रायपुर
जनजातीय गांवों में धार्मिक और मांगलिक कार्य के लिए अखरा निर्माण विकास की योजना होगी शुरू
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साइंस कॉलेज मैदान में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज का इतिहास बहुत समृद्ध और गौरवशाली है। पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाने का काम किया है। अटल जी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए पृथक से मंत्रालय बनाया और इस समुदाय के विकास को एक नई दिशा दी। प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24,000 करोड़ रूपए और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 80,000 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया है, जिसके चलते जनजातीय इलाकों में तेजी से बुनियादी सुविधाओं का विकास और जनजातियों की बेहतरी के काम हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष समारोह के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों के लिए मुख्यमंत्री सम्मान निधि दिए जाने की घोषणा की। इसके तहत उन्हें प्रति वर्ष 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनजातीय गांवों में धार्मिक एवं मांगलिक कार्य के लिए अखरा निर्माण विकास योजना शुरू करने और जनजातीय समुदाय के शहीदों की प्रतिमाएं चिन्हित स्थलों पर स्थापित किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने समारोह में जनजातीय समुदाय के विभूतियों, राज्य में हुए जनजातीय विद्रोह के शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर वन अधिकार अधिनियम से संबंधित ‘‘एटलस‘‘, कैलेण्डर ‘‘शौर्यांजलि‘‘ तथा ‘‘हल्बा जनजातीय की वाचिक परंपराएं‘‘ विषय पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया। इनका प्रकाशन छत्तीसगढ़ आदिम जाति विकास विभाग द्वारा किया गया है।
आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए चिंता की है। उन्होंने इस समुदाय के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से छत्तीसगढ़ के साढे छह हजार गांवों और ग्रामीणों का समग्र विकास होगा। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के माध्यम से जनजातीय समुदाय के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है।
गुरुनानक देव जी ने दिया समतामूलक समाज के निर्माण पर जोर- मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर दी बधाई एवं शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री साय की पहल पर नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भारत सरकार ने मंजूर किए 230 करोड़ रुपए
सभी नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अधोसंरचना को किया जाएगा मजबूत
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल से मिलकर राशि स्वीकृत करने का किया था अनुरोध
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 230 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत इस राशि से सभी नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अधोसंरचना और तकनीकी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा। इससे राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन और ज्यादा पुख्ता तथा टिकाऊ होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के इस सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस राशि से शहरों में स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों को नया आयाम मिलेगा। यह राज्य के प्रत्येक नगरीय निकाय को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत इस राशि से प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अपशिष्ट प्रबंधन के इन्फ्रॉस्ट्रक्चर को बेहतर और स्थाई बनाया जाएगा। इससे राज्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक तकनीकी, भौतिक और मानव संसाधन जुटाए जाएंगे, जिससे न केवल स्वच्छता की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को भी बेहतर पर्यावरणीय सुविधाएं मिलेंगी।
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने विगत दिनों अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों के लिए राशि मंजूर करने का आग्रह किया था। उन्होंने राज्य के शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सुगम तथा प्रभावी बनाने केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया था। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रस्तावों के आधार पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 230 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने स्वच्छता को हर नागरिक के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा कि संपूर्ण स्वच्छता के लिए सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराएं जीवन में उल्लास भी भरती हैं : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री शामिल हुए महादेव घाट के कार्तिक पुन्नी मेला में
