पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली बार प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने वाला भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आयोजित होगा : डॉ. जितेंद्र सिंह
2024-10-05 11:59 AM
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आईआईएसएफ-2024 में मुख्य विषय “भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में बदलना” होगा
आईआईएसएफ का 10वां संस्करण 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित किया जाएगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास का अगला दौर जैव प्रौद्योगिकी, जैव अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति से प्रेरित होगा
नई दिल्ली | केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज यहां घोषणा की कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के 10वें संस्करण के पूर्वावलोकन कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए।
राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में एक प्रेस वार्ता में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) का 10वां संस्करण गुवाहाटी में आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव इस क्षेत्र को वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी। यह महोत्सव 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2024 तक आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव पूर्वोत्तर के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत की विकास गाथा में इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
इस अवसर के अनूठे महत्व के बारे में बताते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा “आईआईटी गुवाहाटी न केवल देश के प्रमुख संस्थानों में से एक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि कैसे पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के वैज्ञानिक प्रगति के केंद्र के रूप में उभर रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में आईआईएसएफ 2024 का आयोजन करना केवल विज्ञान का उत्सव मनाने के बारे में नहीं है; यह इस क्षेत्र को भारत के वैज्ञानिक भविष्य के केंद्र में रखने के बारे में है।”
गुवाहाटी में महोत्सव आयोजित करने का निर्णय सरकार की समावेशी विकास को बढ़ावा देने की व्यापक रणनीति को दर्शाता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो ऐतिहासिक रूप से कम प्रतिनिधित्व वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने निरंतर पूर्वोत्तर को भारत के बाकी हिस्सों के करीब लाने और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अवसर पैदा करने पर जोर दिया है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा “पूर्वोत्तर क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों और प्रतिभा में समृद्ध है, और यह महोत्सव बाकी राष्ट्र के लिए यहां मौजूद क्षमता को पहचानने और उससे जुड़ने का अवसर है।”
आईआईएसएफ के 10वें संस्करण का विषय "भारत को एक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में बदलना" है, जो सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को औद्योगिक विकास के साथ जोड़ने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, जिससे भारत आत्मनिर्भरता और विनिर्माण में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर हो रहा है। मंत्री महोदय ने कहा कि यह विषय "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" जैसी राष्ट्रीय पहलों के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और जैव प्रौद्योगिकी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डालेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के आर्थिक भविष्य को गति देने में विज्ञान की भूमिका पर भी जोर दिया, उन्होंने कहा, "भारत के आर्थिक विकास का अगला दौर जैव प्रौद्योगिकी, जैव अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति से प्रेरित होगा। यह उत्सव इस बात पर प्रकाश डालने का एक अवसर है कि विज्ञान हमारी अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के भविष्य को कैसे आकार देगा।"
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि आईआईएसएफ-2024 न केवल देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों का उत्सव मनाएगा बल्कि सहयोग और नवाचार के अवसर भी पैदा करेगा। उन्होंने कहा “यह मंच वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के दिग्गजों, छात्रों और आम लोगों को विज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति का पता लगाने के लिए एक साथ लाएगा। आईआईएसएफ-2024 उन चर्चाओं को बढ़ावा देगा जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी के रूप में भारत के भविष्य को आकार देंगी।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने देश भर से अधिक से अधिक लोगों से पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा करने और इसकी जीवंत संस्कृति, विशाल संसाधनों एवं नवाचार की भावना का अनुभव करने का आग्रह करते हुए अपने संबोधन का समापन किया। उन्होंने कहा “अब समय आ गया है कि हम बाकी भारत को पूर्वोत्तर क्षेत्र के करीब लाएं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों, टिकाऊ कार्यप्रणालियों और प्रगतिशील संस्कृति के मामले में बहुत कुछ है। यह महोत्सव देश को इसका प्रदर्शन करेगा।”
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ए.के. सूद; सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी; पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. अभय करंदीकर और विज्ञान भारती के राष्ट्रीय आयोजन सचिव डॉ. शिव कुमार शर्मा; साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।