खेल
द वॉल- जेंटलमैन गेम का महान योद्धा
खेलों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किये जा रहे हरसंभव प्रयास : विष्णुदेव साय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर देश एवं छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रोशन करें। भारतीय पुलिस कंट्रोल बोर्ड के प्रतिनिधि चेयरमेन विनीता शर्मा ने इस बेहतरीन आयोजन की भूरी-भूरी सराहना की। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने अखिल भारतीय वेटलिफ्टिंग कलस्टर चैम्पियनशिप प्रतियोगिता के महत्व एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खेल हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी हैं। कार्यक्रम में स्वागत भाषण अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा ने दिया। अखिल भारतीय वेटलिफ्टिंग कलस्टर चैम्पियनशिप में आयोजित विभिन्न खेलों के विजेताओं, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। समारोह में प्रतियोगी खिलाड़ियों द्वारा आकर्षक मार्चपास्ट भी किया गया। इसके अलावा प्रतियोगिता में शामिल खिलाड़ियों द्वारा सुमधुर एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन प्रथम वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल भिलाई के सेनानी राजेश कुकरेजा ने किया। इस अवसर पर संभागायुक्त एस.एन. राठौर, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे
जल-जगार महोत्सव 5 एवं 6 अक्टूबर : जल जागरूकता के लिए आयोजित विराट आयोजन का बनें हिस्सा: मंत्री टंक राम वर्मा
हाफ मैराथन 6 अक्टूबर को, प्रतिभागी क्यू-आर कोड स्कैन कर 25 सितम्बर तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
रायपुर | राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर को धमतरी जिले के रविशंकर सागर बांध गंगरेल में जल एवं पर्यावरण संरक्षण के तहत आयोजित जल-जगार कार्यक्रम के लिए जिले एवं प्रदेश के सभी लोगों को सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की है। जल-जगार कार्यक्रम के तहत मैराथन दौड़, नवरात्रि मेला, कॉर्निवॉल, रूद्राभिषेक, इन्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस, कबाड़ से जुगाड़, मानव वन में एडवेेंचर सहित अनेक गतिविधियां होंगी।
हाफ मैराथन तीन श्रेणियों में आयोजित होगा, इसमें गंगरेल हाफ मैराथन, एन्डुरन्स रन और वॉकेथॉन शामिल है। हाफ मैराथन में हिस्सा लेने के इच्छुक वेबसाईट
https://www.jaljagar.com/
में जाकर क्यू.आर. कोड स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त विजेताओं को पुरस्कार मिलेगा। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 25 सितम्बर है।
गौरतलब है कि गंगरेल हाफ मैराथन के तहत 21.1 किलोमीटर का मैराथन सुबह 5.30 बजे से होगा। इसमें 18 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु वर्ग तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें प्रथम पुरस्कार 10 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 7500 रूपये तथा तृतीय पुरस्कार 5 हजार रूपये है। इसी तरह एन्डुरन्स रन के तहत 10 किलोमीटर का मैराथन सुबह 6.15 बजे से आयोजित होगा। इसमें 15 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इसमें प्रथम पुरस्कार 6 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 3 हजार रूपये और तृतीय पुरस्कार 2 हजार रूपये रखा गया है। इसके साथ ही पारिवारिक मनोरंजन के लिए वॉकेथॉन के तहत 5 किलोमीटर का मैराथन सुबह 6.30 बजे से होगा। इसमें पुरूष और महिला दोनों श्रेणियों के लिए अलग-अलग पुरस्कार प्रदाय किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमीन पर बैठकर गोल्ड मेडल जीतने वाले नवदीप की इच्छा पूरी की
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पेरिस पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पैरा-एथलीटों से मुलाकात और बातचीत की किया है| इसी दौरान भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले नवदीप सिंह ने मोदी को टोपी उपहार में देनी चाही, तो सम्मान स्वरूप वह जमीन पर बैठ गए | दरअसल, नवदीप खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टोपी देना चाहते थे, इसलिए मोदी ने जमीन पर बैठकर नवदीप की इच्छा पूरी की | पीएम के इस व्यवहार का वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
