देश-विदेश
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में अप्रैल 2024 के दौरान सर्वाधिक 18.92 लाख सदस्य जुड़ें
भारत एडिटिव विनिर्माण की प्रगति को अपना रहा है
व्यापार एवं निवेश पर भारत-कंबोडिया संयुक्त कार्य समूह की दूसरी बैठक का नई दिल्ली में आयोजन
यूपीआई, फार्मास्यूटिकल्स, पारंपरिक चिकित्सा में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश तथा सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा
नई दिल्ली | व्यापार और निवेश पर भारत-कंबोडिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजीटीआई.) की दूसरी बैठक नई दिल्ली के वाणिज्य भवन में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता संयुक्त सचिव, वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, सिद्धार्थ महाजन और कंबोडिया साम्राज्य के वाणिज्य मंत्रालय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार महानिदेशक लॉन्ग केम्विचेट ने की। इस बैठक में हितधारक मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
सिद्धार्थ महाजन ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने के उपायों का उल्लेख करते हुए आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग और सहभागिता के लिए तंत्र के निर्माण पर भी जोर दिया।
बैठक में पारंपरिक चिकित्सा और ई-गवर्नेंस में सहयोग, नए उत्पादों की पहचान द्वारा व्यापार बास्केट के विविधीकरण, द्विपक्षीय निवेश संधि, भारतीय फार्माकोपिया की मान्यता और फार्मा क्षेत्र में सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया।
इस बैठक में व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) आधारित डिजिटल भुगतान में सहयोग के लिए मौजूदा प्रयासों की प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया।
कंबोडिया पक्ष ने भारतीय व्यवसायों के लिए कंबोडिया द्वारा प्रस्तुत किए गए अनेक निवेश अवसरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ये अवसर उच्च विकास क्षमता वाले विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त हैं।
जेडब्ल्यूजीटीआई दोनों पक्ष पहली बार जुलाई 2022 में वर्चुअली आयोजित की गई थी। जेडब्ल्यूजीटीआई के संस्थागत होने के बाद यह उसकी पहली भौतिक बैठक थी। जेडब्ल्यूजीटीआई में व्यापार के विस्तार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए व्यापार के मूल्य और मात्रा में सुधार के लिए विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। बेहतर पारस्परिक लाभ के लिए दोनों पक्ष अधिक से अधिक चर्चा करने की आवश्यकता पर सहमत थे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के अवसर पर प्रधानमंत्री का जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में संबोधन
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "सिर्फ दो वर्ष में अंतरिक्ष संबंधी स्टार्टअप में 200 गुना की वृद्धि हुई है"
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री महोदय ने अंतरिक्ष क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास में निजी कंपनियों की भूमिका को भी उल्लेख किया। बैठक में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस एस सोमनाथ और अंतरिक्ष विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री जी. कृष्ण रेड्डी ने कोयला खदानों के तेज परिचालन पर दिया बल
नईदिल्ली। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. कृष्ण रेड्डी ने कंपनी के अपने उपयोग (कैप्टिव) और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों के प्रबंधन की समीक्षा करने के लिए कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। मंत्री महोदय ने राज्य सरकार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित सभी हितधारकों के बीच सघन समन्वय पर जोर दिया है, ताकि मुद्दों के शीघ्र समाधान को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुद्दों के शीघ्र समाधान से आवंटित कोयला ब्लॉकों को कम से कम समय में चालू किया जा सकेगा।
आयात को कम करने के लिए कोयले के अधिक उत्पादन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मंत्री महोदय ने निर्देश दिया कि राज्य स्तर पर आवश्यक संस्थागत सुदृढ़ीकरण का समर्थन किया जा सकता है। सभी कोयला ब्लॉक आबंटनों को नियमित आधार पर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए, ताकि कोयला खदानों को जल्द से जल्द चालू किया जा सके।