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राजधानी रायपुर के पवित्र खारून नदी के तट महादेव घाट पहुंचकर श्री हाटकेश्वर महादेव और मां काली के दर्शन किए। उन्होंने श्री हाटकेश्वर महादेव और मां काली की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने पवित्र महादेव घाट में कार्तिक स्नान के लिए जुटे श्रद्धालुओं का अभिवादन कर सभी को कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विधायक मोतीलाल साहू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महादेव घाट में आयोजित होने वाला पुन्नी मेला बहुत लोकप्रिय है। दूर-दूर से लोग इसमें बड़ी श्रद्धा के साथ हिस्सा लेने आते हैं। श्री साय ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक परंपराएं न केवल हमारी आस्था को मजबूत करती हैं अपितु हमारे जीवन में उल्लास भी भरती हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि श्रीरामलला दर्शन योजना के माध्यम से हमने प्रदेशवासियों को अपने आराध्य भगवान श्री राम के दर्शन के लिए अयोध्या भेजने की निःशुल्क की व्यवस्था की है। साय ने मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के शीघ्र शुरू किए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि इससे 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक तीर्थ यात्रा पर जा सकेंगे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज से हमने प्रदेश के 25 लाख से अधिक किसानों से धान खरीदी की शुरूआत कर दी है। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर देश भर से आए जनजाति कलाकारों ने राजधानी में मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने आज नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू होने की जानकारी भी लोगों के साथ साझा की।
गिद्ध संरक्षण पर रायपुर में कार्यशाला का होगा आयोजन
5 नवंबर को आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के गिद्ध विशेषज्ञ होंगे शामिल
बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और बर्ड काउंट इंडिया के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे, वन्य जीव प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वन विभाग द्वारा 15 नवम्बर 2024 को नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में गिद्ध संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न राज्यों में गिद्ध संरक्षण हेतु कार्य कर रहे विशेषज्ञ राजधानी रायपुर में गिद्धों के संरक्षण पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ और शोधार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे और मध्य भारत में विशेषकर छत्तीसगढ़ में गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), बर्ड काउंट इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस कार्यशाला में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, अचानकमार टाइगर रिजर्व, बस्तर और गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व और अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों में गिद्धों की छह प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिसमे लॉन्ग बिल्ड वल्चर, व्हाइट रम्प्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन वल्चर, और सिनेरियस वल्चर शामिल हैं। जंगल सफारी के संचालक श्री धम्म्शील गणवीर ने बताया कि गिद्ध जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, वे पर्यावरण में प्राकृतिक सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं और संक्रमण फैलने से रोकने में सहायक होते हैं। गिद्धों की संख्या में कमी के कारण पर्यावरण में जैविक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि संपूर्ण देश में गिद्ध संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और गिद्ध संरक्षण में सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में : छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र
14 से 27 नवंबर तक होगा आयोजन
रायपुर | नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां ढोकरा कला, कोसा सिल्क, बस्तर के बांस शिल्प और अन्य पारंपरिक शिल्पों की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही, राज्य ने अपने औद्योगिक उत्पादों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और हर्बल उत्पादों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है। इस वर्ष की थीम “विकसित भारत @ 2047” को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ ने अपने स्टॉल को तैयार किया है। राज्य ने हाल के वर्षों में अपने आदिवासी क्षेत्रों के विकास, रोजगार सृजन, और औद्योगिक निवेश में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने एक मजबूत औद्योगिक और सामाजिक आधार तैयार किया है, जिसने देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया है।