रायपुर
शिवनाथ नदी में बाढ़ आपदा से बचाव के लिए किया गया मॉकड्रिल
कलेक्टर ने बाढ़ आपदा से बचाव की आवश्यक तैयारियों का लिया जायजा
मॉक ड्रिल : रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल पर लोगों को बचाने किया अभ्यास
रायपुर | बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में आज जिला मुख्यालय से 15 कि.मी. दूर स्थित ग्राम अमोरा से बहते हुये शिवनाथ नदी में बाढ़ आपदा से बचाव के लिए मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास)का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों को घर में मौजूद सामग्री का बाढ़ में किस तरह उपयोग कर सकते हैं, इसका डेमो दिया गया। कलेक्टर ने बाढ़ आपदा से बचाव की आवश्यक तैयारियों का भी जायजा लिया और स्वयं उपस्थित होकर सम्पूर्ण क्रियाकलाप देखी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, जिला पंचायत सीईओ टेकचंद अग्रवाल, एडीएम अनिल वाजपेयी, संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर दिव्या पोटाई सर्व एसडीएम, जनसंपर्क विभाग कि टीम, स्वास्थ्य विभाग कि टीम, संबंधित अधिकारी एवं राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
नगर सेना विभाग द्वारा जिले एवं संभागीय स्तर पर उपलब्ध समस्त बाढ़ बचाव सामग्रियों का मॉकड्रिल किया गया। कलेक्टर शर्मा ने राज्य आपदा मोचन दल की तैयारियों की सराहाना की। मॉकड्रिल में अतिवृष्टि के दौरान ग्रामीण जन लकड़ी या छोटे-छोटे बोट के माध्यम से नदी पार करते समय बोट पलटी हो जाने एवं गांव में पानी भर जाने की स्थिति में किस प्रकार से जिले में उपलब्ध मोटर बोट, स्क्यूबा डायविंग, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय आस्का लाइट, पेलिकन लाइट, सर्च लाइट विभिन्न प्रकार के चौन-सा का प्रयोग कर बाढ़ बचाव कार्य का लाइव डेमो (मॉकड्रिल) का आयोजन किया गया। जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के घरों में उपलब्ध होने वाली सामग्रियों जैसे गोल बर्तन, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूब, प्लास्टिक बॉटल, इत्यादि सामग्रियों का राप्ट बनाना एवं पीने वाले एक लीटर पानी की बोतल को एयर टाइट कर लाइफ जैकेट बनाकर डूबते हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है। मॉक ड्रिल एसडीआरएफ के जवान और जिले के बाढ़ बचाव दल के जवान द्वारा किया गया।
बाढ़ आपदा में बचाव के लिए मॉक ड्रिल एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना होता है। इसमें बाढ़ की स्थिति का सटीक सिमुलेशन किया जाता है। इससे आपातकालीन सेवाओं को वास्तविक स्थिति में अभ्यास करने का अवसर मिलता है। इसमें बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना, प्राथमिक चिकित्सा देना, और आपदा प्रबंधन के अन्य पहलुओं को शामिल किया जाता है। मॉक ड्रिल का एक और उद्देश्य जनसाधारण को जागरूक करना भी होता है। लोगों को सिखाया जाता है कि बाढ़ आने पर उन्हें क्या करना चाहिए, कहाँ शरण लेनी चाहिए, और किस तरह की सहायता उपलब्ध होगी। इस प्रकार की मॉक ड्रिलें यह सुनिश्चित करती हैं कि आपदा के समय लोग और प्रशासन मिलकर प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें और जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके।
रायपुर जंगल सफारी में साँपों के संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन
रायपुर | जंगल सफारी नवा रायपुर में साँपों के संरक्षण पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें साँप विशेषज्ञ डॉ. स्वामी और आदर्श श्रेष्ठ जी के द्वारा स्नेक कंसर्वेशन, सर्पविष, जहरीले साँपो को पहचानना, साँप का संरक्षण क्यों आवश्यक है और सावधानी पूर्वक साँप रेस्क्यू कैसे करें आदि विषयों के बारे में बहुत बारीकी और विस्तार पूर्वक जानकारी प्रस्तुत किया गया तथा कार्यशाला में प्रतिभागियों के साँप से सम्बंधित शंका और प्रश्नों का समाधान भी किया गया ।
इस अवसर पर जंगल सफारी के युवान वालंटियर्स अनुपम यादव, पल्लवी जी , नरेंद्र जी, गाइडस,और स्टॉफ उपस्थित रहे। जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने कहा की वन मंत्री केदार कश्यप जी के दिशा निर्देश और पीसीसीएफ़ वन्यप्राणी सुधीर अग्रवाल जी के मार्गदर्शन अनुसार जंगल सफारी प्रबंधन द्वारा लगातार आम नागरिकों और स्कूली विद्यार्थियों को जंगल सफारी में प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण कार्य में जोड़ने के लिए के अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी साथ मिलकर पर्यावरण शिक्षा के मोड्यूल तैयार किए गए है । इससे स्कूली विद्यार्थियों को प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा साथ ही भविष्य में यह विद्यार्थी प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण में अपना योगदान दे सकेंगे ।
