देश-विदेश
भारत की विकास यात्रा के लिए कृषि प्रथम इंजन है : बजट 2025-26
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी
उच्च पैदावार वाले बीजों पर राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया जाएगा
दूसरे 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी
कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय अभियान की घोषणा की गई
किसान क्रेडिट कार्ड ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया
असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक संयंत्र की स्थापना की जाएगी
अंडमान तथा निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपों पर दीर्घकालिक मत्स्य संवर्धन के लिए नए अनुकूल फ्रैमवर्क पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
नई दिल्ली | केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए, भारत की विकास यात्रा के लिए ‘कृषि को प्रथम इंजन’ की संज्ञा देते हुए अन्नदाताओं के लाभ के लिए कृषि क्षेत्र के विकास और उत्पादकता में वृद्धि के लिए कई उपायों की घोषणा की।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना के सरकार के निर्णय की घोषणा करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कार्यकलापों में लगे लोगों को एफपीओ में संगठित किया जाएगा। यह बोर्ड मखाना किसानों को पथ-प्रदर्शन और प्रशिक्षण सहायता उपलब्ध कराएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य करेगा कि उन्हें सभी संगत सरकारी योजनाओं के लाभ मिले।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान परिवेश को बढ़ावा देना, उच्च पैदावार, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूलन के गुणों से संपन्न बीजों का लक्षित विकास और प्रचार करना तथा जुलाई 2024 से जारी किए गए बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी।
कपास उत्पादकता के लिए अभियान की घोषणा करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस पंच-वर्षीय मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता और वहनीयता में पर्याप्त सुधार लाने में मदद मिलेगी और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वोत्तम सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वस्त्र क्षेत्र के लिए हमारे 5एफ के समेकित विज़न के अनुरूप, इससे किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी और भारत के परंपरागत वस्त्र क्षेत्र में नई जान फूंकने के लिए गुणवत्तापूर्ण कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए लघु अवधि ऋणों की सुविधा उपलब्ध कराने में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की महत्ता का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदया ने संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की।
निर्मला सीतारमण ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता के साथ एक उर्वरक संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन को पुनः प्रारंभ करने से यूरिया की आपूर्ति को और अधिक बढ़ाने के साथ-साथ उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने में सहायता मिलेगी।
समुद्री खाद्य निर्यात के मामले में 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व में भारत के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए, हमारी सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से सतत मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क लाएगी।
बजट 2025 : 36 लाइफ सेविंग ड्रग्स पर मिलेगी छूट : 200 कैंसर डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे
नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बहुप्रतीक्षित केंद्रीय बजट 2025 पेश किया | इस दौरान वित्त मंत्री ने हेल्थ सेक्टर में महत्वपूर्ण नीतिगत घोषणा की, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 पेश करते हुए कहा कि मे 36 लाइफ सेविंग ड्रग्स को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह छूट दी गई है।
इसके अलावा 37 अन्य दवाओं और 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों को मूल सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी जाएगी | वित्त मंत्री ने शनिवार को 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए भारत के सभी जिलों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य देश भर में कैंसर के रोगियों के लिए कैंसर के इलाज और सहायता तक पहुंच को बढ़ाना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण कमी को दूर किया जा सके।
निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण के दौरान सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार हील इन इंडिया पहल के तहत मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देगी और वीजा प्रक्रिया को आसान बनाएगी | उन्होंने यह भी घोषणा की कि मेडिकल ऐजुकेशन का विस्तार करने के लिए सीटें बढ़ाई जाएंगे।
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सभी जिलों में 3 साल के भीतर सरकारी अस्पतालों में 200 कैंसर डे केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे | उन्होंने यह भी कहा की कि गिग वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले को पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी।
अपने भाषण में सीतारमण ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में | उन्होंने कहा कि इन केंद्रों की स्थापना एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैंसर रोगियों को शहरी केंद्रों तक लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता के बिना समय पर उपचार और देखभाल मिले।
लोकसभा सोमवार तक के लिए स्थगित : बजट भाषण के साथ ही
नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2025 पेश करते समय कई प्रमुख ऐलान किए हैं, जिसमें इनकम टैक्स को लेकर की गई घोषणा की चर्चा शुरू हो गई है।
बजट पेश करने के बाद लोकसभा ने सर्वसम्मति से इस पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है। शनिवार को बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू हुआ था।
आमतौर पर शनिवार और रविवार को सदन की कार्यवाही नहीं होती, लेकिन 1 फरवरी को बजट के कारण सदन बुलाया गया था। बजट हर साल 1 फरवरी को सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।