नवदीप सिंह (Navdeep Singh) 47.32 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ F41 वर्ग में दूसरे स्थान पर थे, लेकिन ईरान के बेत सयाह सादेघ के अयोग्य घोषित होने के बाद उनका रजत पदक स्वर्ण में बदल गया है | सयाह को आक्रामक झंडा प्रदर्शित करने के लिए बार-बार अयोग्य ठहराया गया था | अपनी इस हरकत की वजह से उन्हें गोल्ड मेडल गंवाना पड़ा।
मुलाकात के दौरान नवदीप सिंह ने अपने बाएं कंधे पर पीएम के हस्ताक्षर भी लिए, जब प्रधानमंत्री अपने दाहिने हाथ से हस्ताक्षर करने गए तो नवदीप ने उनसे कहा कि यह मेरा फेंकने वाला हाथ है, इसलिए मुझे यहां आपके हस्ताक्षर चाहिए | इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवदीप, तुम भी मेरी तरह बाएं हाथ के हो।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद नवदीप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें उन्हें फेंके जाने के बाद उत्साह में चिल्लाते हुए सुना गया | इस वीडियो को लेकर मोदी ने नवदीप से कहा, ‘आपने अपना वीडियो देखा है | लोग चाहे कुछ भी कहें, डर तो सभी को है, तुम इतने क्रोधित क्यों थे ?’ इस पर नवदीप ने कहा, ‘सर, पिछली बार मैं चौथे नंबर पर आया था, इस बार मैंने आपसे वादा किया था इसलिए मैं थोड़ा भ्रमित हो गया हूं.’ पीएम ने पूछा, ‘बाकी लोग इस पर क्या कहते हैं?’ नवदीप ने कहा, ‘हर कोई अच्छा कहता है क्योंकि उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमीन पर बैठकर गोल्ड मेडल जीतने वाले नवदीप की इच्छा पूरी की
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पेरिस पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले पैरा-एथलीटों से मुलाकात और बातचीत की किया है| इसी दौरान भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले नवदीप सिंह ने मोदी को टोपी उपहार में देनी चाही, तो सम्मान स्वरूप वह जमीन पर बैठ गए | दरअसल, नवदीप खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टोपी देना चाहते थे, इसलिए मोदी ने जमीन पर बैठकर नवदीप की इच्छा पूरी की | पीएम के इस व्यवहार का वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
नवदीप सिंह (Navdeep Singh) 47.32 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ F41 वर्ग में दूसरे स्थान पर थे, लेकिन ईरान के बेत सयाह सादेघ के अयोग्य घोषित होने के बाद उनका रजत पदक स्वर्ण में बदल गया है | सयाह को आक्रामक झंडा प्रदर्शित करने के लिए बार-बार अयोग्य ठहराया गया था | अपनी इस हरकत की वजह से उन्हें गोल्ड मेडल गंवाना पड़ा।
मुलाकात के दौरान नवदीप सिंह ने अपने बाएं कंधे पर पीएम के हस्ताक्षर भी लिए, जब प्रधानमंत्री अपने दाहिने हाथ से हस्ताक्षर करने गए तो नवदीप ने उनसे कहा कि यह मेरा फेंकने वाला हाथ है, इसलिए मुझे यहां आपके हस्ताक्षर चाहिए | इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवदीप, तुम भी मेरी तरह बाएं हाथ के हो।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद नवदीप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें उन्हें फेंके जाने के बाद उत्साह में चिल्लाते हुए सुना गया | इस वीडियो को लेकर मोदी ने नवदीप से कहा, ‘आपने अपना वीडियो देखा है | लोग चाहे कुछ भी कहें, डर तो सभी को है, तुम इतने क्रोधित क्यों थे ?’ इस पर नवदीप ने कहा, ‘सर, पिछली बार मैं चौथे नंबर पर आया था, इस बार मैंने आपसे वादा किया था इसलिए मैं थोड़ा भ्रमित हो गया हूं.’ पीएम ने पूछा, ‘बाकी लोग इस पर क्या कहते हैं?’ नवदीप ने कहा, ‘हर कोई अच्छा कहता है क्योंकि उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
पेरिस पैरालंपिक तीरंदाजी में भारत के पहले स्वर्ण पदक विजेता : हरविंदर सिंह
नई दिल्ली | हरियाणा के कैथल में 25 फरवरी, 1991 को जन्मे हरविंदर सिंह ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में तीरंदाजी में पहले स्वर्ण पदक विजेता बनकर इतिहास रच दिया है। पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन स्पर्धा में हरविंदर ने फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजेक को हराया। उन्होंने सीधे सेटों में मैच जीता और चार बार लक्ष्य के केंद्र पर निशाना साधा। प्रतिष्ठित इनवैलिड्स स्थल पर मौजूद दर्शकों ने तालियाँ बजाकर हरविंदर सिंह के सटीक निशानों पर उनका उत्साहवर्धन किया।
