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एससी, एसटी वर्ग में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक जिले में लगाए जाएंगे जागरूकता शिविर

भोपाल। मध्यप्रदेश में एससी, एसटी वर्ग के युवा स्वयं का रोजगार और उद्योग लगा सकें, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी। इन वर्गों के युवाओं को इस क्षेत्र में अधिक से अधिक संख्या में लाने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में जनजागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। यह शिविर एमएसएमई विभाग और डिक्की मिलकर लगाएंगे। उक्त बातें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के बिट्टन मार्केट में डॉ. अंबेडकर बिजनेस फेयर को संबोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर सामाजिक सशक्तिकरण के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण के प्रबल पक्षधर थे। वे चाहते थे कि युवा स्वयं का व्यवसाय और उद्योग लगाएं। उनकी इच्छा के अनुरूप मध्यप्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के लिए नीतियां तैयार की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में एक क्लस्टर डिक्की को दिया जाएगा। बाकी क्लस्टर में 20 प्रतिशत जगह एससी, एसटी उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप नीति में महिलाओं को जिस तरह 18 लाख रूपए की अनुदान सहायता दी जाती है, उसी तरह की एससी, एसटी उद्यमियों को भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में 589 करोड़ रूपए का निवेश अनुदान दिया गया है। प्रदेश में 9 हजार 800 लघु उद्यम स्थापित किए गए हैं। एससी, एसटी वर्ग के लिए विकास शुल्क में 50 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। लाड़ली बहना योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह योजना सामाजिक क्रांति की ऐतिहासिक पहल है।

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