कोयला मंत्रालय ने अब तक 575 एमटी की शीर्ष रेटेड क्षमता वाली 161 कोयला खदानों का आबंटन/नीलामी की है। इनमें से 58 खदानों को खदान खोलने की अनुमति मिल गई है और 54 खदानें परिचालन में हैं। पिछले वर्ष इन खदानों ने कुल 147 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया है, जो देश के कुल कोयला उत्पादन का 15 प्रतिशत है।
मुख्य रूप से कैप्टिव/वाणिज्यिक कोयला के खनन में संलग्न बड़े आकार के उपभोक्ता हैं, जिनमें एनटीपीसी, पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल), पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल), कर्नाटक विद्युत निगम लिमिटेड (के. पी. सी. एल.), वेदांता, हिंडाल्को, अडानी आदि शामिल हैं। इसलिए, इन कंपनियों द्वारा अधिक उत्पादन से सी. आई. एल. से कोयले की मांग पर दबाव कम होगा, जिसका कोयले की नीलामी की कीमतों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। कैप्टिव/वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों से अधिक उत्पादन के साथ, नीलामी पर प्रीमियम कम हो जाएगा। इसलिए देश के विभिन्न उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर कोयला उपलब्ध कराया जाएगा। इससे कोयले के महंगा होने पर लगाम लगेगी, क्योंकि कोयला न केवल बिजली के लिए बल्कि इस्पात, उर्वरक, एल्यूमीनियम, सीमेंट, कागज, स्पंज आयरन आदि सहित अन्य सभी क्षेत्रों के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केन-बेतवा परियोजना के भूमिपूजन के लिए किया अनुरोध
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके निवास 7, लोक कल्याण मार्ग में सौजन्य भेंट कर तीसरे कार्यकाल की बधाई देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गठित नई केंद्र सरकार पूर्व की भांति मध्यप्रदेश के विकास और उन्नति के लिए सहयोग देती रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही दो प्रमुख नदी-जोड़ो परियोजनाओं, केन-बेतवा परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना की वर्तमान जानकारी से अवगत कराया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केन-बेतवा परियोजना भूमिपूजन के लिए तैयार है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी से केन-बेतवा परियोजना के भूमिपूजन के लिए समय प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जल-गंगा अभियान से प्रदेश के कुएं, बावड़ियां, नदियां, तालाब, पोखर, झील इत्यादि जल संरचनाओं पर ध्यान केंद्रित कर जनजागृति का वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश की जनता का इस अभियान के प्रति उत्साह देखकर इस अभियान की समय-सीमा को 30 जून तक बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रहे सिकल सेल उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के नेतृत्व में डिंडोरी जिले में विश्व सिकल सेल दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार "रक्त विकार" की इस गंभीर बीमारी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही जनजागरूकता से मरीजों के सदैव सहयोग के लिये भी दृढ़ संकल्पित है।
चिराग पासवान और रवनीत सिंह ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के लिए वेबसाइट और मोबाइल ऐप लान्च किया
वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के तीसरे संस्करण के पूर्वावलोकन रूप में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के लिए वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन लान्च किया।
नई दिल्ली | चिराग पासवान ने अपने मुख्य भाषण में कृषि अपव्यय को कम करने, मूल्यवर्धन को प्रोत्साहित करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा खेत से लेकर थाली तक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत सरकार ने अपने संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के माध्यम से खाद्य और संबद्ध क्षेत्रों में मूल्य श्रृंखला के समग्र विकास पर बल दिया है और आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है।