हरविंदर का जन्म हरियाणा के अजीत नगर गांव में हुआ और यहीं से खेल जगत में उनका सफर भी शुरु हुआ। मात्र डेढ़ वर्ष की आयु में ही उन्हें डेंगू हो गया और उपचार के दुष्प्रभावों
के कारण उनके पैरों में स्थायी दिव्यांगता आ गई। शुरुआत में असफलता के बावजूद, हरविंदर को लंदन 2012 पैरालंपिक प्रतिस्पर्धाएं देखने के बाद तीरंदाजी के प्रति अपने जुनून का आभास हुआ। उन्होंने साल 2017 में पैरा तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप में अपना अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया, जिसमें वे 7वें स्थान पर रहे।
उनको पहली बड़ी सफलता 2018 में मिली जब उन्होंने जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीता और भारत के शीर्ष पैरा-तीरंदाजों में अपनी जगह पक्की की।कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान हरविंदर के पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदला जिससे उन्हें प्रशिक्षण जारी रखने के लिए आवश्यक स्थान और सहायता मिली।
पेरिस में हरविंदर की सफलता न केवल उनकी एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि तीरंदाजी के खेल में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी थी। टोक्यो 2020 पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद हरविंदर ने अपने पदक का रंग बदलने का संकल्प लिया! यह स्वर्ण पदक हरविंदर के तीरंदाजी करियर में एक और बड़ा कदम है, इससे पहले उन्होंने 2022 में एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक और 2023 एशियाई पैरा चैंपियनशिप में पुरुष टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता था।
तीरंदाजी में हरविंदर की उपलब्धियां उनकी शैक्षणिक गतिविधियों के पूरक हैं। वह वर्तमान में पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला में अर्थशास्त्र में पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं। यह मैदान के अंदर और बाहर उनके समर्पण को दर्शाता है।
हरविंदर की सफलता को सरकार की प्रमुख पहलों से समर्थन मिला है जिसमें उपकरण, प्रशिक्षण और प्रतियोगिता व्यय के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं। वह सोनीपत स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) केंद्र में प्रशिक्षण लेते रहे हैं, जहां उन्हें भोजन और आवास सहित पूरी सहायता दी गई है। वह टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के भी लाभार्थी हैं, जो उन्हें प्रतियोगिताओं के दौरान अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है ।
पेरिस 2024 पैरालंपिक में हरविंदर सिंह की ऐतिहासिक जीत भारतीय पैरा-तीरंदाजी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। तीरंदाजी में साधारण शुरुआत से भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता का मुकाम हासिल करने वाले हरविंदर देश भर के महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए भी प्रेरक उदाहरण बन गए हैं
डॉ. मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रव्यापी खेल भागीदारी का आह्वान किया
हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है
डॉ. मंडाविया ने प्रधानमंत्री के नारे "खेलेगा इंडिया, खिलेगा इंडिया" से प्रेरित होकर कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना भारत को एक फिट राष्ट्र बनाना है। उनके फिट इंडिया मूवमेंट की परिकल्पना प्रत्येक नागरिक के लिए एक कार्यक्रम है, और मैं आप सभी को इस वर्ष के राष्ट्रीय खेल दिवस पर इस राष्ट्रव्यापी उत्सव का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।"
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के फिट इंडिया मूवमेंट को आगे बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना और सक्रिय रहना प्रत्येक भारतीय की जिम्मेदारी है। मांडविया ने सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हुए आग्रह किया कि "कोई भी खेल खेलें और फिट रहें!"