होशियार हो जाइये सावधान : बाजार में आ रहे जहरीले मशरूम
रायपुर | छत्तीसगढ़ सहित पुरे देश में बरसात का मौसम शुरू होते ही सब्जी बाजार में विभिन्न तरह के मशरूम पहुंचने लगे हैं। इसे सेहत के लिए फायदेमंद बताया जाता है, लेकिन बाजार में कुछ जहरीले मशरूम भी बिक रहे हैं, जिसकी पहचान करना लोगों के लिए जरूरी है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा ने छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले मशरुम पर शोध किया है। उन्होंने खाने योग्य 28 प्रकार की प्राकृतिक मशरूम की पहचान की है। जबकि बिलाई खुखड़ी, गंजिया खुखड़ी, लकड़ी खुखड़ी और लाल बादर को बेहद जहरीला माना है। इन 4 प्रकार के मशरूम में विषैला एल्केलाइट पाया गया है।
यह बाजारों में आसानी से लोगों को मिल जाता है। जानकारी नहीं होने की वजह से लोग इसका सेवन कर हर साल बीमार हो जाते हैं। हमने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला सब्जी मंडियों में मशरूम सरगुजा और झारखंड से अधिक पहुंचता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. शर्मा के मुताबिक पिछले वर्ष सरगुजा क्षेत्र में 46 लोग जहरीलीखुखड़ी खाकर बीमार हुए थे।
मशरूम से लगातर बीमार होने के बाद प्राकृतिक मशरूम पर वैज्ञानिक ने 5 साल से अधिक शोधकार्य किया है, जिसमें 40 से अधिक मशरूम की लैब जांच में पाया गया कि चिरको, सुगा, छेरकी, भैसा, बांस, भूडू, जाम, दुधिया, चरचरी, कठवा, करीया, तीतावर, पिवरा, झरिया, कुम्हा, क्षरकेनी प्रजाति के मशरूम खाने योग्य है। जबकि बिलाई खुखड़ी, गंजिया खुखड़ी, लकड़ी खुखड़ी, लालबादर, बनपिवरी को सेहत के लिए हानिकारक पाया गया है। बाजार में इस तरह से मशुरूम आसानी से मिल जाते हैं। शोध रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक मशरूम जो खाने योग्य नहीं होते और जिसके सेवन से उल्टी-दस्त, बेचैनी या बेहोशी आती है, उसका मूल कारण उस मशरूम या खुखड़ी में पाए जाने वाले टॉक्सिन के कारण होते हैं।
कृषि व बायोटेक लैब के विज्ञानिक डॉ. प्रशांत कुमार शर्मा ने बताया कि स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले चटक रंग के प्राकृतिक मशरूम जैसे लाल, नीला, पीला, हरा, बैंगनी, नारंगी रंग के मशरूम को खाने में प्रयोग न करें, ये चटक रंग मशरूम में पाए जाने वाले एल्केलाइड्स विष के कारण होते हैं, जो इसमें कम या ज्यादा हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि खुखड़ी में अगर तीखी अमोनिया या सड़ी हुई गंध आ रही हो तो उसे न खाएं, ये जानलेवा हो सकती है। खुखड़ी में अगर कोई चिपचिपा पदार्थ निकल रहा हो या पानी की बूंद निकल रही हो, तो उसका उपयोग खाने में न करे, ये विषैले होते हैं। खुखड़ी में अगर छतरी के पास या तना में रिंग्स बने हो तो उस खुखड़ी का प्रयोग खाने में न करें, ये एल्केलाइड्स की उपस्थिति बतलाती है। खुखड़ी की छतरी अगर चपटी हो, तो उस मशरूम को खाने से बचें, ऐसे मशरूम विषयुक्त होते हैं।
महतारी वन्दन : रुपया हजार,खुशियां अपार
बाजार में रौनक,महिलाओं में उत्साह और घर परिवार में खुशियां बिखेर रही है यह योजना
रायपुर | यह महतारी वंदन योजना है। एक ऐसी योजना ,जिसमें सुनहरे भविष्य की उम्मीद और बेबस, लाचार महिलाओं के साथ-साथ अपने जरूरी खर्चों के लिए पैसों की मोहताज महिलाओं की खुशियां ही नहीं छिपी है, इन खुशियों के पीछे आर्थिक सशक्तिकरण का वह आधार भी है, जो कि महतारी वंदन जैसी योजना के बलबूते छत्तीसगढ़ की गरीब महिलाओं में आत्मनिर्भरता की नींव को शनैः-शनैः मजबूत करती जा रही है। महज चार महीनों में ही विष्णु सरकार की इस महतारी वंदन योजना ने छत्तीसगढ़ की न सिर्फ महिलाओं में अपितु घर-परिवार में भी खुशियों की वह मिठास घोल दी है, जिसका परिवर्तन उनके जीवनशैली में भी बखूबी नजर आने लगा है। आर्थिक रूप से सशक्तिकरण ने परिवार के बीच रिश्तों की गाँठ को और भी मजबूती से बाँधना शुरू कर दिया है। इस योजना से महिलाओं का सम्मान भी बढ़ा है।
छत्तीसगढ़ में इस साल के 10 मार्च से महिलाओं के खाते में भेजी गई पहली किश्त एक हजार रुपए से आरंभ हुई छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना का लाभ प्रदेश की लगभग 70 लाख 12 हजार से अधिक महिलाओं को मिल रहा है। साल में 12 हजार रुपये कोई छोटी रकम नहीं है..यह जरूरतमंद गरीब महिलाओं के लिए आर्थिक आधार भी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विगत चार महीनों से लगातार हर महीने के पहले सप्ताह में महिलाओं के बैंक खाते में इस योजना अंतर्गत एक हजार की राशि ऑनलाइन माध्यम से अंतरित करते हैं। मुख्यमंत्री के बटन दबाते ही महिलाओं के खाते में पहुँचने वाली यह राशि प्रदेश की लाखों महिलाओं की खुशियों का पर्याय बन जाती है। पहले कुछ रुपयों के लिए मोहताज महिलाओं को एक हजार की राशि मिलने पर उनकी अपनी छोटी-छोटी जरूरतों का सपना भी पूरा होता है। इस राशि का उपयोग वह सिर्फ अपने ही लिए नहीं करती...