दिव्य महाराष्ट्र मंडल

विट्ठल मंदिर में पंढरपुर की वारी और भजन संध्या में झूमे भक्त

रायपुर। राजधानी के तात्यापारा चौक स्थित प्राचीन विट्ठल मंदिर में देवशयनी एकादशी के अवसर पर महाराष्ट्र मंडल के आजीवन सभासद डा. अजीत वरवंडकर परिवार द्वारा मंडल की कला एवं संस्कृति समिति के मिले सुर हमारा ग्रुप द्वारा सुमधुर संगीतमय भजनों की प्रस्तुति ने भक्तों का मन मोह लिया। इस दौरान भक्तगण विट्ठल की भक्ति में डुबे नजर आए। आषाढ एकादशी के अवसर पर प्रथम बार इस तरह का आयोजन विट्ठल मंदिर में किया गया।

वरवंडकर परिवार के सदस्य शशि वरवंडकर, शिल्प, दिलीप, संजीव, अजीत, मनीषा और वर्षा ने अपने सिर पर तुलसी जी और विठोबा रुखुमाई को रखकर पारंपरिक पंढरपुर की वारी परंपरा का निर्वहन किया। इस दौरान मिले सुर हमारा के भजनों ने भक्तों को पंढरपुर पहुंचा दिया और सारे वारकरी वर्षा वरवंडकर, सुकृत गनोदवाले, संकल्प वरवंडकर , मनीषा वरवंडकर , वैभव वर्बे सहित अन्य के नृत्यों ने सभी को उत्साह से सरोबार कर दिया।

मिले सुर हमारा ग्रुप की सदस्य भारती पलसोदकर ने राधा राधा जपो , अजय पोद्दार और सुमित मोड़क  ने  कानडा राजा पंढरपुर का, वैभव शाह विठोबा गजर अबीर गुलाल , सुकृत गनोदवाले ने केशव माधवा मराठी भजन गाकर भक्तों को चंद्रभागा नदी के तट पर पहुंचा दिया। कोल्हे आजी सबसे वरिष्ठ सदस्य ने खूब मन लगा कर भजनों की फरमाइश की।

मंदिर समिति के विश्वास कुसरे , पंडित मनोज मिश्रा  परिवार , वैशाख कुसरे का विशेष सहयोग रहा। एकादशी पर सुबह से  ही विठोबा का अभिषेक कर उन्हें तुलसी की माला अर्पण की गई। रूखमणी जी का विशेष श्रृंगार किया गया। इस अवसर पर मनीषा  मुकादम, अभय भागवतकर, निखिल मुकादम, नेहा आदि भक्तों ने संत तुकाराम, संत नामदेव, मुक्ता बाई के अभंग नाम स्मरण किया।