डॉ. मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय खेल दिवस न केवल हमारे खेल नायकों को सम्मानित करने का एक अवसर है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि खेल हमें संतुलित और स्वस्थ जीवन बनाए रखने में कैसे मदद कर सकते हैं। उन्होंने सभी से राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ खेलों में शामिल होने और एक फिट और सक्रिय भारत के निर्माण की दिशा में एक कदम उठाने की अपील की।
हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। हर साल, राष्ट्रीय खेल दिवस अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को गौरवान्वित करने में उनके योगदान के लिए हमारे खेल नायकों को एक सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है।
3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने : अविनाश साबले ने ओलंपिक 2024 में रचा इतिहास
अविनाश साबले ने स्टीपचेज फाइनल के लिए किया क्वालिफाई
अविनाश साबले मेंस 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में अपनी हीट में पांचवें स्थान पर रहे
अविनाश साबले ने इस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचकर रचा इतिहास
नई दिल्ली | पेरिस ओलंपिक 2024 के 10वें दिन तक भारत ने कुल तीन मेडल जीते हैं। 10वें दिन का अंत बेहद ही शानदार तरीके से हुआ, जहां भारतीय एथलीट अविनाश साबले मेंस 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में अपनी हीट में पांचवें स्थान पर रहकर फाइनल में पहुंचे।
3000 मीटर स्टीपलचेज फाइनल में पहुंचने वाले अविनाश साबले पहले भारतीय एथलीट बने। नेशनल रिकॉर्ड होल्डर साबले ने दूसरी हीट में 8 मिनट 15.43 समय के साथ क्वालिफाई किया। तीन हीट के पांच-पांच स्थान पर रहने वाले धावकों ने फाइनल में प्रवेश किया।
दरअसल, भारतीय एथलीट की हीट को मोरक्कन एथलीट मोहम्मद टिंदौफ्ट ने अपनी व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 8:10.62 मिनट में जीत लिया।
भारतीय एथलीट अविनाश साबले ने हीट की शुरुआत में एक लैप के लिए पहले स्थान पर रहते हुए दौड़ की शुरुआत की, लेकिन अंत तक केन्याई एथलीट अब्राहम किरीवोट ने उन्हें आसानी से पछाड़ दिया।
अविनाश साबले धीरे-धीरे पांचवे स्थान पर आ गए, जो क्वालीफिकेशन के लिए अंतिम स्थान था, लेकिन इस स्थान पर बरकरार रहते हुए भारतीय एथलीट ने आराम से फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
पेरिस ओलंपिक में आने से पहले अविनाश साबले ने 10वीं बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पेरिस ओलंपिक से पहले साबले ने 7 जुलाई को पेरिस डायमंड लीग में करियर की सबसे बेहतरीन टाइमिंग 8:09.91 के साथ छठा स्थान हासिल किया। यह इस इवेंट में साबले की पहली बार 8:10 मिनट से कम की रनिंग थी, क्योंकि वह आगामी प्रमुख इवेंट के लिए तैयारी कर रहे हैं, जो इस महीने के अंत में आयोजित होने वाला है।
ICC ने जारी की महिला खिलाड़ियों की टी20 रैंकिंग,स्मृति मंधाना ने किया कमाल
डेस्क। आईसीसी ने मंगलवार को महिला खिलाड़ियों की ताजा टी20 रैंकिंग जारी की है। भारत की उपकप्तान और स्टार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने करियर की बेस्ट टी20 रैंकिंग हासिल कर ली है। मंधाना एक स्थान ऊपर चढ़कर चौथे पर पहुंच गई हैं। वह टॉप-10 बल्लेबाजों की सूची में एकमात्र भारतीय हैं। उन्होंने हाल ही में समाप्त हुए महिला एशिया कप 2024 में प्रभावी बैटिंग की। मंधाना ने चार मैचों में 57.66 की औसत से 173 रन बटोरे। उन्होंने फाइनल में 60 रन की पारी खेली थी। हालांकि, भारत को फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 8 विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा।
श्रीलंका की कप्तान चमारी अटापट्टू को तीन स्थान का फायदा हुआ है। अटापट्टू अब छठे पायदान पर पहुंच गई हैं। जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है। वह एशिया कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुनी गई थीं। उन्होंने टूर्नामेंट में 100 से अधिक की औसत से कुल 304 रन बनाए। पाकिस्तान की बाएं हाथ की बल्लेबाज मुनीबा अली छह पायदान ऊपर 35वें स्थान पर पहुंच गईं हैं। बांग्लादेश की कप्तान निगार सुल्ताना (तीन पायदान ऊपर 14वें स्थान पर) और श्रीलंका की हर्षिता समरविक्रमा (तीन पायदान ऊपर 20वें स्थान पर) को भी लाभ मिला है। ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी और ताहलिया मैकग्राथ क्रमश: पहल और दूसरे जबकि वेस्टइंडीज की हेली मैथ्यूज तीसरे नंबर पर हैं।
