वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर अपनी जगह फिर से हासिल कर रहा है भारत
नईदिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 जून को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक उभरती हुई नहीं बल्कि एक ऐसी शक्ति है जिसका पुनरुत्थान हो रहा है और वह वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर अपनी जगह फिर से हासिल कर रहा है।” उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहते हुए की कि 17वीं शताब्दी तक भारत की अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय रूप से मजबूत थी, जो दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का एक चौथाई से अधिक थी, लेकिन एक कमजोर सेना और राजनीतिक गुलामी के कारण इसने अपना गौरव खो दिया।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार इन दोनों मोर्चों पर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि भारत अपने गौरवशाली अतीत को फिर से हासिल करें। उन्होंने कहा कि एक ऐसे मजबूत रक्षा उद्योग के आधार पर, जो स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक हथियारों/उपकरणों का निर्माण करता है, एक मजबूत, युवा और प्रौद्योगिकी-प्रेमी सशस्त्र बल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। साथ ही, औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा प्राप्त करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, “एक मजबूत सेना न केवल सीमाओं को सुरक्षित करती है, बल्कि किसी देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था की भी रक्षा करती है। हमारा लक्ष्य एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अपनी जरूरतों के साथ-साथ मित्र देशों की आवश्यकताओं को भी पूरा करे। यह पुनर्जागरण का युग है। यह भारत को वैश्विक महाशक्ति के रूप में फिर से स्थापित करने का समय है।”
श्री राजनाथ सिंह ने देश के आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए कई सुधारों को सूचीबद्ध किया। इनमें प्रत्यक्ष कर सुधार, जीएसटी और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आया है और विदेशी निवेशक आज भारत को एक आकर्षक गंतव्य के रूप में देखते हैं।