बता दें, शनिवार को बजट भाषण शुरू होने से पहले अखिलेश यादव समेत कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने सदन का बहिष्कार कर दिया।
उनकी मांग थी कि बजट से पहले प्रयागराज के महाकुंभ में हुई भगदड़ पर चर्चा की जाए।
वित्त मंत्री सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की है। अब 12 लाख रुपये वार्षिक कमाई करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
कैंसर, असाधारण और गंभीर बीमारियों के मरीजों को राहत देते हुए 36 जीवन रक्षक दवाइयों पर कस्टम ड्यूटी को पूरी तरह खत्म करने और 6 दवाइयों को विशेष राहत वाली सूची में शामिल करने की घोषणा हुई है।
इनकम टैक्स पर नया विधेयक लाया जाएगा और सरकारी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा होगी।
मेडिकल कॉलेज में बढ़ेंगी 75,000 सीटें : आईआईटी का भी होगा विस्तार
नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में अगले 5 साल में 75,000 सीटें जोड़ी जाएंगी। इनमें से 10,000 सीटें अगले एक साल में बढ़ाई जाएंगी।
उन्होंने कहा, पिछले दशक में 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में छात्र क्षमता दोगुनी हो गई है और अब इनमें 1.35 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा 5 आईआईटी को अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और अतिरिक्त 6,500 छात्रों को आवास प्रदान करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
इन 5 आईआईटी में भिलाई, धारवाड़, गोवा, जम्मू और तिरुपति आईआईटी शामिल हैं।
इसके अलावा सरकार ने आईआईटी पटना के विस्तार के लिए विशेष रूप से धन आवंटित किया है।
500 करोड़ की राशि से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के लिए एक संस्थान की स्थापना की जाएगी।
वित्त मंत्री ने शिक्षा में एआई के लिए 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है, जिन्हें वैश्विक भागीदारी के माध्यम से विकसित किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि अगले 5 सालों में छात्रों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए जाएंगे।
यह कदम सरकार के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसके तहत एआई को अकादमिक और शोध संस्थानों खासतौर पर आईआईटी में एकीकृत किया जाएगा।
युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य भविष्य की अर्थव्यवस्था चलाएगा
लाइफस्टाइल, कार्यस्थल संस्कृति और पारिवारिक परिस्थितियां उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण
कभी-कभी व्यायाम करना, सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना या अपने परिवारों के साथ घनिष्ठ न होना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में अपनी जड़ो में वापस लौटना हमें आगे बढ़ाएगा
नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा 2024-25 पेश करते हुए कहा कि स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य जीवन की चुनौतियों और कार्यकलापों को आगे बढ़ाने मुख्य कारक है। स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य हमारी सभी भावनाओं, सामाजिक और भौतिक क्षमताओं को बढ़ाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि लाइफस्टाइल को चुनना कार्य स्थल संस्कृति और पारिवारिक परिस्थितियां उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण है और अगर भारत के आर्थिक लक्ष्य को पूरा करना है तो बचपन/युवावस्था के दौरान लाइफस्टाइल को चुनने में तुरंत ध्यान देना होगा।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बच्चों और युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित किस्से बढ़ रहें हैं जो इंटरनेट और विशेषकर सोशल मीडिया के ज्यादा उपयोग से जुड़े हुए है। जोनाथन हैडिटस की किताब ‘द एनक्शियस जेनेरेशन: हाओ द ग्रेट रीराईटिंग ऑफ चिल्ड्रन इज़ कॉजिंग एन एपीडेमिक ऑफ मैंटल इलनेस’ का संदर्भ देते हुए सर्वेक्षण में जोर दिया गया कि ‘फोन-आधारित बचपन’ से उम्र बढ़ने के साथ-साथ का अनुभव उलझ रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण में जोर दिया गया कि बेहतर कार्यस्थल संस्कृति बेहतर मानसिक स्वास्थ की ओर ले जाएगी। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि लाइफस्टाइल को चुनना और पारिवारिक परिस्थितियां मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि जो व्यक्ति अल्ट्राप्रोसेस या डिब्बा बंद जंक फूड का उपयोग करते है उनका मानसिक स्वास्थ्य उनसे बेहतर होता है जो इनका लगातार उपयोग करते है। यह भी कहा गया है कि जो कभी-कभी व्यायाम करते हैं, अपना खाली समय सोशल मीडिया पर बिताते है या अपनी परिवारों के लोगों से ज्यादा नहीं मिलते हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य सही नही रहता है और एक ही जगह पर ज्यादा वक्त बिताने से भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
सर्वेक्षण में उल्लेखित किया गया कि मानसिक स्वास्थ्य के स्तर का कम होना चिंता का विषय है और इन रुझानों के बढ़ने से अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा जाती है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि कार्य संस्कृति अनुकूल न होने और डेस्क पर अपने कार्य में ज्यादा वक्त बिताना मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और अर्थव्यवस्था की वृद्धि में रुकावट डाल सकता है।
आर्थिक सर्वेक्षण में जोर दिया गया कि पर दोस्तों के साथ समय बिताने, बाहर जाकर खेलने, घनिष्ठ पारिवारिक संबंध बनाने पर स्कूल और पारिवारिक स्तर पर हस्तक्षेप करने की विशेष आवश्यकता है जो बच्चों और युवाओं को इंटरनेट से दूर रखेंगी और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करेंगी
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि अपने जड़ों में वापिस लौटना हमें मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में नई ऊचांईयों पर ले जाएगा। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य को आर्थिक ऐजेंडे के केंद्र में रखना राष्ट्र के भावनाओं और मानवीय कल्याण सीधे तौर पर जरूरी है और इस समस्या का स्तर बहुत बड़ा है।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि अब समय आ गया कि इसके लिए व्यावहारिक, प्रभावी रणनीति तैयार करनी चाहिए और हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि भारत का जनांकीय लाभ कौशल, शिक्षा, शारीरिक स्वास्थ्य और उनसे भी ऊपर युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य है।
मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा : जानिए बजट की खास बातें
नई दिल्ली | बजट में मिडिल क्लास को बड़ी सौगात मिली है | अब 1 लाख हर महीने कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा | खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में ऐलान किया | निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि इनकम टैक्स पर अलग से एक बिल आएगा | अगले सप्ताह नया इनकम टैक्स बिल पेश होगा. इनकम टैक्स के नियमों बड़ा बदलाव होगा | निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश कर रही हैं |
आम बजट 2025 से देश को बड़ी सौगातें मिली हैं | महिला, किसान से लेकर टैक्सपेयर्स को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है | सरकार ने इनकम टैक्स को लेकर बजट में बड़ा ऐलान किया है | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, अब 12 लाख तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा | इसका मतलब है कि 1 लाख कमाने वाला आदमी कोई टैक्स नहीं देगा | वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इनकम टैक्स पर नया कानून बनेगा | इसके लिए अगले सप्ताह संसद में एक अलग से इनकम टैक्स बिल आएगा | इस बजट में किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड लोन पर बड़ा ऐलान हुआ | साथ ही बिहार को भी कई सौगातें मिलीं |
दरअसल, निर्मला सीतारमण ने आज अपना आठवां बजट पेश किया | मोदी सरकार 3.0 का यह पहला था | बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने किसान क्रेडिट कार्ड में लोन की सीमा बढ़ा दी | अब 5 लाख तक का लोन मिल सकता है | साथ ही बिहार मखाना बोर्ड का ऐलान किया | अगले साल 10 हजार मेडिकल सीटें जुड़ेंगी | निर्मला सीतारमण क्रीम रंग की साड़ी पहनी नजर आईं | यह मोदी सरकार 3.0 का पहला पहला पूर्ण बजट है | एनडीए सरकार के कार्यकाल में निर्मला सीतारमण अब तक पांच पूर्ण और दो अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं | इस तरह सैलरीड क्लास से लेकर गरीब-किसान तक को सरकार ने बड़ी राहत दी है |
इस बार के बजट में किसानों से लेकर महिलाओं और टैक्स पेयर्स का पूरा खयाल रखा गाय है. इनकम टैक्स को लेकर सरकार ने बड़ी राहत दी है. तो चलिए जानते हैं बजट में अब तक के सबसे बड़े ऐलान :-
12 लाख तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा |
वित्त मंत्री ने कहा- कि न्यू इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते लाया जाएगा | इन डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म को बाद में बताएंगे |
कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी, पिछले 4 साल का IT रिटर्न एकसाथ फाइल कर सकेंगे |
वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई है |
इनकम टैक्स फाइलिंग की सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया है |
अगले 6 साल मसूर, तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने के लिए फोकस रहेगा |
किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख होगी |
बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा, इससे छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा |
छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी होंगे |
MSME के लिए लोन गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़, 1.5 लाख करोड़ तक का कर्ज मिलेगा |
स्टार्टअप के लिए लोन 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जाएगा। गारंटी फीस में भी कमी होगी |
वित्त मंत्री ने इस बजट में सबसे बड़ा ऐलान कर दिया है | अब 12 लाख तक की सालाना कमाई करने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा |
12 लाख की कमाई पर- कोई टैक्स नहीं
12 से 16 लाख की कमाई पर- 15 फीसदी इनकम टैक्स
16 से 20 लाख की कमाई पर- 20 फीसदी टैक्स
20 से 24 लाख तक की कमाई पर- 25 फीसदी इनकम टैक्स
24 से ज्यादा की कमाई पर – 30 फीसदी टैक्स
भारत मार्च 2025 में ब्रिक्स युवा परिषद उद्यमिता कार्य समूह की बैठक की मेज़बानी करेगा
बैठक का विषय है ‘सतत विकास के लिए युवा उद्यमिता’
ब्रिक्स युवा परिषद उद्यमिता कार्य समूह की बैठक के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए भारत भर में 8 रन-अप कार्यक्रम
नई दिल्ली | युवा कार्यक्रम विभाग, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार 3 से 7 मार्च 2025 तक ब्रिक्स युवा परिषद उद्यमिता कार्य समूह की बैठक आयोजित करेगा। बैठक का विषय "सतत विकास के लिए युवा उद्यमिता" है। बैठक में ब्रिक्स देशों के लगभग 45 युवा प्रतिनिधि शामिल होंगे।
भारत ब्रिक्स युवा परिषद के प्रतिनिधियों को कार्य समूह की बैठक में उद्यमिता के क्षेत्र में नीतियों, कार्यक्रमों और सहयोग की संभावनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। प्रतिनिधियों को युवाओं से संबंधित कार्यों में अपने अनुभव साझा करने और ब्रिक्स देशों के बीच उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करने के लिए एक मंच मिलेगा।
ब्रिक्स युवा परिषद की स्थापना: उद्यमिता कार्य समूह।
उद्यमिता के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों की कार्य योजनाओं पर चर्चा।
उद्यमिता के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के युवा सहयोग में ठोस कार्रवाई की खोज।
ब्रिक्स और कार्य समूह बैठकों के रूपरेखा में प्राथमिकता वाले निर्देशों के अनुसार नए युवा प्रारूपों के निर्माण पर चर्चा।
प्रतिभागियों को ब्रिक्स देशों के भीतर मौजूद अंतर्राष्ट्रीय उद्यमिता अवसरों से जोड़ना।
ब्रिक्स युवा परिषद उद्यमिता कार्य समूह बैठक के प्रासंगिक क्षेत्रों पर युवाओं की समझ बढ़ाने के लिए, युवा कार्यक्रम विभाग देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 8 रन-अप कार्यक्रम आयोजित करेगा।
ये रन-अप कार्यक्रम जमीनी स्तर पर व्यापक लोगो तक उद्यमिता पर भारत के एजेंडे के स्वस्थ विचार-विमर्श और प्रसार के लिए एक मंच प्रदान करेंगे। ये रन-अप कार्यक्रम पहले से पहचाने गए प्रासंगिक क्षेत्रों पर प्रतिभाशाली युवा वक्ताओं के बीच पैनल चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेंगे।