वहीं, महिला टी20 गेंदबाजों की रैंकिंग की बात करें तो भारत की रेणुका सिंह ने चार स्थान की छलांग लगाकर पांचवें पर आ गई हैं। दाएं हाथ की गेंदबाज ने एशिया कप में 13.14 की औसत से सात विकेट लिए थे। रेणुका की साथी राधा यादव सात पायदान ऊपर चढ़कर 13वें स्थान पर पहुंच गई हैं। श्रीलंका की तीन खिलाड़ी उदेशिका प्रबोधनी (छह पायदान ऊपर 24वें स्थान पर), सुगंधिका कुमारी (चार पायदान ऊपर 27वें स्थान पर) और कविशा दिलहारी (पांच पायदान ऊपर 30वें स्थान पर) सभी ने बढ़त हासिल की है। पाकिस्तान की स्पिनर सादिया इकबाल बेस्ट रैंकिंग हासिल करते हुए चौथे स्थान पर चली गई हैं। उन्होंने एशिया कप में 8.37 की औसत से आठ विकेट चटकाए।
भारत के पास आया दूसरा मेडल : मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने जीता कांस्य
नई दिल्ली | पेरिस ओलंपिक-2024 में भारत की झोली में एक और पदक आ गया है। मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरिया को मात देकर ये पदक जीता है। इससे पहले मनु ने रविवार को इसी इवेंट के सिंगल्स इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था। भारत ने कोरिया को 16-10 से मात देकर ये मेडल अपने नाम किया है।
भारत ने लंदन ओलंपिक-2012 के बाद पहली बार निशानेबाजा में दो ओलंपिक पदक जीते हैं। इसी के साथ मनु भारत की पहली महिला निशानेबाज बन गई हैं जिसने दो ओलंपिक मेडल जीते हैं। इसके अलावा मनु भारत के लिए एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं।
मनु और सरबजोत ने क्वालिफिकेशन राउंड में 580 का स्कोर करते हुए ब्रॉन्ज मेडल मैच में जगह बनाई थी। भारत को हालांकि इस मैच में अच्छी शुरुआत नहीं मिली थी। पहले राउंड में कोरियाई टीम ने 20.5 का स्कोर किया था और भारत ने 18.8 का। लेकिन इसके बाद मनु और सरबजोत दोनों ने दमदार निशाने लगाए। अगले राउंड में भारत ने 21.2 और कोरिया ने 19.9 का स्कोर किया।
तीसरे राउंड में फिर भारत ने बाजी मारी और 20.8 का स्कोर किया जबकि कोरिया 19.8 का स्कोर ही कर पाई। कोरियाई टीम ने छठी सीरीज से पहले टाइम आउट मांगा लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। मनु और सरबजोत ने फिर कोरियाई टीम को कोई मौका नहीं दिया और ब्रॉन्ज जीतकर इतिहास रच दिया।
ये सरबजोत सिंह का पहला ओलंपिक मेडल है। वह हालांकि सिंगल्स इवेंट में कमाल नहीं कर पाए लेकिन मनु के साथ जोड़ी बनाकर उन्होंने अपने खाता खोल लिया। ये भारत का टीम इवेंट में पहला ओलंपिक मेडल भी है। इससे पहले भारत ने निशानेबाजी में जितने भी मेडल जीते थे सभी सिंगल्स इवेंट में जीते थे।
डॉ. मनसुख मांडविया ने युवाओं से माई भारत पोर्टल की प्रभावशीलता बढ़ाने पर बातचीत की
"युवाओं को हमारे देश की बेहतरी में योगदान देने और 2047 तक 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए" - डॉ. मांडविया
नई दिल्ली | केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली में माई भारत पोर्टल की प्रभावशीलता बढ़ाने के अपने निरंतर प्रयास के तहत रूस में ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले भारतीय युवा प्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं के साथ एक संवादात्मक सत्र की अध्यक्षता की।
माई भारत प्लेटफॉर्म को युवाओं के लिए एकमात्र समाधान बनाने के उद्देश्य से डॉ. मांडविया द्वारा देश भर के युवा समूहों के साथ आयोजित बैठकों की श्रृंखला की यह बातचीत भी एक हिस्सा है।
युवाओं की अपार क्षमता और ऊर्जा को पहचानते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा, "युवाओं को देश की उन्नति में योगदान देने और 2047 तक 'विकसित भारत' के विजन को साकार करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने माई भारत प्लेटफॉर्म को युवाओं से जुड़ी और उन्हें लाभ पहुंचाने वाली गतिविधियों से जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन गतिविधियों को माई भारत प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से प्रदर्शित जाना चाहिए ताकि उनका प्रभाव अधिकतम हो सके।