घर के राशन से लेकर अचानक से पति को कुछ रुपयों की पड़ी आवश्यकता, बच्चों के लिए कुछ जरूरी सामान, नाती-नतनी की खुशियों के ख़ातिर स्नेहपूर्वक उन्हें उनकी जरूरतों का उपहार देने में भी करती हैं। महिलाओं को हर महीने इस राशि का बेसब्री से इंतजार रहता है। ऐसी ही इस योजना की हितग्राही मीरा बाई हैं। पति शारिरिक रूप से असमर्थ है। किसी तरह मजदूरी कर घर के खर्चों को पूरा करती है। तीन बच्चे हैं और वे स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। स्कूल खुलते ही अपने बच्चों के लिए आई जरूरतों को पूरा करने के साथ घर की जरूरतों में भी महतारी वंदन योजना की राशि का उपयोग करती हैं। उन्होंने बताया कि घर के प्रति उनकी जिम्मेदारी है और हर महीने मिलने वाली एक हजार रुपये की राशि उनके लिए एक बहुत बड़ा योगदान है। इस राशि से ऐन वक्त पर बच्चों और पति को आई जरूरतों को भी पूरा कर पाती हैं। गाँव में रहने वाली सविता बाई के पति खेतों में काम करते हैं। बारिश में चाय की चुस्कियां लेती सविता बाई ने महतारी वंदन न्याय योजना का नाम आते ही चेहरे पर मुस्कान लाकर इस योजना से मिल रही खुशियों को प्रकट किया। उन्होंने कहा कि गाँव की महिलाओं के लिए एक हजार की राशि एक बड़ी राशि होती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं की आदत होती है कि दो-चार-पाँच रुपए बचा कर सौ-दो सौ जोड़ लें। यहां तो एक हजार रुपए मिल रहे हैं ऐसे में उनकी जरूरतों के लिए यह रकम कठिन समय में संजीवनी की तरह साबित हो रही है। बच्चों के लिए भी वह इस राशि को खर्च कर पाती है। उन्होंने बताया कि पैसा खाते में आने के बाद छोटी जरूरतों के लिए पति से अनावश्यक पैसा मांगना भी नहीं पड़ता।
वनांचल में रहने वाली बुधवारों बाई राठिया गाँव के हाट बाजार पहुँची थीं। अपने नाती आशीष को लेकर आईं बुधवारो बाई ने बाजार में नाती को न सिर्फ उनके पसंद का मिष्ठान खिलाया अपितु अन्य नाती-नतनिनों के लिए बाजार से मिष्ठान लिया और उनका नाती आशीष बारिश में नंगे पैर न घूमे इसे ध्यान रखते हुए महतारी वंदन योजना की राशि से स्नेहपूर्वक चप्पलें भी खरीदी। उन्होंने बताया कि उनका जो कुछ है उनके बेटे और नाती-नतनी ही हैं और बहुत ही खुशी मिलती है कि वृद्धावस्था में वह अपने नाती-नतनियों की कुछ जरूरतों को पूरा कर पाती हैं। यह सब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार की बदौलत ही हो पाया है। उन्होंने हमारे संघर्षमय जीवन में खुशियों की मिठास घोल दी है।।।
शहरों के विकास के लिए नहीं होगी राशि की कमी : अरुण साव
आईएएस रानू साहू, समीर और सौम्या चौरसिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एक और एफआईआर
रायपुर। छत्तीसगढ़ कोयला परिवहन लेवी मामले में ईओडब्ल्यू और एसीबी ने तीन नई एफआईआर दर्ज की है। निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई और निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यह मामला दर्ज किया हैं। तीनों के खिलाफ अलग-अलग मामले में एफआईआर दर्ज हुई है।
बता दें, ईओडब्ल्यू ने सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के नाम 9 करोड़ 20 लाख रुपए की 29 अचल संपत्ति होने की पुष्टि की है। इधर, रानू साहू पर साल 2015 से 2022 तक करीब चार करोड़ रुपए की अचल संपत्ति खुद के नाम से और पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदने का आरोप लगा है। जबकि उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक का कुल वेतन 92 लाख रुपए बताया जा रहा है।
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उप मुख्यमंत्री अरुण साव की पहल पर बच्ची को मिला नया जीवन : परिवार में लौटी खुशियां
परिजनों ने उप मुख्यमंत्री से मिलकर जताया आभार, कहा आपकी वजह से हमारी बेटी इस दुनिया में
रायपुर | दिल में छेद की गंभीर बीमारी से जूझ रही बिलासपुर की बिटिया को उप मुख्यमंत्री अरुण साव की पहल पर नया जीवन मिला है। उप मुख्यमंत्री साव को बहुत गरीब घर की इस बेटी की गंभीर बीमारी की जानकारी मिलने पर उन्होंने रायपुर के एमएमआई अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था करवाई। ऑपरेशन के बाद बच्ची की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। साव से बच्ची और उसके परिजनों ने शनिवार को बिलासपुर में भेंटकर निःशुल्क इलाज के लिए आभार प्रकट किया। उप मुख्यमंत्री को देखते ही बच्ची के माता-पिता की आंखों में कृतज्ञता के आंसू छलक आए। उन्होंने कहा – “आप हमारे लिए भगवान के समान हैं। आपने हमारी बच्ची की जान बचाई है। आपके सहयोग की वजह से ही हमारी बेटी इस दुनिया में है। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आप ऐसे ही लोगों की मदद करते रहें।“