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से प्रारंभ हो गया है। इस वर्ष मेले की थीम “विकसित भारत @ 2047” है, जिसमें देश के सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश अपनी प्रगति और उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ भवन की आवासीय आयुक्त श्रीमती श्रुति सिंह ने छत्तीसगढ़ के पवेलियन का उद्घाटन किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी। ‘विकसित छत्तीसगढ़@2047' की अवधारणा पर छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग, स्वयं सहायता समूह, हैंडलूम, हस्तशिल्प, हर्बल, कृषि विभाग आदि के स्टॉल लगाए गए हैं। 20 नवंबर को राज्य सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा जहां लोक कलाकार प्रदेश की समृद्ध लोक कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
एनआईटी रायपुर में "श्रुति 2024" का भव्य आयोजन… संगीतमयी शाम ने दर्शकों का मन मोह मोहा
रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के "रागा - द म्यूजिक क्लब" ने 13 नवंबर 2024 को “श्रुति 2024” का आयोजन किया, जिसने पूरे परिसर को संगीतमयी धुनों से मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों, फैकल्टी सदस्यों, और अन्य दर्शकों ने संगीतमयी प्रस्तुतियों का आनंद लिया। महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. एनवी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस कार्यक्रम में रागा क्लब के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. एस. सान्याल ,फैकल्टी-इन-चार्ज डॉ नितिन जैन , डीन स्टूडेंट वेलफेयर), डॉ. आयुष खरे,डॉ. नितेश भारद्वाज, अन्य फैकल्टी मेंबर्स और विद्यार्थी उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम की शुरुआत भक्तिमय गीतों के साथ हुई। इसमें गणेश वंदना प्रस्तुत की गई, जिसने पूरे माहौल को पवित्र और शुभ बना दिया। इस संगीतमयी संध्या में "लव मैशअप," "गुजारिश," "अभी मुझमें कहीं," "क्रेजी किया रे," और "90s रेट्रो मैशअप" जैसे गीतों के माध्यम से भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया गया, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, और दक्षिण भारतीय क्लासिकल संगीत का सुंदर मिश्रण देखने को मिला। कार्यक्रम ने दर्शकों को भारत की "विविधता में एकता" का एहसास कराया और प्रत्येक प्रस्तुति ने दर्शकों को संगीत की यात्रा पर ले जाकर उनकी यादों को ताजा कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि समाज के हर वर्ग को एक साथ जोड़ा, आपसी भाईचारे और सद्भाव का संदेश दिया। यह महोत्सव संगीतमयी प्रस्तुतियों के साथ लोगों के दिलों में एक खास छाप छोड़ने में सफल रहा।
राजधानी से लगे इस गांव में ग्रामीणों ने खुद ही कर लिया रेत खदान नीलाम... खनिज विभाग में मचा हड़कंप
रायपुर। राजधानी रायुपर से लगे आरंग विकासखंड के ग्राम गौरभाट से चौका देने वाला मामला सामने आया है। जहां गांव वालों ने रेत खदान को अवैध रूप से नीलाम कर दी। गांव की बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों ने खदान की नीलामी के लिए बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कई लोगों ने बढ़-चढ़कर बोली भी लगाई। सबसे ज्यादा एक करोड़ रुपए से अधिक की बोली लगाने वाले को इस खदान का ठेका भी दे दिया गया।
खदान की नीलामी की सूचना मिलने पर प्रशासन एवं खनिज विभाग के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया से इसकी जानकारी उन्हें मिली है। अगर इस तरह की कोई नीलामी की गई, तो यह अवैध है और ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गांव में रेत खदान की नीलामी करने का एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं। इस विडियो में एक व्यक्ति मॉइक से नीलामी की प्रक्रिया का संचालन करता भी दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को गांव के ही किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया में वायरल किया है, जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार गौरभाट रेत खदान की नीलामी के लिए ऊंची बोली लगवाई गई है। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को खदान का ठेका दिया गया है। कोई भी रेत खदान की नीलामी का काम खनिज विभाग द्वारा किया जाता है, लेकिन गांव के लोगों ने अवैध रूप से ही रेत खदान की नीलामी कर दी है।
भारत सेवा श्रम संघ प्रणवानंद एकेडमी के बच्चों ने बांटा कम्बल और फल
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बालगृह बालक मानसिक दिव्यांग एवं खुला आश्रय गृह में आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन बाल दिवस के रुप में मनाया गया। इस अवसर पर भारत सेवा श्रम संघ प्रणवानंद एकेडमी VIP रोड रायपुर के बच्चों द्वारा आनंद मेला में दिवाली के लिए दिया बेचकर को राशि एकत्र हुई उस राशि से बच्चों के हाथों बालदिवस के अवसर पर कंबल और फल का वितरण किया गया।
