EXCLUSIVE : भाजपा के 70 के फार्मूले पर... डॉ. साय ने कहा भीष्म को हटा देंगे तो... युद्ध कौशल कहां से लाएंगे
2023-05-01 04:01 PM
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रायपुर। डॉ. नंदकुमार साय ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कुछ बातों का जिक्र किया है। जिसमें उन्होंने भाजपा के 70 पार के फार्मूले को सिरे से खारिज करते हुए अनुचित करार दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी इस बात का विरोध किया किया था। डॉ. साय ने कहा कि महाभारत के युद्ध में भीष्म वयोवृद्ध थे, यदि उन्हें ही कुरुक्षेत्र से हटा दिया जाता, तो युद्ध कौशल का अनुभव कौरवों को कैसे मिल पाता।
दरअसल, भाजपा ने एक फार्मूला तय किया है, जिसमें 70 वर्ष की आयु पार कर चुके नेताओं को टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है। छत्तीसगढ़ में डॉ. नंदकुमार साय उस दायरे में आ चुके थे। हालांकि उन्हें साल 2017 में केंद्रीय मंत्री का दर्जा देते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया था। 2020 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद से उन्हें किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
वहीं डॉ. साय ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. भूपेश बघेल की योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डॉ. बघेल की सरकार ने जो 'नरवा—गरुवा—घुरुवा—बाड़ी' का कॉन्सेप्ट लाया है, वह वास्तव में कारगर साबित हो रहा है। इसके साथ उन्होंने प्रदेश में भूपेश सरकार की योजनाओं पर भी मुहर लगाते हुए कहा कि सरकार जनहित के लिए लगातार प्रयासरत है।
कांग्रेस में पद को लेकर किए गए सवाल के जवाब में डॉ. नंदकुमार साय का कहना है कि यह बहुत आगे की बात है। बुनियादी जरुरत इस बात की है कि सरकार प्रदेश में जनहित के जिन मुद्दों पर काम कर रही है, उसे आगे बढ़ाना है, उसका लाभ प्रत्येक वर्ग के लोगों को मिलता रहे, इस बात को सुनिश्चित करना है।
डॉ. साय ने भाजपा के नेताओं पर प्रहार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की बागडोर संभाल रहे जिम्मेदारों को यह देखना चाहिए कि पार्टी किस दिशा में जा रही है, उसकी दशा क्या हो चुकी है। वहीं उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके द्वारा योग्यता का सही मापदंड ही तय नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ भाजपा में कुछ नेताओं की मनमानी चल रही है।