिस्सा असम का हैं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक वातावरण भी चाय उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसलिए इस दिशा में प्रयास किया जाएगा जिससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्वस्था आगे बढे़गी।
डेका ने कहा कि नागालैंड भी एक खूबसूरत राज्य है। जीवंत रंगों और बहादुरी की कहानियां इस राज्य में भरी पड़ी है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में रानी गैडिनल्यू सहित असंख्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना योगदान दिया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज भी यहां आई और यहां कई स्थानों पर स्वतंत्रता आंदोलन किए गए।
डेका ने आगे कहा कि असम और नागालैंड अलग-अलग संस्कृति और समृद्ध अतीत वाले दो राज्य हैं। लेकिन दोनों राज्यों के निवासी प्रगति और विकास की समान रूप से आकांक्षा रखते हैं। स्थापना दिवस का जश्न हमारे राष्ट्र के प्रति हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को याद करने का भी एक अवसर है।
कार्यक्रम को असम राज्य के प्रतिनिधि के रूप में अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्प संख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा और नागालैंड की प्रतिनिधि सुश्री संगमाई ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर असम की महिलाओं के बिहू नृत्य सहित दोनों राज्यों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति, विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं तथा वनवासी आश्रम की छात्राओं ने दी। कार्यक्रम में भिलाई के भजन गायक दीपेन्द्र हलधर द्वारा असम के प्रसिद्ध गायक भारत रत्न स्वर्गीय भूपेन्द्र हजारिका के गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति और पद्मश्री भारती बंधु के भजन गायन ने सभी अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। दोनों राज्य के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने भी राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
कार्यक्रम में पूर्व लोकसभा सांसद नत्थूभाई पटेल, राज्यपाल के सचिव यशंवत कुमार, राजभवन के अन्य अधिकारी तथा दोनों राज्यों के प्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।