पासवान ने कहा कि मंत्रालय इस क्षेत्र के विकास को समर्थन और विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रमुख योजनाओं-प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएस) और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के प्रधानमंत्री औपचारिकरण (पीएमएफएमई) को लागू कर रहा है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय 19 से 22 सितंबर 2024 तक वैश्विक और भारतीय खाद्य क्षेत्र के हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए देश के सबसे बड़े खाद्य कार्यक्रम-वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन कर रहा है। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष बढ़ते स्टार्टअप इको-सिस्टम और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय स्टार्टअप इंडिया के सहयोग से स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज का दूसरा संस्करण शुरू कर रहा है। वर्ष 2023 का वर्ल्ड फूड इंडिया आयोजन 1,208 प्रदर्शनी, 90 देशों के 715 खरीददारों, 24 राज्य और 75,000 प्रतिभागी के साथ एक शानदार सफलता थी। इस विशाल आयोजन में 16,000 से अधिक बी2बी/बी2जी बैठकें, गोलमेज चर्चाएं, 47 विषयगत सत्र हुए, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, प्रदर्शनियां लगाई गईं, स्टार्ट-अप ग्रैंड चेलेंज का आयोजन हुआ और वैश्विक मंच पर खाद्य प्रसंस्करण और संबद्ध क्षेत्र में भारत के कौशल को दिखाया गया।
राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने अपने विशेष संबोधन में भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की परिवर्तनकारी क्षमता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में प्रगति कृषि संपत्ति को एक मजबूत आर्थिक शक्ति में बदल सकती है। सिंह ने उल्लेख किया कि विभिन्न सुधारों के माध्यम से निवेश को बढ़ावा देने, भारत के व्यापक बाजार और गतिशील युवा कार्यबल का लाभ उठाने के लिए सरकार का सक्रिय रुख है।
उन्होंने आगामी विशाल आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह खाद्य उद्योग के सभी पक्षों से जुड़े हितधारकों को एक साथ लाएगा। इसमें निर्माता, उत्पादक, निवेशक, नीति निर्माता और वैश्विक संगठन शामिल हैं, जो विचारों का आदान-प्रदान करने, अवसरों का पता लगाने तथा क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान करने के लिए तैयार हैं। सिंह ने बल देकर कहा कि इस विशिष्ट आयोजन का उद्देश्य सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना है और सभी से विकास की गति को बनाए रखने में मंत्रालय के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। यह आयोजन सामूहिक कार्रवाई और साझा विज़न के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रगति करने और वैश्विक खाद्य ईको-सिस्टम में भारत की स्थिति को मजबूत करने की आकांक्षा रखता है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सचिव अनीता प्रवीण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले संस्करण की निरंतरता में वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित एक उद्योग संचालित समावेशी कार्यक्रम है। उन्होंने पिछले संस्करण में शानदार भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया और वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के चार दिवसीय कार्यक्रम के लिए वरिष्ठ सरकारी गणमान्य व्यक्तियों, वैश्विक निवेशकों, बिजनेस नेताओं तथा खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं, उपकरण निर्माताओं, लॉजिस्टिक्स और कोल्ड चेन के हितधारकों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, स्टार्ट-अप्स और खाद्य खुदरा विक्रेताओं जैसे हितधारकों को आमंत्रित किया।
प्रदेश में सर्वसुविधायुक्त 369 सीएम राइज स्कूलों का संचालन आरंभ - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सर्वसुविधायुक्त 369 सीएम राइज स्कूलों का संचालन आरंभ कर दिया है। इन स्कूलों में विश्व स्तरीय बिल्डिंग, स्मार्ट क्लास, डिजिटल टीचिंग, नि:शुल्क वाहन सुविधा, एक्सपोजर विजिट के साथ-साथ अन्य आधुनिक संसाधनों की सुविधा विद्यार्थियों को प्राप्त होगी। अन्य विद्यालयों में भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहने देंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश के 416 विद्यालयों में पीएमश्री योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। इन सुविधाओं का अन्य शालाओं में भी विस्तार होगा। प्रदेश के विद्यार्थी महापुरूषों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में उच्च लक्ष्य प्राप्त करने के पथ पर अग्रसर होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में स्कूल चलें हम अभियान 2024 के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शाला में नवप्रवेशी विद्यार्थियों को दुलार कर, तिलक लगाकर व पुस्तकें भेंट कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुपर-100 योजना के अंतर्गत वर्ष 2024 में जेईई एडवासं में आईआईटी