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संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के नेतृत्व में भारतीय संसदीय सद्भावना प्रतिनिधिमण्डल ने किया उरुग्वे का दौरा

रायपुर। संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उरुग्वे की संसद की प्रतिनिधि सभा (निचले सदन) के अध्यक्ष के निमंत्रण पर 14-17 जून 2023 तक उरुग्वे की यात्रा करते हुए 10 सदस्यीय संसदीय सद्भावना प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व किया। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और पुष्ट बनाना है।
 
इस बहु-दलीय प्रतिनिधिमण्डल में दोनों सदनों से कुल नौ सदस्य शामिल थे। इनमें से छः लोकसभा सदस्य संजय सेठ, गोमती साईं, हेमंत पाटिल, सीएन अन्नादुरई, डॉ गुरुमूर्ति मद्दिला और चंद्राणी मुर्मू एवं राज्यसभा से सुश्री इंदु बाला गोस्वामी, दिनेश चंद्रअववादिया और नीरज डांगी शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल में संसदीय कार्य मंत्रालय सचिव जी श्रीनिवास भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल की अगवानी 14 जून को अर्जेंटीना और उरुग्वे में भारत के राजदूत श्री दिनेश भाटिया ने की और प्रतिनिधिमण्डल को उरुग्वे और भारत के द्विपक्षीय संबंधों के महत्व के संदर्भ में जानकारी भी दी।
 
भारत से इससे पहले तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में 2012 मे संसदीय प्रतिनिधिमण्डल ने उरुग्वे का दौरा किया था। तत्कालीन यात्रा मार्च 2023 में नई दिल्ली में आयोजित दोनों देशों के बीच विदेश कार्यालय परामर्श के परिणामस्वरूप हुई।
 
इस यात्रा का आधिकारिक शुभारंभ 15 जून को मंत्री महोदय के साथ प्रतिनिधिमण्डल सदस्यों के द्वारा राजधानी मोंटेवीडियो में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ। राजधानी में प्रतिमा के पास की तटीय सड़क के इस हिस्से रंबाला को महात्मा गाँधी के नाम पर जाना जाता है।
15 जून को प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष श्री सेबेस्टियन एनदुजार ने प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत किया। प्रतिनिधिमण्डल स्तर की वार्ता में उरुग्वे संसद के दोनों सदनों के सदस्य भी शामिल हुए। श्री प्रहलाद जोशी और श्रीएनदुजार ने उरुग्वे की संसद में ‘भारत-उरुग्वे संसदीय मैत्री समूह’ का भी शुभारंभ किया। चर्चा विशेष रूप से संसदीय रणनीति के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही।
 
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने एनदुजार को संसदीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस बात पर सहमति हुई कि उरुग्वे के सांसदों की भारत यात्रा 2023 के अंत से पहले होगी, जिसकी तारीखों को राजनयिक बातचीत के माध्यम से अंतिम रूप दिया जाएगा।
 
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