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एमएसएमई समिट पर बोले सीएम..... निवेश और रोजगार के सशक्त माध्यम हैं एमएसएमई

भोपाल। आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का जो रोडमेप हमने बनाया है, उसके रोम-रोम में सशक्त औद्योगिक परिदृश्य के निर्माण और रोजगार सृजन की भावना रची-बसी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 21वीं सदी के आत्म-निर्भर भारत बनाने का जो यज्ञ चल रहा है, उसमें बड़े उद्योगों की भूमिका जितनी अहम है, उतना ही महत्व सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्यमियों का भी है। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य स्तरीय एमएसएमई समिट के शुभारंभ के अवसर पर कहीं।

युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में इन उद्यमियों की भूमिका बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, यह स्थानीय स्तर पर निवेश और रोजगार के अवसर सृजित करने के सशक्त माध्यम हैं। स्थानीय परिवेश-स्थानीय संसाधनों पर कार्य करने वाली इन इकाइयों की सहायता और विकास के लिए राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से आज हो रही समिट का ध्येय वाक्य "आर्थिक विकास के शुभ संयोग-मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग" रखा गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर समिट का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई की भूमिका पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सफल उद्यमियों को एमएसएमई अवार्ड प्रदान किए और राज्य सरकार एवं देश की प्रतिष्ठित कंपनी और संस्थानों के बीच एम.ओ.यू का आदान-प्रदान भी हुआ। प्रदेश के सभी जिले कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।

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