पहला रन-अप इवेंट 15 जनवरी 2025 को दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस में होगा। दूसरा रन-अप इवेंट 17 जनवरी 2025 को दिल्ली के माता सुंदरी कॉलेज फॉर विमेन में होगा। तीसरा इवेंट 24 जनवरी 2025 को आईआईएम जम्मू, जम्मू और कश्मीर में होगा, इसके बाद चौथा रन-अप इवेंट 28 जनवरी 2025 को एनएफएसयू, गांधीनगर, गुजरात में होगा।
शेष रन-अप कार्यक्रमों का संभावित कार्यक्रम इस प्रकार है:
5वां रन-अप कार्यक्रम 4 फरवरी 2025 को केआईआईटी, ओडिशा में आयोजित किया जाना संभावित है।
6वां रन-अप कार्यक्रम 7 फरवरी 2025 को आईआईटी गुवाहाटी, असम में आयोजित किया जाना संभावित है।
7वां रन-अप कार्यक्रम 11 फरवरी 2025 को आईआईएससी, बैंगलोर, कर्नाटक में आयोजित किया जाना संभावित है।
इन आयोजनों से न केवल देश के युवाओं को समकालीन वैश्विक मुद्दों की समझ मिलेगी, बल्कि उनमें अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का विकास होगा तथा विभिन्न बहुपक्षीय मंचों का महत्व भी पता चलेगा।
नाविका सागर परिक्रमा II आईएनएसवी तारिणी ने पॉइंट नीमो को पार किया
नई दिल्ली | समुद्री खोज में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर स्थापित करते हुए, भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए द्वारा संचालित आईएनएसवी तारिणी ने 30 जनवरी 2025 को 0030 बजे (आईएसटी) पर पॉइंट नीमो को सफलतापूर्वक पार किया, जब वह नाविका सागर परिक्रमा II के तीसरे चरण के दौरान न्यूजीलैंड के लिट्टेलटन से फ़ॉकलैंड द्वीप समूह के पोर्ट स्टेनली की यात्रा कर रही थी। पॉइंट नीमो, जो 48°53′S 123°24′W निर्देशांक पर स्थित है, महासागर की अप्राप्यता का ध्रुव है, जो पृथ्वी पर सबसे दूरस्थ स्थान है और निकटतम भूभाग से लगभग 2,688 किलोमीटर दूर स्थित है। दक्षिण प्रशांत में यह अलग-थलग स्थान अपनी अत्यधिक दूरी के लिए प्रसिद्ध है।
अधिकारियों ने इस बिंदु से महत्वपूर्ण जल के नमूने भी एकत्र किए हैं, जिनका विश्लेषण राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान द्वारा किया जाएगा। ये नमूने समुद्री जैव विविधता और रासायनिक संरचना की उपस्थिति सहित समुद्री परिस्थितियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे, जो वैश्विक समुद्र विज्ञान अनुसंधान में योगदान करेंगे।
आईएनएसवी तारिणी दुनिया भर में परिक्रमा करने वाली भारत की पहली डबल हैंडेड टीम बनने की खोज के तहत यात्रा कर रही है। चालक दल को 02 अक्टूबर 2024 को गोवा से नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। 39 दिनों तक हिंद महासागर की लंबाई को पार करने के बाद, चालक दल गर्मजोशी से स्वागत के साथ ऑस्ट्रेलिया में फ्रीमैंटल पहुंचा। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च के लिट्टेलटन पोर्ट के लिए उनके अगले चरण में चालक दल ने तेज हवाओं और लहरों का सामना करते हुए ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट और तस्मान सागर को पार किया। एक और संक्षिप्त पड़ाव के बाद, जहाँ किनारे की टीम ने नाव का अच्छी तरह से निरीक्षण किया, चालक दल ने केप हॉर्न - अंटार्कटिका से पहले दक्षिणी भूमि, पृथ्वी पर एक बिंदु जो इतना विश्वासघाती है कि बहुत कम लोगों ने इसे सेलबोट पर पार किया है - को पार करने की अपनी खोज पर निकल पड़े। प्रशांत महासागर को पार करते समय उन्होंने दक्षिणी महासागर के दो चक्रवातों और लगातार आने वाले ठंडे मोर्चों से मुकाबला किया है, जिससे गुजरते समय नाव को नुकसान हुआ है।
चालक दल ने बराबर संतुलन के साथ जोरदार तूफानों और निराशाजनक शांत मौसम का बहादुरी से सामना किया है, और 90 दिनों से अधिक और हजारों मील की यात्रा करने के बाद, उन्होंने पृथ्वी के सबसे दूरस्थ हिस्से को पार कर लिया है।
नाविका सागर परिक्रमा II भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों की अदम्य भावना का दस्तावेज है, जो वैज्ञानिक सहयोग और समुद्री खोज को आगे बढ़ा रही है। यात्रा जारी है क्योंकि अधिकारी पोर्ट स्टेनली में अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं।
चालक दल सागर परिक्रमा अभियानों के हिस्से के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है, जो भारतीय नौसेना द्वारा संचालित अभियानों की एक लंबी और अत्यधिक सराहनीय श्रृंखला है, जिसके पिछले संस्करणों में दक्षिणी महासागर के महान केप्स के माध्यम से पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले भारत के सभी आठ नाविकों को तैयार किया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग हमारी राष्ट्रीय संपत्ति हैं और हमने उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने पर बहुत जोर दिया है : नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने एनएचएआई द्वारा आयोजित स्वचालित एवं कुशल मशीन-सहायता प्राप्त निर्माण पर हितधारक परामर्श कार्यशाला को संबोधित किया
भारत ने विश्व स्तरीय सड़कों और राजमार्गों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे हमारे बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है: अजय टम्टा
निर्माण का समय और गुणवत्ता, दो अहम मापदंड हैं जिन पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं: श्री उमाशंकर, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव
नई दिल्ली | केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "राष्ट्रीय राजमार्ग हमारी राष्ट्रीय संपत्ति हैं और हमने उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने पर बहुत ज़ोर दिया है। हमने निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने और हमारी प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ठेकेदारों की ज़िम्मेदारी तय करने के उपाय किए हैं।"
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) द्वारा नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित हितधारक परामर्श कार्यशाला को संबोधित करते हुए, श्री गडकरी ने कहा, "प्रौद्योगिकी एक महान सक्षमकर्ता है और स्वचालित और कुशल मशीन-सहायता प्राप्त निर्माण को अपनाना सही दिशा में एक कदम है। हमने लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पायलट परियोजना में सफलता हासिल की है और जल्द ही हम इस तकनीक को अन्य परियोजनाओं में भी लागू करेंगे।"
सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा अपने संबोधन में ने कहा, "भारत ने विश्व स्तरीय सड़कों और राजमार्गों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे हमारे बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस परिवर्तन में प्रत्येक हितधारक की महत्वपूर्ण भूमिका है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, सेंसर, उपग्रह और वास्तविक समय की निगरानी जैसी उन्नत तकनीक का लाभ उठाना प्रगति को गति देने के लिए महत्वपूर्ण होगा। निरंतर तकनीकी प्रगति के साथ हम भारत के सड़क बुनियादी ढांचे को दृष्टिकोण 2047 के साथ संरेखित करने और हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव वी. उमाशंकर ने कहा, "आज हम जो सड़कें और राजमार्ग बना रहे हैं, वे आने वाले कई वर्षों तक हमारे देश की सेवा करेंगे। इसलिए, निर्माण का समय और गुणवत्ता दो महत्वपूर्ण मापदंड हैं जिन पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। संघनन सड़क निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और आज उपलब्ध तकनीक हमें संघनन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम बनाती है। मुझे यकीन है कि इस कार्यशाला में विचार-विमर्श से महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी जो हमें राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण को बढ़ाने के लिए एआईएमसी तकनीक को अपनाने में सहायता करेगी।"
एनएचएआई के सदस्य (प्रशासन) श्री विशाल चौहान ने अपने स्वागत भाषण में इस बात पर जोर दिया कि इस हितधारक परामर्श कार्यशाला से प्राप्त इनपुट एआई-एमसी प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके पारंपरिक एनएच निर्माण विधियों को डेटा-संचालित दृष्टिकोण में बदलने में योगदान देंगे। साथ ही, एनएचएआई के सदस्य (परियोजनाएं) श्री अनिल चौधरी ने कार्यशाला के दौरान आयोजित हितधारक परामर्श पर संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की।
'स्वचालित और कुशल मशीन-सहायता प्राप्त निर्माण' (एआईएमसी) प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कौशल को बढ़ाने के लिए, एनएचएआई ने परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य 'राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में स्वचालित और कुशल मशीन-सहायता प्राप्त निर्माण (एआईएमसी) को अपनाने' के लिए हाल ही में जारी मसौदा नीति को बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श करना और सुझाव देना था।
हाल ही में, एनएचएआई लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर एआईएमसी की पायलट परियोजना को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है, जिसमें जीपीएस से सहायता प्राप्त मोटर ग्रेडर, इंटेलिजेंट कॉम्पैक्टर और स्ट्रिंगलेस पेवर जैसी स्वचालित और कुशल मशीनों का उपयोग किया गया है। इस परियोजना में प्रदर्शित एआईएमसी की प्रभावकारिता के मूल्यांकन के आधार पर, परियोजना हितधारकों से फीडबैक के साथ और अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों/विनिर्देशों पर विचार करते हुए, एनएचएआई कुछ और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे/एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर परियोजनाओं के निर्माण के लिए एआईएमसी को लागू करेगा।
मसौदा नीति देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास को बदलने में स्वचालित और कुशल मशीन-सहायता प्राप्त निर्माण के विभिन्न पहलुओं और क्षमताओं को रेखांकित करती है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, रियायतदाताओं, परामर्शदाताओं, मशीन उपकरण निर्माताओं और अन्य हितधारकों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तीन बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
नई दिल्ली | देशभर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मुंबई एयरपोर्ट पर तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बांग्लादेशी नागरिक महिला शाबिकुन नाहर और अबु अहमद को पकड़ा है।
कथित तौर पर शाबुकल ने दो नामों से भारतीय पासपोर्ट बनाया था। इस पासपोर्ट से वो सऊदी अरब और बांग्लादेश की यात्रा कर चुकी है।
वहीं, वर्सोवा पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक मोनेर बख्तियार शेख और बख्तियार दोसुर शेख को वर्सोवा यारी रोड इलाके से गिरफ्तार किया है। ये दोनों रिश्ते में पिता पुत्र है।
29 जनवरी को भी मुंबई की घाटकोपर पुलिस ने शहर में अवैध रूप से रहने के आरोप में 12 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था।
घाटकोपर पुलिस के अनुसार, अवैध रूप से रह रहे 12 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया। उनके दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि वो लंबे समय से मुंबई में रह रहे थे। उनके पास से जाली दस्तावेज भी मिले थे। खुफिया जानकारी के आधार पर छापा पड़ा था जिसमें 12 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया था, इनमें कई नाबालिग भी शामिल थे।
26 जनवरी को भी महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा पूर्व स्थित गांगडीपाड़ा और धानिवबाग क्षेत्र में पेल्हार पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे 9 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इनमें 7 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल थे। गिरफ्तार किए गए लोगों के पास भारतीय नागरिकता से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिला है।
महिलाओं का अद्वितीय योगदान भारत की समुद्री ताकत के लिए महत्वपूर्ण है : शांतनु ठाकुर
शांतनु ठाकुर ने 'सागर में योग' - संपूर्ण कल्याण कार्यक्रम'' और 'सागर में सम्मान' का शुभारंभ किया
नई दिल्ली | केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि महिलाओं का अद्वितीय योगदान भारत की समुद्री ताकत के लिए महत्वपूर्ण है और महिला नाविक वैश्विक मंच पर दृढ़ता और उत्कृष्टता का प्रतीक हैं।
गुरुवार को मुंबई स्थित भारतीय शिपिंग निगम (एससीआई) में आधिकारिक तौर पर " सागर में योग - संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम " और " सागर में सम्मान" के प्रतीक चिन्ह और विषय का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि महिला नाविकों को सम्मानित किया जाए और उन्हें समर्थन दिया जाए, क्योंकि घर से दूर काम करते समय उन्हें अक्सर अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा, उन्होंने योग और भारतीय विरासत के बीच गहरे संबंध पर जोर दिया और हमारे लगभग 3 लाख से अधिक सक्रिय नाविकों के लिए इस कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया, जो घर से दूर सेवा करते समय अनूठी चुनौतियों का सामना करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के वैश्विक राजदूत के रूप में, हमारे नाविक देश की दृढ़ भावना और समुद्री उत्कृष्टता का उदाहरण बनेंगे।
