सेवा अवधि, पात्रता और अंतिम वेतन पेंशन का आधारः ठाकुर
रायपुर। डॉ राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कार्यालयीन प्रबंधन पर दस दिवसीय एफडीपी प्रोग्राम के अंतर्गत चौथे दिन पेंशन विषय पर अर्जुन सिंह ठाकुर सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक वित्त का उदबोधन हुआ। विषय विशेषज्ञ ने बताया कि पेंशन निर्धारण नियम, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन की गणना और पात्रता से संबंधित नियम हैं। ये नियम सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। पेंशन के लिए पात्र होने के लिए, सरकारी कर्मचारी को एक निश्चित अवधि 10 वर्ष की नियमित सेवा पूरी करनी होती है।
ठाकुर ने आगे कहा कि पेंशन की राशि, सेवा की अवधि और अंतिम आहरित वेतन के आधार पर निर्धारित की जाती है। यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है,तो उसके आश्रितों को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकता है। पेंशन नियमों में समय-समय पर संशोधन हो सकता है, जैसे कि महंगाई राहत या अन्य भत्तों में बदलाव। पेंशन के लिए आवश्यक सेवा अवधि को अर्हकारी सेवा कहा जाता है। पेंशन के लिए कर्मचारी की पात्रता,सेवा अवधि, वेतन और अन्य कारकों पर निर्भर करती है। पेंशन का भुगतान आमतौर पर बैंक खातों के माध्यम से किया जाता है।
पेंशनभोगियों के लिए समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं,जैसे कि जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के तरीके आदि। यदि पेंशनभोगियों को कोई समस्या आती है,तो वे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 17 वर्ष के सेवा के बाद स्वेच्छिक सेवानिवृत्त हो सकतें हैं। गोद लिए बच्चे को भी पारिवारिक पेंशन मिल सकती है, लेकिन इसके कुछ नियम और शर्तें हैं। यदि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो गोद लिया हुआ बच्चा भी पारिवारिक पेंशन का हकदार होगा, जैसे कि उसका अपना बच्चा होता है। बच्चों को पारिवारिक पेंशन उनके जन्म के क्रम में दी जाती है। इसका मतलब है कि सबसे छोटा बच्चा तभी पात्र होगा जब उससे बड़ा बच्चा पेंशन के लिए अयोग्य हो जाए। अविवाहित बच्चे को 25 वर्ष की आयु तक या शादी होने तक या जब तक वह अपनी आजीविका कमाना शुरू नहीं कर देता,जो भी पहले हो, पारिवारिक पेंशन मिलती है। यदि बच्चा विकलांग है और कमा नहीं पाता है,तो वह अपनी मृत्यु तक पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकता है। यदि बच्चा नाबालिग है,तो उसके कानूनी अभिभावक उसकी ओर से पेंशन प्राप्त करेंगे। विधवा या विधुर द्वारा गोद लिया गया बच्चा परिवार का सदस्य नहीं माना जाएगा और इसलिए वह पारिवारिक पेंशन का हकदार नहीं होगा।
विषय विशेषज्ञ ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके जिज्ञासाओं को शांत किया। प्रारंभ में श्रीमती मौसमी लहरें सहायक प्राध्यापक रसायन शास्त्र ने अतिथि परिचय दिया एवं डॉ श्राद्ध मिश्रा सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा फूल सिंह भारती,छात्रावास अधीक्षक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उक्त एफडीपी प्रोग्राम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष,वरिष्ठ प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ाधिकारी, ग्रंथपाल,कार्यालयीन अधिकारी एवं कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में अन्य संस्थाओं के प्रतिभागी उपस्थित रहे। 21 जुलाई सोमवार को स्थापना विषय पर डॉ तपेश गुप्ता, अपर संचालक क्षेत्रीय कार्यालय उच्च शिक्षा एवं प्राचार्य छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर का उदबोधन होगा।