खुला आश्रय के बच्चों द्वारा प्रार्थना गीत "दया कर दान भक्ति का...." प्रस्तुत किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार निगम, भारत सेवा श्रम संघ के स्वामी अरुणा महाराज जी , शाला के संचालक महादेव जी, मनोज बर्मन, संध्या शर्मा, सीमा कौर , मनोज वर्मा , विद्यालय के छात्र, छात्राओं के अतिरिक्त बालगृह बालक की वार्डन प्रभा सेंद्रे खुला आश्रय गृह के वार्डन जितेन्द्र मिश्रा और दोनों संस्थाओं के कर्मचारी उपस्थित रहे।
नागपुर-कोलकाता फ्लाइट में बम की सूचना पर हड़कंप.. कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग
रायपुर। रायपुर एयरपोर्ट पर नागपुर-कोलकाता इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। यह इमरजेंसी लैंडिंग फ्लाइट में बम की सूचना मिलने के बाद कराई गई है। रायपुर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के साथ सुरक्षा से संबंधित उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए गए।
रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि बम की धमकी मिलने के बाद 187 यात्रियों और चालक दल के 6 सदस्यों को तुरंत एयरपोर्ट पर उतरा गया, अनिवार्य सुरक्षा जांच की गई। सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दिया गया है। बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया। सभी यात्रियों को सुरक्षित फ्लाइट से बाहर निकाला गया। विमान को तुरंत खाली करवा कर सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी-कर्मचारी ने फ्लाइट की जांच कर रहे हैं।
विमान में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित बताया गया है, हालांकि इस घटना के बाद रायपुर एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए उड़ानें प्रभावित हुईं सुरक्षा को लेकर विमान की जांच जारी है।
छत्तीसगढ़ में आज से शुरू होगी धान खरीदी... सीएम साय बालोद से करेंगे शुरुआत
रायपुर। धान खरीदी शुरू होने का इंतजार कर रहे किसानों को आज से राहत मिलेगी। प्रदेश में आज 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज दोपहर बाद 2 बजे बालोद पहुंचकर धान खरीदी का शुभारंभ करेंगे। साथ ही बालोद में जनजातीय गौरव दिवस एवं कंवर सम्मेलन में शामिल होंगे।
बता दें कि राज्य में 2 हजार 739 खरीदी केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा। 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान धान का समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकेंगे।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कृषकों की संख्या 27 लाख 1 हजार 109 है। इस वर्ष 1 लाख 35 हजार 891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं और 1 लाख 36 हजार 263 हेक्टेयर नवीन रकबों का पंजीयन किया गया है।
मुख्यमंत्री साय आज छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का करेंगे विमोचन
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने स्थानीय निकाय निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक
कोई भी पात्र मतदाता मतदान से वंचित न हो : राज्य निर्वाचन आयुक्त : अजय सिंह
अब रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्वप्रेरणा से जोड़ सकते हैं मतदाता सूची में नाम
रायपुर | राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने स्थानीय निकाय निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों की विडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष ढंग से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में विभिन्न अहम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई ताकि चुनाव संबंधी सभी प्रक्रियाएं समय पर और सही तरीके से संपन्न हो सकें।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्वाचन नामावली को पूर्ण रूप से सही बनाया जाये। नामावली में किसी भी तरह की त्रुटि को दूर करने के निर्देश दिए ताकि हर योग्य मतदाता का नाम सूची में शामिल हो और वे अपने मतदान का अधिकार सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर 2024 की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी मतदाता का नाम सूची में आवश्यक रूप से शामिल हो।
सिंह ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया के संबंध में कहा कि अब शासन द्वारा प्रावधान में संशोधन उपरांत निर्धारित प्रारूप में आवेदन के द्वारा तथा रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा स्वप्रेरणा से किया जा सकता है। उन्होंने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को एक अक्टूबर की स्थिति में सभी योग्य मतदाताओं के नाम जोड़े जाने के संबंध में प्रमुखता से कहा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति के संबंध में कहा कि योग्य और प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्ति सुनिश्चित करें ताकि चुनाव के दौरान सभी प्रक्रियाएं सही ढंग से हो सकें। इन अधिकारियों का चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान होता है, इसलिए उनकी नियुक्ति में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने के निर्देश दिए।