बिलासपुर के चांटीडीह स्लम क्षेत्र में रहने वाले शीतलदास मानिकपुरी कबाड़ इकट्ठा कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनकी पत्नी रामेश्वरी बाई गृहिणी हैं। उनकी 13 साल की बेटी दिल में छेद की गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। जटिल ऑपरेशन से ही इसका इलाज हो सकता था। पिछले दो वर्षों से ऑपरेशन के लिए वे इधर-उधर भटक रहे थे। उन्हें कहीं से भी कोई सहायता नहीं मिल रही थी। वे बेबस अपनी बिटिया को इलाज के अभाव में तड़पता देख रहे थे। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण परिवार निजी अस्पताल में ऑपरेशन में होने वाले बड़े खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं था। ऐसे में पत्रकारों के माध्यम से उप मुख्यमंत्री अरुण साव को बच्ची की गंभीर बीमारी और परिवार की माली हालत के बारे में जब पता चला तो उन्होंने तत्काल इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
उप मुख्यमंत्री साव की पहल पर विगत 25 जून को रायपुर के एमएमआई नारायणा अस्पताल में बच्ची का निःशुल्क सफल ऑपरेशन हुआ। विशेषज्ञों के इलाज और अच्छी देखभाल से उसकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। बिटिया के सफल ऑपरेशन के बाद अब परिवार ने राहत की सांस ली है। परिवार की खुशियां अब लौट आई हैं। उन्होंने इसके लिए उप मुख्यमंत्री अरुण साव के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार शहीद पुलिस सेल का हुआ गठन
सर्वोच्च बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सार्थक प्रयास : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
रायपुर | छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार बनने के साथ ही प्रदेश में विकास की रफ्तार तेजी से बढी हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन की सरकार में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राज्य के पुलिसकर्मियों और उनके परिवारजनों की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशीलता से निर्णय लेते हुए शहीद पुलिस सेल के गठन के निर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों को आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान करना है।
विदित हो कि कुछ दिनों पूर्व शहीद पुलिस कर्मियों के परिजन अपनी समस्याओं को लेकर उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा से मिले थे और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था तब उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया था कि शीघ्र मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से चर्चा कर उनके समस्याओं के निराकरण के प्रयास किए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि प्रत्येक रेंज पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में शहीद पुलिस सेल का गठन किया जा रहा है। इस सेल का मुख्य उद्देश्य शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों की समस्याओं का निराकरण करना है। सेल में रेंज पुलिस महानिरीक्षक अध्यक्ष होंगे वही रेंज मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रेंज पुलिस महानिरीक्षक द्वारा नामांकित उप पुलिस अधीक्षक व निरीक्षक स्तर के अधिकारी सदस्य होंगे।
शहीद पुलिस सेल शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक माह के द्वितीय बुधवार को इकाई स्तर, रेंज स्तर, तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर बैठक आयोजित करेंगे। इस बैठक में परिवारजनों की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा और निराकरण के प्रयास किए जाएंगे। बैठक के दौरान, परिवारजनों को अपनी समस्याएं रखने का अवसर भी मिलेगा। बैठक के अतिरिक्त, प्रत्येक बुधवार को शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों के लिए अलग से समय निर्धारित किया गया है, ताकि वे अपने मुद्दों को पेश कर सकें। इसके लिए आवश्यकता अनुसार व्यवस्था के निर्देश दिए गए है। जिससे शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजन उपस्थित हो सकें। यदि किसी कारणवश इकाई बैठक के माध्यम से समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है, तो रेंज स्तरीय शहीद पुलिस सेल के माध्यम से निराकरण के प्रयास किए जाएंगे। यदि रेंज स्तरीय शहीद पुलिस सेल के स्तर पर निराकरण न हो सके तो पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित शहीद पुलिस द्वारा निराकरण कराया जायेगा।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों की समस्याओं का समुचित समाधान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह निर्देश जारी किए गए हैं। यह पहल पुलिसकर्मियों के परिवारजनों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा की यह पहल शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सार्थक प्रयास है। यह सुनिश्चित करता है कि जिन पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है, उनके परिवारजनों की देखभाल और सहायता सुनिश्चित की जाए।