प्रधानमंत्री के समुद्री भारत दृष्टिकोण 2030 से प्रेरित होकर, "सागर में सम्मान" एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य समुद्री उद्योग में महिलाओं की भूमिका को पहचानना और उसे बढ़ाना है। यह कार्यक्रम सम्मान और सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि महिला नाविक अपने करियर को गरिमा और गर्व के साथ आगे बढ़ा सकें। इसके अलावा, सागर में योग समुद्री प्रशिक्षण और संचालन में योग और स्वास्थ्य प्रथाओं को एकीकृत करके हर चरण में स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि प्री-सी, एट-सी और पोस्ट-सी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नाविक हर यात्रा के लिए दृढ़, संतुलित और तैयार रहें।
पोत परिवहन महानिदेशक श्याम जगनाथन ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 महिला नाविकों के उत्थान और भारत को समुद्री उत्कृष्टता की ओर ले जाकर आशा का प्रतीक है। "सागर में सम्मान" पहल इसी दृष्टि से जन्मी है, जिसका उद्देश्य समुद्री समुदाय में महिलाओं को दिए जाने वाले सम्मान और मान्यता को बढ़ाना है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण महासागरों को सशक्त बनाने, नाविकों के उत्थान और भारत को समुद्री उत्कृष्टता की ओर ले जाने की आशा का प्रतीक है।
स्वास्थ्य परिणामों पर नज़र रखकर, सागर में योग नाविकों की उभरती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपनी पेशकशों को परिष्कृत और विस्तारित करेगा। इस पहल से चिकित्सा आपात स्थितियों में कमी आने, स्वास्थ्य सेवा लागत कम होने और टर्नओवर दरों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे एक सहायक समुद्री वातावरण का निर्माण होगा। सागर में योग हमारे नाविकों की यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और यात्रा के बाद उनके समग्र कल्याण के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
शुभारंभ कार्यक्रम में हितधारकों और नाविकों ने भाग लिया और नाविकों के स्वास्थ्य के लिए वैश्विक मानक स्थापित करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। विशाल हिंद महासागर से लेकर हमारे प्रगति के तटों तक, भारत की समुद्री विरासत विकास को गति दे रही है।
देवी अहिल्याबाई होल्कर : एक दूरदर्शी नेता जो शक्ति और करुणा की प्रतिमूर्ति थीं : प्रो. उमा वैद्य
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और विरासत पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया
नई दिल्ली | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने लोकमाता अहिल्याबाई त्रिशताब्दी समारोह समिति के सहयोग से देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और विरासत पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया, जिसका शीर्षक था 'देवी अहिल्या – त्यागी महारानी '। व्याख्यान कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक, महाराष्ट्र की पूर्व कुलपति प्रो. उमा वैद्य ने दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्म विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह, पूर्व सांसद और आईजीएनसीए की ट्रस्टी ने की। विशिष्ट उपस्थिति में आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और आईआईएएस, शिमला की अध्यक्ष प्रो. शशिप्रभा कुमार भी शामिल हुईं। कलादर्शन प्रभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. ऋचा कंबोज भी उपस्थित थीं।
प्रोफेसर उमा वैद्य ने आम लोगों की रानी, देवी अहिल्याबाई होल्कर के सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक योगदान पर गहन चर्चा की। उन्होंने देवी और अहिल्या शब्दों के अर्थों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अहिल्याबाई होल्कर के 70 वर्षों के जीवन और कार्यों का विस्तृत और व्यावहारिक विवरण प्रस्तुत किया। अपना व्याख्यान देते हुए प्रो. वैद्य ने कहा, “देवी अहिल्याबाई होल्कर, भगवान की रचना की एक उत्कृष्ट कृति, के बारे में बोलना एक बड़ा सम्मान है। उनका जीवन एक सच्चे नेता के मूल्यों का उदाहरण है-कोई ऐसा व्यक्ति जिसने न केवल शान से शासन किया बल्कि अपने लोगों को अपने बच्चों की तरह पाला। व्युत्पत्ति की दृष्टि से, 'अहिल्या' नाम की व्याख्या 'बिना जुती भूमि' के रूप में की जा सकती है, जो पवित्रता और प्राचीन प्रकृति का प्रतीक है। अहिल्या नाम पवित्रता का प्रतीक है। अपने जीवन और कार्यों के माध्यम से उन्होंने अपने नाम के अनुरूप गुणों का उदाहरण प्रस्तुत किया तथा करुणा और समर्पण की एक स्थायी विरासत छोड़ी।
भारतीय परंपरा में, देवी शब्द का प्रयोग न केवल 'दैदीप्यमान महिला' के लिए किया जाता है, बल्कि यह देवत्व को भी दर्शाता है। अहिल्याबाई के नेतृत्व में यह दिव्य सार समाहित था, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की देखभाल एक माँ जैसे समर्पण के साथ की, जिससे उन्हें 'लोकमाता' की उपाधि मिली। खासकर विदेशी शासन के युग में, अहिल्याबाई का जीवन पथ प्रेरणादायक और दुर्लभ दोनों है। उनका योगदान आर्थिक, राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है, जो उनके परोपकार और सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता से पूरित था। वह एक ऐसी महिला शासक के रूप में एक आदर्श के रूप में खड़ी हैं, जिन्होंने शक्ति और करुणा, नैतिकता और कार्य के बीच संतुलन बनाया। अहिल्याबाई वास्तव में 'संत महारानी' की उपाधि की हकदार हैं - एक ऐसी नेता जिसने अपने लोगों के कल्याण के लिए निस्वार्थ भाव से सत्ता का इस्तेमाल किया। उन्होंने मूल्यों, चरित्र और त्याग की भावना को मूर्त रूप दिया, एक महिला नेता के रूप में एक अमिट छाप छोड़ी जिसका प्रभाव समय से परे है।
डॉ. सोनल मानसिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में देवी अहिल्याबाई के जीवन की विभिन्न घटनाओं पर प्रकाश डाला तथा उनके उल्लेखनीय व्यक्तित्व और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राघोबा द्वारा इंदौर पर आक्रमण करने के प्रयास के दौरान देवी अहिल्याबाई ने अनुकरणीय साहस, दूरदर्शिता और रणनीतिक कौशल का परिचय दिया, जो हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस दौरान प्रो. शशि प्रभा कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत की तथा बाद में प्रो. उमा वैद्य के भाषण का सारांश श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया।
अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि पूरा देश 'पुण्यश्लोका' अहिल्याबाई की त्रि-शताब्दी मना रहा है। उनकी 300वीं जयंती मनाना हमारी सामाजिक प्रतिबद्धता का सम्मान करने और हमारे देश में गहराई से समाहित आध्यात्मिकता को याद करने का एक तरीका है। हम सभी जानते हैं कि अहिल्याबाई होल्कर ने अपने समय की जटिल चुनौतियों के बीच जिस तरह का काम किया, वह किसी के लिए भी प्रेरणा का काम कर सकता है।" कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर ऋचा काम्बोज ने वक्ताओं, अतिथियों और आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
लाखों श्रद्धालु फंसे : प्रयागराज बॉर्डर पर
गंगा स्नान की जिद पर अड़े, प्रशासन वापस भेज रहा
नई दिल्ली | प्रयागराज में मौनी अमावस्या स्रान के दौरान महाकुंभ में भगदड़ होने से कई लोगों की मौत हुई हैं और कई लोग घायल हुए है। वैसे प्रयागराज में स्थिति सामान्य हो चुकी है। लेकिन महाकुंभ में भारी भीड़ होने के चलते प्रयागराज बॉर्डर को सील कर दिया गया। सभी 8 एंट्री प्वाइंट को बंद किया गया है और अभी तक नहीं खोला गया है। बॉर्डर सील होने से करीब ढाई लाख वाहन जहां-तहां फंस गए हैं लाखों लोग वाहन के साथ प्रयागराज सीमा से बाहर अटके हैं। वहीं प्रशासन लोगों से वापस लौटने की कह रहा है।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो प्रयागराज आने वाले सभी वाहनों की नो एंट्री कर दी गई है | प्रयागराज से सटे रायबरेली, फतेहपुर, मिर्जापुर और जौनपुर बार्डर को सील कर दिया गया है। यात्रियों को रोक कर उनके भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। प्रयागराज जाने वाली सड़कों पर सिर्फ वाहनों की कतार दिख रही है। अब रास्ते में फंसे इन लोगों के लिए आस पास के गांव वाले सहारा बन रहे है। मौनी अमावस्या स्नान पर्व के दौरान रायबरेली में वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया। वहीं प्रयागराज महाकुंभ जा रहे वाहनों को चित्रकूट में रोक दिया गया है। प्रयागराज चित्रकूट मार्ग पर पुलिसकर्मियों ने यात्रियों को रोक दिया है। इसके साथ ही महाकुंभ की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर जौनपुर पुलिस तैनात है, सभी यात्रियों से अपील की है कि 24 घंटे के लिए महाकुंभ मेले में लोग न जाएं। बॉम्बे से आया हूं। ट्रेनें देरी से चल रही हैं। 4 दिन गाड़ी में बैठकर आया हूं। प्रशासन कह रहा है कि वापस चले जाओ। कैसे चले जाएं ? चित्रकूट तक भी जाने नहीं दे रहे हैं। ताकि मैं वहां रुक कर एक-दो दिन बाद स्रान के लिए चला जाऊं। मेरे साथ महिला और बच्चे भी हैं। ये दर्द है महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु आत्माराम पाटिल का। आत्माराम बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर चित्रकूट में फंसे हैं। आत्माराम की तरह चित्रकूट के 25 किमी लंबे जाम में करीब 2 लाख श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज जाने के लिए जाम खुलने का इंतजार करते रहे। यह हाल प्रयागराज से सटे 8 जिलों से आने वाले रास्तों का है। कई श्रद्धालु भूखे-प्यासे परिवार के साथ रास्ते में भटक गए, तो कई होटल लेकर रुकने को विवश हुए। इन्हें जहां रोका गया, वहां पर पानी, शौचालय तक की व्यवस्था नहीं रही। ठंड में लोग खुले में रात गुजारने को मजबूर हुए। प्रशासन उन्हें वापस लौटने के लिए कह रहा है, लेकिन उनका कहना है कि जब घर से निकले हैं तो गंगा स्नान करके ही जाएंगे।
प्रयागराज महाकुंभ में फिर लगी आग : सेक्टर 22 के कई पंडाल जले
प्रयागराज महाकुंभ में फिर आग लगी है. महाकुंभ के सेक्टर-22 में ये भीषण आग लगी है |
डेस्क | प्रयागराज महाकुंभ से फिर बड़ी खबर सामने आ रही है | बता दें कि महाकुंभ में फिर से आग लगी है | अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ के सेक्टर-22 में ये भीषण आग लगी है | इस आग में बहुत से पंडाल जलकर खाक हो गए हैं |
इससे पहले भी महाकुंभ में भीषण आग लग चुकी है |
बताया जा रहा है कि आग की खबर मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है | काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया है | जानकारी के मुताबिक, इस अग्निकांड में अभी तक जन हानि की सूचना नहीं है | आग किस वजह से लगी, उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी फिलहाल नहीं है |
बता दें कि अब महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और उत्तर प्रदेश प्रशासन अलर्ट हो चुका है |
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, पूज्य बापू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि | उनके आदर्श हमें विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं | मैं उन सभी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया तथा उनकी सेवा और बलिदान को याद करता हूं।
राहुल गांधी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘गांधी जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है, वे भारत की आत्मा हैं, और आज भी हर भारतीय में जिंदा है।’ उन्होंने आगे लिखा कि सत्य, अहिंसा और निडरता की शक्ति यह साम्राज्य की जड़ें हिला सकता है | पूरा विश्व उनके इन आदर्शों से प्रेरणा लेता है | राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, हमारे बापू को उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन | कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि, वे हमारे देश के मार्गदर्शक हैं | हम बापू को शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं | सत्य, अहिंसा और सभी धर्मों में समानता के बारे में उनके विचार हमारा मार्ग प्रकाशित करते रहते हैं | हमें उन लोगों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए जो समानता और सभी के लिए प्रगति के हमारे आदर्शों को नष्ट करना चाहते हैं | आइए हम भारत की विविधता में एकता को बनाए रखें और सभी के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करें।
कनाडा से साइबेरिया तक चुंबकीय ध्रुव की यात्रा : कणों के गहरे गोता लगाने की अनुमति नहीं देती
