“होलिस्टिक अप्रोच टू डिज़ाइन हॉस्पिटल्स 2024” पर 5 दिवसीय ऑनलाइन एसटीटीपी का हुआ उद्घाटन
रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में 22 जुलाई को संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग द्वारा “होलिस्टिक अप्रोच टू डिजाइन हॉस्पिटल्स 2024” पर 5 दिवसीय ऑनलाइन शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम (एसटीटीपी) का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक डॉ. एनवी रमना राव रहे। साथ ही सम्माननीय अतिथि के रूप में संस्थान के डीन (आर & सी) डॉ. प्रभात दीवान रहे। इस 5 दिवसीय कार्यक्रम के संयोजक डिपार्टमेंट ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के प्रमुख डॉ. अबीर बंदोपाध्याय हैं जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर्स डॉ हिमांशु पोपटानी और डॉ. श्रुति एस. नागदेवे समन्वयक की भूमिका निभाएंगे।
पांच दिनों तक चलने वाले इस ऑनलाइन कार्यक्रम में देश के नामी विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रतिभागी क्लासिफिकेशन, नॉर्म्स & डिजास्टर मैनेजमेंट, प्लानिंग & डिजाइनिंग ऑफ हॉस्पिटल्स, स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स & फैसिलिटीज मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग सर्विसेज इन हॉस्पिटल्स के साथ-साथ ट्रॉमा केयर & हॉस्पिटल डिजाइन के वर्तमान और भविष्य के बारे में विस्तार से जानेंगे।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत डॉ हिमांशु के अस्पतालों की वास्तुकला के महत्त्व को समझा कर और अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। उन्होंने मरीजों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार अस्पतालों के डिजाइन में आर्किटेक्ट और योजनाकारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। डॉ अबीर ने अस्पताल को न केवल मरीजों को रखे जाने की जगह बताई बल्कि आशा और उपचार का बेहतर केंद्र बताया। साथ ही अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए नवीन तकनीक को अपनाने की बात कही।
डॉ प्रभात ने अपने संबोधन में कहा कि एक बार जब अस्पताल नाम और प्रसिद्धि प्राप्त कर लेता है तो रोगियों की संख्या बढ़ जाती है, रोगियों की संख्या के आधार पर वेटिंग टाइम कम करना भी एक प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही डॉ प्रभात ने आपातकालीन कक्ष और ऑपरेशन थियेटर तक त्वरित पहुंच के लिए पर्याप्त दूरी , लेआउट, अस्पतालों के प्रकृति के अनुकूल भविष्यवादी डिजाइन की अवश्यकता को भी रेखांकित किया।
डॉ. राव ने कोविड काल को याद करते हुए इसके अनुकूल हॉस्पिटल निर्माण की आवश्यकता बताई। उन्होंने बदलती स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप आधुनिक बुनियादी ढांचे के होने की बात कही जिसमें मरीजों के लिए आरामदायक सुविधाएं और सुरक्षा उपलब्ध हो सकें। इसके अतिरिक्त सुनियोजित आइसोलेशन एरिया, आपातकालीन चिकित्सा, अग्नि सुरक्षा डिज़ाइन, एडवांस्ड हेल्थ रिकॉर्ड, एनर्जी एफिशिएंट निर्माण और आसान संचार पर उन्होंने अपने विचार रखे।