इस बैठक में युवाओं को माई भारत पोर्टल के प्रभाव को बढ़ाने के लिए अपने सुझाव और अंतर्दृष्टि साझा करने का अवसर दिया गया।
केंद्रीय मंत्री ने प्रतिभागियों से कहा कि उनके द्वारा सुझाए गए विचार और सुझाव माई भारत पोर्टल को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं के बीच इसकी पहुंच बढ़ाने, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह मंच उनकी जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करे, और राष्ट्रीय विकास पहलों में अधिक से अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करे, ये योगदान महत्वपूर्ण हैं।
केंद्रीय मंत्री ने युवाओं द्वारा दिए गए सुझावों एवं विचारों की सराहना की और आश्वासन दिया कि पोर्टल को और बेहतर बनाने के लिए उन पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में युवा कार्यक्रम विभाग के सचिव और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता
राज्य खेल अलंकरण : राष्ट्रीय खेल दिवस पर उत्कृष्ट खिलाड़ियों का होगा सम्मानv
खेल अलंकरण वर्ष 21-22 और 22-23 के लिए अंतिम तिथि तक 1329 आवेदन प्राप्त हुए
आवेदनों का परीक्षण शीघ्र पूर्ण करने संचालक ने दिए निर्देश
रायपुर | राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित करने वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के लिए राज्य खेल अलंकरण समारोह का आयोजन राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर 29 अगस्त, 2024 को किया जाना है। इसके लिए खिलाड़ियों से 10 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
अंतिम तिथि तक संचालनालय एवं जिलों में प्राप्त समस्त आवेदन पत्रों का संकलन संचालनालय स्तर पर किया जा चुका है। संचालालय स्तर पर गठित आवेदन परीक्षण समिति के द्वारा नियमों के परिप्रेक्ष्य में आवेदनों का परीक्षण किया जा रहा है। खेल संचालक तनुजा सलाम में तत्काल आवेदनों का परीक्षण पूर्ण करने के निर्देश समिति को दिया है।
अंतिम तिथि तक शहीद राजीव पाण्डेय पुरस्कार के लिए वर्ष 2021-22 हेतु 61 आवेदन तथा वर्ष 2022-23 हेतु 85 आवेदन प्राप्त हुए। शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए वर्ष 2021-22 के 46 आवेदन एवं वर्ष 2022-23 के 52 आवेदन प्राप्त हुए। वीर हनुमान सिंह पुरस्कार (निर्णायक) के लिए वर्ष 2021-22 के 03 एवं वर्ष 2022-23 के 04 आवेदन, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार (प्रशिक्षक) के लिए वर्ष 2021-22 के 19 आवेदन एवं वर्ष 2022-23 के 27 आवेदन प्राप्त हुए। शहीद विनोद चौबे सम्मान के लिए वर्ष 2021-22 के 22 आवेदन एवं 2022-23 के 32 आवेदन प्राप्त हुए। शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार के लिए वर्ष 2021-22 के 77 आवेदन, वर्ष 2022-23 के 98 आवेदन प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ट्राफी (जूनियर वर्ग) के लिए वर्ष 2021-22 के 01, वर्ष 2022-23 के 01 आवेदन तथा मुख्यमंत्री ट्राफी (सीनियर वर्ग) के वर्ष 2021-22 के 04 आवेदन, वर्ष 2022-23 के 04 आवेदन प्राप्त हुए। नगद राशि पुरस्कार के लिए वर्ष 2021-22 के 275 आवेदन एवं वर्ष 2022-23 के 518 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार वर्ष 2021-22 के लिए 508 आवेदन और वर्ष 2022-23 के लिए 518 आवेदन प्राप्त हुए है। इस प्रकार दोनों वर्षों के लिए कुल 1329 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों का परीक्षण पूर्ण करके शासन स्तर पर निर्णयक समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए भारत की बोली का प्रस्ताव
नई दिल्ली | ओलंपिक के लिए मेज़बानी के अधिकारों का आवंटन अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) द्वारा एक विस्तृत मेज़बान चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जो सार्वजनिक डोमेन में सुस्पष्ट है। आईओसी में इस मामले से निपटने के लिए एक समर्पित निकाय फ्यूचर होस्ट कमीशन (एफएचसी) है।
इच्छुक राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (एनओसी) को एफएचसी के साथ बातचीत शुरू करनी होती है, बाद में उसे निरंतर बातचीत का रूप ले लेती है और अंततः, चयनित एनओसी के साथ लक्षित वार्ता होती है।