‘‘एक पेड़ मां के नाम’’: वित्त मंत्री चौधरी ने मां के साथ लगाया पीपल का पेड़
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ की अपील लोगों से की है। जिसके तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर व्यापक पौधरोपण का कार्य हो रहा है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने रायगढ़ जिले के उर्दना स्थित नगर वन में अपनी मां कौशल्या देवी चौधरी के नाम पर उनके साथ पीपल का पेड़ लगाया।
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का उतना ही महत्व है जितना मानव जीवन का। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को प्रकृति के बीच जीवन-यापन की परंपरा का निर्वहन करना चाहिए। इसके लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और पेड़ों की रक्षा वैसे ही करनी चाहिए जैसे हम अपने बच्चों की करते हैं। किसी भी पेड़ लगाने से ज्यादा उसको जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है।
वित्त मंत्री ने स्थानीय देशी किस्म के पौधे जिनकी आयु ज्यादा है उन्हें प्राथमिकता के साथ रोपण करने को कहा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हर व्यक्ति अपने जन्मदिन, माता-पिता के जन्मदिन पर एक पेड़ अवश्य लगाये और जीवित रखें। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हम सब मिलकर ऐसा प्रयास करे कि आने वाले दो सालों में 50 हजार से ज्यादा पीपल के पेड़ जिले में विकसित हो सके, ताकि रायगढ़ जिला पीपल डिस्ट्रिक्ट के नाम से जाना जा सके, तभी हम एक नई संस्कृति का विकास कर पायेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि रायपुर में कलेक्टर रहते हुए उन्होंने पीपल फॉर प्यूपिल अभियान चलाया था। आज इसी प्रकार नवा रायपुर में भी अभियान चलाकर लगभग 70 हजार पीपल के पौधे रोपे जा रहे है। वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने डीएफओ रायगढ़ को नगर वन के ऊपरी क्षेत्र में ट्रेकिंग ट्रेल, वॉच टावर एवं ईको टूरिज्म के रूप में विकसित के निर्देश दिए।
छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान का प्रांतीय स्तर आयोजन साल में दो बार
रायपुर। छत्तीसगढ़ साहित्य संस्कृति संस्थान प्रदेश महिला इकाई की प्रेस क्लब रायपुर मोती बाग में प्रांतीय एवं जिला इकाई की बैठक हुई। जिसमें छत्तीसगढ़ साहित्य संस्कृति संस्थान के संरक्षक डॉ सुशील त्रिवेदी, सतीश जायसवाल, महासचिव डॉ सुधीर शर्मा व डॉ चितरंजन कर के मार्गदर्शन में महिला इकाई की अध्यक्ष शकुंतला तरार, महासचिव डॉ सीमा निगम, उपाध्यक्ष डॉ सीमा श्रीवास्तव, लतिका भावे एवं नगर अध्यक्ष डॉ मीता अग्रवाल, मधुर एवं भाटापारा जिला अध्यक्ष डॉ सीमा अवस्थी मिनी , डॉ कमल वर्मा उपस्थित थे।
बैठक में महिला साहित्य संस्कृति महिला इकाई द्वारा प्रस्ताव पास किया गया कि साहित्य एवं संस्कृति के समागम के रूप में यह संस्था कार्य करने के लिए कटिबंध है। यह संस्था छत्तीसगढ़ स्तर की महिलाओं को संगठित कर साहित्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करेगी। छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में महिला इकाई का गठन किया जाएगा एवं साल में दो बार प्रांतीय स्तर के कार्यक्रम एवं राजधानी रायपुर में होगा। साहित्य एवं संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर करती रहेगी।
प्रांतीय बैठक में रायपुर नगर की महिला साहित्यकारों की उपस्थिति विशेष तौर पर देखी गई। जिसमें रायपुर की सबसे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ आशा मानव, श्रीमती माधुरी कर, रत्ना पांडे, अनीता झा, विजया ठाकुर, शालू सूर्या , मंजूषा अग्रवाल, सुमन शर्मा बाजपेई, जयश्री शर्मा, भारती यादव मेधा, सुप्रिया शर्मा, प्रीति रानी तिवारी, पल्लवी झा ,श्रद्धा पाठक, डॉ, भारती अग्रवाल व उर्मिला उर्मी आदि के द्वारा इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन करने हेतु सहमति दी। छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं साहित्य संस्थान की महिला इकाई बहुत ही ऊर्जावान एवं महिला क्रांति के सूत्र धार रूप में उभर कर सामने आए हैं , जिन्होंने अपने पहले कार्यक्रम की शुरुआत अतिशीघ्र करने की घोषणा की है।
पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की मांग के संबंध में बनाएंगे कमेटी : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री साय पंचायत सचिव संघ के सम्मान समारोह में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों की प्रशंसा करते हुए उनसे और भी अच्छा कार्य करने का संकल्प लेने की अपील की