उन्होंने चुनाव कर्मियों की व्यवस्था और प्रशिक्षण के बारे में सभी जिले के कलेक्टर्स से जानकारी ली और चुनाव में संलग्न होने वाले सभी कर्मियों की उचित व्यवस्था और प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव कर्मियों को प्रशिक्षण देने से वे चुनाव के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम होंगे। उन्होंने अधिकारियों को समय पर और उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि चुनाव के दिन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। उन्होंने कर्मचारियों की समुचित व्यवस्था के लिए पास के जिले से समन्वय बनाने कहा ।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने निर्वाचन सामग्री की व्यवस्था के संबंध में कहा कि सभी आवश्यक सामग्री समय से उपलब्ध हो। इसके अलावा, इन सामग्रियों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने के लिए कहा ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार की कमी न रह जाए।
समीक्षा बैठक में बजट आबंटन और आवश्यकताओं पर भी विचार-विमर्श हुआ। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त बजट होना आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से चुनाव में आवश्यक सभी बजट प्रावधानों और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने आम नागरिकों की सहायता हेतु निर्वाचन से संबंधित समस्त कार्यवाही के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष एवं शिकायत सेल की स्थापना करने कहा।
इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, सभी जिला के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी, उप सचिव डॉ. नेहा कपूर एवं आलोक श्रीवास्तव एवं सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
खाद्य मंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना : हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होने जा रही है | धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां पूरी कर ली गई है | खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है | मंत्री बघेल ने आज अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय में राज्य स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली | बैठक में अपर मुख्य सचिव ने मंत्री बघेल को अवगत कराया कि धान उपार्जन के संबंध में संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं | राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा।
खाद्य मंत्री बघेल ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27,01,109 है | इस वर्ष 1,35,891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है | कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है | सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है | छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा | इसके लिए 07 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है | खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।
मंत्री बघेल ने बताया कि धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है | खरीदी केंद्रों में तौल के लिए इलेक्ट्रानिक कांटा-बांट की व्यवस्था किया गया है | खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिए गए हैं | सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं | विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है, जिसका नं. 0771-2425463 है | धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान के लिए मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है | समितियों में राशि आहरण के लिए ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो | किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी | खाद्य मंत्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है | मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है | एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है | मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर अलग-अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे | विभागीय मंत्री ने निर्देशित किया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे | प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।
आदिवासी लोक नृत्यों की छटा : राजधानी में दो दिनों तक बिखरेगी