एफएचसी द्वारा इस वार्ता को पूरा किए जाने के बाद आईओसी कार्यकारी बोर्ड चुनाव आयोजित करता है जिसमें सदस्य संबंधित ओलंपिक खेलों की मेजबानी का अधिकार प्रदान करने के लिए मतदान करते हैं।
भारत की एनओसी, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एफएचसी के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ओलंपिक खेलों में किसी भी खेल को शामिल करने का निर्णय अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) द्वारा लिया जाता है। अन्य बातों के अलावा, आईओसी ने निर्धारित किया है कि किसी खेल को अंतर्राष्ट्रीय महासंघ द्वारा संचालित होना चाहिए, जो ओलंपिक चार्टर के नियमों का पालन करने का वचनबद्ध हो और दुनिया भर में इस खेल का व्यापक रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए और इसे विभिन्न मानदंडों को पूरा करना चाहिए। यह निर्णय या तो आईओसी के सर्वोच्च अंग आईओसी कार्यकारी बोर्ड द्वारा सत्र के माध्यम से लिया जाता है, जो सैद्धांतिक रूप से संबंधित ओलंपिक खेलों के उद्घाटन से सात वर्ष पूर्व होता है, या ओलंपिक खेलों के संबंधित मेजबान का चुनाव करने वाले सत्र में, जो भी बाद में हो,में लिया जाता है।
यह जानकारी केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी |
बीसीसीआई ने किया Team India के नए बॉलिंग कोच का ऐलान, जानें कौन है ये दिग्गज
डेस्क। टी20 विश्व कप 2024 के बाद भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम श्रीलंका का दौरा करने के लिए तैयार है। 27 जुलाई से टी20 और वनडे सीरीज खेलने के लिए टीम इंडिया श्रीलंका रवाना होगी। नए हेड कोच गौतम गंभीर का यह पहला दौरा है। गंभीर के कोचिंग स्टाफ में अभिषेक नायर, रयान टेन डोशेट के अलावा अब एक और दिग्गज जुड़ने वाला है। बीसीसीआई ने गेंदबाजी कोच के लिए साईराज बहुतुले के नाम का ऐलान किया है।
दरअसल, संभावित गेंदबाजी कोच माने जा रहे साउथ अफ्रीकी दिग्गज मोर्ने मोर्कल भारतीय टीम के साथ श्रीलंका नहीं जाएंगे। इसलिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक अस्थायी व्यवस्था की है, इस व्यवस्था के तहत बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) से जुड़े साईराज बहुतुले को इस दौरे के लिए अंतरिम गेंदबाजी कोच बनाया गया है। अब जल्द ही बहुतुले टीम इंडिया को ज्वाइन करेंगे. वहीं फील्डिंग कोच टी दिलीप बने रहेंगे।
आखिर कौन हैं साईराज बहुतुले?
साईराज बहुतुले पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। हालांकि उन्होंने इंटरनेशल स्तर पर ज्यादा नहीं खेला, लेकिन घरेलू क्रिकेट के वो बड़ा नाम रहे हैं। अपने जमाने के दिग्गज लेग स्पिनर थे। भारत के लिए 2 टेस्ट में 3 विकेट लिए और 39 रन बनाए। 8 वनडे में 2 विकेट लिए। इस पूर्व क्रिकेटर नेटेस्ट डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज में किया था।
कोचिंग का अनुभव भी रखते हैं साईराज बहुतुले
1 जनवरी 2013 को प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कोचिंग में आगे का सफर तय किया। जून 2024 में केरल क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया था। फिर जुलाई 2015 में वो बंगाल क्रिकेट टीम के कोच बने। फरवरी 2018 में उन्होंने IPL में राजस्थान रॉयल्स के लिए स्पिन गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी संभाली। अब टीम इंडिया के लिए गेंदबाजी कोच के तौर पर सेवा देंगे।
आवासीय तीरंदाजी खेल अकादमी रायपुर के लिए चयनित 40 खिलाड़ियों का चयन
रायपुर। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा रायपुर में संचालित आवासीय तीरंदाजी अकादमी के लिए राजधानी की पांच बालिका और 9 बालक सहित कुल 20 बालक तथा 20 बालिकाओं का चयन किया गया है। राज्य स्तरीय चयन ट्रायल का आयोजन दिनांक 25 एवं 26 जून को रायपुर के स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम एवं खेल संचालनालय परिसर तीरंदाजी एरिना में सम्पन्न हुआ।
खेल संचालक तनुजा सलाम के निर्देश पर चयन ट्रायल के नोडल अधिकारी चेतन कुमार श्रीवास प्रशासक खेल अकादमी रायपुर के द्वारा चयन ट्रायल सुव्यवस्थित तरीके से कराया गया। चयन समिति में भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केन्द्र रायपुर तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग के (एनआईएस) प्रशिक्षक शामिल रहे। चयनकर्ताओं के द्वारा खिलाड़ियों के फिटनेस से संबंधित मोटर एबिलिटी टेस्ट, मेडिकल टेस्ट, स्पोर्ट्स स्कील टेस्ट एवं मेंटल एबिलिटी टेस्ट लिये गए। निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले खिलाड़ियों को ही प्रदर्शन के आधार पर मेरिट क्रमानुसार 13 से 17 वर्ष आयुवर्ग के खिलाड़ियों का चयन किया गया है।