में प्रवेश लेने वाले शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ग्राम सालीचौका जिला नरसिंहपुर के श्री पवनराय, ग्राम रक्सहाकलॉ जिला रीवा के श्री शीतल सिंह, सतना जिले ग्राम अतरार के श्री साहिल पाल, भोपाल के श्री रविराज विश्वकर्मा का सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय विद्यालयों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह विद्यालय शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ सफल जीवन जीने की प्रेरणा और अनुभव प्रदान करने के भी महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश की सभी व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है। इसी क्रम में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का सकारात्मक प्रभाव हमारी वर्तमान पीढ़ी में परिलक्षित होगा। मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में देश में अग्रणी रहा है। स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर कर मध्यप्रदेश देश में आगे रहेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण : राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति अपनाकर हरित आवरण को बढ़ाएगा
नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजमार्गों को हरित आवरण से परिपूर्ण करने के लक्ष्य को साकार करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों से सटे भूखंडों पर मियावाकी वृक्षारोपण करने की एक अनूठी पहल करेगा। मियावाकी वृक्षारोपण के लिए दिल्ली-एनसीआर में और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर कुल 53 एकड़ से अधिक भूमि क्षेत्र की पहचान की गई है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे मियावाकी वृक्षारोपण के लिए प्रस्तावित कुछ स्थलों में द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड पर 4.7 एकड़ भूमि क्षेत्र, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-वडोदरा खंड पर सोहना के पास 4.1 एकड़ भूमि क्षेत्र, हरियाणा में अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर के एनएच 152डी पर चाबरी और खरखरा इंटरचेंज पर लगभग 5 एकड़ भूमि क्षेत्र, एनएच-709बी पर शामली बाईपास पर 12 एकड़ से अधिक भूमि, गाजियाबाद के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर दुहाई इंटरचेंज पर 9.2 एकड़ भूमि क्षेत्र और उत्तर प्रदेश में एनएच-34 के मेरठ-नजीबाबाद खंड के पास 5.6 एकड़ भूमि क्षेत्र शामिल हैं।
चयनित स्थलों पर तैयारी शुरू हो चुकी है और आगामी मानसून सत्र के दौरान वृक्षारोपण का कार्य शुरू किया जाएगा। यह कार्य अगस्त 2024 के अंत तक पूर्ण हो जाएगा।
मियावाकी वृक्षारोपण को मियावाकी पद्धति के नाम से भी जाना जाता है। जापान का यह अनूठा दृष्टिकोण पारिस्थितिकी बहाली और वनीकरण विकास की पद्धति है। इस पद्धति का उद्देश्य कम समय में घने, देशी और जैव विविधता वाले वनों का निर्माण करना है। ये वन भूजल को बनाए रखते हैं और भूजल स्तर को रिचार्ज करने में मदद करते हैं। इस पद्धति से, पेड़ दस गुना तेजी से बढ़ते हैं और वृक्षारोपण ध्वनि और धूल अवरोधक के रूप में कार्य करते हैं। मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति को सफल रूप से लागू करने के लिए, स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थितियों में जीवित रहने वाले पौधों की स्वदेशी प्रजातियों के रोपण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मियावाकी वनों का विकास एक लचीले पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में योगदान देगा, जिससे पर्यावरण और स्थानीय समुदाय दोनों को कई तरह के लाभ मिलेंगे। इसके कई दीर्घकालिक लाभ भी होंगे, जिसमें सूक्ष्म जलवायु स्थितियों में सुधार जैसे वायु और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार शामिल है। यह जैव विविधता संरक्षण, हरित आवरण के तेजी से विकास, कुशल कार्बन अवशोषण, मिट्टी की बहाली और स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के लिए आवास निर्माण में भी मदद करेगा। दिल्ली/एनसीआर में मियावाकी वृक्षारोपण की सफलता के आधार पर, पूरे देश में इसी तरह का पैटर्न दोहराया जाएगा।
मियावाकी पद्धति का उपयोग करते हुए, हरित आवरण में वृद्धि से न केवल राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे रहने वाले नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में वृद्धि होगी, बल्कि एनसीआर में राष्ट्रीय राजमार्गों की सुंदरता बढ़ेगी और यात्रा के दौरान आनंद में भी वृद्धि होगी।