नई दिल्ली | नए अध्ययन से पता चलता है कि कनाडा से साइबेरिया तक पृथ्वी के उत्तरी चुंबकीय ध्रुव के बहाव ने पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में मध्य-उच्च अक्षांशों में आवेशित कणों की प्रवेश ऊंचाई को प्रभावित किया है। इलेक्ट्रॉन, क्वार्क, प्रोटॉन और आयन जैसे विद्युत आवेश वाले ये कण उत्तरी रोशनी या अरोरा के लिए जिम्मेदार हैं, इनके व्यवहार को समझने से अंतरिक्ष के मौसम की बेहतर भविष्यवाणी की जा सकती है और हमारी उपग्रह प्रणालियों की सुरक्षा की जा सकती है।
पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, ग्रह के कोर द्वारा निर्मित सुरक्षा कवच, चुपचाप बदल रहा है। यह अदृश्य बल क्षेत्रकम्पास का मार्गदर्शन करने और हमें हानिकारक सौर हवाओं से बचाने में मदद करता है, यह एक सदी से अधिक समय से बदल रहा है। वैज्ञानिकों ने देखा कि जो उत्तरी चुंबकीय ध्रुव 1990 तक कनाडा में स्थित था, वह धीरे-धीरे लेकिन लगातार साइबेरिया की ओर बढ़ गया है। 2020 तक यह लगभग 50 किलोमीटर प्रति वर्ष की आश्चर्यजनक गति से आगे बढ़ रहा था। हालाँकि यह मामूली भौगोलिक समायोजन की तरह लग सकता है, लेकिन अंतरिक्ष में आवेशित कणों के व्यवहार के तरीके पर इस बदलाव के महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए।
पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में, विकिरण बेल्ट नामक क्षेत्र, प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों जैसे ऊर्जावान आवेशित कणों को रखता है। ये कण, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित होकर ग्रह के चारों ओर घूमते, उछलते और बहते हैं। लेकिन ये कण कहां समाप्त होते हैं—और वे पृथ्वी के कितने करीब आते हैं—यह चुंबकीय क्षेत्र की ताकत और आकार पर निर्भर करता है। वैज्ञानिक यह जांचने की कोशिश कर रहे हैं कि उत्तरी चुंबकीय ध्रुव की गति इन कणों के पथ को कैसे बदल देती है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान के शोधकर्ताओं ने सिमुलेशन मॉडल का उपयोग करके इन कणों के प्रक्षेप पथ का अनुकरण करने का निर्णय लिया। उन्होंने ऊर्जावान प्रोटॉन की ऊंचाई में परिवर्तन की मात्रा निर्धारित करने के लिए IGRF-13 (अंतरराष्ट्रीय भू-चुंबकीय संदर्भ क्षेत्र) मॉडल के आधार पर त्रि-आयामी सापेक्षतावादी परीक्षण कणों का अनुकरण किया।
आयुषी श्रीवास्तव, डॉ. भारती कक्कड़ और डॉ. अमर कक्कड़ ने पाया कि वर्ष 1900 में, कनाडाई क्षेत्र के पास, जहां चुंबकीय क्षेत्र अधिक मजबूत था, कण अधिक ऊंचाई पर बने रहते थे। लेकिन वर्ष2020 तक कहानी कुछ और थी। जैसे ही उत्तरी ध्रुव साइबेरिया की ओर स्थानांतरित हुआ, कनाडा में चुंबकीय क्षेत्र कमजोर हो गया जबकि साइबेरिया में चुंबकीय क्षेत्र मजबूत हो गया।
चित्र 1: 1900 से 2020 तक उत्तरी चुंबकीय बहाव का प्रतिनिधित्व। सफेद तारांकन और बिंदु संबंधित गोलार्धों के लिए संबंधित वर्षों के लिए अधिकतम चुंबकीय क्षेत्र और चुंबकीय ध्रुव के स्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं
अखाड़ों ने दिखाई संवेदनशीलता : पहली बार श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान
पहले श्रद्धालुओं को कराया अमृत स्नान फिर सांकेतिक स्नान कर पूरी की परंपरा
मौनी अमावस्या पर सभी 13 अखाड़ों ने सादगी के साथ त्रिवेणी में लगाई पुण्य की डुबकी
डेस्क | यह पहला मौका था जब साधु-संतों, नागा संन्यासी और अखाड़ों ने संगम में ऐतिहासिक प्रथम स्नान की प्रतिज्ञा तोड़ दी। परिस्थिति को देखते हुए अखाड़ों ने अपने ब्रह्म मुहूर्त के अमृत स्नान को स्थगित कर दिया और श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि सर्व सम्मति से सभी अखाड़ों ने निर्णय लिया कि हालात को देखते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान का अवसर दिया जाय। स्थिति सामान्य होने पर अखाड़ों ने अपनी भव्य अमृत स्नान की परम्परा का त्याग कर दिया और सांकेतिक रूप से स्नान कर परम्परा का निर्वहन किया।
प्रयागराज महाकुम्भ के दूसरे अमृत स्नान में मौनी अमावस्या पर देश के तीन पीठों के शंकराचार्यों ने भी त्रिवेणी के संगम में डुबकी लगाई। शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की। श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती जी, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी और ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने मौनी अमावस्या अमृत स्नान पर्व पर त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। तीनों पीठ के शंकराचार्य मोटर बोट के माध्यम से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां पूरे धार्मिक विधि विधान से तीनों ने पुण्य की डुबकी लगाई और देश की जनता के कल्याण के लिए आशीष दिया।
महाकुम्भ के इस ऐतिहासिक अवसर पर मेला प्रशासन द्वारा अमृत स्नान को सुचारु रुप से सम्पन्न कराने के लिये व्यापक व्यवस्था की गयी है। पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर अभूतपूर्व इंतजाम किए गए है। मेला क्षेत्र में राज्य पुलिस के साथ-साथ केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की भी भारी मात्रा में तैनाती की गई है। महाकुम्भ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपाय किए हैं। इसके अलावा, घाटों पर गंगा सेवा दूतों की तैनाती की गई हैं, जो नदी की स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन गंगा सेवा दूतों ने श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित फूलों और अन्य सामग्रियों को तुरंत नदी से बाहर निकालकर गंगा और यमुना की स्वच्छता बनाए रखी।
महाकुम्भ मेला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों, नाविकों और केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों का योगदान रहा, जो इस ऐतिहासिक आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में लगा हुये हैं।
महाकुम्भ 2025 का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने में सफल रहा है। महाकुम्भ मेला प्रशासन द्वारा आयोजन को सुरक्षित एवं सफल बनाने के लिय सभी ज़रुरी इंतजाम किये गये है। महाकुम्भ की लोकप्रियता और सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया भर में पहचान मिल रही है। महाकुम्भ में आने वाले विदेशी श्रद्धालु भारतीय संस्कृति से प्रभावित हुए और गंगा स्नान के साथ-साथ भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का अनुभव लिया।
महाकुम्भ 2025 का यह आयोजन आस्था, एकता और विविधता का प्रतीक है। यह आयोजन केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति की महानता का एहसास करा रहा है। महाकुम्भ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।