प्रदेश भर से आए खिलाड़ियों ने चयन ट्रायल में भाग लिया, इसमें राज्य के जिले रायपुर से 5 बालिका और 9 बालक, सरगुजा से 7 बालिका, धमतरी से 2 बालक और 4 बालिका, महासमुंद से 5 बालिका और 2 बालक, नारायणपुर से 3 बालक, बिलासपुर से 1 बालक, कोण्डागांव से 1 बालक एवं गरियाबंद जिले से 1 बालिका का चयन किया गया है। इन चयनित खिलाड़ियों को 10 दिवस के भीतर अकादमी में प्रवेश दिया जाएगा। यदि चयनित खिलाड़ी में से कोई प्रवेश लेने में असमर्थ रहता है, तो प्रतीक्षा सूची में से मेरिट के आधार पर प्रवेश देने की कार्यवाही की जाएगी।
खेल अकादमी में प्रवेश लेने वाले खिलाड़ियों को खेल अकादमी संचालन नियम-2014 के अंतर्गत निःशुल्क आवास, भोजन, शैक्षणिक सुविधा, परिधान, प्लेइंग किट, दुर्घटना बीमा एवं प्रतियोगिताओं में सहभागिता आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आवासीय खेल अकादमी के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए राज्य शासन के द्वारा एन.आई.एस. प्रशिक्षकों की भर्ती की गई है। समय समय पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को खेल अकादमी में आमंत्रित कर विशिष्ट प्रशिक्षण का आयोजन भी कराया जाएगा।
पेरिस ओलंपिक वर्ष 2024 में भाग लेने वाले 117 भारतीय एथलीटों में : 24 सैन्यकर्मी
स्टार जेवलिन थ्रोअर सूबेदार नीरज चोपड़ा फिर से शीर्ष सम्मान प्रतिस्पर्धा के लिए पूर्ण रूप से तैयार
भारतीय दल में महिला सैन्यकर्मियों की भागीदारी : हवलदार जैस्मीन लैम्बोरिया और सीपीओ रितिका हुड्डा पोडियम फिनिश पर निशाना साधेंगी
नई दिल्ली | 26 जुलाई, 2024 से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में राष्ट्र को गौरवान्वित करने के लिए 117 भारतीय एथलीटों में चौबीस (24) सशस्त्र बल कर्मी पूर्ण रूप से तैयार हैं। इन 24 एथलीटों में 22 पुरुष हैं, जिनमें स्टार जेवलिन थ्रोअर सूबेदार नीरज चोपड़ा शामिल हैं, और दो महिलाएं हैं, जो ओलंपिक में महिला सैन्य एथलीटों की पहली बार भागीदारी को दर्शाता है।
टोक्यो ओलंपिक वर्ष 2020 के स्वर्ण पदक विजेता सूबेदार नीरज चोपड़ा एक बार फिर शीर्ष सम्मान प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे क्योंकि पेरिस ओलंपिक में उनकी भागीदारी असाधारण प्रदर्शन के आधार पर है, जिसके तहत उन्होंने वर्ष 2023 एशियाई खेलों, वर्ष 2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, वर्ष 2024 डायमंड लीग और वर्ष 2024 पावो नूरमी खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।
राष्ट्रमंडल खेलों वर्ष 2022 की कांस्य पदक विजेता हवलदार जैस्मीन लाम्बोरिया और एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप वर्ष 2023 की कांस्य पदक विजेता सीपीओ रितिका हुड्डा महिला सेवा कर्मी हैं जो पहली बार खेलों में भाग ले रही हैं। वे मुक्केबाजी और कुश्ती में भाग लेंगी।
सूबेदार अमित पंघाल (मुक्केबाजी); सीपीओ तजिंदरपाल सिंह तूर (शॉट-पुट); सूबेदार अविनाश मुकुंद साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज़); सीपीओ मुहम्मद अनस याहिया, पीओ (जीडब्ल्यू) मुहम्मद अजमल, सूबेदार संतोष कुमार तमिलारासन और जेडब्ल्यूओ मिजो चाको कुरियन (4X400 मीटर पुरुष रिले); जेडब्ल्यूओ अब्दुल्ला अबूबकर (ट्रिपल जंप); सूबेदार तरुणदीप राय और सूबेदार धीरज बोम्मादेवरा (तीरंदाजी) और नायब सूबेदार संदीप सिंह (निशानेबाजी) भी उन सैन्य कर्मियों में शामिल हैं जो देश को गौरवान्वित करने के लिए प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगे।
पेरिस ओलंपिक में सैन्यकर्मियों की भागीदारी खेल उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देने और एथलेटिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, यह पूरे देश में खेलों के प्रति प्रेरित करती है। चूंकि पूरा देश इन एथलीटों के प्रदर्शन को देखने के लिए उत्सुक है, इसलिए यह प्रत्येक प्रतिभागी के लिए शुभकामनाएं और समर्थन के साथ एकजुट है।