किसान सम्मान निधि: छत्तीसगढ़ के 23.59 लाख किसानों के बैंक खातों में 483.85 करोड़ रूपए अंतरित
दुनिया के सभी घरों के डायनिंग टेबल पर हो कोई न कोई भारतीय खाद्यान्न: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
वर्ष भर आय देने वाली फसलों का किया जाए उत्पादन: मंत्री बृजमोहन अग्रवाल
डेस्क | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 23.59 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 483.85 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से अंतरित की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के किसानों को विभिन्न कृषि उत्पादों का उत्पादन करना चाहिए। दुनिया के सभी घरों के डायनिंग टेबल पर भारतीय खाद्यान्न का कोई न कोई खाद्यान्न उत्पाद होना चाहिए, तभी इस देश के किसान को उन्नत किसान कहा जा सकेगा।
वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कृषि निर्यात में और वृद्धि हो ऐसे कदम भविष्य में उठाये जाएंगे। किसानों को प्राकृतिक खेती हेतु आगे कदम बढ़ाना चाहिए। किसानों के सम्मान बढ़ाने और आय को दोगुनी करने के लिए सरकार निरंतर सकारात्मक प्रयास कर रही है। किसान, मजदूर, नारी-शक्ति और गरीब भारत के मजबूत आधार स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि खेती को नई दिशा देने में महिलाओं की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। कृषि सखी के रूप में खेती को एक नई ताकत देने के लिए पूरे देश के महिला समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के 3 करोड़ से अधिक परिवारों को नए आवास स्वीकृत किए गए है। आने वाले दिनों में इन परिवारों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसी तरह ‘नमो ड्रोन दीदी योजना‘ के तहत देश के 3 करोड़ महिलाओं को करोड़पति दीदी बनाने की पहल शुरू हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 17वीं किश्त जारी की। इस योजना के तहत देश के 9 करोड़ 26 लाख से अधिक लाभार्थी किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की गई।
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। प्रदेश में अब किसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। जैविक खेती से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा अपितु खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी। किसानों को अब सिर्फ धान की फसल ही नहीं अपितु वर्ष भर आय देने वाली फसल दलहन, तिलहन, फल-फूल, हार्टीकल्चर, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि का भी फसल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज और औषधि फसल को भी व्यापक रूप में बढ़ावा देना चाहिए।
कृषि विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय जैविक कृषक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए मृदा एवं फसल प्रबंधन और उद्यानिकी फसलों के बारे में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक अनुज शर्मा, रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
रायपुर से जयपुर और रांची फ्लाइट की सौगात : दिसंबर तक मिल सकती है
इंडिगो एयरलाइंस द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए व्यास हालीडेज को सम्मानित किया गया। यह सम्मान संस्थान को काफी वर्षों से दिया जा रहा है। इंडिगो एयरलाइंस के ईस्ट इंडिया एवं सेंट्रल इंडिया के सेल्स इंचार्ज संजीत भट्टाचार्य एवं मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के इंचार्ज विक्रांत देशमुख द्वारा सोमवार को रायपुर में यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर व्यास हालीडेज के प्रबंध संचालक तन्मय व्यास एवं कीर्ति व्यास के साथ ही अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे।
स्कीन बैंक सुविधा केन्द्र की शुरुआत : सेना कर्मियों और उनके परिवारों को आग से हुई गंभीर जलन और त्वचा से संबंधित अन्य बीमारियों के उपचार के लिए
उद्योग मंडलों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैठक 20 जून को : बजट जुलाई के दूसरे पखवाड़े में
वित्त मंत्री मुद्रास्फीति को नुकसान पहुंचाए बिना वृद्धि को गति देने के उपायों पर विचार करेंगी। साथ ही गठबंधन सरकार की मजबूरियों को पूरा करने के लिए संसाधन तलाशेंगी। आर्थिक एजेंडे में निकट भविष्य में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक देश को विकसित भारत में बदलने के लिए तेजी से सुधार लाने के कदम शामिल होंगे।