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में पंचायत सचिव दिवस के अवसर पर प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायत सचिवों के हितों का पूरा ध्यान रखती है। सरकार बनते ही पंचायत सचिवों की अपेक्षाओं को पूरा किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश पंचायत सचिव संघ द्वारा शासकीयकरण की मांग को पूरा किया जाएगा और इसके क्रियान्वयन के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा पर संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार गजमाला से किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने स्वयं भी 5 साल पंच और निर्विरोध सरपंच रहकर जनता की सेवा की है। उन्होंने बताया कि देश का विकास पंचायतों में निहित है और केंद्र या राज्य सरकार की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन पंचायतों के माध्यम से ही होता है। सरपंच और सचिव के हाथों में ग्राम के विकास की चाबी होती है। मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सचिवों के माध्यम से ही होता है। उन्होंने सचिवों की प्रशंसा करते हुए उनसे और भी अच्छा कार्य करने का संकल्प लेने की अपील की।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और छोटी सी अवधि में ही मुख्यमंत्री साय द्वारा अनेक घोषणाओं को पूरा करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने पंचायत सचिवों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक कार्य करने का अनुभव मुख्यमंत्री साय के पास है।
उपमुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही मोदी जी की गारंटी को पूरा करने का काम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों के माध्यम से ही सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन होता है और सरकार की छवि बनती है। सरकार बनते ही पंचायत सचिवों के एरियर्स की राशि का भुगतान किया गया और हड़ताल अवधि के 55 दिनों की राशि का भी भुगतान किया गया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि सचिव संघ की मांगों को सरकार ने हमेशा पूरा किया है और ग्राम सचिवों के माध्यम से ही ग्राम की समस्याओं और मांगों को ऊपर तक पहुंचाया जाता है। केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाएं पंचायत सचिवों के माध्यम से ही जमीनी स्तर तक पहुंचती हैं।
सांसद दुर्ग विजय बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार को सुशासन की सरकार बताया और कहा कि मुख्यमंत्री सभी की मांगों को संवेदनशीलता से सुनते हैं और पूरा करते हैं। उन्होंने पंचायत सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुँचाने में उनके योगदान को रेखांकित किया। इस अवसर पर पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह पैंकरा और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सहकार से बड़े से बड़ा काम हो जाता है आसान : विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री प्रदेश स्तरीय कृषि सहकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में हुए शामिल
सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का किया सम्मान
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता के महत्व को समझा और देश के गांव-गरीब और किसानों के उत्थान के लिए सहकार से समृद्धि का आह्वान करते हुए पृथक से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सहकारिता का ग्रामीणों और किसानों के विकास में कितना महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि भारत में सहकार की बहुत पुरानी परंपरा है। बड़े से बड़ा काम सहकार से आसानी से पूरा हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक क्रांति लाने में भी सहकारिता ने बड़ी भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के जोरा स्थित कृषि महाविद्यालय के कृषि मंडपम में आयोजित प्रदेश स्तरीय कृषि सहकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने ड्रोन दीदियों से मुलाकात कर ड्रोन का प्रदर्शन देखा और उनकी हौसला अफजाई की। कार्यक्रम में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी को रथ यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सहकार हमेशा से हमारे संस्कार में मौजूद है। एक-दूसरे का सहयोग करते हुए हमारे देश ने प्रगति की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में भी सहकारिता ने बड़ी भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ में किसानों को धान का भुगतान, गुणवत्तापूर्ण बीज और खाद उपलब्ध कराना, आदिवासी क्षेत्रों में लघुवनोपजों की खरीदी और तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक का भुगतान भी सहकारिता के माध्यम से किया जा रहा है। सहकारिता से आज आर्थिक समृद्धि के रास्ते खुल रहे हैं।