जनजाति गौरव दिवस पर पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति की दिखाएंगे झलक
वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई और सोलकिया आदिवासी नृत्यों की देंगे प्रस्तुति
रायपुर | राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार भी अपनी संस्कृति की झलक बिखेरेंगे। 14-15 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कलाकार रायपुर पहुंच चुके हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का पुष्पाहार और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों से आए ये कलाकार वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई, सोलकिया जैसे लोक नृत्यों की प्रस्तुति से अपनी संस्कृति के विविध रंग बिखेरेंगे।
फसल कटाई के बाद गारो आदिवासी करते हैं वांगला-रुंगला नृत्य, देवता मिस्सी सालजोंग का करते हैं धन्यवाद |
जनजातीय गौरव दिवस पर प्रस्तुति देने मेघालय से 20 सदस्यों की टीम रायपुर आई है। यह दल गारो जनजाति द्वारा फसल कटाई के बाद किया जाने वाला वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेगी। इसके कलाकार मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 200 किलोमीटर दूर नॉर्थ कर्व हिल्स से आए हैं। दल का नेतृत्व कर रहे मानसेन मोमिन ने बताया कि वांगला गारो जनजाति का लोकप्रिय त्योहार है। यह जनजाति कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। फसल कटाई के बाद उर्वरता के देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए वे यह नृत्य करते हैं। वे फसल उपलब्ध कराने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं, उनकी पूजा कर नाच-गाकर प्रार्थना करते हैं और नई फसल का भोग लगाते हैं। देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने से पहले किसी भी कृषि उत्पाद का उपयोग नहीं किया जाता है।
वांगला-रुंगला आदिवासी लोक नृत्य में महिला और पुरुष दोनों हिस्सेदारी करते हैं। पुरुष नर्तक अपना परंपरागत ढोल लेकर नृत्य करते हैं जिसे दामा कहा जाता है। वांगला-रुंगला लोक नृत्य में नर्तकों का नेतृत्व करने वाले को ग्रिकगिपा या तोरेगिपा कहा जाता है। इसमें महिलाएं संगीत की धुन पर अपने हाथ हिलाती हैं, जबकि पुरुष अपने परंपरागत ढोल को बजाकर नृत्य करते हैं।
दुश्मनों पर जीत के जश्न का नृत्य है सोलकिया, मंत्रोच्चार जैसे स्वर संगीत के साथ होता है नृत्य |
मिजोरम की राजधानी आईजोल से रायपुर पहुंची लोक नृत्य दल यहां सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देगी। इसके 20 सदस्यों के दल में 11 पुरूष और नौ महिलाएं शामिल हैं। यह नृत्य मुख्यतः मिजोरम की मारा जनजाति द्वारा किया जाता है। ‘सोलकिया’ का अर्थ दुश्मन के कटे हुए सिर से है। सोलकिया नृत्य मूल रूप से दुश्मनों पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता था। खासकर उस मौके पर जब विजेता द्वारा दुश्मन का सिर ट्रॉफी के रूप में घर लाया जाता था। लेकिन अब यह सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर मिजो समुदायों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है।
मिजोरम के कलाकारों के दल का नेतृत्व कर रहे श्री जोथमजामा ने बताया कि सोलकिया नृत्य की शुरुआत पिवी और लाखेर समुदायों द्वारा की गई थी। इस लोक नृत्य के साथ आने वाला स्वर संगीत गायन की तुलना में मंत्रोच्चार के अधिक निकट है। ताल संगीत एक जोड़ी घडि़यों द्वारा प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे से बड़े होते हैं, जिन्हें डार्कहुआंग कहा जाता है। संगीत को बेहतर बनाने के लिए कई जोड़ी झांझ भी बजाए जाते हैं।
जोथमजामा ने इस नृत्य को करने वाली मारा जनजाति के बारे में बताया कि यह एक कुकी जनजाति है जो मिजोरम की लुशाई पहाड़ियों और म्यांमार की चिन पहाड़ियों में रहती है। इन्हें लाखेर, शेंदु, मारिंग, ज़ु, त्लोसाई और खोंगज़ई नामों से भी जाना जाता है।
वरिष्ठ पत्रकार गोपाल वोरा के निधन पर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक व्यक्त किया
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार गोपाल वोरा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने वोरा के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से इस कठिन समय में संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है। उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ पत्रकार गोपाल वोरा का आज सवेरे रायपुर में निधन हो गया है।
मुख्यमंत्री साय ने गोपाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने दैनिक नवभारत, देशबंधु और लोकमत जैसे विभिन्न समाचार पत्रों में कुशलतापूर्वक अपने पत्रकारीय दायित्वों का निर्वहन किया। उन्होंने अपनी सक्रिय पत्रकारिता से लंबे समय तक रायपुर और प्रदेशवासियों को देश-दुनिया की खबरों से रू-ब-रू कराया। उनके निधन से रायपुर ने पत्रकारिता जगत का एक प्रमुख चेहरा खो दिया है।