स्पीकर के लिए नामों की घोषणा 27 जून को : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सदन की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी
नई दिल्ली | 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा और इस दौरान निचले सदन के नए सदस्य शपथ लेंगे और अध्यक्ष का भी चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पीकर के नाम पर प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
इसे लेकर कई सारे नामों की चर्चा हो रही है। इनमें ओम बिड़ला भी शामिल है, जो पिछले कार्यकाल में लोकसभा के अध्यक्ष थे। इसके अलावा, भतृहरि महताब और डी पुरंदेश्वरी भी इस दौड़ में शामिल हैं। अगर महताब की बात करें तो वह ओडिशा के जाने-माने नेता हैं। वह नवीन पटनायक की बीजू जनता दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं, पुरंदेश्वरी पार्टी की आंध्र प्रदेश यूनिट की चीफ हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने से पहले आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। रीजीजू ने कांग्रेस प्रमुख के 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर खरगे से मुलाकात की। लोकसभा स्पीकर और उपसभापति के लिए चर्चा हुई |
अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तभी होता है जब विपक्ष भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर देता है। इस बार, विपक्ष की मांग है कि उपसभापति का पद दिया जाए। अगर सरकार यह बात नहीं मानती है तो तब चुनाव हो सकते है | यह पद परंपरागत रूप से विपक्ष के पास ही रहा है।
रायबरेली के राहुल गांधी, वायनाड से देंगे इस्तीफा, प्रियंका लड़ेंगी उपचुनाव
डेस्क। कांग्रेस ने सोमवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी रायबरेली सीट से सांसद बने रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्रियंका गांधी के वायनाड से उपचुनाव लड़ने की बात कही।
इस दौरान उन्होंने कहा प्रियंका गांधी के एक पुराने स्लोगन 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का प्रयोग करते हुए कहा कि वह वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी। इस तरह कांग्रेस ने एक ही दिन में दो बड़ी घोषणाएं की हैं। एक तो राहुल गांधी का निर्णय कि वह रायबरेली से ही सांसद बने रहेंगे और दूसरा कि कांग्रेस ने वायनाड उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी भी उतार दिया है।
मध्यप्रदेश में 18 जून को होगा "स्कूल चलें हम अभियान 2024" का राज्य स्तरीय आयोजन
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 18 जून को "स्कूल चलें हम अभियान 2024" का शुभारंभ करेंगे। राज्य स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रात: 9:30 बजे से आयोजित होगा। इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण वेबकास्ट सहित अन्य संचार माध्यमों से किया जायेगा। आयोजित ''प्रवेशोत्सव'' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नवप्रवेशी विद्यार्थियों का शाला में स्वागत करेंगे। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री श्री विजय शाह एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रतापसिंह के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
18 जून को पूरे प्रदेश की शासकीय शालाओं में आयोजित किए जा रहे ''प्रवेशोत्सव'' के दौरान सांसद, विधायक एवं अन्य जन प्रतिनिधि भी किसी एक शाला में सहभागिता करेंगे। शाला स्तर पर आयोजित स्कूल चलें हम अभियान कार्यक्रम में शाला के पूर्व विद्यार्थियों एवं जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। इस दौरान ग्राम/बसाहट के शाला से बाहर रहे चिन्हित बच्चों का शाला में नामांकन एवं उनके अभिभावकों का शाला स्तर पर स्वागत किया जाएगा। प्रवेशोत्सव के दिन शालाओं में विशेष भोजन का वितरण किया जाएगा।
स्कूल चलें हम अभियान के द्वितीय दिवस समस्त विद्यालयों में शिक्षक अभिभावक बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसी दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह जी द्वारा अभिभावकों को संबोधित पत्र का वितरण किया जाएगा। इन बैठकों में अभिभावकों के साथ शालेय गतिविधियों पर चर्चा, जिसमें प्रमुखतः कक्षावार विषयखंड, शैक्षणिक कैलेण्डर, अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया, अभिभावक-शिक्षक बैठक, सह शैक्षणिक गतिविधियों, शाला में उपलब्ध सुविधाओं आदि की जानकारी प्रदान की जायेगी। निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जाएगा।