साय ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए सहकार से जुड़ी बहुत सी स्मृतियां साझा की। उन्होंने बताया कि गांव में लोग एक दूसरे के काम में सहयोग के लिए स्वतः आगे आ जाते थे और सब अपनी क्षमता के अनुरूप मदद करते थे। सहकार के बीच हम सभी पले बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता को समर्पित इस कार्यक्रम में आपने पिछले दो दिनों में बहुत कुछ सीखा होगा। इन दो दिनों में विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां दी होगी जिसका लाभ आपको आने वाले समय में निश्चित रूप से मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आज ड्रोन दीदियों से मुलाकात हुई। उन्हें ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण मिला है और अब भिलाई स्थित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इसका प्रशिक्षण लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का बड़ा संकल्प लिया है। लखपति दीदियों में ड्रोन दीदियां भी शामिल है। ड्रोन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं महिलाएं नई शुरुआत करते हुए लखपति बनने की राह पर बढ़ चुकी हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित सभी को शुभकामनाएं दी।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि बिना सहकार से सरकार, बिना संस्कार के सहकार और सहकार के बिना समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सहकारिता की शक्ति और सहयोग से आज प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार है। छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को भुलाया नहीं जा सकता। सहकारिता आंदोलन से जुड़े लोगों ने गरीबों, किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने का काम किया है। छत्तीसगढ़ को सक्षम और उन्नत बनाने के लिए सहकारिता से जुड़कर काम करने की जरूरत है। मंत्री नेताम ने कहा कि सहकारिता में सहभागिता भी जरूरी है। सभी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तो इससे स्वयं और समाज की समृद्धि अवश्य होगी।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मेरे लिए यह खुशी की बात है कि सांसद चुने जाने के बाद सहकारिता के कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है उन्होंने सभी को रथ यात्रा की शुभकामनाएं दी सांसद अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के उदाहरण मौजूद हैं इस दिशा में और कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सहकारिता की भूमिका को लेकर सुझाव भी दिए।
इस मौके पर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, आईजीकेवी के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ. मुकेश वर्मा, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, करुणानिधि यादव, प्रीतपाल बेलचंदन, राधेश्याम जलक्षत्री और शताब्दी पाण्डेय मौजूद रही।
खाद्य मंत्री बघेल ने नवागढ़ में जैतखाम निर्माण कार्य के लिए किया भूमि पूजन
रायपुर | खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज बेमेतरा जिले के नवागढ़ में अनुसूचित जाति प्राधिकरण मद से 99 लाख 31 हजार की लागत से निर्मित हाने वाली जैतखाम का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी ने समाज को एकता, भाईचारे, तथा समरसता का संदेश दिया है। बाबा के आदर्शाे पर चलने का प्रेरणा मिलती है। बाबा ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश देकर समाज में ऊंच नीच के भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया। गिरौदपुरी धाम में कुतुबमीनार से ऊंचा जैतखाम भी बनाया गया है ।
सतनामी समाज द्वारा नवागढ़ के सतनाम मंगल भवन में गुरु असम दास जी तेलासपुरी धाम खपरीडीह खुर्द के सानिध्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर नगर पंचायत नवागढ़ की अध्यक्ष मंजूलता अजीत रात्रे, अध्यक्ष नगर पंचायत मारो घनलाल देशलहरे, जिला पंचायत सदस्य अंजू बघेल, गिरजा कुर्रे, ताराचंद जांगड़े, हेमलाल धृतलहरे जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे ।
रथयात्राः मुख्यमंत्री साय ने छेरापहरा की रस्म अदा कर मांगा प्रदेशवासियों के लिए आशीर्वाद
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को रथयात्रा धूमधाम से मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित रथ यात्रा में शामिल हुए। रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में विशेष रस्म के साथ रथ यात्रा निकाली गई है। रथ यात्रा शुरू करने से पहले भगवान की प्रतिमा को रथ तक लाया गया और रास्ते को सोने के झाड़ू से साफ भी किया गया । इस रस्म को छेरापहरा रस्म कहा जाता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को रथयात्रा की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व ओडिशा के लिए जितना बड़ा उत्सव है, उतना ही बड़ा उत्सव छत्तीसगढ़ के लिए भी है। महाप्रभु जगन्नाथ जितने ओडिशा के लोगों को प्रिय हैं, उतने ही छत्तीसगढ़ के लोगों को भी प्रिय हैं, और उनकी जितनी कृपा ओडिशा पर रही है, उतनी ही कृपा छत्तीसगढ़ पर रही है।
साय ने कहा कि भगवान जगन्नाथ किसानों के रक्षक हैं। उन्हीं की कृपा से बारिश होती है। उन्हीं की कृपा से धान की बालियों में दूध भरता है। और उन्हीं की कृपा से किसानों के घर समृद्धि आती है। मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि इस साल भी छत्तीसगढ़ में भरपूर फसल हो। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा से मेरी प्रार्थना है कि वे हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें और हमें शांति, समृद्धि और खुशहाली की ओर अग्रसर करें।
राजधानी रायपुर के गायत्री मंदिर में पुरी के जगन्नाथ रथ यात्रा की तर्ज पर पुरानी परंपरा निभाई जाती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छेरापहरा की रस्म पूरी कर सोने की झाड़ू से बुहारी लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री प्रभु जगन्नाथ की प्रतिमा को रथ तक लेकर गए।
रथ यात्रा के लिए भारत में ओडिशा राज्य को जाना जाता है। ओडिशा का पड़ोसी राज्य होने के नाते छत्तीसगढ़ में भी इसका काफी बड़ा प्रभाव है। आज निकाली गई रथयात्रा में प्रभु जगन्नाथ, भैया बलदाऊ और बहन सुभद्रा की खास अंदाज में पूजा-अर्चना की गई। जगन्नाथ मंदिर के पुजारी के अनुसार उत्कल संस्कृति और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच की यह एक अटूट साझेदारी है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण-तीर्थ है, यहीं से वे जगन्नाथपुरी जाकर स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के मीठे बेरों को ग्रहण किया था। यहां वर्तमान में नर-नारायण का मंदिर स्थापित है।
मुख्यमंत्री से सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन संस्थान के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन संस्थान के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने कबीर संस्थान एवं यथार्थ फाउंडेशन के तत्त्वावधान में गुरु पूर्णिमा पर आयोजित किये जा रहे सन्त सम्मेलन व स्नेह मिलन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का आमंत्रण दिया।
मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इस समारोह में छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य हिस्सों से भी संतगण हिस्सा लेंगे। मुख्यमंत्री साय ने गुरुपूर्णिमा कार्यक्रम के आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए आमन्त्रण के लिए प्रतिनिधिमंडल का आभार जताया।
इस अवसर पर सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन संस्थान के अध्यक्ष संत रविकर साहेब, सचिव घनश्याम साहेब, बलवान साहेब, विजय साहेब, क्षेमेंद्र साहेब, रतन साहेब, भूमेश्वर साहेब, रेमन दास , गणराज जी, रमाकांत, हेमप्रकाश, पुष्कर सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने पटवारियों से की बात : राजस्व पखवाड़े के लिए सरकार गंभीर
रायपुर | एक तरफ साय सरकार आज से राजस्व पखवाड़ा आयोजित करने जा रही है, वहीं दूसरी ओर पटवारी दो दिन बाद से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं | पटवारियों के हड़ताल को लेकर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पटवारी से हमारी बात हुई है | उनसे कहा कि सबके हित में है कि आप लोग हड़ताल पर मत जाइए |
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सारंगढ़ में जिस पटवारी को निलंबित किया गया था, उसको बहाल करने की मांग की जा रही है | हमने इस विषय को देखा है, मैने पेपर भी निकलवाया है, पटवारी की गलती निकाली है | पटवारी संघ अध्यक्ष को बोला है कि बिना वजह आप लोग मामले को तुल दे रहे हो. निलंबित सीमित समय के लिए होता है |
मंत्री टंकराम वर्मा ने राजस्व पखवाड़े के संबंध में कहा कि लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिए राजस्व पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है | बलौदाबाजार से शुरू हुआ यह पखवाड़ा शेष सभी 32 जिलों में 15 दिन चलेगा | इसमें किसानों की जमीन संबंधी समस्या का समाधान होगा, जिसमें जमीनों के नक्शा, खसरा, बटांकन संबंधी विवादों का निराकरण किया जाएगा |
मंत्री ने बताया कि राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करने भुंइया सॉफ्टवेयर में संशोधन किया जा रहा है | जिले में एक-एक प्रोग्रामर बिठाया जा रहा है | वर्षा को देखते हुए आपदा प्रबंधन के किए 143 करोड़ रुपया भेजा गया है | डूबने से मृत्यु, राहत बचाव, अन्य शिविर सहित कामों में राशि का उपयोग किया जाएगा |